नई दिल्ली : दिल्ली में केदारनाथ धाम की तरह मंदिर बनाने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. आज शंकराचार्य ने भी नाराजगी जताई. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इस मामले में काफी गुस्से में नजर आए. उन्होंने कहा, जिस धाम को जगदगुरु आदि शंकराचार्य ने बनाया, वैसा धाम आप कहीं और नहीं बना सकते.
उन्होंने कहा- ‘केदारनाथ में घोटाला हुआ, उसकी जांच क्यों नहीं कराई जाती. कोई पूछताछ शुरू नहीं हुई. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. अब वे कह रहे हैं कि वे दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता.‘
केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है. इसका अपना महत्व है. दिल्ली में इसकी प्रतिकृति बनाना धर्म का अपमान है.
केदारनाथ धाम वैसे तो उत्तराखंड में है, लेकिन दिल्ली के बुराड़ी में बिल्कुल उसी तरह का केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है. इसे लेकर दिल्ली से देहरादून तक विरोध के स्वर उठ रहे हैं. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश चरम पर है, तो वहीं शंकराचार्य भी गुस्से में हैं.
बीते बुधवार को बुराड़ी में मंदिर का शिलान्यास हुआ, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. उन्होंने ही मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. यह देखकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित नाराज हो गए. वे धरने पर बैठ गए. तीन दिन से वे मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पुरोहितों-संतों का कहना है कि भगवान केदारनाथ सिर्फ एक हैं. उनके नाम पर कोई अन्य ट्रस्ट नहीं चलाया जा सकता. उनकी तरह का कोई अन्य मंदिर नहीं बनाया जा सकता.
इस मामले में बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसी केदारनाथ ट्रस्ट द्वारा जो केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है, उससे प्रदेश सरकार का कुछ लेना देना नहीं है. न ही सरकार किसी तरह से उनका सहयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि यह भी शिकायतें सामने आई हैं कि कुछ लोग बद्रीनाथ और केदारनाथ के नाम से ट्रस्ट व संस्थाएं बनाकर श्रद्धालुओं से दान और चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. कुछ लोग ऐप के माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा करने के नाम पर पैसे ले रहे हैं. इनकी जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.