10 आरोपियों सहित डॉक्टर दंपति की संलिप्तता, डॉक्टर पत्नी गिरफ्तार, पति फरार
नागपुर : फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से क्रिप्टो (Crypto) करेंसी और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 2.59 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है.
नागपुर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस धोखाधड़ी में शामिल एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. उसका डॉक्टर पति डॉ. नीलेश नरेशराव राऊत भी इस मामले में लिप्त है. लेकिन वह फरार हो गया है. वर्धा में पकड़ी गई डॉ. प्रीति नीलेश राऊत है, जो वर्धा की ही रहने वाली है.
फरवरी महीने में पुलिस ने विक्रम बजाज नामक व्यापारी की शिकायत पर 10 लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और एमपी आईडी एक्ट सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. दहिसर, मुंबई निवासी विराज सुहास पाटिल इस मामले का मास्टरमाइंड बताया जाता है. कोलकाता ईडी ने सुहास पाटिल के खिलाफ मामला पीएमएलए के तहत दर्ज किया था. फिलहाल वह ईडी के गिरफ्त में कोलकाता जेल में है.
आरोपियों में एक महिला डॉक्टर की गिरफ्तारी वर्धा में
अन्य नौ आरोपियों में इनमें सेलू (जि.वर्धा) निवासी सूरज मधुकरराव सावरकर, सुरेंद्र मधुकरराव सावरकर, प्रीति के पति डॉ. नीलेश राऊत, जालंधर पंजाब निवासी प्रियंका खन्ना, पीआर ट्रेडर्स के संचालक प्रिन्स कुमार, एमआर ट्रेडर्स के संचालक राकेश कुमार सिंह, टीएम ट्रेडर्स के संचालक अमन ठाकुर, आरके ट्रेडर्स के संचालक राहुल कुमार अकेला, मिलन इंटरप्राइजेज ठाणे और ग्रीन वैली एग्रो कोलकाता के नाम शामिल हैं. सूरज सावरकर ने आईएक्स ग्लोबल अकादमी प्रा. लि. कंपनी की स्थापना की थी. अन्य 9 आरोपियों के जरिए अपना नेटवर्क फैलाया था.
प्रति माह 5 से 15 फीसदी तक फायदा का झांसा
बताया गया कि इस अकादमी द्वारा लोगों को ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग, शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो मार्केट का प्रशिक्षण दिया जाता था. विक्रम और उनके दोस्तों ने आरोपियों से संपर्क किया. कथित आरोपियों ने निवेश पर प्रति माह 5 से 15 फीसदी तक फायदा होने का झांसा दिया. निवेशकों से उपरोक्त संस्थानों के खाते में कुल 2.59 करोड़ रुपए जमा करवाए. आरोपियों की टीपी ग्लोबल और एफएक्स नामक वेब पोर्टल पर शेयर की खरीदी और बिक्री दिखती तो थी. लेकिन वास्तविक तौर पर कोई निवेश नहीं होता था.
चिकित्सा क्षेत्र में भी हड़कंप
फॉरेक्स ट्रेडिंग, क्रिप्टो ट्रेडिंग और शेयर ट्रेडिंग में धोखाधड़ी का यह मामला बहुत ही सनसनीखेज बन गया है. इसमें डॉक्टर दम्पति की संलिप्तता से चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. समझा जाता है कि इस व्यवसाय से जुड़े अनेक लोगों को भी चूना लगा है.
लेकिन जब रकम वापस निकालने करने की बारी आई तो धोखाधड़ी सामने आई और मामला दर्ज किया गया. इस मामले में प्रीति राऊत की भूमिका भी सामने आई. रविवार को पुलिस ने प्रीति को वर्धा से गिरफ्तार किया. उसे सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी मंजूर की है.