बाघ साहेबराव जल्द चल सकेगा नकली पैरों पर

नागपुर संभाग विदर्भ
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नागपुर : बाघ साहेबराव, को नकली पैर लगाया जाएगा. दुनिया में पहली बार किसी बाघ को नकली पैर लगाया जाने वाला है. उसके लिए देश के चोटी के ऑर्थोपीडिक सर्जन और महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के डॉक्टर एकजुट हुए हैं.

शिकारियों के पिंजड़े में फंसकर गंवा चुका है अपना पैर

आठ साल के साहेबराव को गोद लेने वाले ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. सुश्रुत बभूलकर के अनुसार 2012 में शिकारियों के पिंजड़े में फंसकर वह अपना पैर गंवा चुका है. साहेबराव, जब दो साल का था तब वह और उसका भाई शिकारियों के जाल में फंस गए थे. उसके भाई को बचाया नहीं जा सका था, जबकि साहेब का एक पैर घायल हो गया था.

जर्मनी के एओ फाउंडेशन से आर्टिफिशल पैर मंगाएंगे

डॉ. बभूलकर ने बताया कि अब तक कुत्तों और हाथियों को कृत्रिम पैर लगाए गए हैं, लेकिन बाघों के साथ यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है. उन्होंने बताया बाघ को लंगड़ाकर चलते हुए देख उन्होंने बहुत बुरा लगता है. इसलिए, अब वह जर्मनी के एओ फाउंडेशन से आर्टिफिशल पैर मंगाएंगे. यह फाउंडेशन इंसानों और जानवरों में फ्रैक्चर ठीक करने में एक्सपर्ट माना जाता है.

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