अखिलेश

भाजपा के साथ अब कांग्रेस के पीछे भी पड़े अखिलेश

लखनऊ (उ.प्र.) : लोकसभा चुनाव-2019 के लिए 3 चरणों की वोटिंग हो चुकी है. चौथे चरण के लिए आगामी 29 अप्रैल को मतदान होंगे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित सभी दलों के नेता प्रचार के मैदान में हैं. प्रचार के नए रंग और अलग अंदाज नजर आ रहे हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन चुनावों में अब तक तो भाजपा को निशाने पर लेकर कोस रहे थे, लेकिन अब उनके निशाने पर कांग्रेस आ गई है. वे अब कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोलने से परहेज नहीं कर रहे हैं. चौथे चरण के लिए प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने कहा, देश में अगर समाजवादियों को कभी किसी ने धोखा दिया है तो कांग्रेस ने हमें धोखा दिया है. दो साल पहले यूपी में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों पार्टियों की यह दोस्ती कुछ समय बाद ही टूट गई. लोकसभा चुनाव में अब सपा और बसपा का महागठबंधन चुनावी मैदान में है. पहले तीन चरणों के बाद अब अखिलेश यादव अपने निशाने पर कांग्रेस को भी ले रहे हैं. अखिलेश ने कहा, कांग्रेस के लोगों ने हमें धोखा दिया है. यह सही है कि हमारा गठबंधन था, लेकिन हमें नहीं पता था कि कांग्रेस में ज्यादा घमंड है. गठबंधन कुछ नहीं होता, घमंड ज्यादा बड़ी चीज है. भाजपा अंग्रेजों की तरह फूट दाल रही है अखिलेश यादव ने बुधवार को हरदोई में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा अंग्रेजों की तरह फूट डालकर राजनीति कर रही है. सीमा पर सुरक्षा फौज की वजह से है, भाजपा से नहीं. भाजपा ने फौज को राजनीति में घसीटा. गंगा मइया तक को धोखा दिया और स्वच्छता अभियान में भी खेल किया. भाजपा के दिमाग में कूड़ा भरा है, शौचालय से उनकी बात शुरू होती है और शौचालय पर ही खत्म हो जाती. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि चाय वाले बनकर आए थे. लोगों को नशा पिलाकर वोट ले गए. अब चौकीदार बनकर आए हैं लेकिन चौकीदार की गद्दी छिनेगी. चौथे चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसमें 9 राज्यों की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यूपी की 13 सीटों पर इस चरण में वोटिंग होगी. इस चरण में इटावा और कन्नौज के अलावा बुंदेलखंड की सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
भाजपा सांसद

उदित राज ने थामा कांग्रेस का दामन, भाजपा को बताया दलित विरोधी

नई दिल्ली : भाजपा सांसद उदित राज ने दिल्ली के उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में सांसद उदित राज कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उदित राज ने बुधवार को सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की, जिन्होंने पार्टी में उनका स्वागत किया. दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से 2014 में चुनाव जीतने वाले दलित नेता उदित राज एक बार फिर इसी सीट से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनका पत्ता काट मशहूर गायक हंसराज हंस को मौका दिया है. बुधवार को टिकट कटने के बाद उदित राज ने गुरुवार को ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया और भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए उसकी जमकर आलोचना की. कांग्रेस में शामिल होते ही उदित राज ने भारतीय जनता पार्टी पर वार करने के शुरू कर दिए हैं. उदित राज ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जुड़ा एक पुराना किस्सा सुनाते हुए भाजपा की आलोचना की. उदित राज ने कहा कि बीजेपी चुप रहने वाले दलित नेताओं को पसंद करती है और रामनाथ कोविंद को इसी का इनाम मिला है. अपना टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए उदित राज ने कहा कि भाजपा टिकट वितरण पर इंटरनल सर्वे का हवाला देती है. पार्टी के इस इंटरनल सर्वे में उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर जीत की रिपोर्ट सामने आई, इसके बावजूद मेरा टिकट काटा गया. उदित राज ने आरोप लगाया कि मेरा टिकट इसलिए काटा गया है क्योंकि 2 अप्रैल 2018 को जब दलितों ने कानून कमजोर करने वाले मोदी सरकार के कदम का विरोध करते हुए भारत बंद बुलाया तो मैंने उसका समर्थन किया. उदित राज ने कहा कि अगर मैं ऐसा न करता और चुप रहता तो मेरा टिकट नहीं काटा जाता. उदित राज ने दावा किया कि भाजपा व आरएसएस में खामोश रहने पर इनाम मिलता है. उन्होंने रामनाथ कोविंद का उदाहरण देते हुए अपनी बात को रखा. उदित राज ने कहा, '20 मई 2014 को रामनाथ कोविंद अपना बायोडाटा लेकर मेरे पास आए. विवेक सोनकर इसके चश्मदीद हैं. कोविंद जी ने मुझसे कहा कि भाईसाहब मेरा भी कुछ कराइए. क्योंकि भाजपा ने रामनाथ कोविंद को 2014 में टिकट के लायक भी नहीं समझा था, जबकि वे टिकट चाह रहे थे. लेकिन वे चुप रहे और उसका इनाम आपने देख लिया'. उदित राज ने कहा कि अगर मैं भी चुप रहता तो भाजपा रामनाथ कोविंद की तरह ही मुझे भी कोई इनाम दे देती. उदित राज यहां तक कहा कि अगर मैं शांति से रहता तो शायद मुझे भी कभी पीएम बना देते, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और दलितों के मुद्दे पर आवाज उठाता रहा.यही वजह रही कि भाजपा ने मेरा टिकट काट दिया.
अक्षय कुमार

अक्षय कुमार ने लिया इंटरव्यू : मोदी जी, कैसे कर लेते हो ये सब

नई दिल्ली : पत्रकारों से दूर रहने वाले नरेंद्र मोदी ने बीते पांच सालों में देश को कई 'पत्रकार' दिए. मोदी में 'एक फकीरी सी' देखने वाली इस कड़ी में जुड़ गए हैं एक और नए पत्रकार- अक्षय कुमार. "मोदी जी कैसे कर लेते हो ये सब ?" कुछ ऐसे ही सवाल होते हैं उनका इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार. अक्षय कुमार भी घूम-फिर कर इसी सवाल पर आए और मोदी जी भी अपने उसी अंदाज में दिया उनके सभी सवालों के जवाब. बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने बुधवार, 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी बॉलीवुड स्टार ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया हो. इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी और अक्षय कुमार के बीच काफी सारी बातें हुईं. यह पीएम मोदी का पहला गैर-राजनीतिक इंटरव्यू था, पीएम मोदी ने अक्षय के सभी सवालों का जवाब खुलकर दिया. अक्षय कुमार ने नरेंद्र मोदी का एक नॉन पॉलिटिकल इंटरव्यू करने का दावा किया है. सोशल मीडिया पर लोग भले ही इंटरव्यू और इसकी टाइमिंग का मजाक उड़ा रहे हों. लेकिन अक्षय कुमार ने मोदी की जो कहानी सुनवाई, वह अनेक लोगों के लिए नई है. मोदी के जीवन के कुछ दिलचस्प वाकयात- 1: मोदी लोटे में गरम कोयला भरकर कपड़े प्रेस करते थे. 2: उल्टी घड़ी पहनते थे, ताकि वक्त देखने पर बात करने वाला अपमानित महसूस न करे. 3: सेना की वर्दी देखकर मोदी का सलाम करने का मन होता था. 4: आर्मी स्कूल में मोदी की पढ़ने की ख्वाहिश हुई थी. 5: मोदी के मुताबिक, वे मन में स्वयं सवाल पैदा करते थे, खुद जवाब खोजते. 6: गुठली के बिना आम खाने की बात बताने वाले मोदी ने बताया- संघ में वैज्ञानिक खेल होते थे. 7: साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं. 8 : ममता बनर्जी उन्हें हर साल कुर्ते और मिठाई भेजती हैं. इंटरव्यू में पीएम मोदी ने जहां गुलामनबी आजाद को अपना दोस्त बताया, वहीं अपनी धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में कहा कि वे उन्हें हर साल कुर्ते और मिठाई भेजती हैं. अक्षय ने पीएम मोदी से पूछा कि आप केवल साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यही सवाल मुझसे राष्ट्रपति ओबामा ने भी पूछा था. जब ओबामा मुझसे मिले तो उन्होंने भी मुझसे कहा कि तुम ऐसा क्यों करते हो? आपको नींद पूरी लेनी चाहिए. ओबामा जब भी मिलते हैं पूछते हैं मेरी बात मानी? नींद बढ़ाई? लेकिन मैं करूं मेरे जानने वाले सारे डॉक्टर कहते कि नींद बढ़ाऊं. लेकिन ये मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है. रिटायरमेंट के बाद नींद बढ़ाने पर मैं ध्यान दूंगा.
अपूर्वा

रोहित की हत्या की आरोपी पत्नी अपूर्वा ही निकली

नई दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या का अपराध उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला तिवारी ने कबूल लिया. इसके बाद आज बुधवार, 24 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि अपूर्वा ने रोहित शेखर को जान से मारने की बात कबूल ली है. अपूर्वा से 20 अप्रैल से इस मामले में पूछताछ की जा रही थी और आज 24 अप्रैल को उसे गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस के पास अपूर्वा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. मूल रूप से इंदौर की रहने वाली अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं. रोहित की पिछले साल अपूर्वा से शादी हुई थी. रोहित शेखर तिवारी की मौत 16 अप्रैल को हुई थी. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) विजय कुमार ने 16 अप्रैल को मीडिया को बताया था कि डिफेंस कॉलोनी निवासी रोहित को 16 अप्रैल शाम करीब पांच बजे दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में लाया गया था और चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. इस घटना के बाद से इस केस से जुड़े कई पहलू सामने आए थे. रोहित के घर में सात सीसीटीवी कैमरे हैं जिनमें से दो काम नहीं कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद रोहित तिवारी की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया था. रिपोर्ट में बताया गया कि तिवारी की हत्या गला घोंटे जाने के कारण सांस रुकने से हुई है. पत्नी अपूर्वा तिवारी पर उठे कई सवाल? पुलिस को पड़ोसियों ने बताया है कि दंपती के बीच अक्सर झगड़े होते थे और पिछले महीने ही उनमें से एक ने पीसीआर को कॉल की थी. पूछताछ में अपूर्वा लगातार अपने बयान बदल रही थी, जिससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ. रोहित की मां उज्ज्वला ने अपनी बहू अपूर्वा और उसके परिवार पर लालची होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे पारिवारिक संपत्ति हड़पना चाहते थे. उन्होंने पहले कहा था कि दंपति के बीच शादी के पहले दिन से ही झगड़े हो रहे थे. रोहित शेखर की मां उज्ज्वला ने यह भी कहा था कि रोहित की किसी रिश्तेदार के साथ निकटता को लेकर दोनों में तनाव रहता था. पुलिस ने पत्नी से पूछा कि रोहित सोमवार (15 अप्रैल) रात 11:30 बजे सो गए थे तो घर में किसी ने भी उनकी 16:30 घंटे तक कोई सुध क्यों नहीं ली. रोहित लड़नी पड़ा थी अदालती लड़ाई रोहित शेखर तिवारी ने अदालत में छह साल की लड़ाई लड़ी थी, ताकि साबित हो सके कि वह एन.डी. तिवारी का ही बेटा था. एन.डी. तिवारी ने 2012 में डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल देने से मना कर दिया था. 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एन.डी. तिवारी को रोहित शेखर का बायोलॉजिकल पिता घोषित किया था.
शत्रुघ्न

कांग्रेसी ही पड़े शत्रुघ्न के पीछे, बताया ‘लालू का दलाल’

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के समक्ष किया प्रदर्शन सीमा सिन्हा, पटना : अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के लिए अपनी संसदीय सीट पटना साहिब भारी पड़ती नजर आने लगी है. अपनी नई पार्टी कांग्रेस में ही उनका विरोध मुखर होने लगा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें राजद नेता लालू प्रसाद के "दलाल" बताते हुए सोमवार को पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से शत्रुघ्न की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग करते हुए पटना स्थित पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम के बाहर धरना प्रदर्शन किया. नेताओं पर सीट 'बेचने' का आरोप बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के प्रवक्ता एच.के. वर्मा ने हालांकि आशंका जताई कि उन कार्यकर्ताओं को "विपक्षी दलों" ने पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम भेजा था. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सिन्हा को राजद के इशारे पर कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया. उन्होंने अपने नेताओं का नाम लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि बीपीसीसी अध्यक्ष मदन मोहन झा, पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल और कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस सीट को "बेच" दिया है. इससे पहले, रविवार को भी सिन्हा को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में इस लिए घेर लिया गया था, जब एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था "जब मैं किसी के साथ दोस्ती करता हूं तो मैं अपनी वफादारी नहीं बदलता". सिन्हा पटना साहिब लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं और 2014 में भाजपा के टिकट पर ही लगातार दूसरी बार विजयी हुए थे. प्रधानमंत्री हो तो अखिलेश यादव या मायावती जैसा... स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बात से भी नाराजगी है कि पत्नी के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद शत्रुघ्न ने कहा था कि प्रधानमंत्री हो तो अखिलेश यादव या मायावती जैसा हो, जिनके अंदर काबिलियत और गुण हैं. उन्हें सिर्फ उत्तर प्रदेश के भविष्य नहीं बल्कि कभी-कभी तो देश के भविष्य के रूप में भी देखता हूं. प्रधानमंत्री कैंडिडेट के रूप में देखता हूं.
प्रज्ञा भारती

प्रज्ञा भारती के लिए अब संघ ने भी संभाली कमान

विशेष संवाददाता, भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों देश का बड़ा चुनावी अखाड़ा बन गया है. इस संसदीय सीट से भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के मुकाबले अपनी प्रत्याशी प्रज्ञा भारती बना दिया है. तीन दिन पूर्व ही प्रज्ञा ने अपने एक विवादास्पद बयान से पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस बयान से सबसे ज्यादा भाजपा ही हिल गई थी. इसके बाद अब प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार की कमान भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी संभालनी पड़ गई है. संघ ने अब रणनीति को बदल दी है. लगातार विवादित बयानों से उत्त्पन्न स्थिति के बाद संघ सामने आ गया है. उसने तय किया है कि प्रज्ञा अब केवल धर्म पर बोलेगी, वह भी सोच समझकर, आतंकवाद पर बोलने से उसे परहेज करने को कहा गया है. संघ ने भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर तय किया है कि प्रचार के दौरान प्रज्ञा के साथ संघ और संगठन के पांच स्वयं सेवक और पदाधिकारी रहें. प्रज्ञा द्वारा हिन्दुत्व की बात करना भाजपा के लिए चिंता की बात बन गई थी. इन्हीं कारणों से भाजपा ऋतंभरा को भी नकार चुका था. प्रदेश के भाजपा पदाधिकारी संघ और राष्ट्रीय नेतृत्व को यह बता चुके थे कि इनके बयान भाजपा की मुसीबत खड़ी करेंगे. खुद शिवराज सिंह चौहान यह बात कह चुके थे और उन्होंने इनके स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखा था, मगर वे चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुई. अब जबकि प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाया गया है और वे मैदान में उतरकर हार्ड हिन्दुत्व की बात कर रही है, जो भाजपा के लिए चिंता बन गई है. उनके बयानों पर आयोग द्वारा दिए नोटिस के बाद संगठन और चिंतित हो गया है. आयोग के नोटिस और प्रज्ञा के बयानों के बाद भाजपा की जो छवि खराब होती गई उसे लेकर भाजपा पदाधिकारी तीन दिनों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. अंत में संघ के साथ बैठक में कल सोमवार को इस बात पर सहमति हुई कि उनके चुनाव की रणनीति बदली जाए. देखना है अब प्रज्ञा ठाकुर अपने 'दर्द' और धर्म के बीच अपने बयानों में कितना न्याय कर पाती है.
लोकतांत्रिक

लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा जरूरी : अश्विन मुद्गल

राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस पर अनिल गाडेकर सम्मानित नागपुर : पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया की नागपुर शाखा की ओर से जनसंपर्क दिवस पर 'एक राष्ट्र, एक संकल्प, एक स्वर' परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रेस क्लब नागपुर, के सभागार में अपने संभाषण में जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल ने लोकसभा चुनाव की वर्तमान स्थिति में जनसम्पर्क अधिकारियों (पीआरओ) और पत्रकारों को अधिक कारगर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति आस्था और आदर पैदा करने में पीआरओ और पत्रकार ही सक्षम हैं. आप सभी 'जनमत निर्माता'(ओपिनियन मेकर) होने के नाते यह कार्य बखूबी कर सकते हैं. कार्यक्रम में सोसायटी की ओर से नागपुर के जिला जनसम्पर्क अधिकारी अनिल गाडेकर को सर्वश्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी (बेस्ट पी.आर.ओ.) के रूप में सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि नागपुर के जिलाधिकारी मुद्गल ने उन्हें शाल, श्रीफल, तुलसी का पौधा और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि आज देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. एक ओर प्रशासन मतदान की संख्या बढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है. दूसरी ओर प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और लांक्षण लगा रहे हैं. इस पृष्ठभूमि में पीआरओ और पत्रकार ही जनसाधारण में 'एक राष्ट्र, एक संकल्प, एक स्वर' की भावना जागृत कर सकते हैं. इस कठिन परिस्थिति से निपटने के सन्दर्भ को उन्होंने कविता की इन पंक्तियों में पिरोया- "मुख्त्सर सी जिंदगी के, अजीब से अफसाने है, यहां तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं." मंच पर प्रमुख अतिथि के रूप में जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल, जिला जनसम्पर्क अधिकारी अनिल गडेकर, पी.आर.एस.आई.चे अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह, महानिर्मिती के जनसंपर्क अधिकारी यशवंत मोहिते और अध्यक्ष स्थान पर नागपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मैत्र उपस्थित थे. अपने सम्मान का जवाब देते हुए अनिल गाडेकर ने शासकीय सेवा औरंगाबाद से शुरू कर यहां तक पहुंचने की कालावधि का स्मरण करते हुए अपने अनुभव साझा किया. अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मैत्र ने 'एक राष्ट्र, एक संकल्प, एक स्वर' विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस समसामयिक विषय पर परिचर्चा आयोजित करने के लिए पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी का अभिनन्दन किया. आरंभ में डब्ल्यूसीएल (वेकोलि) के जनसम्पर्क अधिकारी और पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी, नागपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने सोसायटी के कार्य पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने राष्ट्रहित में जनसम्पर्क अधिकारियों की भूमिका का भी प्रतिपादन किया. कार्यक्रम का संचालन नागपुर मेट्रो के पीआरओ अखिलेश हलवे ने और आभार प्रदर्शन महानिर्मिति के पीआरओ यशवंत मोहिते ने किया. पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजित पाठक का शुभेच्छा सन्देश आकाशवाणी की सहायक निदेशक गौरी मराठे ने पढ़ कर सुनाया. कार्यक्रम में सरकारी, अर्द्धसरकारी, कॉर्पोरेट और निजी क्षेत्र के जनसम्पर्क अधिकारी, सेवानिवृत अधिकारी, सोसायटी के पदाधिकारी, प्रसार माधयमों के प्रतिनिधि, प्रेस क्लब के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे.
नामांकन पत्र

अमेठी : बच गए राहुल गांधी, नामांकन पत्र वैध

नई दिल्‍ली : कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर राम मनोहर मिश्रा ने आज सोमवार को जांच के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष द्वारा अमेठी से भरे गए चुनाव नामांकन पत्र को वैध ठहरा दिया है. इससे राहुल गांधी को अब अमेठी सीट से भी चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं रही. उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी केरल के वायनाड के अलावा यूपी के अमेठी से भी चुनाव लड़ रहे हैं. उन्‍होंने अमेठी में अपना जो नामांकन पत्र दाखिल किया था, उस पर वहां से ही निर्दलीय प्रत्‍याशी ध्रुवपाल कौशल ने आपत्ति दर्ज कराई थी. उनके अनुसार राहुल गांधी ने अपने नामांकन पत्र में गलत जानकारी दी थी. ध्रुवपाल ने रिटर्निंग आफिसर से इसकी जांच करने की मांग की थी. इस पर रिटर्निंग ऑफिसर ने राहुल के नामांकन पत्र की जांच 22 अप्रैल तक टाल दी थी. ध्रुव लाल ने राहुल गांधी की नागरिकता और राहुल के शैक्षणिक सर्टिफिकेट पर सवाल उठाते हुए उनके नामांकन पत्र की जांच की मांग की थी. उनके वकील रवि प्रकाश का कहना था कि ब्रिटेन की एक रजिस्‍टर्ड कंपनी के दस्‍तावेजों में उन्‍होंने अपनी ब्रिटिश नागरिकता का उल्‍लेख किया है और गैर भारतीय देश में चुनाव नहीं लड़ सकता है. रवि प्रकाश का कहना था कि राहुल के शैक्षणिक सर्टिफिकेट में भी कई गलतियां हैं. भाजपा के कई नेताओं ने भी दावा किया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की नागरिकता ले रखी है. ऐसे में चुनाव आयोग उनका नामांकन रद्द करे. आज निर्वाचन अधिकारी ने सुनवाई की. इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने नागरिकता विवाद पर कहा था कि निर्वाचन अधिकारी को राहुल गांधी के हलफनामे की जांच करनी चाहिए. राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी याचिका दाखिल की गई थी. जिसपर कोर्ट ने कहा था कि अपनी शिकायत केन्द्र सरकार की सक्षम अथॉरिटी से करें.
राफेल

राफेल मामला : राहुल ने जताया खेद, 23 अप्रैल को होगी सुनवाई

नई दिल्ली : राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बात को गलत तरीके से पेश करने से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खेद जताया है. सुप्रीम कोर्ट को अपने जवाब में राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने चुनाव के आवेश में आकर ऐसा बयान दे दिया और इसका उन्हें खेद है. राहुल ने कहा कि वे मानते हैं कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जो उन्होंने कहा, वैसा कोर्ट ने नहीं कहा था. मानहानि का यह मामला भाजपा की मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर मंगलवार, 23 अप्रैल को सुनवाई करेगा. मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में कहा था कि राफेल से जुड़े लीक हुए दस्तावेजों पर सुप्रीम कोर्ट के विचार करने की बात को राहुल ने लगातार गलत तरीके से पेश किया और यह अदालत की अवमानना है. दरअसल राहुल ने रायबरेली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'अब सुप्रीम कोर्ट भी जान गया है कि चौकीदार चोर है.' राहुल के इसी बयान को लेकर मीनाक्षी लेखी ने अवमानना का मामला उनके खिलाफ दर्ज किया था. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट को अपने जवाब में कहा, 'उन्हें अफसोस है कि उन्हें राफेल फैसले पर यह बयान दिया. मेरे बयानों का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया और मैंने चुनावी कैंपेन के आवेश में ऐसा कह दिया.' पिछले हफ्ते चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था, 'हम यह स्पष्ट करते हैं कि राहुल गांधी ने मीडिया और पब्लिक में गलत तरीके से बार रखी. हम यह स्पष्ट करते हैं कि हमने कोई ऐसी बात नहीं कही. हमने केवल दस्तावेजों को लेकर अपनी बात रखी थी.'
सेवाग्राम

आईएस की महिला एजेंट सेवाग्राम में गिरफ्तार

रवि लाखे, वर्धा : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार के तड़के वर्धा में सेवाग्राम के निकट म्हसाला क्षेत्र में छापा मार कर एक आईएसआईएस गुर्गे अब्दुल बाशिद की पत्नी नेहमुदा बाशिद को उसके मायके से गिरफ्तार कर लिया है. आईबी और नागपुर एटीएस भी कर रही पूछताछ नेहमुदा को सेवाग्राम पुलिस थाने लाकर एनआईए ने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और इसके बाद सेवाग्राम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इस बीच नेहमुदा की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही गुप्तचर विभाग (आईबी) और नागपुर एटीएस (आतंकवाद निरोधी पथक) भी वर्धा पहुंच कर उससे पूछताछ में जुट गई है. सूत्रों ने बताया कि नेहमुदा से उसके संपर्कों के बारे में और पिछले तीन वर्षों तक उसके कहां-कहां होने के बारे में जानकारी ली जा रही है. सूत्रों के अनुसार वर्धा सहित एनआईए हैदराबाद में भी एक साथ तीन स्थानों पर छापा मार चुकी है. पति भी 2016 से बंद है तिहाड़ जेल में पुलिस सूत्रों के अनुसार इस महिला का पति अब्दुल बाशीद हैदराबाद का है. उसे 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. वह मुस्लिम युवकों को सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआईएस से जोड़ने का काम कर रहा था. उसका पाकिस्तान की आतंकवादी संगठन से भी सीधा संपर्क था. एनआईए ने उसके इस कार्य का सुराग मिलते ही 2016 में उसे गिरफ्तार कर लिया था. पति की गिरफ्तारी के बाद ही हो गई थी भूमिगत सूत्रों ने बताया कि पति की गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही नेहमुदा अचानक भूमिगत हो गई थी. यह पता चलते ही एनआईए सतर्क हो गई थी और नहमुदा की गतिविधियों का पता लगा रही थी. एनआईए को इस बात का पता चल गया था कि भूमिगत होकर वह अपने पति का काम ही आगे बढ़ाने में जुटी हुई है. इसी बीच आईएनए को पता चला कि गुरुवार को नेहमुदा हैदराबाद से नागपुर के लिए रवाना हुई है. वह शुक्रवार को वर्धा आकर अपने मायके सेवाग्राम के निकट म्हसाला पहुंच गई. इसके बाद शनिवार को एनआईए की टीम ने शनिवार की सुबह छापा मार कर अहलेसुबह उसे उसके मायके से गिरफ्तार कर लिया. वर्धा में 10 वर्ष पहले भी सक्रीय था सिमी सूत्रों ने बताया कि नेहमुदा और उसके पति अब्दुल बाशिद की रिश्तेदारी पाकिस्तान में भी है. गिरफ्तारी से पूर्व बाशिद पाकिस्तान के लोगों के सम्पर्क में भी था. उल्लेखनीय है कि 10 वर्ष पहले भी सिमी यहां वर्धा में इंडियन मुजाहिदी के लिए जिले में युवकों का एक बड़ा स्लीपर सेल तैयार करने में सफल रहा था.