साइक्लोट्रॉन केंद्र के लिए टास्क फोर्स की स्थापना का सीएम देवेंद्र फडणवीस का निर्देश
नागपुर : पार्टीकल एक्सीलेटर (कण त्वरक) प्रौद्योगिकी पहले अनुसंधान तक ही सीमित थी. अब यह एक सामाजिक आवश्यकता बन गई है, साथ ही शिक्षा की एक नई शाखा भी इसमें शामिल हो गई है, जिसमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी शामिल है. वर्तमान में भारत में केवल 24 साइक्लोट्रॉन केंद्र कार्यरत हैं. जबकि पश्चिमी देशों की तुलना में 1,000 अतिरिक्त केंद्रों की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में साइक्लोट्रॉन केंद्र स्थापित करने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया है. क्योंकि यहां चिकित्सा और इंजीनियरिंग बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर डॉ. इटनकर को इस परियोजना के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया है.
नागपुर में साइक्लोट्रॉन केंद्र की स्थापना के संबंध में गुरुवार, 13 फरवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास रामगिरी में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, वीएनआईटी निदेशक प्रेम लाल पटेल, प्रो. किशोर भुरचंडी, एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत जोशी, डीन शासकीय मेडिकल कॉलेज, डॉ. राज गजभिये, आईजीएमसी के डीन डॉ. रवि चव्हाण, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक चिकित्सा निदेशक डॉ. आनंद पाठक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेश जोगलेकर उपस्थित थे.
डॉ. प्रशांत जोशी ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि नागपुर वीएनआईटी, एम्स, सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान जैसे प्रसिद्ध बुनियादी ढांचा संस्थानों का घर है. इस दृष्टि से यह केंद्र नागपुर सहित मध्य भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. डॉ. सिंह ने कहा कि यह केंद्र स्वच्छ ऊर्जा, जल शोधन, स्वास्थ्य, ऊर्जा और अन्य प्रक्रियाओं जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में नए रास्ते खोलने में मदद करेगा.
वीएनआईटी के निदेशक प्रेम लाल पटेल ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि यह केंद्र अनुसंधान, कैंसर उपचार सहित चिकित्सा क्षेत्रों, भौतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा तथा औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी होगा. उन्होंने कहा कि वीएनआईटी मध्य भारत में इस अत्यंत आवश्यक केंद्र की स्थापना में अपना सर्वोत्तम योगदान देगा. इलेक्ट्रॉनिक्स, भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्रों में रुचि रखने वाले शोधकर्ता वीएनआईटी से निकले हैं.
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. आनंद पाठक ने आंकड़े प्रस्तुत किए कि मध्य भारत के साथ-साथ विदर्भ-मराठवाड़ा में कैंसर रोगियों को किस प्रकार लाभ मिलेगा.