महाराष्ट्र शासन : मंत्रियों का थम नहीं रहा असंतोष

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कांग्रेस के पूर्व सांसद यशवंतराव गड़ाख ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ऐसे ही लड़ते रहेंगे तो सीएम ठाकरे को इस्तीफा न सौंपना पड़ जाए

मुंबई : महा विकास आघाड़ी के महाराष्ट्र शासन में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के मंत्रियों में बंगले और विभागों को लेकर असंतोष अब सरकार के कामकाज में व्यावधान पहुंचाने लगे हैं. इससे परेशान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अत्यधिक परेशान हो गए हैं. उन्होंने इस्तीफा तक तैयारी दिखा दी है. इसकी पुष्टि आज कांग्रेस के पूर्व सांसद यशवंत राव गड़ाख ने भी की है.  

गड़ाख ने ट्विट कर महाराष्ट्र शासन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस और NCP के मंत्री बंगलों और विभागों के आवंटन जैसे मुद्दों पर ऐसे ही सरकार के कार्यों में बाधा डालते रहे तो, मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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ज्ञातव्य है कि शिवसेना खुद इस बात को स्‍वीकार कर चुकी है कि मंत्री पद को लेकर इस गठबंधन की सरकार में खींचतान चल रही है, जिससे सीएम ठाकरे परेशान हो गए हैं. पिछले 30 दिसंबर को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार में 36 मंत्रियों को शामिल किया गया था. हालांकि, मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या अब 43 हो गई है जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात के बाद मंत्रियों के विभागों के आवंटन को अंतिम रूप दिया था और सभी मुद्दों को सुलझा भी लिया गया था. कांग्रेस कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग न मिलने के कारण नाराज है. मंत्रिमंडल में विभागों और बंगलों के बंटवारे को लेकर मंत्री खुश नहीं हैं.

सरकार के करीब दर्जनभर शिवसेना विधायक भी मंत्रिमंडल पद न मिलने से नाराज चल रहे हैं, तो वहीं कई विधायक अपने कम ओहदे के कारण भी असंतोष जाता रहे हैं. शिवसेना के कुल 14 मंत्री बनाए गए हैं. जिनमें पूर्व सरकार में मंत्री रहे रामदास कदम, रवींद्र वायकर, शिवसेना नेता दिवाकर रावते, दीपक केसरकर मंत्रिमडल में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाया है.

महाराष्ट्र शासन में विपक्षी भाजपा एक माह से अधिक समय से सत्ता में होने के बावजूद विभागों के आवंटन में देरी के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साध चुकी है. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को शपथ ग्रहण की थी. इसके पश्चात 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था.

ज्ञातव्य है कि तीनों दलों के प्रमुख नेताओं में एनसीपी के अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात को राजस्व विभाग, अशोक चव्हाण को पीडब्ल्यूडी मंत्री इसके अलावा शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय सौंपा गया है. साथ ही एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त मंत्रालय सौंपा गया है.

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