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तृणमूल

तृणमूल ने कर दिया कांग्रेस के साथ खेला

बंगाल की सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ममता ने कर दिया ऐलान, इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ आखिर खेला कर ही डाला. उसने कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर से टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को पार्टी का उम्मीदवार बनाना के साथ प्रदेश की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. बहरामपुर सीट का प्रतिनिधित्व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पांच बार कर चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने 42 रविवार, 10 मार्च को लोकसभा सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. पठान की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ उन्होंने बताया कि आसनसोल से टीएमसी की लोकसभा सीट के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा होंगे. जबकि कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है. बशीरहाट लोकसभा सीट से टीएमसी ने मौजूदा सांसद नुसरत जहां की जगह अपने पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतारा है. टीएमसी ने लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णा नगर सीट से लगातार दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक बंगाल के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन चौधरी बहरामपुर सीट से फिर से चुनाव लड़ने की मांग कर सकते हैं. उन्होंने बहरामपुर का पांच बार संसद में प्रतिनिधित्व किया है. पश्चिम बंगाल में आज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इससे यह साफ हो गया कि बंगाल में टीएमसी का गैर-भाजपा दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और तृणमूल कम से कम कहने के लिए तो एक साथ हैं, लेकिन इन दोनों दलों ने बंगाल में सीट-बंटवारे की रणनीति पर अमल करने के लिए समझौता नहीं किया है. माना जाता है कि तृणमूल ने कांग्रेस को बहरामपुर और एक अन्य सीट की पेशकश तो की थी, लेकिन फिर उसने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया. कहा जाता है कि सबसे पुरानी पार्टी ने उस पर अधिक सीटें देने के लिए दबाव डाला था. सूची की घोषणा तृणमूल कांग्रेस की रैली में ममता ने की तृणमूल कांग्रेस की कोलकाता में आयोजित रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पार्टी राज्य की सभी 42 सीटों पर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी. ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही असम, मेघालय में भी चुनाव लड़ेगी. वहीं यूपी में भी एक सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव से बातचीत चल रही है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल के साथ कांग्रेस के सम्मानजनक सीट-बंटवारे का भरोसा टूटता नजर आ रहा है. समझौता टीएमसी के एक तरफा ऐलान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि उसने बार-बार पश्चिम बंगाल...
चुनाव आयुक्त

चुनाव आयुक्त गोयल ने ऐन लोकसभा चुनाव से पूर्व दिया इस्तीफा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तुरंत पदमुक्त भी कर लिया नई दिल्ली : चुनाव आयुक्त (EC) अरुण गोयल ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. गोयल का इस्तीफा ऐसे वक्त आया है कि जबकि कुछ ही हफ्तों में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है. अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे क्या वजह है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं सामने आई है. उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जबकि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा हुआ है. हालांकि अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने वाले थे गोयल अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं. गोयल पंजाब-कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था. जानकारी के मुताबिक उनका कार्यकाल 2027 तक था. फरवरी में रिटायर हुए हैं चुनाव आयुक्त अनूप पांडे 2024 लोकसभा से पहले EC अनूप पांडे भी रिटायर हो चुके हैं. पांडे का रिटायरमेंट 15 फरवरी को हुआ था। इसके बाद से तीन सदस्यीय भारतीय चुनाव आयोग में एक पद खाली था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद आयोग में अब केवल CEC राजीव कुमार ही रह गए हैं. लोकसभा चुनाव के अतिरिक्त चुनाव आयोग को आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी कराने हैं. चुनाव आयोग की टीम सभी राज्यों का दौरा करके चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने में जुटी है. अनुमान है कि देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हो सकता है. गौरतलब है कि अरुण गोयल के इस कदम के बाद अब चुनाव आयोग में 2 रिक्तियां हो गई हैं. चुनाव आयोग में कमिश्नर के अब दो पद खाली हो गए हैं. अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को EC का पदभार ग्रहण किया था. 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल पहले सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में काम कर चुके हैं. आज शनिवार को जारी गजट अधिसूचना में कहा गया कि CECऔर अन्य EC (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की धारा 11 के खंड (1) के अनुसरण में, राष्ट्रपति को 09 मार्च, 2024 से प्रभावी श्री अरुण गोयल, चुनाव आयुक्त द्वारा दिए गए इस्तीफे को स्वीकार करते हुए खुशी हो रही है. गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. हालांकि, उन्हें 60 वर्ष का होने के बाद 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था. गोयल को नवंबर 20022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. वह CEC राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा बने. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में की गई थी, जब गुजरात में एक...
पवार

पवार को बड़ा झटका, पोते की 50 करोड़ की चीनी मिल कुर्क 

 महा. राज्य सहकारी बैंक घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में हुई बड़ी कार्रवाई  औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को राकांपा (सपा) सुप्रीमो शरद पवार के पोते रोहित पवार की कंपनी के स्वामित्व वाली चीनी मिल की 50.20 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है. लोकसभा चुनाव 2024 के ऐन पूर्व महाराष्ट्र राकांपा (शरद पवार) और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.  रोहित की चीनी मिल पर यह कार्रवाई कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में संघीय एजेंसी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है. ईडी ने यहां बताया कि औरंगाबाद जिले के कन्नड़ गांव में स्थित कन्नड़ सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड (कन्नड़ एसएसके) की कुल 161.30 एकड़ भूमि, संयंत्र, मशीनरी और भवन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है. <blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">ED, Mumbai has attached 161.30 acres of land, plant &amp; machinery and building structures of a sugar unit at Kannad, Aurangabad presently in possession of M/s Baramati Agro Ltd. worth Rs. 50.20 Crore under PMLA in a case related to illegal sale of Sugar factories by Maharashtra…</p>&mdash; ED (@dir_ed<ahref="https://twitter.com/dir_ed/status/1766059490204336500?ref_src=twsrc%5Etfw">March 8, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> कन्नड़ एसएसके का स्वामित्व बारामती एग्रो  लिमिटेड के पास है, जो रोहित पवार की कंपनी है. रोहित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट के विधायक भी हैं. महाराष्ट्र की कर्जत-जामखेड विधानसभा सीट से 38 वर्षीय विधायक से ईडी ने जनवरी में बारामती एग्रो, कन्नड़ एसएसके और कुछ अन्य के परिसरों की तलाशी के बाद और पहले भी पूछताछ की है. 11 घंटे तक हुई थी पूछताछ रोहित जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में 11 घंटे से अधिक समय तक रहे और रात तकरीबन 10 बजे वहां से निकले. ईडी के समन पर रोहित पवार ने कार्यालय में पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था.
हिंदी

हिंदी के विकास में VNIT भी निभा रही है अहम भूमिका

राजभाषा  के उत्थान में विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का सराहनीय योगदान *सत्येंद्र प्रसाद सिंह- राजभाषा हिंदी : गंगा गंगोत्री से निकल कर कलकल निनाद करती लाखों करोड़ों लोगों के जीवन को सिंचित और संवर्धित करती है. समान स्थिति भाषा के क्षेत्र में हिंदी की भी है. हिंदी भाषा अपनी मिठास, लालित्य और मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं की सफल संवाहिका होने के साथ-साथ करोड़ों लोगों के प्रेषण एवं संप्रेषण का सरल और सहज माध्यम भी है. हिंदी अनुरागी न केवल देश में, बल्कि विदेश में भी हिंदी को पल्लवित - पुष्पित करने में अपना भरसक योगदान कर रहे हैं. इस प्रयास में सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक उपक्रम और विभिन्न निगम एवं शिक्षण संस्थान भी अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं. सुखद आश्चर्य है कि देश के हृदय-स्थल, संतरा नगरी - नागपुर का प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्था - विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी Vishvesaraya National Institute of Technology (VNIT) भी राजभाषा हिंदी के उत्थान और विकास में पीछे नहीं है.  इस तकनीकी संस्थान में भी राजभाषा हिंदी के विकास और विस्तार में यहां के अधिकारी, प्राध्यापक और विद्यार्थी पूरे उत्साह के साथ जुटे हुए हैं. राहभाषा हिंदी को लेकर त्रैमासिक, अर्धवार्षिक कार्यक्रमों और राजभाषा सप्ताह या पखवाड़ा के नियमित आयोजनों के इतर भी इस VNIT का एक बड़ा योगदान है. "राजभाषा प्रेरणा" नामक पत्रिका के 19वें वार्षिकांक का हाल ही में प्रकाशन इसका परिचायक है. इस वार्षिकांक में इंस्टीट्यूट की रुटीन गतिविधियों के साथ, पूर्वनिर्धारित विषयों : राजभाषा दर्पण, संस्थान दर्पण, साहित्य दर्पण, वसुधैव कुटुम्बकम, जनसंख्या नियोजन, अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की उपलब्धियां और अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष  पर संस्थान में कार्यरत कर्मियों ने अपनी सधी हुई लेखनी चलाई है.  निदेशक डॉ. पी.एम. पडोले की रहनुमाई और राजभाषा कार्यान्वयन समिति के कार्याध्यक्ष एवं डीन (संकाय कल्याण) डॉ आर आर येरपुडे के मार्गदर्शन में डॉ. भारती एम. पोलके की मेहनत इस पत्रिका में स्पष्ट दिखाई देती है. डॉ सारिका बहादुरे, डॉ. अर्घ्य मित्रा और अक्षय कालेश्वरवार की कल्पनाशीलता आवरण-पृष्ठ में दिखती ही है. श्रीमती विजया देशमुख और डॉ. भारती पोलके द्वारा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय परम्परा के शीर्ष क्रम की कलाकार पद्मभूषण डॉ. प्रभा ताई अत्रे का साक्षात्कार प्रस्तुत अंक का विशेष आकर्षण है. खयाल, ठुमरी, दादरा, ग़जल, गीत-नाटक, संगीत, भक्ति-गीत की गायिका और अभिनेत्री के रूप में भी डॉ. अत्रे सुख्यात हैं. सारांश यह कि VNIT जैसे तकनीकी शिक्षण संस्थान भी राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने में अपना योगदान करते हुए अहम भूमिका निभा रहे हैं. VNIT में "कंठस्थ 2.0 सॉफ्टवेयर" पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन  विश्वेश्वरय्या राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (VNIT) में पिछले दिनों "कंठस्थ 2.0 सॉफ्टवेयर" पर हिंदी कार्यशाला भी आयोजित की गई. प्रमुख वक्ता डॉ. मनोज कुमार, उप प्रबंधक (राजभाषा) वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एवं सदस्य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास, कार्यालय-2) ने "कंठस्थ 2.0 सॉफ्टवेयर" पर अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से VNIT कर्मियों का मार्गदर्शन किया. इसके पूर्व संकायाध्यक्ष...
MVA

MVA महाराष्ट्र में बिखराव के आसार, उद्धव खिसकने को आतुर?

 अमित शाह ने भाजपा, शिंदे और अजित दादा के साथ सीट शेयरिंग पर बनाई सहमति, 45+ जीतने का लक्ष्य तय  *कल्याण कुमार सिन्हा- लोकसभा चुनाव- 2024 : सीटों के बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र में विपक्षी दलों में बुधवार, 6 मार्च को भी संशय की स्थिति बनी रही. मुंबई के फोर सीजन्स होटल में महाविकास आघाड़ी (MVA) की चार घंटे की बैठक बेनतीजा रही. प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में ना तो सीटों के बंटवारे पर कोई सार्थक चर्चा हुई और ना पिछली बैठक में तय एजेंडे - मराठा आरक्षण या चुनाव में मुस्लिम, दलित तथा ओबीसी उम्मीदवारों के सेटों पर ही कोई फैसला हो सका.  बैठक में MVA के राष्ट्रवादी कांग्रेस (एसपी) के शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के बालासाहब थोरात के साथ वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर शामिल थे. इस बेनतीजा बैठक की जानकारी वंचित बहुजन आघाड़ी के X (ट्विटर) हैंडल से आघाड़ी के प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकाले ने शेयर की है.  <blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="mr" dir="ltr">महाविकास आघाडीच्या बैठकीत काय ठरलं? <ahref="https://t.co/RQLN9dSAXS">pic.twitter.com/RQLN9dSAXS</a></p>&mdash; Vanchit Bahujan Aaghadi (@VBAforIndia) <ahref="https://twitter.com/VBAforIndia/status/1765356606982660559?ref_src=twsrc%5Etfw">March 6, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> <blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="mr" dir="ltr">महाविकास आघाडीच्या बैठकीत काय ठरलं? <ahref="https://t.co/RQLN9dSAXS">pic.twitter.com/RQLN9dSAXS</a></p>&mdash; Vanchit Bahujan Aaghadi (@VBAforIndia) <ahref="https://twitter.com/VBAforIndia/status/1765356606982660559?ref_src=twsrc%5Etfw">March 6, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> महाविकास आघाडीच्या बैठकीत काय ठरलं? pic.twitter.com/RQLN9dSAXS— Vanchit Bahujan Aaghadi (@VBAforIndia) March 6, 2024 सिद्धार्थ मोकाले ने MVA छोड़ कर एनडीए में शामिल होने की शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के बारे में अटकलों पर भी मुहर लगा दी है. उन्होंने बताया है कि वंचित बहुजन आघाड़ी नेता प्रकाश आंबेडकर द्वारा MVA के किसी भी दल से आघाड़ी छोड़ कर NDA में नहीं जाने के लिखित आश्वासन मांगे जाने पर बैठक में सभी ने चुप्पी साध ली. अब तमाम मुद्दों पर अगले सप्ताह की बैठक में चर्चा होने और किसी निर्णय पर पहुंचने का फैसला किया गया है.  महाराष्ट्र NDA में सीट शेयरिंग पर सहमति  वहीं खबर है कि राज्य के सत्तारूढ़ NDA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है. मंगलवार से महाराष्ट्र का दौरा कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस और आशीष शेलार के साथ आज, बुधवार को करीब आधे घंटे बैठक की. बैठक में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बना ली गई है.  45+ सीटें जीतने का लक्ष्य प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने इस बार महाराष्ट्र की 48 में से 45+ लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आगामी चुनाव में 40-41 सीटें नहीं चलेगी. इस बार, हमें यहां महाराष्ट्र में 45 से ज्यादा सीटों का आशीर्वाद दें. बता दें कि NDA गठबंधन में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी जैसे कई दल शामिल हैं. 32 से ज्यादा सीटों पर लड़ सकती है भाजपा सूत्रों के अनुसार गृह...
उच्च पेंशन

उच्च पेंशन फैसले के कार्यान्वयन को जटिल बना रहा ईपीएफओ

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन एवं पेंशन की गणना में ईपीएफओ का रवैया अनुचित विदर्भ आपला डेस्क- ईपीएफओ (अपराजिता जग्गी, क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त-I, पेंशन) ने अपने संचार/परिपत्र संख्या ई-399180/2543 दिनांक 13 दिसंबर 2023 के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 04-11-2022 के उच्च पेंशन पर फैसले के कार्यान्वयन के लिए FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों) के रूप में कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं.   ईपीएस- 95 पेंशनर्स योद्धा दादा तुकाराम झोड़े ने इसका विश्लेषण किया है. उनका मत है कि इस परिपत्र से सर्वोच्च न्यायालय के उच्च पेंशन फैसलेके कार्यान्वयन के मामले को और अधिक जटिल बनाया जा रहा है. जारी किए गए दिशा निर्देश नियमों के अनुरूप नहीं प्रतीत होते हैं और परिणामस्वरूप, वे अवैध, मनमानी और अतार्किक हैं.  दादा झोड़े ने कहा है कि इस संबंध में उच्च पेंशन लागू करने अदालत के फैसले के कार्यान्वयन के लिए ईपीएफओ द्वारा जारी इस परिपत्र के निम्नलिखित 6 बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है. 1). वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन / पेंशन की पात्रता के लिए, प्रासंगिक खंड पेंशन योजना के पैरा क्रमांक 9, पैरा क्रमांक हैं. पीएफ योजना के 26(6) और पेंशन योजना के पैरा संख्या 11(3) का प्रावधान. संदर्भित संचार में पैरा 26(6) के तहत संयुक्त अनुमति पर चर्चा की गई है. वास्तविक वेतन पर योगदान की अनुमति के प्रमाण की मांग अनुचित  इस संबंध में, स्पष्ट है कि जिन कर्मचारियों के नियोक्ता ने वैधानिक सीमा पर नहीं बल्कि वास्तविक वेतन पर योगदान दिया है, वे उच्च पेंशन के लिए पात्र हैं. आरसी गुप्ता के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के अनुसार यह सबसे महत्वपूर्ण शर्त है और आवश्यक भी है. इसलिए, यह जांचना ईपीएफओ की एकमात्र आवश्यकता है कि क्या नियोक्ता ने वास्तविक वेतन पर वैधानिक सीमा से अधिक योगदान जमा किया है या नहीं और यदि यह वास्तविक वेतन पर जमा किया गया है और बाद में ईपीएफओ द्वारा अनुमति दी गई है, तो उक्त अनुमति के प्रमाण की मांग क्यों की जाती है? ऐसा किसी तरह से आवश्यक नहीं है. इस प्रकार के मुद्दे को ईपीएफओ ने अपने परिपत्र दिनांक 22 जनवरी 2019, पैरा नंबर 3 के माध्यम से पहले ही हल कर दिया था, जिसे बाद में अन्य कारणों से वापस ले लिया गया. छूट प्राप्त प्रतिष्ठान (Exempted Establishment) के कर्मचारियों के संबंध में, ईपीएफ और एमपी अधिनियम.1952 की धारा 17(1) (ए)/(बी) के तहत छूट की अनुमति, वास्तविक वेतन पर योगदान करने की अनुमति है, क्योंकि यह छूट के लिए एक अनिवार्य शर्त है. इसलिए, उच्च पेंशन फैसले के कार्यान्वयन में छूट प्राप्त प्रतिष्ठान के कर्मचारियों के मामले में, अनुमति का उक्त प्रमाण वास्तव में आवश्यक नहीं है. 2). पेंशन की गणना ईपीएस 95 के पैरा 12 के अनुसार होनी है. हालांकि, दिशानिर्देश, कि पेंशन शुरू होने की तारीख पेंशन योग्य सेवा, पेंशन योग्य वेतन और पेंशन की गणना के लिए लागू फॉर्मूला निर्धारित करेगी, सही और कानूनी नहीं है. 
पंजाब

पंजाब में कैदी पर हमला मामले में झूठा हलफनामा दाखिल 

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजीपी को तलब किया पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत के समक्ष "प्रथम दृष्टया" झूठा हलफनामा दायर करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जेल, पंजाब (एडीजीपी) के साथ-साथ जेल के उप महानिरीक्षक को तलब किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैदी को " न तो पीटा गया और न ही उसे कोई चोट लगी.” मामला पंजाब के होशियारपुर स्थित सेंट्रल जेल का है.  मामले को 14 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए, अदालत ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश, होशियारपुर को "वर्तमान याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया." जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा कि कार्यवाही के दौरान जब कैदी के वकील की ओर से सीसीटीवी फुटेज चलाया गया, तो "यह स्पष्ट है कि जेल के अंदर जेल अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति की पिटाई की जा रही थी." निर्देशों के अनुपालन में, एडीजीपी (जेल), पंजाब द्वारा हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था, "सुबह 11:59 बजे के आसपास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में केवल जेल कर्मचारियों को देखा जा सकता है." हालांकि, कैदी हरिंदर पाल सिंह को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में नहीं देखा गया था. आगे कहा गया है कि "जांच अधिकारी के अनुसार, कैदी हरिंदर पाल सिंह को न तो पीटा गया था और न ही उन्हें कोई चोट लगी थी." अदालत ने कहा, इस प्रकार, अदालत की प्रथम दृष्टया राय में इस अदालत के समक्ष एक झूठा हलफनामा दायर किया गया है. अदालत पंजाब के होशियारपुर स्थित सेंट्रल जेल द्वारा कैदी के खिलाफ कथित मानसिक और शारीरिक यातना की न्यायिक जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कैदी की तत्काल चिकित्सा जांच और सुरक्षा की भी मांग की गई. यह आरोप लगाया गया है कि हरिंदर पाल सिंह, जो वर्तमान में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, को जेल अधिकारियों और सिविल ड्रेस में एक प्राइवेट पर्सन द्वारा बेरहमी से पीटा गया था. याचिका में कहा गया है कि सिंह फिलहाल बिना भोजन और पानी के एकांत कारावास में हैं. आरोपों पर विचार करते हुए, अदालत ने एडीजीपी (जेल) से एक हलफनामे पर जवाब मांगा और सभी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया. 
WIPS WCL

WIPS WCL ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ से सम्मानित 

 नागपुर : वुमेन इन पब्लिक सेक्टर WIPS WCL को वर्ष 2022-23 के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ से नवाजा गया. पुरस्कार वितरण पिछले 9 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ बिलासपुर में किया गया. विप्स के 31वें पश्चिमी क्षेत्रीय सम्मेलन में SECL के सीएमडी डॉ. पी.एस. मिश्रा एवं रायगढ़ की एडि. एस.पी. श्रीमती सुरेशा चौबे ने पुरस्कार दिए.  WIPS WCL की ओर से अध्यक्ष (पश्चिम क्षेत्र) श्रीमती अनुपमा टेमुर्णीकर, कोऑर्डिनेटर श्रीमती सुजाता सरमुकद्दम, को-कोऑर्डिनेटर श्रीमती मेधा हरदास, सचिव श्रीमती अंकिता घोष एवं सदस्यों ने ग्रहण किया. पुरस्कार जीतने के उपरान्त, WIPS WCL की टीम ने डब्लूसीएल के सीएमडी मनोज कुमार से भेंट कर उन्हें इस पुरस्कार एवं अपने कार्यों की जानकारी दी. मनोज कुमार ने  WIPS WCL को बधाई देते हुए उनके द्वारा वर्ष भर किए सकारात्मक कार्यों को सराहा. अपने संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के उत्थान में महिलाओं की भूमिका अहम होती है. अतः उन्होंने सबसे अपना उत्कृष्ट कार्य जारी रखने को कहा. विप्स द्वारा महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता शिविर, रक्तदान शिविर, योग शिविर, पोषण संबंधी जागरूकता, यूटेराइन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आदि के साथ वृक्षारोपण, स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय योगदान, स्कूली बच्चों में सामग्री का वितरण, वुमन्स डे, नर्सेज डे, मदर्स डे के उपलक्ष में कार्यक्रम जैसे कार्यों की उन्होंने सराहना की.  इसी क्षेत्रीय सम्मेलन में डब्लूसीएल मुख्यालय की श्रीमती स्वाति सक्सेना को स्लोगन प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ.  इन कार्यों के लिए किया गया सम्मानित  ज्ञात हो कि  WIPS WCL द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व, स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण के तारतम्य में विशेष कार्य किए गए हैं. इनमें महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता शिविर, रक्तदान शिविर, योग शिविर, पोषण संबंधी जागरूकता, यूटेराइन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आदि का आयोजन शामिल है. इन कार्यों के साथ ही वृक्षारोपण, स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय योगदान, स्कूली बच्चों में सामग्री का वितरण, वुमन्स डे, नर्सेज डे, मदर्स डे के उपलक्ष में कार्यक्रम जैसे अनेक कार्यों का भी समावेश है.  WIPS WCL के वर्ष भर के सकारात्मक कार्यों के लिए ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ प्राप्त होने से सभी में हर्ष व्याप्त है.
IFFCO

IFFCO ने चाइना से मंगाया यूरिया, लिखा आत्मनिर्भर भारत

बोरी का फोटो दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी कंपनी इफको का है  नई दिल्ली : चाइना से मंगाया यूरिया, बोरी पर लिखा आत्मनिर्भर भारत – यूरिया की एक बोरी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. बोरी का यह फोटो दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी कंपनी IFFCO इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) का है. इस फोटो में IFFCO की यूरिया की बोरी पर एक ओर लिखा है ‘सशक्त किसान-आत्मनिर्भर भारत’ और वही दूसरी ओर इस खाद का उद्गम स्थल चाइना को बताया गया है. इसी भ्रम को लेकर इस बोरी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसी बीच  कृषि समाचार पोर्टल "कृषक जगत" ने IFFCO  के एमडी प्रबंध संचालक डॉ. यू.एस. अवस्थी की टिप्पणी के हवाले से इस वायरल फोटो के बारे में बताया है. डॉ. अवस्थी ने इस वायरल की जा रही फोटो को भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा करने वाले लोगों में समझ की कमी है. "कृषक जगत" के अनुसार आजकल AI के जमाने में तकनीकी तौर पर देखा जाए तो बहुत हद तक डॉ. अवस्थी की बात सही भी है. उल्लेखनीय है कि भारत में 30 मिलियन टन यूरिया उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से 90% उत्पादन क्षमता का उपयोग किया जाता है. यूरिया की बाकि जरूरतों के लिए IFFCO समेत अन्य उर्वरक कंपनियां दूसरे देशों से यूरिया आयात करती हैं. हालांकि, भारत अभी तक आत्मनिर्भर नहीं हैं. लेकिन भारत 2025-26 तक यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है. 'आत्मनिर्भर भारत-सशक्त किसान' का नारा आत्मनिर्भर भारत-सशक्त किसान’ का नारा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आर्थिक विकास योजनाओं के लिए इस नारे का इस्तेमाल किया और इसे लोकप्रिय बनाया. 'आत्मनिर्भर भारत' की प्रमुख कड़ी है आत्मनिर्भर किसान. प्रधानमंत्री मोदी ने 'सशक्त और समृद्ध किसान, आत्मनिर्भर भारत' की पहचान बताई है. 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत, देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. इन प्रयासों से देश के किसान लाभान्वित हो रहे हैं और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं. उर्वरकों के उत्पादन के मामले में भारत आत्मनिर्भर नहीं दरअसल, भारत IFFCO के माध्यम से लंबे समय से खेती-किसानी में अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रासायनिक उर्वरकों का दूसरे देशों से आयात कर रहा है. जिसमें यूरिया का आयात सबसे अधिक है. भारत आजादी के 75 साल बाद भी हम उर्वरकों के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हो सके हैं. लेकिन, अब उस रास्ते पर चल रहे हैं, जिसमें आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. काफी हद तक इसमें सफलता भी मिली है. सरकार कृषि क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए साल दर साल मजबूरी में उर्वरकों का आयात कर रही है. जिसे देश की IFFCO जैसी कंपनियां किसानों तक पहुंचा रही है. 
महाज्योति

महाज्योति : छात्रवृत्ति लेने वाले सरकारी कर्मी नप जाएंगे 

नागपुर : महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति), नागपुर की चयन सूची में प्रशिक्षु सरकारी कर्मियों द्वारा वेतन के साथ छात्रवृत्ति प्राप्त करने की खबर से खलबली मच गई है. महाज्योति ने इस खबर को गंभीरता से लेते हुए इसकी छानबीन शुरू कर दी है.  महाज्योति के प्रबंध संचालक राजेश खवले द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हमारी चयन सूची में प्रशिक्षु सरकारी अधिकारी-कर्मचारी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  : प्रबंध संचालक खवले ने स्पष्ट किया है कि यूपीएससी, एमपीएससी, महाज्योति के ग्रुप बी और सी प्रशिक्षण का परिणाम हाल ही में घोषित किए गए हैं. चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल होने के लिए 15 दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया है. फिलहाल किसी छात्र ने ज्वाइन नहीं किया है. इसलिए किसी भी अधिकारी को वेतन के साथ छात्रवृत्ति देने का सवाल ही नहीं उठता.   हालांकि, संगठन ने पहले ही एक सर्कुलर जारी कर दिया था कि सरकारी सेवाओं के साथ-साथ कंपनियों में काम करने वाले उम्मीदवारों को महाज्योति की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं लेना चाहिए। ऐसे सरकारी कर्मचारी के बारे में मांगी गई है जानकारी महाज्योति के अनुसार, यदि कोई प्रशिक्षु नियोजित है, सरकारी सेवा में है और फिर भी जानकारी छिपाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होता है, तो उसका नाम प्रशिक्षण कार्यक्रम से हटाने की कार्रवाई की जाएगी. तदनुसार, यदि किसी के पास प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभान्वित होने वाले किसी सरकारी कर्मचारी के बारे में जानकारी है, तो उस जानकारी को महाज्योति कार्यालय को सूचित करने की अपील की गई है.  विज्ञप्ति में कहा गया है कि योग्य छात्रों को प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों का लाभ प्रदान करना महाज्योति की नीति है. संगठन की ओर से बताया गया है कि यदि किसी भी प्रकार के अयोग्य विद्यार्थी प्रशिक्षण वर्ग का लाभ लेते हुए पाए गए तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.