बेटी को हवश का शिकार बनाने वाले बाप को आजन्म कैद की सजा

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सेवाग्राम थाना क्षेत्र की घटना, पीड़िता ने शिक्षिका को दी थी लिखित जानकारी

रवि लाखे
वर्धा :
विशेष न्यायाधीश अंजु एस. शेंडे ने यहां 14 वर्षीय बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाने के घृणित अपराध में एक नराधम बाप को भादंवि की धारा 376(2)(एफ)(आई) के तहत मृत्युपर्यन्त आजन्म कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं भरने पर उसे दो महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतानी होगी.

सेवाग्राम थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक गजानन वासेकर द्वारा दायर आरोप पत्र के साथ पैरवी अधिकारी ने एएसआई मारोती कांबले ने 11 गवाहों को अदालत में पेश किया. सरकारी पक्ष की ओर से जिला शासकीय अभियोक्ता जी.वी. तकवाले ने 11 गवाहों से जिरह किया और मामले की सफल पैरवी की. इसके बाद अदालत ने आरोपी बाप श्रीहरि उर्फ हरि महादेव बावणे (40) को यह सजा सुनाई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 वर्षीया लड़की अपनी अपनी मां के साथ नानी के घर गई हुई थी. उसके माता-पिता के साथ अनबन हो जाने के कारण वह कभी अपनी मां के साथ नानी के घर पर, कभी पिता के घर पर आती-जाती रहती थी. चार-पांच दिन पूर्व उसके पिता हरि महादेव बावणे ने उसे अपने साथ वर्धा तहसील के अपने गांव करंजी भोगे यह कह कर ले आया कि बेटी का स्कूल खुलने वाला है. इसके बाद उसने 30 जून 2016 की रात करीब 2.30 बजे जबरन बेटी के कपड़े उतार कर उसके साथ बलात्कार किया.

दूसरे दिन 1 जुलाई 2016 को लड़की स्कूल नहीं गई. 2 जुलाई को जब लड़की स्कूल पहुंची, तब पहले दिन स्कूल न आने और उसे गुमसुम देख शिक्षिका ने उससे कारण पूछा, लेकिन लड़की ने शिक्षिका से कुछ नहीं कहा. पर जब स्कूल की छुट्टी हुई तो अपनी आपबीती लिख कर वह पत्र अपनी शिक्षिका को दे आई. शिक्षिका ने तुरंत गांव के सरपंच से संपर्क कर उनको इसकी जानकारी दी. इसके बाद शिक्षिका और सरपंच बच्ची को लेकर सेवाग्राम थाने पहुंचे और थाने में पीड़िता बच्ची की शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत दर्ज होने के बाद सेवाग्राम पुलिस ने आवश्यक जांच कर लड़की के बाप के विरुद्ध अपराध दर्ज कर उस गिरफ्तार किया. इसके बाद मामले की पूरी छानबीन कर सेवाग्राम थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक गजानन वासेकर आरोप पत्र विशेष न्यायालय में दाखिल किया. सुनवाई के पश्चात विशेष न्यायाधीश श्रीमती शेंडे ने आरोपी बाप को यह सजा सुनाई.

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