एचएएल को पता नहीं था कि पिछला राफेल सौदा रद्द हो चुका है

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चेयरमैन माधवन के चौंकाने वाले बयान से विवाद को और मिला बढ़ावा

नई दिल्ली : सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन रंगनाथन माधवन ने कहा है कि हमें पिछले राफेल सौदे को रद्द किए जाने की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि हम राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि अब हम इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन हमें पिछले सौदे को रद्द किए जाने की जानकारी नहीं थी. अब नए रूप में राफेल के लिए फ्रांस के दसॉल्ट एविएशन से सौदा किया गया है.

बयान डालेगा आग में घी
राफेल डील पर बीते कई दिनों से घमासान जारी है. ऐसे में एचएएल के चेयरमैन का यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है. माधवन के इस बयान से राफेल सौदे पर चल रहा घमासान और बढ़ने की संभावना है. विपक्षी दलों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुए नए सौदे में सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को नजरंदाज किया गया और इसकी जगह अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया.

यूपीए के समय होने वाली डील में एचएएस भी शामिल थी. ऐसे में अब अब एचएएल की ओर से कहा गया है कि भाजपा पिछले राफेल सौदे को नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार रद्द कर चुकी है.

मोदी सरकार के राफेल सौदे पर विवाद
ज्ञातव्य है कि फ्रांस की हथियार बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने 36 राफेल फाइटर विमान खरीदने का सौदा किया है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस डील में नरेंद्र मोदी सरकार ने रिलायंस समूह के कारोबारी अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया है. मोदी सरकार ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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