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‘आम बाजरा अनाज महोत्सव’ ने मचाई नागपुर में धूम 

कृषि और किसान नागपुर
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जब सिस्टम गढ़चिरौली के जीवनगट्टा गांव को दिला देता है नई पहचान!

नागपुर : कोंकण के देवगढ़ के हापुस आम से लेकर गढ़चिरौली जिले के जीवनगट्टा गांव के देसी आम ‘गोला’ तक, खानदेश के ज्वार से लेकर वर्धा नागपुर जिले के केसर तक, दशहरी से लेकर सफेदा तक, विविधता का मुख्य आकर्षण है ‘आम बाजरा अनाज महोत्सव’.  महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से यहां कुसुमताई वानखेड़े भवन में 16 तारीख से शुरू हुए आम बाजरा अनाज महोत्सव को नागपुर वासियों का शानदार प्रतिसाद (response) मिला है.

गढ़चिरौली के जीवनगट्टा गांव से कृषि स्नातक प्रणाली गावड़े ने अपने कौशल का उपयोग करते हुए आत्मविश्वास से गांव के स्वदेशी गोला आम को विभिन्न प्रकार के आम, टमाटर, लहसुन के अचार के साथ हापुस पंक्ति में रखा है.

“ मैं अपने गांव की पहली महिला कृषि स्नातक बन रही हूं. मैं प्रयास कर रही हूं कि मेरी मां द्वारा स्थापित आदिवासी महिला स्व-सहायता समूह में कृषि शिक्षा को जोड़कर उसका मूल्य कैसे बढ़ाया जाए.’ प्रणाली गावड़े ने बताया कि आदिवासी महिलाओं के पारंपरिक कौशल के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण में थोड़ी वैज्ञानिक प्रक्रिया जोड़कर, उन्होंने भांग, टमाटर का अचार, आंवला प्रसंस्कृत सिरप, प्राकृतिक रूप में आम का रस जैसे कुछ उत्पादों के साथ एक स्टॉल लगाने का फैसला किया है. मैं इस गतिविधि के माध्यम से एक नया आत्मविश्वास महसूस कर रही हूं और विश्वास प्रणाली ने दिखाया है कि मैं इसे हमारे जीवनगुट्टा में अन्य महिलाओं तक ले जाऊंगी. वह जंगली सब्जियां समेत अन्य उत्पाद बेचती हैं.

इस महोत्सव में कुल 57 स्टॉल हैं. इनमें से 25 स्टॉल आम के और 32 स्टॉल बाजरा अनाज के हैं. वरुड के किसान प्रशांत वेखंडे ने अपने खेत में प्राकृतिक रूप से उगाए गए दशहरी, लड्डू, लंगड़ा, सफेदा, चौसा जैसे आमों को बिक्री के लिए रखा है. 
कई महिलाओं ने अपने विविध उत्पादों से उपभोक्ताओं का ध्यान खींचा है. इस स्थान पर विभिन्न प्रकार के बाजरा, बाजरी, नचनी, वरई, राला आदि, बिस्कुट, पापड़, हल्दी, गवरन तेजा मिर्च और अचार बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. यह महोत्सव उत्तरी अंबाझरी रोड पर कुसुमताई वानखेड़े सभागार में 19 मई तक सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक सभी के लिए खुला है.

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