विशेष संवाददाता,
भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों देश का बड़ा चुनावी अखाड़ा बन गया है. इस संसदीय सीट से भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के मुकाबले अपनी प्रत्याशी प्रज्ञा भारती बना दिया है. तीन दिन पूर्व ही प्रज्ञा ने अपने एक विवादास्पद बयान से पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस बयान से सबसे ज्यादा भाजपा ही हिल गई थी.
इसके बाद अब प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार की कमान भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी संभालनी पड़ गई है. संघ ने अब रणनीति को बदल दी है. लगातार विवादित बयानों से उत्त्पन्न स्थिति के बाद संघ सामने आ गया है. उसने तय किया है कि प्रज्ञा अब केवल धर्म पर बोलेगी, वह भी सोच समझकर, आतंकवाद पर बोलने से उसे परहेज करने को कहा गया है.
संघ ने भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर तय किया है कि प्रचार के दौरान प्रज्ञा के साथ संघ और संगठन के पांच स्वयं सेवक और पदाधिकारी रहें. प्रज्ञा द्वारा हिन्दुत्व की बात करना भाजपा के लिए चिंता की बात बन गई थी. इन्हीं कारणों से भाजपा ऋतंभरा को भी नकार चुका था. प्रदेश के भाजपा पदाधिकारी संघ और राष्ट्रीय नेतृत्व को यह बता चुके थे कि इनके बयान भाजपा की मुसीबत खड़ी करेंगे.
खुद शिवराज सिंह चौहान यह बात कह चुके थे और उन्होंने इनके स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखा था, मगर वे चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुई. अब जबकि प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाया गया है और वे मैदान में उतरकर हार्ड हिन्दुत्व की बात कर रही है, जो भाजपा के लिए चिंता बन गई है.
उनके बयानों पर आयोग द्वारा दिए नोटिस के बाद संगठन और चिंतित हो गया है. आयोग के नोटिस और प्रज्ञा के बयानों के बाद भाजपा की जो छवि खराब होती गई उसे लेकर भाजपा पदाधिकारी तीन दिनों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. अंत में संघ के साथ बैठक में कल सोमवार को इस बात पर सहमति हुई कि उनके चुनाव की रणनीति बदली जाए. देखना है अब प्रज्ञा ठाकुर अपने ‘दर्द’ और धर्म के बीच अपने बयानों में कितना न्याय कर पाती है.