अब संभव होगा ‘संवैधानिक मामलों’ में न्यायिक कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण

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इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ‘समग्र’ दिशानिर्देश तैयार करने का आदेश

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ‘संवैधानिक महत्व’ के मामलों में न्यायिक कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इसके अवलोकन और मंजूरी के लिए ‘समग्र’ दिशानिर्देश तैयार करने को कहा.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह समेत सभी पक्षकारों से कहा कि वे अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल को अपने-अपने सुझाव दें.

इंदिरा जयसिंह ने दायर की है याचिका
इंदिरा जयसिंह ने राष्ट्रीय महत्व के मामलों में कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए जनहित याचिका दायर की है. पीठ ने कहा कि शीर्ष कानूनविद इन सुझावों पर विचार करेंगे और अदालत के अवलोकन एवं मंजूरी के लिये समग्र दिशानिर्देश तैयार करेंगे.

क्या है इंदिरा जयसिंह की याचिका में?
इंदिरा जयसिंह ने अपनी याचिका में संवैधानिक एवं राष्ट्रीय महत्व वाले मामलों के सीधे प्रसारण का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है और इसके लिए संवैधानिक एवं राष्ट्रीय महत्व वाले मामलों का सीधा प्रसारण किया जा सकता है.

दिशानिर्देश सरकार के पास भी भेजे जाएंगे
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि ये दिशानिर्देश सरकार के पास भी भेजे जाएंगे, ताकि सरकार इसका अवलोकन करके अपने सुझाव भी दे. इसके लिए उन्होंने अदालत से दो सप्ताह का समय मांगा. पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है.

केंद्र प्रायोगिक तौर पर शुरू करने को तैयार
केंद्र ने कहा था कि न्यायिक प्रक्रियाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव स्ट्रीमिंग को प्रधान न्यायाधीश की अदालत में संवैधानिक मामलों की सुनवाई के दौरान प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जा सकता है. वेणुगोपाल ने पीठ को यह भी बताया कि न्यायिक प्रक्रियाओं की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग की प्रायोगिक परियोजना को प्रयोग के आधार पर शुरू किया जा सकता है.

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