काला धन कानून : चिदंबरम परिवार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

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आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने की नवाज शरीफ से तुलना

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और पुत्रवधू श्रीनिधि के खिलाफ ‘काला धन अधिनियम’ के तहत आज चार चार्जशीट दाखिल किया है. आयकर विभाग की ओर से चेन्नई में एक विशेष अदालत के सामने काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) की धारा 50 और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत ये चार्जशीट दाखिल किए गए. उल्लेखनीय है कि काला धन के खिलाफ अपने अभियान के तहत 2015 में नरेन्द्र मोदी सरकार यह कानून लाई थी.

आयकर विभाग के अनुसार यह चार्जशीट विदेश स्थित अपनी संपत्ति का कथित रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर दाखिल किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच अपने ‘तार्किक निष्कर्ष’ पर पहुंच गई, उसके बाद यह चार्जशीट दाखिल किए गए हैं.

रक्षा मंत्री निर्मला ने लपेटा राहुल को, पूछे सवाल
चिदंबरम परिवार पर चार्जशीट दाखिल होने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लपेटते हुए प्रश्न किया है. उन्होंने पूछा है कि स्वयं जमानत पर चल रहे कांग्रेस अध्यक्ष क्या पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तरह विदेश में अपनी संपत्ति छुपाने वाले अपने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री को पार्टी से अलग करने की कार्रवाई करेंगे?

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और अमेरिका में अघोषित संपत्ति
अधिकारियों के अनुसार ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ रुपए मूल्य की एक अचल संपत्ति, उसी देश में 80 लाख रुपए की संपत्ति और अमेरिका में स्थित 3.28 करोड़ रुपए की संपत्ति का आंशिक या पूर्ण रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर नलिनी, कार्ति और श्रीनिधि को आरोपी बनाया गया है.

परिवार ने किया काला धन कानून का उल्लंघन
चार्जशीट में दावा किया गया है कि चिदंबरम के परिवार ने काला धन कानून का उल्लंघन करते हुए इन निवेशों का खुलासा आंशिक या पूर्ण रूप से आयकर विभाग के समक्ष नहीं किया. साथ ही, ‘चेस ग्लोबल एडवाइजरी’ द्वारा किए गए निवेश का भी खुलासा नहीं किया, जिस कंपनी में कार्ति का सह-मालिकाना हक है.

नोटिस भेजने के बावजूद नहीं दिया ब्यौरा
आयकर विभाग ने इस मामले में कार्ति और उनके परिवार के सदस्यों को हाल ही में नोटिस जारी किया था. वहीं, कार्ति ने जांच में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा था कि वह संपत्ति का ब्योरा और इससे जुड़े पिछले साल के लेन देन का ब्योरा पहले ही दूसरे कर प्राधिकार को सौंप चुके हैं और एक ही कानून के तहत किसी के व्यक्ति के खिलाफ समानांतर कार्यवाही नहीं हो सकती.

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