नंदनवन थाने में शिकायत दर्ज, अधिकतर पीड़ित बालाघाट जिले के
नागपुर : सैकड़ों लोगों से शेयरों में इंट्रा डे ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी करने का मामला यहां नंदनवन थाने में दर्ज हुआ है. सूत्रों के अनुसार हीवरी नगर निवासी आरोपी प्रफुल्ल अनंतलाल दशरिया (43) ने पहले यहां बालाघाट के अपने भांजे विनोद माहुले को झांसे में लिया. फिर उनका विश्वास हासिल कर सैकड़ों लोगों से शेयरों में निवेश करवा कर और उन्हें प्रति माह 5 फीसदी मुनाफे का लालच दे कर सात साल में 17.36 करोड़ से अधिक की राशि ठग लिया.
सैकड़ों की संख्या में ठगे गए ज्यादातर लोगों में नागपुर के पड़ोसी जिले मध्यप्रदेश के बालाघाट के बताए जाते हैं. दिलचस्प बात यह कि हर महीने उन्हें उनके लाखों रुपए के निवेश पर मुनाफे की रकम 5 फीसदी के हिसाब से देता भी रहा. लेकिन जब कुछ लोगों ने अपने निवेश की मूल रकम मांगना शुरू किया, तब प्रफुल्ल दशरिया फरार हो गया.
ठगी के इस मामले में नंदनवन पुलिस ने बालाघाट निवासी भांजे विनोद माहुले की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ एमपीआईडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने ठगे गए निवेशकों की जानकारी प्राप्त कर रही है और फरार आरोपी प्रशांत दशरिया की तलाश भी शुरू कर रही है.
ऐसे बुना ठगी का जाल
मिली जानकारी के अनुसार शहर के हिवारी नगर निवासी आरोपी प्रशांत दशरिया एक मैकेनिकल इंजीनियर है. पुणे की किसी प्रतिष्ठित कंपनी की नौकरी छोड़ कर 13 वर्ष 2010 पूर्व नागपुर लौटा. उसने यहां माइंडफुल कंसल्टेंसी शुरू की. उसके जरिए प्रफुल्ल ने लोगों से शेयर बाजार में इंट्रा डे ट्रेडिंग करवाना शुरू किया. 2016 में उसके रियल इस्टेट में कार्यरत भांजे की दिलचस्पी बढ़ी तो दशरिया ने विनोद से भी 10 लाख रुपए निवेश करने को कहा, लेकिन उतनी रकम नहीं होने के कारण विनोद ने केवल 2 लाख रुपए का निवेश किया. प्रफुल्ल उन्हें मुनाफे के रूप में प्रतिमाह 20 हजार रुपए ब्याज देने लगा. मामा पर भरोसा बढ़ा तो विनोद ने समय-समय पर कुल 13 लाख रुपए का निवेश कर दिया. आरोपी उन्हें हर महीने 52,000 रुपए देता रहा. प्रफुल्ल ने उनके साथ एक समझौता किया था, जिसमें प्रति माह 5 फीसदी ब्याज देने की बात कही गई.
लालच में फंसते गए बालाघाट के निवेशक
हर महीने ज्यादा लाभ मिलता देख बात विनोद ने इस बारे में अपने दोस्तों में भी फैला दी. धीरे-धीरे ज्यादा मुनाफे के लालच में सैकड़ों लोग जुड़ते गए. उन्होंने आरोपी के पास कुल 17 करोड़ 36 लाख रुपए का निवेश कर दिया. लेकिन कुछ समय बाद जब निवेशकों ने उससे मूलधन और ब्याज मांगना शुरू किया तो वह फरार हो गया. जैसे ही भांजे विनोद को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने नंदनवन थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एमपीआईडी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.