डाटामेल : ई-मेल आईडी …वह भी हिंदी में? कैसे..?

0
1313
डाटामेल

‘अपनानाम@डाटामेल.भारत’ हो सकता है आपका ई-मेल आईडी

*कल्याण कुमार सिन्हा-
भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक (राजभाषा) हैं राहुल खटे, नांदेड़ (महाराष्ट्र) में. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि आप भी अपना ई-मेल आईडी चाहें तो गुजराती में भी बना सकते हैं, क्योंकि अब देवनागरी सहित सभी भारतीय भाषाओं में ई-मेल डोमेन एक्सटेंशन @.डाटामेल.भारत उपलब्ध है. 

डाटामेल
राहुल खटे, नांदेड़ (महाराष्ट्र) में भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक (राजभाषा) हैं.
 
यदि आप अपने नाम की ईमेल प्राप्त करना चाहते हैं तो यह एप्लीकेशन ‘डाटामेल’ गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें और अपनी ईमेल हिंदी में बना लें. अभी आरंभ ही हुआ है इसलिए आपको अपने नाम की मुफ्त ई-मेल आईडी मिल जाएगी. आप इस माध्यम से ‘मेरानाम@डाटामेल.भारत’, या ‘मेराभारात@डाटामेल.भारत’, या’मेरीकंपनी@डाटामेल.भारत’ इस प्रकार अपने नाम से अपनी कंपनी के नाम से अपना ई-मेल आईडी तैयार कर ले सकते हैं.

राहुल खटे बताते हैं कि आम तौर पर हम लोग gmail.com, yahoo.com, rediffmail.com, msn.com जैसे डोमेन पर जाकर अंग्रेजी में अपनी ई-मेल बनाते हैं. मोबाइल पर भी इसी तरह की ईमेल का प्रयोग करते हैं. भारत में यदि पूर्णतः हिंदी देवनागरी में ईमेल हम चाहते हैं तो यह पहले संभव नहीं था. लेकिन ‘.भारत’ के आने से अब हिंदी में मुफ्त ई-मेल आईडी प्राप्त करने का अवसर मिल गया है. 

जो लोग मुफ्त डोमेन हिंदी में जैसे मेरानाम.भारत या मेरादेश.भारत या मेरीकंपनी.भारत चाहते हैं तथा मुफ्त डोमेन से अपनी साईट या ब्लॉग मुफ्त में होस्ट करना चाहते हैं, वह भी उनके लिए साइट भी बना सकते हैं. उपरोक्त उदाहरण में .भारत डोमेन दिए गए हैं. यह aaa.com, bbb.org, .in, ccc.co.in की तरह ही हिंदी में बनाया गया डोमेन एक्सटेंशन है.

खटे कहते हैं- ‘हिंदी मुफ्त डोमेन.भारत’ पंजीकृत कराएं तथा इस डोमेन पर आप मुफ्त साइट भी 5 मिनट में बना सकते हैं.’ डोमेन रजिस्टर करने से लेकर मुफ्त ब्लॉग गूगल पर बनाने तथा उसे अपने मुफ्त ‘.भारत’ डोमेन के साथ जोड़ने के लिए पूरी विधि ऊपर दिए गए लिंक में दी गई है. संपूर्ण प्रक्रिया को चित्रों सहित हिंदी मे समझाया गया है. जिससे आप 5 मिनट में अपना हिंदी डोमेन लेकर तुरंत अपनी साइट आरंभ कर सकते हैं.

राहुल खटे स्वयं अहिन्दी भाषी होते हुए भी हिंदी के लिए तकनीकी वैज्ञानिक शोध तथा संबंधित साहित्य का अध्ययन व प्रचार करते हैं तथा उन्होंने अपना ब्लॉग हिंदी में तैयार कर लिया है. इसे भी देखें तथा उनसे भी संपर्क कर हिंदी में कार्य करने के लिए सहयोग प्राप्त कर सकते हैं.
 
राहुल खटे का कहना है कि हिंदी देवनागरी के लिए यदि आपने भी कोई अभिनव कार्य किया है तो ऊपर दाएं भाग में हरे रंग का संपर्क संदेश भेजने का माध्यम है. आप भी संपर्क करें तथा हिंदी को राजभाषा से आगे राष्ट्रभाषा बनाने के इस यज्ञ में सहयोग करें. पारस्परिक सहयोग, मैत्री और सहभागिता से हिंदी को आगे बढ़ाने से ही यह कार्य होगा.
 
देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता सर्वविदित और सर्वग्राह्य है. भाषा के विकास की यात्रा में लिपि ने अपना स्थान बरकरार रखा है. तकनीकी विकास के साथ भाषाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. कंप्यूटर की दुनिया में भारतीय लिपियों ने अपनी वैज्ञानिकता और अचूकता को बरकरार रखा है. शुरूआती दौर में कंप्यूटर की दुनिया में अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं का बोलबाला रहा. लेकिन भाषाई विकास के साथ-साथ भारतीय भाषाओं ने भी कंप्यूटिंग की दुनिया में अपना स्थान बनाया. इस विकास की यात्रा में भारतीय भाषाओं में वेब डोमेन निर्माण और ई-मेल का निर्माण ने इसे और भी गति प्रदान की है.
 
माइक्रोसॉफ्ट और भारतीय कंपनी डाटा इंफोसिस ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है. भारतीय भाषाओं में ई-मेल तैयार करना अब सरल कार्य हो गया है. डाटा इंफोसिस कंपनी आपके भारतीय नाम के सामने डाटामेल.भारत नेटवर्किंग साइट और ई-मेल के लिए @डाटामेल.भारत इस प्रकार वेब प्रयोक्ता का नाम मिलाकर सुविधा प्रदान करता हे, जिससे न केवल कंप्युटींग की दुनिया में भारतीय भाषाओं की पहचान बनी है, बल्कि इससे कंप्युटींग की दुनिया में नई पहल का भारतीय भाषा-भाषियों के प्रयोगकर्ता भी बढ़े हैं.
 
हिंदी, मराठी, कन्नड, मल्याळम, तमिल, तेलुगू, ओरिया, बंगला, गुजराती, पंजाबी और ऊर्दू आदि भारतीय भाषाओं में भी डाटामेल के माद्यम से संबंधित भाषाओं की लिपियों में ईमेल निर्माण से न केवल अपनी मातृभाषा के प्रति गौरव की भावना का अनुभव होता है, बल्कि इससे अपने अस्तित्व की पहचान भी जुड़ी रहती है.

तकनीकी क्षेत्र में अमूमन अंग्रेजी का ही प्रयोग होता है. नांदेड़ में भारतीय स्टेट बैंक के भाषा अधिकारी राहुल खटे ने प्रधानमंत्री से उनकी मातृभाषा गुजराती में अपना ई-मेल आईडी નરેન્દ્રમોદી@ડાટામેલ.ભારત बनाने का अनुरोध किया है. उनका आग्रह है कि हिन्दीभाषी होने के नाते आपको भी अपना ई-मेल आईडी देवनागरी हिंदी में बनाना चाहिए. 

आप भी ‘राहुलखटे@डाटामेल.भारत’ की तरह अपना मेल आईडी डाटामेल के माध्यम से हिंदी में बना सकते हैं. आज के डिजिटल युग में भारतीय भाषाओं में संस्थाओं की ओर से भी प्रयास शिक्षा के लिए भारतीय भाषाएं उपलब्ध नहीं है. कम्प्यूटर या ई-मेल आईडी बनाना बहुत आसान है. आप अपनी ई-मेल आईडी डाटामेल के माध्यम से गुजराती, ओरिया, मराठी, पंजाबी,तमिल, तेलुगू मोबाइल पर काम करने के लिए सभी भारतीय भाषाएं उपलब्ध और उर्दू में भी बना सकते हैं. लेकिन अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं होने से तकनीकी क्षेत्र की ये सभी सेवाएं धूल खा रही हैं. लेकिन कंप्यूटर पर शिक्षा विज्ञान की दुनिया में होने वाले हर बदलाव की जानकारी उपलब्ध है. इसका लाभ उठाना चाहिए. 

डाटामेल
-कल्याण कुमार सिन्हा.

NO COMMENTS