ईपीएस-95 सेवानिवृत्तों से भाजपा ने भी की धोखाधड़ी : दादा झोड़े

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भगत सिंह कोशियारी समिति की शिफारसों को डस्टबीन दिखाया

   
नागपुर : ईपीएस-95 के अंतर्गत पेंशनरों के साथ ईपीएफओ जो खेल खेल रहा है, वह तो निंदनीय है ही. मौजूदा केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को भी सामान रूप से पेंशनरों के साथ धोखाधड़ी में सम्मिलित होने के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत नहीं होगा. ऑल इंडिया ईपीएस-95 कोऑर्डिनेशन कमेटी के लीगल एडवाइजर दादा तुकाराम झोड़े ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार की वयोवृद्ध पेंशनरों के साथ बहुत गंभीर धोखाधड़ी बताया है. 

2014 में भाजपा सांसद जावड़ेकर ने यह मुद्दा उठाया था कांग्रेस सरकार के समक्ष
दादा झोड़े ने बताया कि 2014 में भाजपा सांसद (अब मोदी सरकार के दूसरे काल के भी मंत्री) प्रकाश जावड़ेकर ने एपीएस पेंशनरों को मिल रहे 200-300 रुपए पेंशन से द्रवित होकर तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के समक्ष यह मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया था. कांग्रेस सरकार ने उनकी मांग पर भाजपा के ही सांसद भगत सिंह कोशियारी (फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल) के नेतृत्व में एक समिति गठित कर दी थी. 

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ऑल इंडिया ईपीएस-95 कोऑर्डिनेशन कमेटी के लीगल एडवाइजर दादा झोड़े.

कांग्रेस सरकार ने कोशियारी समिति गठित की थी
कोशियारी समिति ने सभी पक्षों की सुनवाई कर न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपए करने और साथ में इसे महंगाई निर्देशांक से भी जोड़ने की सिफारिश की. अधिकारियों ने कमेटी की सिफारिशों पर कटौती कर सरकार को न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए करने का सुझाव दिया. जिसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्वीकार कर लिया. लेकिन लागू नहीं कर सकी. 2014 में ही चुनाव के बाद केंद्र में भाजपा की सरकार सत्ता में आई तो चुनाव के दौरान पेंशनरों से किए अपने वादे भूल कर पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा मंजूर न्यूनतम 1000 रुपए का पेंशन लागू कर अपनी पीठ थपथपा ली. जावड़ेकर और कोशियारी भी चुप लगा कर पिछले 6 वर्षों से सत्तासुख भोग रहे हैं. 

वादे से मुकरी भाजपा सरकार 
दादा झोड़े ने कहा कि ईपीएस-95 पेंशनरों के साथ यह बहुत बड़ी नाइंसाफी है. कहां भाजपा सांसद ने 3000 रुपए न्यूनतम पेंशन की मांग की थी, दूसरे भाजपा सांसद के ही नेतृत्व में गठित समिति ने भी 3000 रुपए पेंशन और साथ में महंगाई भत्ता देने की सिफारिश की थी, और जब उन्हीं की भाजपा की मोदी सरकार सत्ता में आई तो उसने कांग्रेस सरकार के निर्णय का अनुसरण करते हुए मात्र 1000 रुपए न्यूनतम ही देकर पेंशन वयोवृद्ध पेंशनरों की लाचारी बढ़ा दी है. जबकि 2014 और 2019 के चुनावों के दौरान भी भाजपा नेताओं ने ईपीएस-95 के पेंशनरों के पेंशन कोशियारी कमेटी की सिफारशों के अनुरूप करने का आश्वासन दिया था. 

अनसुना कर रही है पेंशनरों की गुहार
झोड़े ने कहा कि आज 1000 रुपए पेंशन पाते हुए लाखों 80 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशनरों के 6 वर्ष से अधिक बीत गए हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और केरल हाईकोर्ट के आदेश और स्वयं केंद्र की मौजूदा सरकार अपने सांसद दिलीप कुमार मनसुख लाल गांधी (भाजपा) कमेटी की सिफारिशों को भी नजरंदाज करते हुए लाखों पेंशनरों की गुहार को अनसुना कर रही है. 

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