ऑनलाइन

आयुर्वेद फार्माकोपिया में सात सौ दवाओं के वैज्ञानिक ब्योरे ऑनलाइन किए जाएंगे

नई दिल्ली : आयुर्वेद की तरफ लोगों के बढ़ते रुझान के मद्देनजर केंद्रीय आयुष मंत्रालय आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसके फार्माकोपिया को ऑनलाइन करने जा रहा है. इससे 700 दवाओं के वैज्ञानिक ब्यौरे एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे. इससे दवा निर्माताओं को आयुर्वेदिक दवाओं के पादपों, उनमें मौजूद विभिन्न तत्वों और उनके इस्तेमाल की मात्रा को लेकर वैज्ञानिक जानकारी हासिल होगी. आयुर्वेद फार्माकोपिया में अब तक मौजूद करीब सात सौ दवाओं के वैज्ञानिक ब्योरे को ऑनलाइन किया जाएगा. फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी के निदेशक डॉ. के.सी.आर. रेड्डी ने बताया कि अब तक आयुर्वेद की 400 एकल दवाओं तथा करीब 300 एक से ज्यादा मालीक्यूल वाली दवाओं का फार्माकोपिया तैयार किया जा चुका है. अभी तक यह सिर्फ दस्तावेज के रूप में उपलब्ध थी. लेकिन अब इन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है. पहली बार आयुर्वेद दवाओं को लेकर ऑनलाइन प्रमाणिक जानकारी सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने गाजियाबाद स्थित फार्माकोपिया कमीशन में आयोजित कार्यक्रम में इस सेवा की शुरुआत कर दिया है. इसके बाद से यह ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध होगा. इससे आयुर्वेद की दवा बनाने वाली कंपनियों को सटीक वैज्ञानिक जानकारी मिल सकेगी और वह फार्माकोपिया की जानकारी के आधार पर अपनी दवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकेंगे. इसके अलावा आयुर्वेद पर शोध करने वालों के लिए भी आनलाइन फार्माकोपिया फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फार्माकोपिया बनाने का कार्य आगे भी जारी रहेगा. आयुर्वेद में औषधों की संख्या हजारों में हैं, इसलिए यह कार्य लंबा चलेगा. ज्यों-ज्यों नए औषधों का वैज्ञानिक रूप से प्रमाणीकरण होता जाएगा, उन्हें इस वेबसाइट पर अपडेट किया जाता रहेगा. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फार्माकोपिया बनाने का कार्य आगे भी जारी रहेगा. आयुर्वेद में औषधों की संख्या हजारों में हैं, इसलिए यह कार्य लंबा चलेगा. ज्यों-ज्यों नए औषधों का वैज्ञानिक रूप से प्रमाणीकरण होता जाएगा, उन्हें इस वेबसाइट पर अपडेट किया जाता रहेगा. रेड्डी ने बताया कि आयुर्वेद दवाओं के मानकों को आयुर्वेद शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों, दवा निर्माताओं को आमंत्रित किया गया है. इस सिंपोजियम का मकसद आयुर्वेद फार्माकोपिया के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न पक्षों में जागरूकता पैदा करना है.
पुलिस

पुलिस उपायुक्त रोशन को गृह मंत्रालय का स्कॉच अवार्ड

अ.भा. ग्राहक कल्याण परिषद ने किया सत्कार नागपुर : नागपुर जोन 4 के पुलिस उपायुक्त राज तिलक रोशन का यहां अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद ने सत्कार किया. पुलिस आयुक्त रोशन को हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मानव तस्करी, मिसिंग चिल्ड्रन और बालिकाओं के खिलाफ काम करने वाले अपराधियों के खिलाफ उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया है. इस उपलक्ष्य पर परिषद के केंद्रीय महांमत्री देवेंद्र तिवारी, नागपुर जिला अध्यक्ष अश्विन भाई मेहाडिया, महासचिव प्रताप मोटवानी उपाध्यक्ष रमेश लालवानी, सहसचिव राजू भाई माखीजा, कार्यकारी सदस्य कैलाश केवलरमानी और महेश ग्वालानी ने बुके देकर उनका अभिनंदन किया और ग्राहक परिषद की तरफ से बधाई पत्र दिया. अश्विन भाई मेहाडिया और प्रताप मोटवानी ने स्वागत समारोह में ने कहा कि बेहद खुशी और गर्व की बात है कि श्री रोशन को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 का स्कोच अवार्ड से नवाजा गया है. नागपुर के सभी नागरिकों के लिए यह हर्ष का विषय है. आभार देवेंद्र तिवारी ने माना. पुलिस उपायुक्त रोशन ने सत्कार के लिए कृतज्ञता प्रकट की और कहा कि इस अवार्ड ने उनकी जिम्मेदारी और बढ़ा दी है. उन्होंने कहाकि वे नागपुर के नागरिकों की सुरक्षा और आम जनता की मदद के लिए सदैव प्रस्तुत हैं और अपराधियों की तमाम अपाधिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कृतसंकल्प हैं.
बिहार

बदले माहौल में क्या फिर करवट लेगा बिहार..!

लोकसभा चुनाव : विश्लेषण/बिहार कृष्ण किसलय– राजनीतिक दृष्टिकोण से 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश के बाद लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 40 सीटों वाले बिहार का रणनीतिक महत्व है. बिहार में अपने दम-खम पर सरकार बनाने-चलाने में क्षेत्रीय पार्टियों के नाकाम होने पर गठबंधन की राजनीति शुरू हुई. बिहार के सियासी मिजाज को मौटे तौर पर इस तथ्य से समझने की जरूरत है कि यहां 1944 से 1990 तक राज्य सरकार की सत्ता कांग्रेस के पास थी. हालांकि इस बीच चार छोटी अवधि के लिए गैर कांग्रेसी सरकारें भी रहीं. श्रीकृष्ण सिंह 1961 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद 29 सालों में कांग्रेस के 23 मुख्यमंत्री बने और पांच बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. 1990 के बाद कांग्रेस हाशिये पर चली गई और सत्ता लालू प्रसाद के पास आ गई. अब 2005 से सत्ता नीतीश कुमार के पास है. गठबंधन की राजनीति से ही कांग्रेस में 2015 से फिर जान आई है. लालू प्रसाद बने धूरी, नीतीश कुमार का बढ़ा कद बिहार में प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के बाद एक हद तक कर्पूरी ठाकुर का कद ही राष्ट्रीय स्तर का था. बिहार की राजनीतिक पहचान में तब जबर्दस्त उछाल आई, जब 1990 में लालकृष्ण आडवाणी के रथ को समस्तीपुर में रोक कर और उन्हें गिरफ्तार कर लालू प्रसाद धर्मनिरपेक्षता के हीरो बन गए. नब्बे के दशक के बाद बिहार में उर्वर रही वामपंथी जमीन कमजोर हो गई, क्योंकि वामपंथी दलों का जनाधार मंडलवाद के कारण टूट गया. 1991 में बिहार में भाकपा के 8 सांसद हुआ करते थे. मतदाता जातीय आधार पर लालू प्रसाद और अन्य नेताओं से जुड़ गए. जनता दल में लालू प्रसाद का कद बढ़ा तो शरद यादव, जार्ज फर्नांडीस, नीतीश कुमार जैसे प्रमुख नेता घुटन महसूस करने लगे. नीतीश कुमार और जार्ज फर्नांडीस ने 1994 में लालू प्रसाद से किनारा कर समता पार्टी बना ली. शरद यादव 1997 में चारा घोटाला में लालू प्रसाद का नाम आने पर अलग हो गए. लालू प्रसाद ने नई पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बनाकर अपनी राह के अवरोध दूर किए. बिहार में राजग सरकार बनने पर नीतीश कुमार का कद बड़ी तेजी से बढ़ा और बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर तरजीह मिली. …और लालू प्रसाद ने 'माई' समीकरण से मार लिया मैदान कांग्रेस मुस्लिम, दलितों और जार्ज, नीतीश पिछड़ी जातियों के सहारे थे तो भाजपा को राम लहर पर भरोसा था, मगर लालू प्रसाद ने माई MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) से चुनाव का मैदान मार लिया. 2003 में समता पार्टी का विलय जदयू में हुआ तो नीतीश कुमार प्रखर नेता के रूप में उभरे. भाजपा-जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा तो वोट प्रतिशत बढ़ गया. 2014 में भाजपा से अलग होने पर जदयू को करारा झटका लगा. इस बार लोकसभा चुनाव में दोनों दल साथ हैं. गठबंधन से संवरती गई है भाजपा... 1989 की राम लहर में अकेले भाजपा बिहार में तीन ही सीट जीत सकी थी. 10 वर्षों में 1999 में भाजपा-जदयू ने साथ मिलकर 40 में 29 सीटें जीती थीं, जिनमें भाजपा को 12 और जदयू को 17 सीटें मिली थीं. 2002 में गोधरा कांड के बाद रामविलास पासवान ने राजग से नाता...

वेदांता प्लांट में सुरक्षाकर्मी को जिंदा जला दिया

नई दिल्ली : ओड़िशा के कालाहांडी जिले में वेदांता एल्युमिनियम रिफाइनरी के पास हुई हिंसा में भीड़ ने एक सुरक्षाकर्मी को जिंदा जला दिया. इस संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की भी जान चली गई. यह समाचार आज अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित हुई है. पुलिस का दावा है कि सोमवार को हिंसा उस वक़्त भड़की जब नौकरी मांग रहे स्थानीय लोगों ने रिफाइनरी परिसर में घुसने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और ओड़िशा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स के सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष में 20 लोग घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि स्थानीय प्रदर्शनकारी वेदांता कंपनी के स्कूल में अपने बच्चों के दाखिले की और अपने लिए नौकरी की मांग कर रहे थे. घटना के बाद वेदांता ने एक बयान जारी करके कहा कि हिंसा में ओआईएसएफ के एक जवान की मौत हो गई है. वेदांता ने भारत एल्यूमीनियम कंपनी या बाल्को की रिफ़ाइनरी, समेलटर और खदानों को भारत सरकार से क़रीब 551 करोड़ रुपयों में ख़रीदा था. साल 2001 में इस सरकारी कंपनी को वेदांता के द्वारा ख़रीदे जाने के समय से ही विवाद शुरू हो गया था. वेदांता वेदांता
प्रमोद सावंत

आधी रात के बाद प्रमोद सावंत ने ली गोवा के मुख्यमंत्री के पद की...

नई दिल्ली : गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत ने मंगलवार की रात करीब पौने दो बजे पणजी स्थित गोवा के राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के देहांत के बाद सहयोगी दलों के समर्थन के साथ उन्होंने राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा के समक्ष कल देर रात ही अपनी दावेदारी पेश की थी. सावंत के अलावा 11 विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. इनमें महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुधिन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष एवं विधायक विजय सरदेसाई ख़ास हैं. बाकी शपथ लेने वाले वे पुराने ही विधायक हैं जो पर्रिकर सरकार में मंत्री थे. ऐसा माना जा रहा है कि सुधिन धवलिकर और विजय सरदेसाई को उप-मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी दी जाएगी. 46 साल के सावंत आरएसएस काडर से आने वाले गोवा में भाजपा के अकेले विधायक हैं. इससे पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. सोमवार को दिन में मनोहर पर्रिकर के अंतिम संस्कार के बाद गोवा में राजनीतिक सरगर्मियां खासी तेज़ हो गई थीं. रविवार शाम को ही केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी गोवा पहुंच गए थे. मंगलवार को देर रात वह पार्टी और सहयोगी पार्टियों के विधायकों का समर्थन पत्र लेकर राजभवन पहुंचे. उल्लेखनीय है कि पर्रिकर की मृत्यु के बाद सदन में बीजेपी के संख्याबल को लेकर संशय बरकरार था, क्योंकि ऐसा सोचा जा रहा था कि उसकी सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) उससे दूर जा सकती हैं. 40 सीट वाली गोवा विधानसभा में इस समय कुल 36 विधायक हैं. कांग्रेस के सदन में 14 और भाजपा के 12 विधायक हैं. वहीं, एमजीपी और जीएफपी के तीन-तीन विधायक हैं, जिनका समर्थन भाजपा को प्राप्त है. साथ ही तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी भाजपा को है. दावा किया था कांग्रेस ने भी इस समय सदन में कांग्रेस सबसे बड़ा दल है और इसी कारण उसने भी सदन में अपने पास संख्याबल होने का दावा किया था. इसी दावे के आधार पर कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को चिट्ठी लिखकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को भंग करने की मांग की थी. इस चिट्ठी में राज्यपाल से कहा गया था कि राज्य की इकलौती सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण कांग्रेस को सरकार बनाने का न्यौता दिया जाए. शपथ ग्रहण समारोह में जाने से पहले प्रमोद सावंत ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें पार्टी ने यह ज़िम्मेदारी दी है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी को वह पूरी मेहनत से निभाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर भी उन्होंने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि वह आज जहां पर हैं, पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर की वजह से ही हैं. उन्होंने कहा, "मैं यहां पर्रिकर जी के लिए ही हूं. वह ही मुझे राजनीति में लाए, उन्हीं के लिए मैं स्पीकर बना. उन्हीं के लिए अब सीएम बन रहा हूं." गोवा गोवा
पार्टियां

‘हम’, ‘आप’, ‘सबसे बड़ी पार्टी’ मिलाकर 23 सौ दल लड़ेंगे चुनाव

नई दिल्ली : अब तक छोटी-बड़ी तकरीबन 2300 राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग में पंजीकृत हो चुकी हैं. भारत चुनाव आयोग में राजनीतिक दलों के नवीनतम डेटा के अनुसार देश में कुल 2293 राजनीतिक दल हैं. चुनाव आयोग में पंजीकृत इन पार्टियों में से 7 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और 59 मान्यताप्राप्त राज्य पार्टियां हैं. ‘सबसे बड़ी पार्टी' ...जी हैं, चौकें नहीं, यह भी नाम है इस पार्टी का. इसी तर्ज पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की भी पार्टी है, जिसका नाम है हम "हम" (हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा) पार्टी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी की 'आप' पार्टी तो पहले से ही है. हाल-फिलहाल आयोग में पंजीकरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों में 'भरोसा पार्टी', 'राष्ट्रीय साफ नीति पार्टी' और 'सबसे बड़ी पार्टी' सरीखे राजनीतिक दल शामिल हैं. सीतामढ़ी से 'बहुजन आजाद पार्टी', उत्तर प्रदेश के कानपुर से 'सामूहिक एकता पार्टी' और तमिलनाडु के कायंबतूतर से 'न्यू जेनरेशन पीपुल्स पार्टी' ने अपना पंजीकरण कराया है. आम तौर पर चुनाव आने से पहले दलों के पंजीकरण का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले ढेर सारे राजनीतिक दलों ने पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया.अकेले फरवरी और मार्च के बीच 149 राजनीतिक दलों ने आयोग में अपना पंजीकरण करवाया है. राजनीतिक दलों के पंजीकरण का यह सिलसिला लोकसभा चुनावों की घोषणा के एक दिन पहले, नौ मार्च तक चला. पिछले साल नवंबर-दिसंबर के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले 58 राजनीतिक पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया था. बहरहाल, ये पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं. उनका अपना कोई नियत विशिष्ट चुनाव चिह्न नहीं होता है, जिसपर ये चुनाव लड़ सकें. उन्हें चुनाव आयोग से जारी 'मुक्त चुनाव चिह्नों' में से चुनना होगा. आयोग के नवीनतम सर्कुलर के अनुसार ऐसे 84 चुनाव चिह्न हैं. एक बात और, इन पार्टियों को आयोग में अपना पंजीयन बरकरार रखना है तो अपने उम्मीदवारों को हर चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर भी लड़ना पड़ सकता है. राजनीतिक पार्टियांचुनाव आयोग
मनोहर पर्रिकर

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन

नई दिल्ली : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया. पर्रिकर पिछले एक साल से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज अमेरिका के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित एम्स और मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. पर्रिकर के परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ. पिछले एक साल से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. पर्रिकर फरवरी 2018 से ही बीमार चल रहे थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं ने मनोहर पर्रिकर ने निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'मनोहर पर्रिकर के निधन से शोकाकुल हूं. मनोहर पर्रिकर एक अद्वितीय नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे. वह सभी की प्रशंसा करते थे. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा. उनके निधन से गहरा दु:ख हुआ. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. मनोहर पर्रिकर मोदी सरकार में भारत के रक्षा मंत्री भी थे. रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया था और चौथी बार 14 मार्च 2017 को गोवा के मुख्यमंत्री बनाए गए थे. इससे पहले वो 2000 से 2002, 2002 से 2005 और 2012 से 2014 में भी गोवा के मुख्यमंत्री रहे. 2014 से 2017 तक भारत के रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद थे. पर्रिकर का जन्म गोवा की राजधानी पणजी से क़रीब 13 किलोमीटर दूर मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था. उन्होंने मडगांव के लोयला हाई स्कूल से पढ़ाई की और आईआईटी मुंबई से 1978 में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. वे किसी भी भारतीय राज्य के विधायक बनने वाले पहले आईआईटी स्नातक थे. मनोहर पर्रिकरमनोहर पर्रिकर
पुलगांव

जयभारत टेक्सटाइल में आग से 1.25 करोड़ के नुकसान का अनुमान

आश्विन शाह, पुलगांव (वर्धा) : पुलगांव की जयभारत टेक्सटाइल्स मिल में आज रविवार, 17 मार्च की दोपहर करीब 1.25 बजे लगी भीषण आग में 50 से 60 कपास के बेल्स (गांठें) जलने का अनुमान है. मिल प्रशासन के मैनेजर ए.के. मलिक ने विदर्भ आपला प्रतिनिधि को बताया कि उस स्थान पर 200 से 250 बेल्स रखी गई थी, जिसमे 50 से 60 बेल्स का नुकसान हुआ है. आग लगने का कारण अज्ञात बताते हुए उन्होंने कहा कि लगभग कपास की गाठों के साथ ही कुछ मशीनों को भी क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से सवा करोड़ रुपए तक के नुकसान का अनुमान है. मालिक ने कहाकि सही आकलन बाद में किया जा सकेगा. मालिक ने कहा कि यदि पुलगांव नगरपालिका का अग्निशमन दल जल्दी नहीं पंहुचता तो नुकसान और बड़ा हो सकता था. आग बुझाने के लिए पुलगांव आयुध डिपो का अग्नि शमन दल भी पहुंच गया और उसने भी प्रयास कर आग पर जल्द काबू पाने में सहयोग किया. पुलगांव नगर पालिका अग्निशमन के DCPO निखिल आटे, सन्दीप अजमीरे, फायर मैन क्रुणाल गणवीर, आयुध डिपो के पराते, डी.जी. मानकर, विजय चौधरी, योगेश डेट आदि ने आग पर काबू पाने में सहयोग किया. भीषण आगभीषण आग
हैलो

हैलो प्रधानमंत्री जी : चुनाव के बहाने “जनता की बात जनता तक”

हैलो प्रधानमंत्री जी, भारतीय निर्वाचन आयोग ने तो अब 17वीं लोकसभा के लिए चुनावी प्रक्रिया का शंखनाद कर दिया है. भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाने की तैयारी पहले से ही शुरू कर दी थी, आपने भी सारे शिलान्यास और उद्घाटनों के कार्यक्रम निपटा लिए हैं. अब तो उम्मीदवार और उम्मीदवारी का माहौल रहेगा. नए माहौल में नए-नए आरोप-प्रत्यारोप, धोती-खींच, जोड़तोड़ और बगावत भी हमें देखने को मिलेंगे. 2019 आपके लिए 20..! इसके साथ ही अब तो ज्योतिषाचार्यों की दुकानें भी चल निकली हैं. उन्होंने भी आप सभी नेताओं के ग्रहदशाओं के गणित की गणना शुरू कर दी है. अभी तक जिन-जिन ज्योतिषाचार्यों ने ग्रहों का खाता खोला है, उसमें सभी ने 2019 को आपके लिए 20 ही बताया है. इसलिए हम आम जनता भी आश्वस्त हो चले हैं कि आपका-हमारा साथ छूटने वाला नहीं है. कांग्रेस की कुंडली में प्रियंका मइया का जोर..! हां, लेकिन ज्योतिषाचार्यों की गणना यह बता रही है कि कांग्रेस की कुंडली में बैठ गईं प्रियंका मइया उत्तरप्रदेश में उसे प्रबल बना रही हैं. इधर इसके संकेत भी अभी से मिलाने लगे हैं. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आत्मविश्वास भी कुछ हिला हुआ ही नजर आया है. उन्हें लग रहा है कि सूबे वर्तमान भाजपा सांसदों को वे शायद जीत नहीं दिला सकें. उन्होंने अनेक सीटों पर आपसे फ्रेश पार्टी उम्मीदवार की गुजारिश भी कर दी है. ऐसे में फ्रेश उम्मीदवारों की ग्रहदशा और राजयोग पर भी हो सकता है पार्टी को विचार करना पड़े. 300 सीटें...आपकी झोली में..! ज्योतिषाचार्यों ने एक और अच्छी भविष्यवाणी के है कि आपकी पार्टी मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और कर्नाटक और बंगाल में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी. पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की गणना पर वे मौन हैं संभवतः इन राज्यों में भाजपा और आपके नेतृत्व की सफलता की गणना अभी बाकी होगी. वैसे उनकी जबरदस्त भविष्यवाणी यह भी है कि आपके नेतृत्व में पार्टी जीत के लिए 300 सीटों का आंकड़ा पार कर लेगी. राहुल जी ने जब फिर चलाई कुल्हाड़ी... वैसे आपके प्रमुख विरोधी दल नेता कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमान राहुल गांधी जी ने अपने पांव में एक और कुल्हाड़ी मार कर स्वयं यह बता दिया है कि कांग्रेस नेताओं के पाकिस्तानी आतंकवादियों से कैसे मधुर रिश्ते रहे हैं. पहले दिग्विजय सिंह जी ने 'ओसामा जी' और 'हाफिज सईद जी' कहा. अब राहुल गांधी जी पुलवामा काण्डको अंजाम दिलाने का दवा करने वाले भारत के दुश्मन को 'मसूद अजहर जी' कह कर सम्मानित कर रहे हैं . लेकिन अब जवाब में कांग्रेस ने आप के मंत्री रविशंकर प्रसाद जी को पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद को 'हाफिज जी' कहते हुए विडियो जारी कर दिया है. टीवी चैनलों, ऑपरेटरों, को ट्राई ने दी लूट की छूट... शुरुआत हो चुकी है. आप लोगों की इन बतकहियों को न्यूज चैनल वाले हमारा मनोरंजन करते रहेंगे. इनके माध्यम से उन्हें भी अपना टीआरपी बढ़ाने का मौक़ा मिलेगा. लेकिन दुःख इस बात की है कि सरकारी एजेंसी ट्राई (TRAI) उन्हें लूट की छूट दे चुकी है. 'जितने चैनल, उतने पैसे' की लोक-लुभावन स्कीम बनी गले का फांस ...
मंडल

वंचित परिवारों को वेकोलि की ‘झंकार महिला मंडल’ ने प्रदान की आवश्यक सामग्री

नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, नागपुर से संबद्ध अधिकारियों की महिला संगठन 'झंकार महिला मंडल' नागपुर की उन स्वयंसेवी संस्थाओं को, जो गरीबों की मदद करती हैं, अथवा वृद्धाश्रम या गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा और उनके विकास में जुटी हैं, को समय-समय पर जीवनावश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने का सद्कार्य करती रहती है. अपने इसी उपक्रम के अंतर्गत पिछले गुरुवार, 7 मार्च को झंकार महिला मंडल ने समाज के वंचित तबके के लोगों की मदद करने के उद्देश्य से नागपुर शहर के मध्य क्षेत्र की एक झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों को घरेलू उपयोग हेतु आवश्यक सामग्री प्रदान की. झंकार महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती अनिता मिश्र ने गुरुवार, 7 मार्च को सुबह मंडल की अनेक सेवाभावी महिला सदस्यों के साथ नागपुर रेलवे स्टेशन (राम झूला) के पास स्थित दरगाह के आसपास झुग्गीझोपड़ियों में रह रहे परिवार के लोगों को घरेलू उपयोगके लिए बर्तन एव खाद्य सामग्री प्रदान की. इस अवसर पर श्रीमती मिश्र ने वहां की महिलाओं और पुरुषों को अपने-अपने परिवार की अच्छी देखभाल करने, अपने बच्चों की शिक्षा और उनका बेहतर लालन-पालन करने की सलाह दी. उन्हें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने और अपने परिसर की स्वछता भी बनाए रखने का सुझाव दिया. इस मौके पर झंकार महिला मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती रीना कुमार, श्रीमती राधा चौधरी भी प्रमुखता से उपस्थित थीं. कार्यक्रम के सफलतार्थ सचिव श्रीमती संगीता दास, कोषाध्यक्ष श्रीमती सुषमा गोखले एवं श्रीमती सिम्मी सिंह, श्रीमती लिपिका श्रीवास्तव, श्रीमती नीरजा श्रीवास्तव एवं श्रीमती ऋतु सिंह आदि अनेक महिला सदस्यों भी ने सक्रिय सहयोग किया. श्रीमती अनिता मिश्र