पिछले कई दिनों से सुलग रही थी दो समुदायों के बीच तनाव की चिंगारी
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : औरंगाबाद में शुक्रवार रात को हुई हिंसा के पीछे सिर्फ नल कनेक्शन का विवाद नहीं है, बल्कि और भी वजहें सामने आई हैं.
पहली वजह बताई जाती है कि शाहगंज में 3 करोड़ रुपए की लागत से ऐतिहासिक सरदार बल्लभ भाई पटेल पुतले का नूतनीकरण किया जाना है लेकिन, वहां पान टपरी लगाने वाले हटने के लिए तैयार नहीं हैं. इससे धार्मिक वैमनस्य बढ़ा.
दूसरा, शाहगंज बाजार पेठ में दुकानों के सामने ठेला लगता है. व्यापारियों ने पार्षद लच्छू पहलवान से इसकी शिकायत की थी. लच्छू पहलवान ने फेरीवालों को हटाने के लिए महानगर पालिका को पत्र दिया था. इससे एक गुट भड़क गया था.
तीसरी वजह है अधिक भयंकर
इस हिंसा के पीछे जो तीसरी वजह है, वह अधिक भयंकर है. बताया गया है कि कुछ दिन पहले शाहगंज में एक व्यक्ति ने आम खरीदा था, जिसमें से अधिकतर आम खराब निकले. खराब आम बदलने के लिए जब व्यक्ति दुकानदार के पास गया तो कई लोगों ने मिलकर उसे पीट दिया था.
शिवसेना के नेताओं ने बताई एक और कारण
एक और कारण शिवसेना के नेताओं ने बताई है. उनके अनुसार हिंसाग्रस्त इलाके में एक महिला से छेड़छाड़ की गई थी. इसके बाद दो समुदाय एक दूसरे से भिड़ गए थे. तब स्थिति इतनी तनावपूर्ण नहीं हुई थी लेकिन, हिंसा शुरू होने पर विवाद की सारी कड़ियां जुड़ती चली गईं जिससे मामला बढ़ गया.
दम घुटकर हुई दिव्यांग जगनलाल की मौत
हिंसा की आग में दिव्यांग जगनलाल बंसीले (62) और अब्दुल हारून कादरी (17) की मौत हो गई. पता चला है कि जगनलाल के घर के बाहर उपद्रवियों ने उत्पात मचाया. इस दौरान घर में आग लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं, अब्दुल पुलिस की प्लास्टिक बुलेट से घायल हुआ था. उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई.
लच्छू पहलवान पर कार्रवाई की मांग की ओवैसी ने
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना के लिए पार्षद लच्छू पहलवान की भूमिका की जांच मांग ट्वीट कर की है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजने की भी अपील की है.