अपूर्वा

रोहित की हत्या की आरोपी पत्नी अपूर्वा ही निकली

अपराध
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नई दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या का अपराध उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला तिवारी ने कबूल लिया. इसके बाद आज बुधवार, 24 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि अपूर्वा ने रोहित शेखर को जान से मारने की बात कबूल ली है.
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अपूर्वा से 20 अप्रैल से इस मामले में पूछताछ की जा रही थी और आज 24 अप्रैल को उसे गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस के पास अपूर्वा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. मूल रूप से इंदौर की रहने वाली अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं. रोहित की पिछले साल अपूर्वा से शादी हुई थी.

रोहित शेखर तिवारी की मौत 16 अप्रैल को हुई थी. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) विजय कुमार ने 16 अप्रैल को मीडिया को बताया था कि डिफेंस कॉलोनी निवासी रोहित को 16 अप्रैल शाम करीब पांच बजे दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में लाया गया था और चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. इस घटना के बाद से इस केस से जुड़े कई पहलू सामने आए थे.

रोहित के घर में सात सीसीटीवी कैमरे हैं जिनमें से दो काम नहीं कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद रोहित तिवारी की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया था. रिपोर्ट में बताया गया कि तिवारी की हत्या गला घोंटे जाने के कारण सांस रुकने से हुई है.
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पत्नी अपूर्वा तिवारी पर उठे कई सवाल?
पुलिस को पड़ोसियों ने बताया है कि दंपती के बीच अक्सर झगड़े होते थे और पिछले महीने ही उनमें से एक ने पीसीआर को कॉल की थी. पूछताछ में अपूर्वा लगातार अपने बयान बदल रही थी, जिससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ.

रोहित की मां उज्ज्वला ने अपनी बहू अपूर्वा और उसके परिवार पर लालची होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे पारिवारिक संपत्ति हड़पना चाहते थे. उन्होंने पहले कहा था कि दंपति के बीच शादी के पहले दिन से ही झगड़े हो रहे थे.

रोहित शेखर की मां उज्ज्वला ने यह भी कहा था कि रोहित की किसी रिश्तेदार के साथ निकटता को लेकर दोनों में तनाव रहता था. पुलिस ने पत्नी से पूछा कि रोहित सोमवार (15 अप्रैल) रात 11:30 बजे सो गए थे तो घर में किसी ने भी उनकी 16:30 घंटे तक कोई सुध क्यों नहीं ली.
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रोहित लड़नी पड़ा थी अदालती लड़ाई
रोहित शेखर तिवारी ने अदालत में छह साल की लड़ाई लड़ी थी, ताकि साबित हो सके कि वह एन.डी. तिवारी का ही बेटा था. एन.डी. तिवारी ने 2012 में डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल देने से मना कर दिया था. 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एन.डी. तिवारी को रोहित शेखर का बायोलॉजिकल पिता घोषित किया था.

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