कर्नाटक : ‘मोदी की तकदीर खराब रही, तभी कांग्रेस के लिए चमत्कार की उम्मीद’

मतगणना आज, कांग्रेस पर्यवेक्षकों को ही भाजपा के लिए पूर्ण बहुमत मिलने की आशंका विशेष संवाददाता नई दिल्ली : कर्नाटक में मंगलवार, 15 मई को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए मतों की गणना होगी. सुविज्ञ सूत्रों का अनुमान है कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के अप्रत्याशित परिणाम आएंगे. हालांकि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की मुख्य परिद्वन्द्वी भाजपा ही रही. लेकिन परिणामों को लेकर विभिन्न न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल ने जो त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी कर दी है, लेकिन परिणाम उससे बिलकुल अलग ही आने के संकेत मिलाने लगे हैं. कांग्रेस द्वारा राज्य में भेजे गए चुनाव पर्यवेक्षकों का ही मानना है कि कर्नाटक में भाजपा भारी नहीं तो पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली है. कांग्रेस की स्थिति से निराश कर्नाटक से लौटे एक कांग्रेस पर्यवेक्षक का तो यहां तक कहना था कि "नरेंद्र मोदी की तकदीर बहुत खराब रही तभी कांग्रेस के पक्ष में चमत्कार की उम्मीद की जा सकती है." गुजरात से बदतर स्थिति है कर्नाटक में कांग्रेस की उन्होंने "विदर्भ आपला" से अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि राज्य में पार्टी संगठन की हालत बहुत ही नाजुक होना हमारे दुर्भाग्य का केवल एक कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि गुजरात में भी पार्टी संगठन कमजोर था. वहां भी कांग्रेस नेताओं में कोई आपसी तालमेल नहीं था. फिर भी वहां नोटबंदी और पाटीदार आंदोलन समेत अनेक ऐसे फैक्टर थे, अनेक निर्वाचन क्षेत्रों में पाटीदारों का सक्रिय सहयोग था, जिससे कांग्रेस को उम्मीद से अधिक सफलता मिल पाई. लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति बदतर है. कांग्रेस नेता भाजपा की गोद में ही नजर आए उन्होंने बताया कि राज्य में कांग्रेस सरकार के भीतर और बाहर बहुत पहले से ही "पारम्परिक" गुटबाजीऔर नेताओं में आपसी मतभेद चल रहे थे. पार्टी के लगभग सभी नेता और अनेक मंत्री मानो भाजपा की गोद में ही बैठे हुए नजर आए. कार्यकर्ताओं की कहीं कोई पूछ नहीं थी. उन्होंने बताया कि जिला से लेकर ग्राम इकाई तक का पार्टी संगठन भाजपा के मुकाबले शून्य कहा जा सकता है. जहां भाजपा के चार हजार वर्कर कार्य कर रहे थे, वहां कांग्रेस के 40 से 50 कार्यकर्ता ही जूझते दिखाई दे रहे थे. दिल्ली कांग्रेस में बैठे नेताओं ने पार्टी को दुरुस्त करने के लिए कुछ नहीं किया कांग्रेस पर्यवेक्षक ने कहा कि दिल्ली में बैठे हमारे नेताओं को भी इस स्थिति की जानकारी नहीं थी, ऐसा बिलकुल नहीं था. लेकिन पहले से स्थिति को सुधारने की दिशा में कोई विशेष प्रयास नहीं होना राज्य में पार्टी की इस दुर्गति का बड़ा कारण कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पकड़ न तो सरकार में और न पार्टी संगठन में ऐसी रही कि अपने स्तर से वे राज्य में पार्टी संगठन को ताकत दे सकते. दलित के लिए, तब छोड़ेंगे कुर्सी जब... यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया यह कहने का कि 'पार्टी चाहेगी तो वे मुख्यमंत्री पद दलित के लिए छोड़ देंगे,' का क्या मतलब हो सकता है, कांग्रेस पर्यवेक्षक ने कहा कि यह मात्र परिणाम आने तक भ्रम बनाए रखने की बात है. उन्होंने कहा कि जब कर्नाटक में कांग्रेस मुकाबले में ही नहीं...

कलमना स्टेशन को विकसित करने, वहां वेयर हाउस बनाने का सुझाव

नाग विदर्भ चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल मिला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की नई डीआरएम, एडीआरएम से नागपुर : नाग विदर्भ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हेमंतजी गांधी के नेतृत्व में आज सोमवार, 14 मई को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल की नवनियुक्त डीआरएम श्रीमती शोभना बंदोंपाध्याय और एडीआरएम द्वय वी.एच. राठौड़ और बी.के. रथ से डीआरएम कार्यालय में चेंबर का एक प्रतिनिधि मंडल मिला और उनका शाल श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत-सत्कार किया. चेम्बर के महासचिव और SEC रेलवे के DRUCC सदस्य संजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष और सेंट्रल रेलवे के DRUCC सदस्य अश्विनभाई मेहाडिया का परिचय चेम्बर की रेलवे सब कमेटी संयोजक और ZRUCC सदस्य प्रताप मोटवानी ने डीआरएम से करवाया. अध्यक्ष हेमंतभाई गांधी ने नागपुर मंडल में प्रथम बार महिला की इस पद पर नियुक्ति पर अभिनंदन कर जीएम और डीआरएम को चेम्बर में आने का निमंत्रण दिया. इस अवसर पर डीआरएम से इतवारी स्टेशन और कलमना स्टेशन के बारे में चर्चा हुई. उन्हें बताया कि कलमना में एशिया का सबसे बड़ा एपीएमसी मार्केट है, साथ ही वहां दाल मिलें और भारी मात्रा में लकड़ी मिलें हैं. चेम्बर की ओर से डीआरएम से कलमना स्टेशन को पूरी तरह विकसित करने का आग्रह किया गया. मोटवानी ने नागपुर स्टेशन पर ट्रेनों के बढ़ते ट्रैफिक को अजनी की तरह इतवारी और कलमना में शिफ्ट करने तथा कलमना स्टेशन पर वेयर हाउस बनाने का सुझाव दिया. संजय भाई और अश्विन भाई ने भी इतवारी स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया. डीआरएम ने सभी सुझावों को गंभीरता से सूना और इन सुझावों पर अमल करने का आश्वासन दिया.

वेकोलि की खदानों का पानी अब बिजली के साथ खेती के लिए भी

खदान से पिला रही ग्रामीणों को प्रोसेस्ड वाटर, अब किया महाजेनको से करार, सिंचाई के लिए VIDC को भी देगी पानी नागपुर : वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के कोयले के खदानों में जमा पानी न केवल ग्रामीणों के लिए पीने के काम आ रहा है, बल्कि यह पानी बिजली बनाने के साथ ही किसानों की खेती में सिंचाई के लिए भी काम आने वाला है. महाजेनको को 10.76 एम.एम.क्यूब पानी प्रति वर्ष नि:शुल्क देगी वेकोलि हाल ही में वेकोलि ने महाजेनको के साथ भानेगांव खदान से निकले पानी का उपयोग खापरखेड़ा विद्युत ताप गृह में निःशुल्क करने संबंधी सहमति-पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस करार के अनुसार, वेकोलि महाजेनको को 10.76 एम.एम.क्यूब पानी प्रति वर्ष नि:शुल्क देगी. विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल भी लेगा पानी वर्तमान में विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल (VIDC) के पेंच प्रोजेक्ट से महाजेनको 37 एम.एम क्यूब पानी लेता है. इस नई व्यवस्था से महाजेनको की बड़ी रकम भी बचेगी और, VIDC के पानी का उपयोग नागपुर शहर के लिए हो सकेगा. इसी संदर्भ में, कोयला कम्पनी VIDC से भी एक अन्य सहमति-पत्र (MOU) पर करार करने जा रही है, ताकि उसका सदुपयोग हो सके. सामाजिक दायित्व निभाने में सक्रिय है वेकोलि अपना कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत, वेकोलि अपने कमांड क्षेत्र की आबादी की खुशहाली एवं कल्याण के लिए सक्रिय और प्रयत्नशील है. इसके पूर्व, वेकोलि ने नागपुर के पास नीलगांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए एक प्रोसेस्ड वाटर प्लांट लगवाया, जिससे इस गांव के करीब 800 लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है. इस प्लांट की पाली शुद्ध करने की क्षमता 1,000 लीटर प्रति घंटा है. इस संयंत्र में कोयला खदान का पानी पाइप लाइन के जरिये करीब डेढ़ किलोमीटर दूर से गांव तक लाया जाता है. प्रोसेस्ड पानी पीने के अलावा, खदान का पानी किसानों को खेती और सिंचाई के लिए भी निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है. माजरी के पास प्रोसेस्ड वाटर का एक और प्लांट प्रारम्भ उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, 1 मई को कम्पनी प्रबन्धन ने माजरी के पास आम लोगों के लिए प्रोसेस्ड वाटर का एक और प्लांट प्रारम्भ किया है. नेशनल हाई-वे पर पाटन सावंगी में "कोल नीर" का बॉटलिंग प्लांट बदस्तूर कार्य कर रहा है. वहां लगे नलों से न केवल आस-पास के ग्रामीण पेयजल लेते हैं, बल्कि नेशनल हाई-वे से आने-जाने वाले यात्री भी अपनी गाड़ियाँ रोक कर वहां से पीने का पानी निःशुल्क लेते हैं. कन्हान से कामठी जा रहा है वेकोलि का पानी परिवार के साथ जा रहे मराठवाड़ा के एक प्रोफेसर वहां पानी तो भर ही रहे थे, अपने मोबाइल फोन के कैमरा से प्लांट की फोटो भी ले रहे थे कि मराठवाड़ा के लोगों को वह दिखाएंगे कि नागपुर की कोयला कम्पनी ने हाई-वे पर आम जन के लिए पेयजल उपलब्ध करवाया है, वह भी निःशुल्क. तीन वर्ष पूर्व खदान से निकले पानी को कन्हान से कामठी (K2K) पहुंचाने का पुनीत कार्य वेकोलि ने शुरू किया, जिससे वहां के लोग लाभान्वित हो रहे हैं. अब आइए यह भी जानें कि खदानों से मिल रहे शुद्ध पेयजल पी रहे ग्रामीणों का इसके...

काला धन कानून : चिदंबरम परिवार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने की नवाज शरीफ से तुलना नई दिल्ली : आयकर विभाग ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और पुत्रवधू श्रीनिधि के खिलाफ ‘काला धन अधिनियम’ के तहत आज चार चार्जशीट दाखिल किया है. आयकर विभाग की ओर से चेन्नई में एक विशेष अदालत के सामने काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) की धारा 50 और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत ये चार्जशीट दाखिल किए गए. उल्लेखनीय है कि काला धन के खिलाफ अपने अभियान के तहत 2015 में नरेन्द्र मोदी सरकार यह कानून लाई थी. आयकर विभाग के अनुसार यह चार्जशीट विदेश स्थित अपनी संपत्ति का कथित रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर दाखिल किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच अपने ‘तार्किक निष्कर्ष’ पर पहुंच गई, उसके बाद यह चार्जशीट दाखिल किए गए हैं. रक्षा मंत्री निर्मला ने लपेटा राहुल को, पूछे सवाल चिदंबरम परिवार पर चार्जशीट दाखिल होने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लपेटते हुए प्रश्न किया है. उन्होंने पूछा है कि स्वयं जमानत पर चल रहे कांग्रेस अध्यक्ष क्या पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तरह विदेश में अपनी संपत्ति छुपाने वाले अपने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री को पार्टी से अलग करने की कार्रवाई करेंगे? ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और अमेरिका में अघोषित संपत्ति अधिकारियों के अनुसार ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ रुपए मूल्य की एक अचल संपत्ति, उसी देश में 80 लाख रुपए की संपत्ति और अमेरिका में स्थित 3.28 करोड़ रुपए की संपत्ति का आंशिक या पूर्ण रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर नलिनी, कार्ति और श्रीनिधि को आरोपी बनाया गया है. परिवार ने किया काला धन कानून का उल्लंघन चार्जशीट में दावा किया गया है कि चिदंबरम के परिवार ने काला धन कानून का उल्लंघन करते हुए इन निवेशों का खुलासा आंशिक या पूर्ण रूप से आयकर विभाग के समक्ष नहीं किया. साथ ही, ‘चेस ग्लोबल एडवाइजरी’ द्वारा किए गए निवेश का भी खुलासा नहीं किया, जिस कंपनी में कार्ति का सह-मालिकाना हक है. नोटिस भेजने के बावजूद नहीं दिया ब्यौरा आयकर विभाग ने इस मामले में कार्ति और उनके परिवार के सदस्यों को हाल ही में नोटिस जारी किया था. वहीं, कार्ति ने जांच में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा था कि वह संपत्ति का ब्योरा और इससे जुड़े पिछले साल के लेन देन का ब्योरा पहले ही दूसरे कर प्राधिकार को सौंप चुके हैं और एक ही कानून के तहत किसी के व्यक्ति के खिलाफ समानांतर कार्यवाही नहीं हो सकती.

दूल्हा एक, दुल्हन दो, वो भी सगी बहनें

मामा की बड़ी बेटी से बचपन में ही तय कर दी गई थी शादी, लेकिन शर्त... नांदेड़ (महाराष्ट्र ) : नांदेड़ जिला मुख्यालय से 82 किलोमीटर दूर बिलोली तहसील का कोटग्याल गांव पिछले कुछ दिनों से पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल इस चर्चा की वजह 5 मई को यहां हुई एक शादी है, जिसमें दूल्हा तो एक था लेकिन दुल्हन दो थीं. धुरपता और राजश्री शिरगिरे दोनों सगी बहनें हैं और इन्होंने साईनाथ उरेकर से शादी की है. 60 साल के गंगाधर शिरगिरे की तीन बेटियां हैं- राजश्री, धुरपता और ज्योति. बेटा न होने के कारण वह अपनी बहन के लड़के साईनाथ उरेकर को बचपन में ही अपने घर लेकर आए, वह तब से उनके साथ रहते आ रहे हैं. दुल्हन की शर्त थी-बड़ी बहन को भी अपनाना होगा बताया गया कि बचपन में साईनाथ की शादी धुरपता से करना तय किया गया था. लेकिन धुरपता बचपन से ही मंदबुद्धि है और वह हमेशा ही बीमार रहती है. धुरपता का इलाज नहीं हो पाने के कारण उसकी शादी राजश्री के साथ करने का फैसला लिया गया. लेकिन राजश्री ने साईनाथ के सामने शर्त रख दी कि "अगर मुझसे शादी करनी है तो मेरी बड़ी बहन को भी अपनाना होगा." राजश्री की यह शर्त साईनाथ ने भी मान ली और 5 मई 2018 को उनकी शादी हो गई. कानून के डर से शिरगिरे परिवार परेशान दूल्हा दुल्हन के परिवार की मानसिक स्थिति जानने के लिए बीबीसी की टीम ने गांव के कुछ और लोगों से बातें की. उनमें से एक संतोष पाटिल ने बताया, "कानून के डर से शिरगिरे परिवार परेशान है और उन्हें काउंसलिंग की जरूरत है." संतोष बताते हैं कि इस शादी की वजह से पारंपरिक तौर तरीकों से चलते आ रहे हमारे गांव की चर्चा अब सभी जगह हो रही है, इसलिए शिरगिरे परिवार में थोड़ी बेचैनी है. कानूनन दो शादियां करना है गुनाह इस मामले में अधिक जानने के लिए बीबीसी की टीम ने वकील असीम सरोदे से बात की. उन्होंने बताया, "क़ानून के अनुसार दो शादियां करना गुनाह है. आप एक साथ दो पत्नी नहीं रख सकते. इस मामले में, इनमें से अगर कोई एक बहन चाहेगी तो केस दर्ज हो सकता है. इस तरह की शादियां न हों, यह महिला और बाल कल्याण विभाग की ज़िम्मेदारी होती है. ये लोग इस पर स्वतः कार्रवाई भी कर सकते हैं. उनके पास आए हुए रिपोर्ट या न्यूज़ के अनुसार वो लोग कार्रवाई भी कर सकते हैं." दोनों से शादी करने में भावनात्मक अपील ज्यादा, अपराध करना उद्देश्य नहीं वकील सरोदे कहते हैं, "मामले को दर्ज किया जाना आसान है. लेकिन देखा जाए तो जिस उद्देश्य से उस लड़के ने दोनों बहनों से शादी की उसमें भावनात्मक अपील ज्यादा दिखता है. इसका मतलब यह है कि अपराध करना उनका उद्देश्य नहीं था." उन्होंने कहा, "इस मामले में क़ानून का शिकंजा कसने से फ़ायदा नहीं होगा. सभी लोगों को मिल कर इसका हल निकालना चाहिए."

बूढ़े मां-बाप पर किसी भी प्रकार का अत्याचार करने वालों पर बढ़ने वाली है...

प्रस्तावित अधिनियम में दत्तक पुत्र-पुत्री, सौतेले बच्चे, दामाद, बहू, पोता-पोती भी कानूनी रूप से होंगे वैध अभिभावक नई दिल्ली : केंद्र सरकार बूढ़े मां-बाप पर किसी भी प्रकार की अत्याचार करने वालों पर सजा बढ़ाने पर विचार कर रही है. अभी इसकी सजा 3 महीने है. सूत्रों के अनुसार इसे बढ़ाकर 6 महीने कर दिया जाएगा. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि 'मेनटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स ऐंड सीनियर सिटिजन (एमडब्ल्यूपीएससी) ऐक्ट-2007' की समीक्षा की जा सकती है. इसमें बच्चों की परिभाषा का विस्तार करने का भी प्रस्ताव है. इस परिभाषा में दत्तक पुत्र/पुत्री, सौतेले बच्चे, दामाद, बहू, पोता/पोती भी कानूनी रूप से वैध अभिभावक के तौर पर दर्ज किए जाएंगे. मौजूदा अधिनियम के में केवल बायलॉजिकल बच्चे ही अभिभावक के अंतरगत आते हैं. मंत्रालय ने एमडब्ल्यूपीएससी ऐक्ट-2018 का प्रारूप पेश कर दिया है. मंजूरी मिलने बाद यह लागू हो जाएगा. इस प्रारूप में महीने के 10,000 रुपए के मेंटिनेंस के अलावा भी कुछ करने का प्रस्ताव रखा गया है. एक अधिकारी ने बताया, 'जो लोग ज्यादा कमाते हैं, उन्हें अपने माता-पिता को ज्यादा रुपए देने चाहिए. इसमें खाना, कपड़ा, रहने और स्वास्थ्य के अलावा सुरक्षा भी शामिल होनी चाहिए.' वर्तमान कानून के तहत बुजुर्गों को अधिकार दिया गया है कि वह 10,000 रुपए अपने बच्चों से ले सकते हैं. अगर बच्चे ऐसा करने से इनकार करते हैं तो वे मेंटिनेंस ट्राइब्यूनल जा सकते हैं.

वजहें अनेक बताई जा रही हैं औरंगाबाद हिंसा की

पिछले कई दिनों से सुलग रही थी दो समुदायों के बीच तनाव की चिंगारी औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : औरंगाबाद में शुक्रवार रात को हुई हिंसा के पीछे सिर्फ नल कनेक्शन का विवाद नहीं है, बल्कि और भी वजहें सामने आई हैं. पहली वजह बताई जाती है कि शाहगंज में 3 करोड़ रुपए की लागत से ऐतिहासिक सरदार बल्लभ भाई पटेल पुतले का नूतनीकरण किया जाना है लेकिन, वहां पान टपरी लगाने वाले हटने के लिए तैयार नहीं हैं. इससे धार्मिक वैमनस्य बढ़ा. दूसरा, शाहगंज बाजार पेठ में दुकानों के सामने ठेला लगता है. व्यापारियों ने पार्षद लच्छू पहलवान से इसकी शिकायत की थी. लच्छू पहलवान ने फेरीवालों को हटाने के लिए महानगर पालिका को पत्र दिया था. इससे एक गुट भड़क गया था. तीसरी वजह है अधिक भयंकर इस हिंसा के पीछे जो तीसरी वजह है, वह अधिक भयंकर है. बताया गया है कि कुछ दिन पहले शाहगंज में एक व्यक्ति ने आम खरीदा था, जिसमें से अधिकतर आम खराब निकले. खराब आम बदलने के लिए जब व्यक्ति दुकानदार के पास गया तो कई लोगों ने मिलकर उसे पीट दिया था. शिवसेना के नेताओं ने बताई एक और कारण एक और कारण शिवसेना के नेताओं ने बताई है. उनके अनुसार हिंसाग्रस्त इलाके में एक महिला से छेड़छाड़ की गई थी. इसके बाद दो समुदाय एक दूसरे से भिड़ गए थे. तब स्थिति इतनी तनावपूर्ण नहीं हुई थी लेकिन, हिंसा शुरू होने पर विवाद की सारी कड़ियां जुड़ती चली गईं जिससे मामला बढ़ गया. दम घुटकर हुई दिव्यांग जगनलाल की मौत हिंसा की आग में दिव्यांग जगनलाल बंसीले (62) और अब्दुल हारून कादरी (17) की मौत हो गई. पता चला है कि जगनलाल के घर के बाहर उपद्रवियों ने उत्पात मचाया. इस दौरान घर में आग लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं, अब्दुल पुलिस की प्लास्टिक बुलेट से घायल हुआ था. उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई. लच्छू पहलवान पर कार्रवाई की मांग की ओवैसी ने एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना के लिए पार्षद लच्छू पहलवान की भूमिका की जांच मांग ट्वीट कर की है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजने की भी अपील की है.

तेज प्रताप-ऐश्वर्या की हुई शादी, सीएम नीतीश कुमार ने भी दिया आशीर्वाद

वेटनरी कॉलेज परिसर में हुए सभी वैवाहिक कार्यक्रम, दिग्गज नेताओं समेत हजारों हुए शामिल सीमा सिन्हा पटना : राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद की पोती ऐश्वर्या राय के साथ आज रात संपन्न हो गई. करीब 70 हजार लोगों की मौजूदगी में पूरे शाही अंदाज में दोनों एक दूसरे के हो गए. इससे पूर्व विवाह स्थल पटना के वेटनरी कॉलेज के मैदान में बने मंडप पर जयमाल का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इससे पहले पिता चंद्रिका प्रसाद राय के घर से दुल्हन अपने सगे संबंधियों के साथ वेटनरी कॉलेज पहुंची. थोड़ी देर बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की बारात लालू के आवास से वेटनरी कॉलेज के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ निकल कर वहां पहुंची. बारात की शान देखने मार्ग पर लगी रही लोगों की भीड़ हाथी, घोड़े, ऊंट के अलावा सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ निकली बारात को देखने भर के लिए लालू आवास से लेकर वेटनरी कॉलेज मैदान तक लोगों के भारी भीड़ लगी रही. दूल्हे की गाड़ी में पिछली सीट पर पिता लालू प्रसाद यादव और माता राबड़ी देवी बैठे थे. नाचे झूमते हुए बारातियों की टोली कुछ ही देर में वेटनरी कॉलेज मैदान पहुंची. वहां वेटनरी मैदान में बने भव्य मंच पर जयमाला की रस्म पूरी की गई. यहीं मेहमानों के लिए प्रीतिभोज का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया तेज प्रताप- ऐश्वर्या को आशीर्वाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सारे राजनीतिक गिले-शिकवे भुलाकर तेजप्रताप यादव की शादी में पहुंचे. उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी से मुलाकात की. लालू ने उनका हाथ मिलाकर जोरदार स्वागत किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समारोह में पहुंचकर तेज प्रताप- ऐश्वर्या को आशीर्वाद दिया. अनेक दिग्गल नेता भी पहुंचे इस हाई प्रोफाइल शाही शादी में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, डिंपल यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सांसद सुभाष चंद्र, मंत्री आरके सिंह, मीरा कुमार, शरद यादव समेत कई राज्यों से आए राजनेताओं ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया.

कर्नाटक में 70 फीसदी मतदान, एग्जिट पोल के नतीजे भी आ गए

अनुमानों के मुताबिक कांग्रेस और भाजपा दोनों बहुमत से दूर, जेडीएस निभा सकता है किंगमेकर की भूमिका नई दिल्ली : कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म हो गया, चुनाव आयोग ने बताया है कि शाम 6 बजे तक राज्य में 70 फीसदी मतदान हुए. मतदान खत्म होने के साथ ही तमाम एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ गए हैं. सभी 5 प्रमुख समाचार चैनलों के एग्जिट पोल बताते हैं कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. कुछ एग्जिट पोल में भाजपा आगे है तो कुछ में कांग्रेस. वहीं जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. हालांकि, राज्य में दोनों दल भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के नतीजे 15 मई को आएंगे. कुल 5 एग्जिट पोल के नतीजे इस प्रकार हैं- 1. टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है. हालांकि यहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिख रही है. सर्वे के मुताबिक, भाजपा को 80-93, कांग्रेस को 90-103 और जेडीएस को 31-39 सीटें मिलने का अनुमान है. 2. आजतक-एक्सिस के एग्जिट पोल में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनेगी. सर्वे में कांग्रेस को सत्ता मिलने की संभावना भी दिख रही है. कांग्रेस को 106-118 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं भाजपा और 79-92 और जेडीएस को 22-30 सीेटें मिलने का अनुमान है. 3. एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल में कांग्रेस पर भाजपा भारी पड़ती दिख रही है. सर्वे में भाजपा को सबसे ज्यादा 101-103 सीटें मिलने की संभावना है. जबकि कांग्रेस को 82-94 और जेडीएस को 18-31 सीटें मिल सकती हैं. 4. न्यूज एक्स-सीएनएक्स के सर्वे में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बनते दिख रहे हैं. इस एग्जिट पोल में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. हालांकि, भाजपा को सबसे ज्यादा 102-110 सीटें मिलती दिख रही हैं. कांग्रेस को 72-78 और जेडीएस को 35-39 सीटें मिलने का अनुमान है. 5. रिपब्लिक-जन की बात के एग्जिट पोल में भाजपा राज्य में सरकार बना सकती है. इस एग्जिट पोल में भाजपा को 95-114 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि कांग्रेस को 73-82 और जेडीएस को 32-43 सीटें मिल सकती हैं.

भाजपा के लिए आसान नहीं रहा तीन जिलों से विधान परिषद चुनाव

कांग्रेस का सशक्त उम्मीदवार मुकाबले में होने से राह कठिन होने के संकेत रवि लाखे वर्धा : चंद्रपुर, गढ़चिरोली और वर्धा जिलों के स्थानीय स्वशासन चुनाव क्षेत्र से विधान परिषद के चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा समेत शिवसेना, और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. भाजपा के लिए सुरक्षित माने जा रहे इस चुनाव क्षेत्र में अब सीधे मुकाबले के स्थिति पैदा हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. रामदास आंबटकर अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन कांग्रेस ने राजेश सराफ के पिता इंद्रकुमार सराफ को उम्मीदवार बना कर भाजपा की राह कठिन बना दी है. इंद्रकुमार सराफ वर्धा के नगराध्यक्ष रहे हैं. उनका नगराध्यक्ष का कार्यकाल अच्छा रहा था. साथ ही उनकी वर्धा सहित चंद्रपुर और गढ़चिरोली के मतदाताओं पर भी पकड़ अच्छी बताई जाती है. ऐसे में इंद्रकुमार सराफ द्वारा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में आ जाने से चुनावी रंग-रूप बदल जाने के संकेत मिलने रहे हैं. इधर वर्धा के नगर सेवक जगदीश टावरी , हालांकि निर्दलीय के रूप में नामांकन भरा था, लेकिन उन्होंने डॉ. आंबटकर को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. लेकिन दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विधायक राजू तिमांडे के पुत्र सौरभ तिमांडे बगावत कर मैदान में अपना बिगुल भी फूंक दिया है. भाजपा को पहले इस बात का भरोसा था कि यह क्षेत्र उसके उम्मीदवार के लिए निर्विरोध या बिलकुल ही आसान होगा, लेकिन शिवसेना से युति नहीं हो पाना और कांग्रेस द्वारा सशक्त उम्मीदवार को मुकाबले में खड़े कर देने से भाजपा की राह कठिन होने के संकेत मिल रहे हैं.