नरभक्षी बाघिन आखिरकार मारी गई

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वन विभाग की रेस्क्यू टीम पकड़ नहीं पाई तो मार गिराई

यवतमाल (महाराष्ट्र) : 13 लोगों की जान ले लेने वाली पांढरकवड़ा की नरभक्षी बाघिन टी-1 को आखिरकार वन विभाग की रेस्क्यू टीम पकड़ पाने विफल होने पर शुक्रवार की रात मार गिराने में सफल हो गई. पिछले 47 दिनों से वन विभाग इस बाघिन को पकड़ने अथवा मारने के प्रयास का बड़ा भारी अभियान चला रही थी.

वन विभाग के सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के पांढरकवड़ा के जंगल में 5 वर्ष की यह बाघिन शुक्रवार की रात करीब 11 बजे विभाग द्वारा नियुक्त शूटर दल के प्रमुख हैदराबाद के नवाब शहाफत अली खान के पुत्र असगर अली खान की गोली का शिकार बनी.

सूत्रों के अनुसार रेस्क्यू टीम शुक्रवार की रात बाघिन की खोज में जुटी थी. रात करीब सवा दस बजे बाघिन नजर आई. टीम ने उसे घेर कर पकड़ने अथवा उसे बेहोश करने का अथक प्रयास किया. लेकिन बाद में वह असगर अली खान की गोलियों का शिकार हुई.

मृत बाघिन का शव नागपुर भेजा गया है. अपुष्ट खबरों के मुताबिक शनिवार को वहां उसका पोस्टमार्टम होने वाला था. बताया जाता है कि टी-1 बाघिन के 11 महीने के दो शावक (बच्चे) भी हैं. उन शावकों का पता लगाना अब वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है.

इस बाघिन के कारण जिले के केलापुर, रालेगांव और कलंब तहसीलों में ऐसी दहशत थी कि किसानों ने खेती का काम बंद कर दिया था. नरभक्षी बन गई यह बाघिन इन्हीं तहसील क्षेत्रों और पड़ोसी जिलों में घू रही थी और लोगों को अपना शिकार बना रही थी. पांढरकवड़ा वन विभाग के रालेगांव और पांढरकवड़ा वनपरिक्षेत्र में नरभक्षी बाघिन लोगों के लिए बहुत बड़ा खौफ बनी हुई थी.

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