राजर्षि शाहूजी महाराज की जयंती 26 जून से ओबीसी मेडिको एसोसिएशन की पहल
मुंबई : आरक्षण के जनक राजर्षि शाहूजी महाराज की जयंती 26 जून से महाराष्ट्र में ‘आरक्षण छोड़ो, समाज जोड़ो’ अभियान चलाया जाएगा. यह घोषणा यहां ओबीसी मेडिको एसोसिएशन ने किया है. राज्य में मराठा और ओबीसी आरक्षण विवाद को लेकर बढ़ रहे तनाव के बीच यह एक बहुत ही अच्छी पहल मानी जा रही है.
‘फुले-शाहू-आम्बेडकर के प्रगतिशील प्रदेश महाराष्ट्र में आरक्षण के कारण जातीय विद्वेष बढ़ रहा है. आरक्षण के लाभ से हमारे ओबीसी समाज का एक बड़ा तबका सशक्त हुआ है. लेकिन अब समाज का वंचित वर्ग तभी सशक्त हो सकता है, जब आगे बढ़ कर आर्थिक रूप से सशक्त हो चुके लोग आरक्षण छोड़ दें.’ महाराष्ट्र के ओबीसी मेडिको एसोसिएशन के डॉक्टरों ने यह उद्गार व्यक्त करते हुए यहां आरक्षण का लाभ छोड़ने की घोषणा की है.
ओबीसी मेडिको एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलीप घुले ने सोमवार को बताया कि यहां राज्य में बढ़ रहे जातीय तनाव और वैमनस्य को देखते हुए ओबीसी समुदाय के डॉक्टरों ने आरक्षण का लाभ छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि ‘आरक्षण छोडो, समाज जोड़ो” अभियान के अंतर्गत एसोसिएशन का एक 15-20 सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से जल्द ही मुलाक़ात करेगा. उन्होंने बताया कि हम सभी मुख्यमंत्री को आरक्षण छोड़ने का शपथ पत्र सौंपेंगे.
डॉ. घुले ने बताया कि आरक्षण के जनक राजर्षि शाहूजी महाराज की जयंती 26 जून से हम ‘आरक्षण छोड़ो’ अभियान की शुरुआत करेंगे. उन्होंने कहा कि आरक्षण के लाभ से आर्थिक रूप से सक्षम हुए परिवार को अब स्वेच्छा से आरक्षण छोड़ देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमें आरक्षण का लाभ मिला. इसी से हम आज एमबीबीएस डॉक्टर बने. अब हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है. अब हम अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा सकते हैं. अब हमारे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं है.
एसोसिएशन के उपाधयक्ष डॉ. अतुल गिरि ने कहा कि आने वाले समय में पूरे महाराष्ट्र में ‘आरक्षण छोड़ो, समाज जोड़ो’ अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों राज्य के पुणे, नासिक, संभाजी नगर, धाराशिव, नागपुर और कोल्हापुर में हमने इस अभियान के संबंध में चर्चा सत्र का आयोजन किया, जिसमें ओबीसी समाज का पॉजिटिव प्रतिसाद (रिस्पॉन्स) मिला है.