शंकराचार्य

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने पैदा किया राजनीतिक भूचाल

महाराष्ट्र राजनीति
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मुंबई : मुंबई के दौरे पर पहुंचे ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने मातोश्री में ठाकरे परिवार से मुलाकात करने के बाद कहा कि उद्धव के साथ विश्वासघात हुआ. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है. कोई जांच शुरू नहीं हुई है. प्रश्न किया, ‘इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’  उनके इस बयान को महाराष्ट्र में ही नहीं, देश की राजनीति में बड़े भूचाल का संकेत माना जा रहा है. 

शंकराचार्य ने कहा कि हम हिंदू, धर्म को मानते हैं. हम पुण्य और पाप में विश्वास करते हैं. विश्वासघात को सबसे बड़ा पाप कहा जाता है, यही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है. उन्होंने मुझे बुलाया था. मैं यहां (मातोश्री) आया. उन्होंने स्वागत किया. हमने कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हमें दुख है. जब तक वे दोबारा सीएम नहीं बन जाते, हमारा दुख दूर नहीं होगा. 

देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत की राधिक मर्चेंट की शादी के बाद शंकराचार्य आशीर्वाद देने के लिए मुंबई गए थे. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने शंकराचार्य को अपने आवास पर आमंत्रित किया था. ठाकरे परिवार के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद शंकराचार्य मातोश्री पहुंचे थे. यहां पर शंकराचार्य का सनातन परंपरा से स्वागत किया गया. उद्धव ठाकरे ने परिवार के साथ शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया. इस मौके पर उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और दोनों बेटे भी मौजूद थे. 

इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर पर भी सवाल उठाया. शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है. उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनेगा? और फिर एक और घोटाला होगा. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है. कोई जांच शुरू नहीं हुई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब वे कह रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता.

मातोश्री से निकलने पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उद्धव के साथ विश्वासघात हुआ है. ऐसे में जब अब राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, तब विपक्ष की तरफ से उद्धव ठाकरे को सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है.

शंकराचार्य का इशारा उद्धव ठाकरे को बगावत के जरिए मुख्यमंत्री पद से हटाने जाने की तरफ था. जून, 2022 तक उद्धव ठाकरे सीएम थे. 30 जून को एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे. इससे पहले एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना टूट गई थी. पार्टी के 40 से ज्यादा विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने त्यागपत्र दे दिया था. बाद में उनकी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न भी चला गया था. 

2024 के लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना यूबीटी (उद्धव बाला साहब ठाकरे) से चुनाव मैदान में उतरे थे. पार्टी को 9 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई है.

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