जांच प्रक्रिया को चुनौती याचिका हाई कोर्ट ने किया खारिज
नागपुर : बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच ने मंगलवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी के विरुद्ध जांच पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया. यह फैसला डॉ. चौधरी के बड़ा झटका साबित हुआ है.
चांसलर रमेश बैस ने नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच पूरी हो चुकी है और चांसलर ने चौधरी को स्पष्टीकरण के लिए उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है. इसके बाद चौधरी ने हाईकोर्ट में जांच प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दायर की.
चौधरी की ओर से पिछले सप्ताह शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई का प्रयास किया गया. लेकिन कुछ कारणों से हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सोमवार को मामला जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस वृषाली जोशी की बेंच के सामने आया. सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया.
इस याचिका पर सोमवार को जस्टिस विभा कंकणवाडी और जस्टिस वृषाली जोशी की बेंच के सामने सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा था कि मंगलवार को सुबह 10.30 बजे जांच के अंतरिम स्थगन पर फैसला करेगी.
जांच को अवैध, अनुचित, अन्यायपूर्ण बताया था
डॉ. चौधरी ने दावा किया था कि राज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई अवैध, अनुचित, अन्यायपूर्ण है. यह भी कहा गया है कि जांच करने और याचिकाकर्ता को सजा देना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. इसलिए यह निलंबन कार्रवाई रद्द करने की मांग याचिका में की गई. चौधरी ने पिछली बार याचिका दायर कर दावा किया था कि जांच नियमानुसार नहीं की गई.
इस वर्ष सभी नियमों का पालन करते हुए जांच प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है. चौधरी को भी अपना पक्ष रखने का भरपूर मौका दिया जा रहा है. यह याचिका सिर्फ कारण बताओ नोटिस के आधार पर दाखिल की गई है.
नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी की ओर से अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा और राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता देवेन्द्र चव्हाण ने बहस की.