उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ महा विकास आघाड़ी सरकार का पतन

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उद्धव ठाकरे
बुधवार की रात फेसबुक लाइव में अपने मुख्यमंत्री पद और विधान परिषद की सदस्य्ता से इस्तीफे की घोषणा करते हुए उद्धव ठाकरे. 

विधान परिषद की सदस्यता से भी दिया इस्तीफा, 22 जून से आरंभ राजनीतिक संकट का अवसान

मुंबई : राज्य में पिछले 22 जून से आरंभ राजनीतिक संकट का अवसान आज रात करीब पौने 10 बजे महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार के पतन के साथ हो गया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने न केवल अपने अपने पद से, बल्कि विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.


इससे पहले उन्होंने फेसबुक लाइव में कहा कि मैं यहां अनपेक्षित रूप से आया था. इसलिए मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं. उद्धव ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री आवास को पहले ही छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि कल से मैं शिवसेना ऑफिस जाऊंगा.

राज्य में पिछले 22 जून से जिस राजनीतिक नाटक शुरू हुआ था, दुबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंच कर बुधवार रात उसका पर्दा गिर गया. सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की याचिका खारिज करते हुए विधानसभा में शक्ति परीक्षण रोकने से इनकार कर दिया. इसके आधे घंटे बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 3 घंटे 10 मिनट तक चली सुनवाई के बाद शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने महा विकास आघाड़ी सरकार को 30 जून को शाम 5 बजे तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था. शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 3 घंटे 10 मिनट तक चली सुनवाई के बाद फ्लोर टेस्ट पर रोक से इनकार कर दिया. शाम 5 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. रात 9 बजकर 10 मिनट पर जज ने इस पर अपना फैसला सुनाया.

मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक में शहरों के नाम बदले

इससे पूर्व आज मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक में राज्य के औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखने का प्रस्ताव पारित किया. आज इन शहरों को ये नाम आधिकारिक तौर पर दे दिए गए. मंत्रिमंडल की बैठक में एनसीपी और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ शिवसेना से सिर्फ मुख्यमंत्री ठाकरे, अनिल परब, सुभाष देसाई और आदित्य ये चार ही लोग उस प्रस्ताव के पास होने के समय मौजूद रहे.

मंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में बगावत

ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी. उनके खेमे में शिवसेना के करीब 39 विधायक हैं. शिंदे का दावा है कि निर्दलीय को मिलाकर उनके पास 50 विधायक हैं. आज ही उन्होंने दावा किया कि हमारे पास दो-तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है, किसी भी शक्ति परीक्षण की आवश्यक संख्या से अधिक साबित होंगे.

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