पीएम मोदी की हत्या की तैयारी कर रहे दो आईएस आतंकियों के विरुद्ध आरोपपत्र...

सूरत निवासी उबैद मिर्जा स्नाइपर राइफल से नरेंद्र मोदी की करना चाहता था हत्‍या, अंकलेश्‍वर से हुआ था गिरफ्तार अहमदाबाद : गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएस के कथित ऑपरेटिव के मामले में हाल ही में अंकलेश्‍वर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आर.डी. मेहता की अदालत में एक आरोपपत्र दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि आईएस का संदिग्‍ध ऑपरेटिव उबैद मिर्जा पीएम नरेंद्र मोदी की स्नाइपर राइफल से हत्‍या करना चाहता था और उसने इसका इरादा एक मेसिजिंग ऐप पर जाहिर किया था. गुजरात एटीएस ने मोबाइल फोन और पेन ड्राइव से उसके सन्देश को हासिल कर लिया है. पेशे से वकील मिर्जा और लैब टेक्निशन कासिम स्तिमबेरवला को गुजरात एटीएस ने अंकलेश्‍वर से 25 अक्‍टूबर 2017 को गिरफ्तार किया था. ये दोनों सूरत के रहने वाले हैं. जमैका भागना चाहता था कासिम एटीएस के एक अधिकारी ने बताया, 'कासिम ने गिरफ्तारी से 21 दिन पहले अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था. वह जमैका भागना चाहता था ताकि कट्टरपंथी मौलवी शेख अब्‍दुल्‍लाह अल फैसल के साथ जिहादी मिशन में शामिल हो जाए. कासिम ने इसके लिए जमैका में नौकरी के लिए आवेदन किया था और एक वर्क परमिट हासिल किया था.' आरोपपत्र में बताया गया है कि 10 सितंबर 2016 को मिर्जा ने संदेश भेजा, 'पिस्‍तौल खरीदना है और उसके बाद मैं उनसे संपर्क करने का प्रयास करूंगा.' हालांकि यहां पर 'उनसे' शब्‍द का इस्‍तेमाल किसके लिए किया गया है, यह स्‍पष्‍ट नहीं है. आरोपपत्र के अनुसार मिर्जा को रात 11.28 बजे खुद को फेरारी बताने वाले एक व्‍यक्ति से संदेश मिला, 'ठीक, मोदी को स्नाइपर राइफल से मारते हैं.' एटीएस ने बताया कि इस मामले में अनेक संदिग्‍ध लोग भी गवाह बन गए और उन्होंने उन दोनों के इरादों की तस्दीक भी कर दी, तभी यह गिरफ्तारी संभव हो पाई.

नाग विदर्भ चेंबर ने किया सेंट्रल व दक्षिण-पूर्व रेलवे के अधिकारियों का सत्कार

होम प्लेटफार्म 8 से हावड़ा की ओर की ट्रेनों को स्टॉपेज देने पर हो रही समस्या से अवगत कराया नागपुर : नाग विदर्भ चेम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से बुधवार को यहां सेंट्रल रेलवे के नए पदस्थापित डीआरएम सोमेशकुमार और वरिष्ठ डीसीएम के.के. मिश्रा सहित दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के नए पदस्थापित वरिष्ठ डीसीएम आशुतोष श्रीवास्तव का शाल श्रीफल बुके देकर उनके कार्यालय में सत्कार किया गया. यह सत्कार चेम्बर की रेलवे सब कमेटी के संयोजक ZRUCC सदस्य प्रताप मोटवानी के संयोजन में चेम्बर के उपाध्यश और सेंट्रल रेलवे के DRUCC सदस्य अश्विनभाई मेहाडिया, महासचिव और दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के DRUCC सदस्य संजयभाई अग्रवाल और चेम्बर के सहसचिव रामविलासजी तोतला ने किया. इस अवसर पर रेलवे के संदर्भ में आयोजित चर्चा में चेम्बर ने बताया कि होम प्लेटफार्म 8 से जो हावड़ा से जाने वाली ट्रेनों को स्टॉपेज दिया गया है. लेकिन वहां सुविधाएं नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है. उस संदर्भ में वरिष्ठ डीसीएम मिश्रा ने बताया कि यात्रियों को होने वाली असुविधा से अब ज्यादातर ट्रेनों का स्टापेज पूर्ववत प्लेटफार्म में वापस कर दिया है. कुछ ट्रेन को ही होम प्लेटफार्म में स्टापेज दिया जा रहा है. सेंट्रल रेलवे के डीआरएम सोमेश कुमार ने बताया कि नागपुर स्टेशन सहित अजनी स्टेशन पर सभी सुविधाएं और विकास कार्य किए जाएंगे. यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी. चेम्बर ने उनका आभार माना और उनका कार्यकाल सबसे बेहतरीन हो ऐसी शुभकामनाएं दी साथ ही उनको चेम्बर आने का आमंत्रण भी दिया. दक्षिण-पूर्व रेलवे के वरिष्ठ डीसीएम आशुतोष श्रीवास्तव से भी इतवारी स्टेशन कलमना गुड्स शेड्स के संदर्भ में चर्चा हुई. उन्होंने व्यापारियों की किसी भी प्रकार की समस्याओं को सुलझाने का आश्वासन दिया.

वर्दी में भीख मांगने की अनुमति चाहता है मुंबई पुलिस का एक कांस्टेबल

पत्नी का पैर टूटने के कारण वह छुट्टी खत्म होने पर काम पर नहीं पहुंच सका था मुंबई : पिछले दो महीने से वेतन से वंचित मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल ने 'वर्दी पहनकर भीख मांगने' की मंजूरी मांगी है. पुलिस आयुक्त दत्ता पदसालगिकर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को लिखे पत्र में कांस्टेबल दन्यनेश्वर अहीरराव ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल तथा घरेलू खर्च निकालने के लिए भीख मांगने की मंजूरी देने का निवेदन किया है. एक मराठी समाचार चैनल ने बताया कि कांस्टेबल अहीरराव ने कहा है कि दो महीने से वेतन रोके जाने के कारण वह अपने परिवार का गुजर बसर कर पाने में असमर्थ है. उसने आवेदन में लिखा है, "मुझे अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करनी होती है, बुजुर्ग माता-पिता और एक बेटी का गुजर बसर करना होता है. इसके अलावा मुझे कर्ज की मासिक किश्त देनी होती है. लेकिन जब से वेतन रोका गया है, मैं इन खर्चों का वहन करने में असमर्थ हूं. इसलिए मैं आपसे वर्दी पहनकर भीख मांगने की मंजूरी चाहता हूं." प्रभारी को पांच दिन की आपात छुट्टी लेने की जानकारी दी थी स्थानीय शस्त्र इकाई से संबद्ध अहीरराव ने पत्र में लिखा कि उसने 20 मार्च से 22 मार्च के बीच छुट्टी ली थी. लेकिन पत्नी का पैर टूटने के कारण वह छुट्टी खत्म होने पर काम के लिए नहीं पहुंचा. उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' की सुरक्षा में लगे दल में तैनात अहीरराव ने दावा किया कि उसने अपने इकाई के प्रभारी को पांच दिन की आपात छुट्टी लेने की जानकारी दी थी और पत्नी के इलाज के बाद 28 मार्च को काम पर लौट आया. लेकिन इसके बाद उसका वेतन रोक दिया गया और इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई. समाचार चैनल ने बताया है कि कांस्टेबल अहीरराव से और जानकारी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका. संपर्क किए जाने पर स्थानीय शस्त्र इकाई के पुलिस उपायुक्त वसंत जाधव ने कहा, "मामला प्रशासनिक विभाग के अधीन आता है. मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता."

मंजूरी के बावजूद लालूजी का पैरोल लटका

बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी में शामिल होने के लिए किया था आवेदन, कैंसिल कराना पड़ा फ्लाइट का टिकट बरुण कुमार रांची : चारा घोटाला मामले में रांची के बिरसा मुंडा सेन्ट्रल जेल में बंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पैरोल मंजूरी के बाद भी आज एक दिन के लिए टल गया. अब गुरुवार, 10 अप्रैल को ही पैरोल मिल पाएगा. उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल का आवेदन किया था. लालू यादव ने रांची से पटना जाने के लिए 5.55 बजे की फ्लाइट में टिकट भी बुक किया था. लेकिन उन्हें यह टिकट कैंसिल कराना पड़ा. पैरोल की अवधि में हो सकती है कटौती बताया जाता है कि 5 दिनों का पैरोल तो मंजूर हो गया है, लेकिन कागजी कार्यवाही पूरी नहीं होने की वजह से बुधवार को पैरोल नहीं मिल सका है. दरअसल लालू के पैरोल पर जेल आईजी हर्ष मंगला ने सप्लीमेंट्री रिपोर्ट मांगी है. सप्लीमेंट्री रिपोर्ट आने के बाद ही पैरोल की मंजूरी होगी. इधर चर्चा है कि पैरोल की अवधि में कटौती भी हो सकती है. लालू के पैरोल निश्चित नहीं होने की वजह से लालूजी की पार्टी आरजेडी में भारी नाराजगी है. जेल आईजी हर्ष मंगला ने कहा है कि कागजी कार्यवाही होने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा. इसके लिए सप्लीमेंट्री रिपोर्ट मंगाई गई है उसके बाद आगे की कार्यवाही होगी. हालांकि आज पूरी कागजी कार्यवाही नहीं हो सकी. ज्ञातव्य है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं. उनका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में चल रहा है. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी 12 मई को होने वाली है. पैरोल मिलते ही वह शादी में शामिल होने पटना जाएंगे.

रेल कर्मचारियों का 72 घंटे का देशव्यापी अनशन शुरू

वेतन आयोग की सिफारिशें और निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ आंदोलन नई दिल्ली : 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं करने और निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ आज रेलवे की एम्पलॉई यूनियन ने देशभर में 72 घंटों की क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. रेलवे की एम्पलॉई यूनियन की इस हड़ताल से कई तरह की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. यह अनशन 11 मई तक चलेगा. लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है अनशन केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के संबंध में सरकार से कई बार अनुरोध किए गए. लेकिन अभी तक कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला, जबकि करीब दो साल बीत चुके हैं. बयान के अनुसार कर्मचारियों की मांगों में सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद विसंगतियों को दूर किया जाना, एनपीएस के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन की गारंटी और पारिवारिक पेंशन का प्रावधान, निजीकरण के प्रयास को समाप्त करना आदि शामिल हैं. एआईआरएफ ने 13 और 14 मार्च, 2018 को हुई अपनी बैठकों में देश भर में फैडरेशन से जुड़ी यूनियनों की शाखाओं में तीन दिनों तक 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल करने का फैसला किया था.

छोटे बेटे के खिलाफ थाने से प्रताड़ना की शिकायत वापस ली पूर्व मंत्री ने

बेटे ने माना कि हो सकता है मेरे व्यवहार से पिता आहत हुए हों बिपेंद्र कुमार सिंह नागपुर : कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख ने बेटे के विरुद्ध सीताबर्डी थाने में प्रताड़ना की शिकायत वापस ले ली है. आज मंगलवार शाम पत्रकारों को देशमुख के छोटे बेटे डॉ. अमोल देशमुख ने पिता द्वारा अपने विरुद्ध शिकायत वापस लेने और उनसे सुलह होने की जानकारी दी. बाहरी लोगों पर फूट डालने की आशंका जताई अमोल ने सफाई दी कि राजनीतिक घरानों से अनेक बाहरी लोगों का संपर्क में होता है. उनमें से कुछ अपने फायदे के लिए फूट डालने का काम करते हैं. उन्होंने आशंका जताई की उनके पिता द्वारा शिकायत करने के पीछे किसी बाहरी व्यक्ति का हाथ हो सकता है. खबर आने के बाद वे स्वयं, उनकी मां और पत्नी सब रह गए हतप्रभ अमोल ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबर आने के बाद वे स्वयं, उनकी मां और पत्नी सब हतप्रभ रह गए. उन्होंने स्वयं अपने पिता से बात की, जिसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली. उन्होंने कहा कि उनके विरुद्ध थाने तक जा पहुंची बात केवल गलतफहमी के कारण फ़ैली. लेकिन अब परिवार में सब कुछ सामान्य है. उल्लेखनीय है कि अमोल भी पिता के साथ कांग्रेस के सदस्य रहे हैं. उन्होंने 2014 में कांग्रेस की टिकट पर रामटेक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था. उनके बड़े भाई डॉ. आशीष देशमुख काटोल से 2014 में ही भाजपा विधायक बने. पिता की बीमारी के चलते देखभाल के लिए रहना चाहते हैं पिता के साथ पिता के साथ किसी भी तरह के विवाद की बात से इनकार करते हुए अमोल ने कहा कि पढाई के लिए वे विदेश में रहे, उनकी पत्नी भी उच्च शिक्षित हैं और दोनों ने वर्षो तक कई स्थानों पर काम किया. लेकिन पिता की बीमारी के चलते उनकी देखभाल के लिए उनके साथ रहने का फैसला उन्होंने लिया था. अमोल ने कहा- मेरे पिता हैं अत्यंत स्वाभिमानी अमोल ने कहा कि पिता रणजीत देशमुख एक बहुत ही सुलझे हुए और अत्यंत स्वाभिमानी हैं. परिवार में छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं. हो सकता है कि मेरे व्यवहार से पिता आहत हुए हों. लेकिन अब सबकुछ ठीक है. उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि उनके घर की बात घर में ही रहने दी जाए. 5 मई को सीताबर्डी थाने में की थी शिकायत 72 वर्षीय रणजीत देशमुख पार्किनसन की बीमारी से जूझ रहे हैं. ज्ञातव्य है कि पिछले 5 मई को सीताबर्डी थाने में की गई अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटे की प्रताड़ना के कारण ही वे बीमार हुए थे. बहरहाल अब यह शिकायत उन्होंने वापस ले ली है. विधायक बेटे ने विवाद से बनाए रखी दूरी इधर सूत्रों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि रणजीत बाबू के बड़े बेटे भाजपा विधायक डॉ. आशीष देशमुख इस बीच पिता और अपने छोटे भाई चल रहे विवाद से अपने को अलग रखा. न तो उन्होंने थाने तक पहुंची बात में कोई दखल दी और न सुलह की पहल की.

महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका खारिज

उपराष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका, सिब्बल ने ली वापस नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है. पांच जजों की बेंच ने यह फैसला लिया, इसके बाद कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने यह याचिका वापस ले ली. उपराष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी उपराष्ट्रपति के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की यह याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस ए.के. सीकरी, जस्टिस एस.ए. बोबड़े, जस्टिस एन.वी. रमन, जस्टिस अरुण मिश्रा तथा जस्टिस ए.के. गोयल को सौंपी गई थी. सरकार हम पर गलत आरोप लगा रही है : कपिल सिब्बल पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सिब्बल ने बताया, "हमने सुप्रीम कोर्ट से 7 सवाल पूछे थे, लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला. इसलिए याचिका वापस ले ली गई." उन्होंने कहा, "विपक्ष को सीजेआई से कोई निजी दिकक्त नहीं है. मामला न्यायिक व्यवस्था का है. न्यायपालिका की गरिमा और स्वंतत्रता की रक्षा का है. सरकार हम पर गलत आरोप लगा रही है." अटॉर्नी जनरल ने भी उठाए सवाल सुप्रीम कोर्ट में महाभियोग याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल भी मौजूद थे. उन्होंने विपक्ष की तरफ से पेश हुए सिब्बल से सवाल किया- "महाभियोग के नोटिस पर कांग्रेस समेत 7 दलों के 64 सांसदों ने साइन किए थे. फिर सिर्फ कांग्रेस के 2 सांसदों ने ही याचिका क्यों दायर की? जबकि, बाकी 6 दलों ने उपराष्ट्रपति नायडू का फैसला स्वीकार कर लिया था. विपक्ष इसपर क्या कहेगी?" दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस के नेतृत्व में 7 राजनीतिक पार्टियों के करीब 64 सांसदों ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर साइन किए थे. जिसके बाद इसका नोटिस उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा गया था. नोटिस सौंपने के 36 घंटे के अंदर उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके पहले कांग्रेस ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग लाने का नोटिस उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा था, जिसे नायडू ने एक दिन बाद ही खारिज कर दिया था. उपराष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो आज खारिज हो गई.

भाजपा विधायक के पूर्व मंत्री पिता पुलिस की शरण में

पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख ने छोटे पुत्र के खिलाफ थाने में दर्ज कराई शिकायत बिपेंद्र कुमार सिंह नागपुर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख ने अपने एक बेटे पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अपने घर के एक भाग पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया है. यहां सीताबर्डी थाने में सप्ताह भर पूर्व दर्ज उनकी शिकायत के संबंध में सीताबर्डी पुलिस ने इसे पारिवारिक विवाद मानते हुए फिलहाल उनके पुत्र के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया है. नहीं चाहते पुत्र उनके घर में रहें सत्तर वर्षीय दिग्गज नेता एवं पार्किनसन रोगग्रस्त देशमुख के निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार उनका छोटे पुत्र के साथ पिछले कुछ महीनों से तनातनी बनी हुई है. वे नहीं चाहते कि वह यहां सिविल लाइंस के जीपीओ चौक स्थित उनके आवास में रहें. लेकिन पुत्र भी उस घर से कब्जा छोड़ना नहीं चाहते. करीबी सूत्रों ने बताया उन्हें खास कर अपने छोटे पुत्र से विशेष शिकायत है. बड़े पुत्र आशीष भाजपा विधायक हैं, अमोल एनजीओ चलाते हैं उनके दो पुत्र डॉ. आशीष देशमुख और डॉ. अमोल देशमुख हैं. बड़े पुत्र डॉ. आशीष देशमुख काटोल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं वे यहां जिलाधिकारी कार्यालय के समीप अपने बंगले 'मन्नत' में अलग रहते हैं. और छोटे पुत्र डॉ. अमोल देशमुख एक एनजीओ "अक्षरा फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड लर्निंग" के माध्यम से गरीब बच्चों की शिक्षा और उनमें कला के विकास के लिए कार्य करते हैं. उसका मुख्यालय मुंबई के कांदिवली (वेस्ट) में है. अमोल 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. छोटे पुत्र अमोल को रणजीत बाबू ने ही नागपुर में दो घर बनवा कर दिया है. लेकिन रणजीत बाबू ने बताया है कि अमोल उनके आवास के एक हिस्से में जबरन कब्जा जमाए हुए हैं. बताया कि ताला तोड़ कर घुस आए वयोवृद्ध देशमुख ने थाने में दर्ज अपनी शिकायत में बताया है कि उनके छोटे पुत्र डॉ. अमोल देशमुख ने उनके आवास के एक भाग पर कब्जा कर रखा है और वे उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि घर में ताला लगाने के बावजूद ताला तोड़ कर उनका पुत्र घर में घुस गया है. बेटे को घर में घुसने से रोकने के लिए निजी सुरक्षा गार्ड रखने के बावजूद उनका बेटा घर में घुस कर कब्जा जमाए हुए है.

अधिक किराया लेने वाले निजी बसों पर दंडात्मक कार्रवाई शुरू

मुंबई के 5 निजी बस संचालकों को नोटिस, पुणे के 8 संचालकों से जुर्माना वसूला मुंबई : निजी बसों द्वारा यात्रा के लिए अधिक किराया वसूलने के आरोप में बस संचालकों पर कार्रवाई शरू कर दी गई है. अपर परिवहन आयुक्त एस.बी. सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि शनिवार को मुंबई और पुणे में अधिक किराया वसूलने की मिली शिकायत पर सम्बंधित 13 बस संचालकों में से 5 को नोटिस भेज कर उनसे 3 दिनों में जवाब मांगा गया है. जवाब नहीं देने अथवा संतोषजनक जवाब नहीं होने पर संबंधित बस की परमिट रद्द कर दी जाएगी अथवा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. इनके अलावा 8 बस संचालकों से जुर्माना वसूला गया है. यात्रियों से सप्रमाण फोन से शिकायत करने का आग्रह उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) के प्रति किलोमीटर किराया दर से 50 प्रतिशत से अधिक भाड़ा वसूलने वाले निजी बसों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के तहत उनके परमिट रद्द करने का आदेश हाल ही में राज्य के परिवहन विभाग ने जारी किया है. यात्रियों से अधिक किराया वसूले जाने पर उनसे फ्री फोन क्रमांक 022-62426666 और 1800220110 (मुंबई) पर शिकायत करने का आग्रह किया गया है. शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई है. प्रमाण के लिए यात्रा विवरण और टिकट इसके लिए यात्रियों से शिकायत के साथ अधिक किराया वसूलने के प्रमाण भी देने को कहा गया है. इसके तहत यात्रियों से निजी बस का नंबर, कहां से कहां तक की यात्रा का किराया, यात्रा की तिथि और समय तथा निजी बस द्वारा जारी किया गया यात्रा किराए का टिकट नंबर और टिकट प्रमाण के तौर पर उपलब्ध कराने को कहा गया है. अपर परिवहन आयुक्त सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि मुंबई शहर के 5 निजी वातानुकूलित शयनयान बस संचालकों को "कारण बताओ, अन्यथा परमिट रद्द" करने का नोटिस दिया गया है. इसके साथ ही पुणे के 8 दोषी निजी वातानुकूलित शयनयान बसों पर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए 22 हजार 743 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है.

बार मालिक का अपहरण कर हत्या की कोशिश, 4 गिरफ्तार

कुख्यात अपराधी अपना खौफ फैलाना चाहते थे पांचपावली इलाके में नागपुर : पांचपावली के एक बार मालिक परमानंद तलरेजा का रविवार की रात करीब 11.45 बजे अपहरण कर कुख्यात अपराधियों द्वारा उनकी हत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया है. बेहोश तलरेजा को मृत समझ कर अपराधी उन्हें एक मैदान में फेंक कर भाग गए थे. अपहरण की खबर मिलते ही पांचपावली पुलिस रात भर तलरेजा की खोज करती रही. तलरेजा तड़के सुबह ही मैदान में अचेतावस्था में मिले. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने तत्काल उन चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही, जो उनके अपहरण में शामिल थे. अन्य अपराधियों में से कुछ के फरार हो जाने का समाचार है. पुलिस ने बताया कि हप्ता वसूलने के लिए अपना खौफ फैलाने के उद्देश्य से ही अपहरण और हत्या करने का दुस्साहस अपराधियों ने किया. गिरफ्तार आरोपियों के नाम आकाश चिंचखेड़े, मोनू समुद्रे, सौरभ तायवाड़े और आकाश नागुलकर बताए गए.