राज्यपाल पुरोहित ने थपथपाया महिला पत्रकार का गाल, मच गया बवाल

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नई दिल्ली : तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित एक महिला पत्रकार के गाल पर थपथपाने को लेकर विवाद में उलझ गए हैं. कई वरिष्ठ पत्रकारों और तमिलनाडु की विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल के व्यवहार का विरोध जताया है. हालांकि अभी इस पर राज्यपाल की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

टीवी समाचार चैनल “एवीपी न्यूज” की इस रिपोर्ट के अनुसार दरअसल राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के विवादित टेप को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस टेप में महिला प्रोफेसर छात्राओं से अच्छे अंक पाने के लिए प्रोफेसरों के लिए सेक्सुल फेवर देने की बात कह रही थी और उसने राज्यपाल का नाम भी उसमें घसीटा था.

इस बीच विभिन्न समाचार माध्यमों से आ रही इस खबर पर सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया भी देखनों को मिल रही है. स्नेहपूर्ण छूने और इरादतन गलत इरादे से किसी महिला के प्रगाल छूने पर बहस ही चल पडी है. सामान्य लोगों की राय यह सामने आई है कि राज्यपाल पुरोहित जैसे बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा किसी महिला पत्रकार से स्नेहवश ही ऐसा किया जा सकता है.

प्रतिष्ठित और लोकप्रिय व्यक्तित्व है राजयपाल पुरोहित का
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित नागपुर के प्रतिष्ठित विधायक और सांसद रहने के साथ ही महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से प्रकाशित सर्वाधिक प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक “हितवाद” और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था ‘भारत भवन’ विद्यालय और रामदेवबाबा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के भी संचालक रहे हैं. उनके अपने अखबार के पत्रकार सहित दूसरे समाचार पत्रों के पत्रकार भी उनका स्नेहपूर्ण व्यवहार रहा है. ऐसे में उन्हें जानने वाले स्थानीय लोग इस अनर्गल विवाद से बुरी तरह आहात हैं.

महिला पत्रकार ने ट्वीट कर किया विरोध
इधर एवीपी न्यूज ने बताया है कि इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक महिला पत्रकार ने राज्यपाल से सवाल पूछा तो उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया, बल्कि पत्रकार के गाल सहलाया और वहां से चले गए. महिला पत्रकार ने राज्यपाल के इस आचरण को गलत बताते हुए विरोध जताया है.

अपना विरोध जताते हुए उस महिला पत्रकार ने लगातार दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”मैंने तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित से प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में एक सवाल पूछा. उन्होंने बिना मेरी इजाजत के मेरे गाल पर थपथपाया.”

कई बार अपना चेहरा धोया…
इसके बाद दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैंने कई बार अपना चेहरा धोया, लेकिन अभी तक इससे उबर नहीं पाई हूं. हो सकता है ये आपकी तरफ से प्रशंसा करने के लिए हो, लेकिन मुझे ये पसंद नहीं आया. एक महिला को बिना उसकी इजाजत के छूना बिल्कुल गैरजरूरी था.

राज्यपाल के व्यवहार के विरोध में आए तमिलनाडु के पत्रकार और नेता
महिला पत्रकार के ट्वीट के बाद कई वरिष्ठ पत्रकारों और नेताओं ने राज्यपाल के व्यवहार की निंदा की. वरिष्ठ पत्रकार रिफत जावेद ने लिखा, ”यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. उन्हें राज्यपाल बने रहने की इजाजत कैसे दी जा सकती है?”

विपक्षी दल भी विरोध पर उतरे
तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी डीएमके नेता इस घटना की निंदा की है. डीएमके सांसद कनिमोई ने ट्वीट किया, “अगर संदेह नहीं भी किया जाए, तब भी सार्वजनिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को इसकी मर्यादा समझनी चाहिए और एक महिला पत्रकार के निजी अंग को छूकर गरिमा का परिचय नहीं दिया या किसी भी इंसान द्वारा दिखाया जाने वाला सम्मान नहीं दर्शाया.”

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने ट्वीट किया, ”यह ना केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अनुपयुक्त कृत्य है.”

टेप कांड से राज्यपाल का क्या कनेक्शन है?
दरअसल एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर पर आरोप है कि उसने अपनी स्टूडेंट्स से ज्यादा नंबर के लिए अधिकारियों को सेक्सुअल फेवर देने की बात कही थी. इस बातचीत का टेप सामने आया है. महिला का कहना है कि वह राज्यपाल की करीबी है. बता दें राज्यपाल उस विश्वविद्यालय के चांसलर हैं, जहां महिला असिस्टेंट प्रोफेसर है.

राज्यपाल अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे कभी इस महिला से मिले भी नहीं. वहीं पुलिस ने इस मामले में पुलिस केस दर्ज लिया है और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

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