कठुआ गैंगरेप की सुनवाई पंजाब के पठानकोट कोर्ट में होगी

मुकदमे की सुनवाई बंद कमरे में और फास्ट ट्रैक सुनवाई करने का आदेश दिया उच्चतम न्यायालय ने नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप की सुनवाई जम्मू-कश्मीर से बाहर पंजाब के पठानकोट कोर्ट में करने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी. सुनवाई ऑन कैमरा हो उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कठुआ मुकदमे की सुनवाई अदालत के बंद कमरे में होनी चाहिए. शीर्ष कोर्ट ने कठुआ मामले में किसी देरी से बचने के लिए दैनिक आधार पर फास्ट ट्रैक सुनवाई करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई ऑन कैमरा होनी चाहिए. पीड़ित परिवार, वकील और गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश जम्मू-कश्मीर सरकार को कोर्ट ने कहा है कि वह पीड़ित पक्ष को पठानकोट कोर्ट में सरकारी वकील उपलब्ध कराए. साथ ही पीड़ित परिवार, उनके वकील और गवाहों को सुरक्षा दें.

हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग, चालक की मृत्यु, दूसरा जख्मी

धामणगांव स्टेशन के आगे हुआ हादसा, यात्रियों को कोई नुक्सान नहीं अश्विन शाह पुलगांव (वर्धा) : यहां पुलगांव से 4.50 बजे निकली मुंबई-हावड़ा छत्रपति टर्मिनस एक्सप्रेस (ट्रेन क्रमांक 12710 अप) के इंजन में धामणगांव स्टेशन के समीप अचानक लगी आग के बाद ट्रेन को रोकने के क्रम में इंजन का एक चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गए, वहीं सहायक चालक एस.के. विश्वकर्मा (43) की पुलगांव सैन्य अस्पताल में मृत्यु हो गई. यह हादसा आज रविवार, 6 मई को अपराह्न 5 बजे के करीब धामणगांव के आगे हिंगणगांव कासारखेड़ के तलनी स्थित पोल क्रमांक 715 के समीप हुई. ट्रेन रुकने के बाद अनेक यात्री इंजन के पास एकत्र हो गए. बाद में पास के गांव के ग्रामीण भी वहां जुट गए और लोगों को मदद पहुंचाई. ट्रेन रोकने में गंभीर जख्मी सहायक चालक की मृत्यु, चालक भी जख्मी प्राप्त जानकारी के अनुसार धामणगांव रेल्वे स्टेशन से गुजरते वक्त ट्रेन क्रमांक 12710 अप हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस के इंजन तकनीकी कारणों से आग लग गई. इंजन से धुंआ निकलता देख सहायक चालक विश्वकर्मा ने ट्रेन को रोकने के लिए एयरब्रेक लगाई, लेकिन वह बुरी तरह जख्मी हो गए. (बाद में पुलगांव के सैन्य अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई.) ट्रेन तो रुक गई, लेकिन बताया गया कि लगभग 10 मिनट तक इंजन जलता रहा. चालक भी एयर कॉम्प्रेसर से आग बुझाने की कोशिश में बुरी तरह जख्मी हो गए. लेकिन इस हादसे में ट्रेन के यात्रियों को किसी प्रकार की चोट आने या नुकसान होने की खबर नहीं है. मालगाड़ी के चालाक ने धामणगांव स्टेशन को खबर दी इसी दौरान धामणगांव रेल्वे होते हुए पुलगांव की ओर जा रही एक मालगाड़ी चालक ने हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस के इंजन में आग देख कर धामणगांव स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक जे.डी. क़ुलकर्णी को तुरंत सूचित किया और मालगाड़ी वहीं रोक कर गंभीर रूप से जख्मी सहायक चालक को अपनी इंजन में लेकर तुरंत पुलगांव पहुंचाया. पुलगांव पहुंचते ही सेना के आयुध डिपो के सैन्य अस्पताल में जख्मी चालाक को पहुंचाया गया. हादसे के कारण अन्य ट्रेन दो घंटे लेट हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग के कारण यह ट्रेन धामणगांव स्टेशन के समीप दो घंटे रुकी रही. इस कारण पीछे से आने वाली अन्य अप ट्रेन हावड़ा-कुर्ला, वर्धा में और विदर्भ एक्सप्रेस पुलगांव रेल्वे स्टेशन में रुकी रही.

बेटी को हवश का शिकार बनाने वाले बाप को आजन्म कैद की सजा

सेवाग्राम थाना क्षेत्र की घटना, पीड़िता ने शिक्षिका को दी थी लिखित जानकारी रवि लाखे वर्धा : विशेष न्यायाधीश अंजु एस. शेंडे ने यहां 14 वर्षीय बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाने के घृणित अपराध में एक नराधम बाप को भादंवि की धारा 376(2)(एफ)(आई) के तहत मृत्युपर्यन्त आजन्म कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं भरने पर उसे दो महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतानी होगी. सेवाग्राम थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक गजानन वासेकर द्वारा दायर आरोप पत्र के साथ पैरवी अधिकारी ने एएसआई मारोती कांबले ने 11 गवाहों को अदालत में पेश किया. सरकारी पक्ष की ओर से जिला शासकीय अभियोक्ता जी.वी. तकवाले ने 11 गवाहों से जिरह किया और मामले की सफल पैरवी की. इसके बाद अदालत ने आरोपी बाप श्रीहरि उर्फ हरि महादेव बावणे (40) को यह सजा सुनाई. प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 वर्षीया लड़की अपनी अपनी मां के साथ नानी के घर गई हुई थी. उसके माता-पिता के साथ अनबन हो जाने के कारण वह कभी अपनी मां के साथ नानी के घर पर, कभी पिता के घर पर आती-जाती रहती थी. चार-पांच दिन पूर्व उसके पिता हरि महादेव बावणे ने उसे अपने साथ वर्धा तहसील के अपने गांव करंजी भोगे यह कह कर ले आया कि बेटी का स्कूल खुलने वाला है. इसके बाद उसने 30 जून 2016 की रात करीब 2.30 बजे जबरन बेटी के कपड़े उतार कर उसके साथ बलात्कार किया. दूसरे दिन 1 जुलाई 2016 को लड़की स्कूल नहीं गई. 2 जुलाई को जब लड़की स्कूल पहुंची, तब पहले दिन स्कूल न आने और उसे गुमसुम देख शिक्षिका ने उससे कारण पूछा, लेकिन लड़की ने शिक्षिका से कुछ नहीं कहा. पर जब स्कूल की छुट्टी हुई तो अपनी आपबीती लिख कर वह पत्र अपनी शिक्षिका को दे आई. शिक्षिका ने तुरंत गांव के सरपंच से संपर्क कर उनको इसकी जानकारी दी. इसके बाद शिक्षिका और सरपंच बच्ची को लेकर सेवाग्राम थाने पहुंचे और थाने में पीड़िता बच्ची की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज होने के बाद सेवाग्राम पुलिस ने आवश्यक जांच कर लड़की के बाप के विरुद्ध अपराध दर्ज कर उस गिरफ्तार किया. इसके बाद मामले की पूरी छानबीन कर सेवाग्राम थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक गजानन वासेकर आरोप पत्र विशेष न्यायालय में दाखिल किया. सुनवाई के पश्चात विशेष न्यायाधीश श्रीमती शेंडे ने आरोपी बाप को यह सजा सुनाई.

भुजबल दो वर्ष बाद जमानत पर रिहा

महाराष्ट्र सदन निर्माण घोटाला और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में जेल में बंद थे मुंबई : महाराष्ट्र सदन निर्माण घोटाला और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में जेल में बंद एनसीपी नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल (71) को दो साल बाद आखिर जमानत मिल गई. भुजबल मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद थे. मुंबई उच्च न्यायालय ने 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत मंजूर की है. उन्हें रिहा कर दिया गया है. आज शाम तक वे आर्थर रोड जेल से बाहर आए. छगन भुजबल को 14 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह लगातार जमानत पाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल रही थी. इस बीच, उनका स्वास्थ्य भी खराब हो गया था. यह कारण बताकर उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया था. लेकिन यह भी नामंजूर कर दिया गया था. वित्तीय अनियमितता अधिनियम (मनी लांड्रिंग) की धारा 45 के तहत बेहिसाब संपत्ति जमा करने वाले आरोपी को अपराध साबित होने तक जेल में रखने का प्रावधान है. इस प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने घटनाबाह्य कर दिया था. उनपर 857 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, लेकिन जांच एजेंसी इंफोर्स्मेंट डिपार्टमेंट ने उनकी केवल 156 करोड़ की संपत्ति ही जब्त कर सकी है. उनकी ओर से अदालत में अधि. सलभ सक्सेना ने पैरवी की.

महराष्ट्र में सड़कों की टूट-फूट और गड्ढों की सरकार ही कर रही अनदेखी

विभाग के आदेश की स्वयं सार्वजनिक बांधकाम विभाग भी नहीं करता परवाह रवि लाखे वर्धा : महाराष्ट्र में सड़कों और पुलों के निर्माण के बाद गड्ढे पड़ने अथवा टूट-फूट के लिए सीधे सार्वजनिक निर्माण (बांधकाम) विभाग के संबंधित पर्यवेक्षकीय अधिकारी और ठेकेदार पर सिविल अथवा क्रिमिनल कार्रवाई करने का निर्देश जारी करने के बावजूद इस पर राज्य में अमल नहीं हो रहा है. इस आशय का परिपत्र राज्य शासन के सार्वजनिक निर्माण (बांधकाम) विभाग, मुंबई ने पिछले वर्ष ही जारी कर राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग के सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता और सभी विभागीय एवं जिला परिषदों के भी कार्यकारी अभियंताओं को सूचित कर दिया था. विगत 27 अप्रैल 2017 को विभाग के उप सचिव (रास्ते) प्रकाश इंगोले द्वारा जारी इस परिपत्र का राज्य में अभी तक प्रभावी अनुपालन नहीं होने पर यहां नागरिकों ने आश्चर्य व्यक्त किया है. विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार राज्य के डांबरी सड़कों के लिए 15 वर्ष, कांक्रीट सड़कों के लिए 30 वर्ष और पुलों के लिए 100 वर्ष की आयु तय बताई गई है. परिपत्र में स्पष्ट कहा गया है कि इन सड़कों और पुलों के निर्माण के बाद निर्धारित आयु के भीतर गड्ढे पड़ने अथवा टूट-फूट के लिए विभाग के संबंधित पर्यवेक्षकीय अधिकारी और ठेकेदार जिम्मेदार होंगे. परिपत्र के अनुसार सड़कों और पुलों की निर्धारित आयु के भीतर गड्ढे पड़ने अथवा टूट-फूट होने पर विभाग के संबंधित पर्यवेक्षकीय अधिकारी और ठेकेदार पर अदालती सिविल अथवा क्रिमिनल कार्रवाई की जाएगी. लेकिन इस आदेश के साल भर पूरे होने के बावजूद वर्धा जिला सहित राज्य के किसी भी जिले में अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई होने की खबर नहीं है. राज्य महामार्गों के साथ ही जिला परिषदों द्वारा निर्मित ग्रामीण सड़कों की दशा बहुत ही खराब है. सडकों पर गड्ढे और टूट-फूट के कारण आए दिन बड़ी-छोटी दुर्घटनाएं हो रही हैं. ऐसी दुर्घटनाओं के बाद कई बार खराब सड़कों को दुरुस्त करा दिया जाता है. लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं होती. शहरी क्षेत्रों में देखा जाता है कि सड़क बनाने के एक माह के भीतर ही तोड़-फोड़ शुरू कर दी जाती है. यह तोड़-फोड़ नगर परिषद, महापालिका, विद्युत् विभाग, बीएसएनएल, जल प्रदाय विभाग द्वारा किए जाते हैं. कई बार तो ये सरकारी विभाग सार्वजनिक निर्माण विभाग से बिना अनुमति लिए भी तोड़-फोड़ करते हैं और सड़क पर बनाए गड्ढे केवल मिट्टी भर कर छोड़ देते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है की ऐसी करतूतों को सार्वजनिक विभाग ही नजरंदाज कर देता है. न तो तोड़ी गई सड़क दुरुस्त करता है और न तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करता. सरकार भी लगातार विभाग की ऐसी आपराधिक लापरवाही को नजरंदाज कर रही है. जनप्रतिनिधियों की ऐसे मामलों पर चुप्पी भी दुर्भाग्यपूर्ण है.

‘त्वरित न्याय’ के लिए ‘इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ आरंभ होगा

'त्वरित न्याय' के लिए 'इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम' आरंभ होगा महाराष्ट्र गृह विभाग ने केंद्र पोषित सिस्टम के लिए 47 करोड़ का प्रस्ताव पेश किया मुंबई : महाराष्ट्र शासन के गृह मंत्रालय ने केंद्र सरकार द्वारा निधि पोषित एक ऐसी 'इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम' (आईसीजेएस) आरंभ करने का निर्णय किया है, जो 'त्वरित न्याय' (स्पीडी जस्टिस) के लिए अपराध से संबंधित एकीकृत सूचनाएं विभिन्न एजेंसियां आपस में बांट सकें. इसके लिए केंद्र की ओर से आवश्यक निधि दी जा रही है. इससे आपराधिक मामलों के अन्वेषण में महत्वपूर्ण सूचनाओं का बेहतर डिजिटल समन्वय करने में सरकार को मदद मिलेगी साथ ही इसमें पारदर्शिता भी बनी रहेगी. राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने हाल ही में राज्य के बजट से संबंधित मामलों सहित आईसीजेएस की भी समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. इसमें गृह विभाग ने इस सिस्टम के सफल कार्यान्वयन के लिए 47 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पेश किया है. इसके अंतर्गत पुलिस, फॉरेंसिक लैब और कोर्ट के बीच एकीकृत सूचनाएं संबंधित केस के अनुसंधान के साथ ही कोर्ट की सुनवाई और कार्यवाही में तत्काल प्राप्त हो जाएं. गृह मंत्रालय की ओर से बैठक में बताया गया कि इस प्रक्रिया से संबंधित आपराधिक मामलों के पुलिस अनुसंधान से लेकर इसमें कोर्ट के फैसले तक में पूरी पारदर्शिता बरतने में मदद मिलेगी और न्याय प्रक्रिया में तेजी आ सकेगी. ज्ञातव्य है कि महाराष्ट्र में राज्य शासन ने 'सीसीटीएनएस' सिस्टम पहले से बहाल कर रखा है. इससे अपराध और आपराधिक गतिविधियों के लिए ट्रैकिंग नेटवर्क के जरिए पूरे राज्य में पुलिस आवश्यक सूचना पता कर लेती है. आईसीजेइस के साथ इसे लिंक करने से उसे और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी.

20 मेगावाट गव्हाणकुंड सौर ऊर्जा प्रकल्प का निर्माण कार्य आरंभ

मुख्यमंत्री के इस 'ड्रीम प्रोजेक्ट' को साकार करने में जुटे मुख्य अभियंता(सौर) अमरावती : महानिर्मिती के अंतर्गत मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना के अंतर्गत वरुड तहसील के अंतर्गत 20 मेगावाट गव्हाणकुंड सौर ऊर्जा प्रकल्प का निर्माण कार्य पिछले 26 अप्रैल से वहां शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस "ड्रीम प्रोजेक्ट" को पूरा करने में नागपुर विभाग के मुख्य अभियंता मिलिंद नातू स्वयं अपने सहयोगियों साथ जुट गए हैं. पिछले 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने किया था भूमिपूजन इस प्रकल्प का भूमिपूजन पिछले 24 दिसंबर 2017 को जिले के वरुड तहसील के गव्हाणकुंड में मुख्यमंत्री फड़णवीस ने किया था. 20 मेगावाट विद्युत् उत्पादन क्षमता वाले इस प्रकल्प के निर्माण में विलम्ब के कारण तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई थीं. प्रकल्प का निर्माण शुरू हो जाने से अब इसपर विराम लग गया है. 12 महीने में पूरा हो जाएगा प्रकल्प का निर्माण कार्य महानिर्मिती के संचालक(प्रकल्प) विकास जयदेव ने बताया गव्हाणकुंड सौर ऊर्जा प्रकल्प का काम आगामी 12 महीने में पूरा कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए विभिन्न स्तर पर प्रशासकीय और तकनिकी छानबीन और मंजूरी के उपरांत प्रकल्प की ई-निविदा प्रक्रिया पारदर्शकता के साथ पूरी कर गत 25 अप्रैल को मुख्य अभियंता(स्थापत्य), कोराडी ने कार्यादेश दिया. इसके साथ ही 26 अपील से प्रकल्प का काम शुरू कर दिया गया. गव्हाणकुंड में 30 हेक्टर भूमि पर सौर ऊर्जा प्रकल्प का निर्माण और विकास कार्य नागपुर विभाग के मुख्य अभियंता मिलिंद नातू की देखरेख में मेसर्स संगम एडवायजर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. इसके भूमि का मिट्टी परीक्षण, भूमि का समतलीकरण के साथ 2.5 किलोमीटर पहुंच मार्ग का भी निर्माण भी पूरा कर लिया गया है.

सुमित मलिक बने महाराष्ट्र के मुख्य सूचना आयुक्त

लोकायुक्त एम.ए. टहलियानी ने दिलाई मलिक को पद की शपथ मुंबई : राज्य मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ गुरुवार को यहां सुमित मलिक ने ली. लोकायुक्त एम.ए. टहलियानी ने मलिक को पद की शपथ दिलाई. इसके बाद मलिक ने प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त ए.के. जैन से पद भार लिया. इस मौके पर मुख्य सचिव डी.के. जैन, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव यू.पी.एस. मदान, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव तथा मुख्य राजशिष्टाचार अधिकारी राजगोपाल देवरा, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव महेश झगड़े, वित्त विभाग के प्रधान सचिव नितिन गद्रे सहित अन्य विभागों के सूचना आयुक्त उपस्थित थे.

जिन्ना की तस्वीर के साथ गोडसे पर टिप्पणी कर फंसे जावेद अख्तर

गीतकार अख्तर की ट्वीट पर लोगों ने गिनाए जिन्ना के कारनामे और कुछ ने पूछा कहां लगी है गोडसे की तस्वीर? मुंबई : बॉलीवुड फेम मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने ट्विटर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने को शर्मनाक तो बताया, लेकिन साथ ही उनकी यह टिप्पणी कि 'जिन्ना की तस्वीर का विरोध करने वालों को अब नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने वालों का विरोध करना चाहिए', अनेक लोगों के गले में नहीं उतरी. जावेद अख्तर के जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने के समर्थन का तो लोगों ने ट्विटर पर ही स्वागत तो किया है, वहीं गोडसे की टिप्पणी को लेकर उन्हें आड़े हाथों भी ले रहे हैं. ज्ञातव्य है कि जिन्ना की तस्वीर को हटाने को लेकर विवाद के चलते अलीगढ़ में तनाव का माहौल है. वहां छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थीं. कुछ लोगों ने उनके ट्वीट के जवाब में तारीफ़ भी की है तो कुछ उनके पीछे भी पड़े हैं. यहां देखें कुछ जवाबी ट्वीट की बानगी- - जावेद अख्तर के इस ट्वीट के जवाब में विवेक कुमार विश्वास ने कहा - 'जावेद अख्तर को गोडसे के बारे में एक अलग ट्वीट करना चाहिए था. विवेक ने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष ट्वीट करके अख्तर ने पूरे मुद्दे को ही हल्का बना दिया है.' - एक ट्विटर यूजर ने अख्तर से पूछा कि वो एक ऐसी शिक्षण संस्था बता दें, जहां गोडसे की फोटो लगाई गई हो. - वहीं एक हर्षदीप ने अख्तर का समर्थन करते हुए कहा है कि 'जिन्ना और गोडसे का एक ही ट्वीट में ज़िक्र बिलकुल भी आपतिजनक नहीं है. दोनों गोडसे और जिन्ना ने भारत का नुक्सान ही किया है.' - आसिफ रफीक ने कहा- 'जिन्ना ने भारत और पाकिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के एक म्यूजियम की फोटो भी शेयर करी, जिसमे जिन्ना और गाँधी दोनों के ही पुतले लगे हैं.' - नुज़त फिरदौस ने ट्वीट कर कहा, 'इस लिहाज़ से तो मुंबई में स्थित जिन्ना हाउस और गुंटूर के जिन्ना टावर का नाम भी बदल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने ने यह भी कहा - ये इतिहास का हिस्सा हैं और इनका सम्मान करना चाहिए. - एक और यूजर का मानना है, 'AMU सरकारी पैसे से चलता है और ये कोई निजी संसथान नहीं है. जिन्ना के हाथ खून से रंगे हैं और वो हमारा आदर्श नहीं बन सकते हैं.'

बस संचालक डेढ़ गुणा से अधिक किराया मांगें तो करें शिकायत, रद्द होगी परमिट

मुंबई हाईकोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र के परिवहन विभाग ने कसी कमर, करेंगे तुरंत कार्रवाई मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए महाराष्ट्र सरकार के परिवहन विभाग ने यात्रियों का आह्वान किया है कि कोई भी बस संचालक या चालक मूल किराए से डेढ़ गुणा या उससे अधिक किराए की मांग करें तो राज्य के बस यात्री फोन क्रमांक 022-62426666 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. मुंबई के नागरिक 1800220110 टोल क्रमांक पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. शिकायतकर्ता विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं. राज्य परिवहन विभाग का पूरे दावे के साथ कार्रवाई का वादा राज्य परिवहन विभाग ने पूरे दावे के साथ यह वादा किया है कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. जांच में दोषी पाए जाने पर सम्बंधित बस चलाने के लिए दी गई अनुमति अर्थात बस की परमिट रद्द कर दी जाएगी. दोगुणा-तिगुणा बस किराया वसूलते हैं निजी बस संचालक ज्ञातव्य है कि ग्रीष्मकालीन या दीपावली के साथ अन्य छुट्टी के दिनों में निजी बस संचालक सामान्य दिनों अपेक्षा दोगुणा-तिगुणा बस किराया वसूलते हैं. इस समस्या के निवारण हेतु सरकार ने टिकट दर पर नियंत्रण रखने का निर्णय लिया है. इस निर्णय को अमल में लाने और सफल बनाने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने बस यात्रियों से इस सन्दर्भ में शिकायतें दर्ज करवाने की अपील की है. मुंबई हाईकोर्ट का आदेश मुंबई हाईकोर्ट के निर्देशानुसार निजी यात्री परिवहन करने वाली बसों का दर निश्चित करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. छुट्टी के दिनों में ये बस संचालक यात्रियों से एसटी बस भाड़े की तुलना में डेढ़ गुणा अधिक भाड़ा यात्रियों से वसूल सकते हैं. केंद्र सरकार के सेंट्रल इंस्टिट्यूट फॉर रोड ट्रांसपोर्ट के रिपोर्ट में निजी बस संचालकों को सरकारी बस की तुलना में डेढ़ गुणा अधिक बस किराया वसूलने की छूट दी गई हैं. छुट्टी के दिनों सह त्योहार के अवसरों पर ट्रेन में आरक्षण मुश्किल होता हैं, वेटिंग लिस्ट 100 के ऊपर पहुंच जाती है. ऐसे में पर्यायी व्यवस्था के रूप में आवागमन के लिए आम नागरिकों के लिए यात्री बस ही एकमात्र उपाय होता है.