सुप्रीम कोर्ट में झूल रही है EPFO की पुनर्विचार याचिका

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EPS-95

बुजुर्ग पेंशनरों के धैर्य की ली जा रही है परीक्षा

अवलोकन :
EPS-95
के तहत पेंशन बढ़ोत्तरी और हायर पेंशनपर भुगतान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की ओर से दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2 मई 2019 को आना था, लेकिन इसकी सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह रखा गया. इसे फिर 16 जुलाई को लिस्टेड किया गया,लेकिन फिर 5 सितंबर के लिए लिस्टेड किया था. लेकिन सुनवाई की तारीख को अब फिर बढ़ाकर 19 सितंबर कर दी गई है.

केंद्र सरकार की ओर से 2014 में EPS-95 (कर्मचारी पेंशन स्कीम-95) मे संसोधन कर कुछ बदलाव किए गए थे. जिसमें हायर वेजेस पर पेंशन का विकल्प भी कर्मचारियों से छीन लिया गया था. इसके बाद से ही EPS-95 (कर्मचारी पेंशन स्कीम) पेंशनर और EPFO के बीच हायर पेंशन देने को लेकर विवाद चल रहा है.

कर्मचारियों ने केरल हाईकोर्ट में EPFO के इस फैसले को चुनौती दी थी. इस पर केरल हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए EPFO को हायर वेजेज (उच्च वेतन) और सेवानिवृति के आखिरी महीने के वेतन के हिसाब से पेंशन की गणना का आदेश दिया था.

लेकिन EPS-95 धारकों को हायर वेजेस पर पेंशन देने के फैसले पर EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए EPFO की याचिका को खारिज कर दिया और 1 अप्रैल 2019 को पेंशनरों के हित मे फैसला सुनाया.

इसके बावजूद EPFO की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है. EPFO की दलील है कि उसके पास सुप्रीम कोर्ट और केरल हाईकोर्ट के फैसले के हिसाब से पेंशनरों को पेंशन देने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है.

EPFO की इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2 मई 2019 को फैसला आना था, लेकिन इसकी सुनवाई की तिथि बढ़ाकर जुलाई के दूसरे सप्ताह 16 जुलाई को कर दी गई और फिर 5 सितंबर के लिए की ओर से लिस्टेड किया गया था. अब सुनवाई की तारीख को बढ़ाकर 19 सितंबर करने की खबर मिली है.

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