ब्रह्मांड

एनबीटी ने पेश किया ब्रह्मांड की खोज पर आधारित कृष्ण किसलय की कृति “सुनो...

पुस्तक समीक्षा : बिहार राज्य में आंचलिक पत्रकारिता के ध्वज-धारक कृष्ण किसलय पत्रकारिता के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित पहचान बन चुके हैं. संप्रति वे रोहतास जिले के सोन नदी तट नगरी डेहरी-ऑन-सोन के अग्रणी समाचार पत्र "सोनमाटी" और न्यूज-व्यूज पोर्टल "सोनमाटी.काम" "http://sonemattee.com" के समूह संपादक हैं. अपनी लेखकीय प्रतिभा और सापेक्ष विचार संप्रेषण के लिए किसलय जी अनेक प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं. ब्रह्मांड पर वैज्ञानिक खोजों और शोधपूर्ण पुरातन पर आधारित ज्ञान के साथ 184 पृष्ठों की सद्य प्रकाशित उनकी कृति "सुनो मैं समय हूं" इन दिनों चर्चा का विषय है. वैज्ञानिक संकल्पनाओं, शोधपरक प्रामाणिक विषय-वस्तु के साथ प्राचीन खगोलीय और भौगोलिक ज्ञान पर आधारित उन्होंने इस पुस्तक की रचना किशोर विद्यार्थियों की विज्ञान के प्रति अभिरुचि जगाने और बनाए रखने के उद्देश्य से की है और अपने इस उद्देश्य में वे सफल भी रहे हैं. 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के साथ सभी वर्गों के पाठक भी इसमें गहरी रुचि प्रदर्शित कर रहे हैं. पुस्तक का प्रकाशन देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित प्रकाशक नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने किया है. अपने भूमण्डल और खगोल के प्रति आदमी हजारों सालों से जिज्ञासु रहा है. ऐसी विषय-वस्तु पर आधारित पुस्तकें हिन्दी भाषा में प्रकाशित हो चुके हैं. यहां तक कि संभवतः स्वयं नेशनल बुक ट्रस्ट भी इस विषय पर दो खण्डों में पुस्तक प्रकाशित कर चुका है. इसके बावजूद दुबारा ऐसे ही विषय पर एनबीटी ने कृष्ण किसलय की इस कृति का प्रकाशन कर इस तथ्य पर मुहर लगा दी है कि अपनी इस कृति में अधिक प्रामाणिक तथ्यों को पिरोया है. ब्रह्मांड कब पैदा हुआ? कहां फैल रहा है? इसके विस्तार का अंत कब होगा? ईश्वर ने सृष्टि बनाई तो फिर ईश्वर को किसने बनाया? नियम से विकसित हुए ब्रह्मांड में ईश्वर का क्या काम? जीवन पृथ्वी पर पनपा या आकाश से टपका? क्या एलियन है आदमी? सभी जीवों में एक ही जैव पदार्थ तो पृथ्वी पर आदमी का एकछत्र राज्य क्यों? इन प्रश्नों का प्रमाणिक उत्तर किशोर मन को देने की कोशिश है यह पुस्तक. इसके लिए दर्जनों चित्र कोलकाता के प्रतिष्ठित चित्रकार कला स्नातक अरूप गुप्ता ने बना कर इसे और अधिक रुचिकर और जिज्ञासु बना दिया है. प्रतिष्ठितों की प्रतिक्रया रोहतास जिले के इतिहास पर शोध पुस्तक लिख चुके डॉ. श्यामसुन्दर तिवारी ने इस सन्दर्भ में कहा कि यह गौरव की बात है. देश में प्रकाशन विभाग के बाद एनबीटी सबसे बड़ा प्रकाशक है. इस अद्र्धसरकारी संस्थान से किताब छपना महत्वपूर्ण उपलब्धि है. काव्य संग्रह "आवाज भी देह है" के कवि-लेखक संजय कुमार शांडिल्य का कहना है कि एनबीटी राष्ट्रीय महत्व की उपयोगी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्ध है. कम मूल्य पर प्रमाणिक किताबों को देश भर के पाठकों तक पहुंचाने का कार्य यह करता रहा है. यहां से प्रकाशित होना किसी लेखक के लिए गौरव का भी विषय है. (साथ में तस्वीर : निशांत राज) http://sonemattee.com
लोकसभा

कौन होगा देश का अगला प्रधानमंत्री, तय होगा 23 मई को

17वीं लोकसभा के लिए 543 क्षेत्रों में 11 अप्रैल से 19 मई तक कुल 7 चरणों में होंगे मतदान भारतीय निर्वाचन आयोग ने 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव की तारीखों की घोषणा रविवार, 10 मार्च को की. देश की कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल से 19 मई तक कुल सात चरणों में मतदान होगा. मतगणना 23 मई को होगी. अर्थात 23 मई की शाम तक साफ हो जाएगा कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. महाराष्ट्र में चार चरणों में होंगे चुनाव लोकसभा चुनाव 2014 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 23 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी. राज्य में दूसरे नंबर पर शिवसेना रही थी, जिसने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. महाराष्ट्र की कुल 48 संसदीय सीटों के लिए कुल चार चरणों में मतदान होगा. 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में महाराष्ट्र की कुल सात सीटों के लिए मतदान होगा, 18 अप्रैल को कुल 10 सीटों के लिए मतदान होगा, 23 अप्रैल को कुल 14 सीटों के लिए मतदान होगा और 29 अप्रैल को राज्य की कुल 17 सीटों के लिए मतदान होगा. पूरे देश के साथ ही 23 मई को महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों के लिए हुए चुनाव की भी मतगणना होगी. भाजपा-शिवसेना गठबंधन 24-24 सीटों पर इस समय महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना की गठबंधन सरकार है. भाजपा और शिवसेना लोकसभा चुनाव में 24-24 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. ताजा स्थिति के अनुसार राज्य की अन्य दो बड़े दल कांग्रेस और एनसीपी अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले हैं. हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी के बीच चुनावी समझौता हो सकता है. महाराष्ट्र में 48 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में इन चार चरणों में होंगे मतदान- पहला चरण मतदान की तारीख - 11 अप्रैल कुल लो.स. निर्वाचन क्षेत्र - 7 वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरोली-चिमूर, चंद्रपुर, यवतमाल-वाशिम. दूसरा चरण मतदान की तारीख - 18 अप्रैल कुल लो.स. निर्वाचन क्षेत्र - 10 बुलडाणा, अकोला, अमरावती (तीनों विदर्भ के), हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड़, उस्मानाबाद, लातुर, सोलापुर. तीसरा चरण मतदान की तारीख- 23 अप्रैल कुल लो.स. निर्वाचन क्षेत्र - 14 जलगांव, रावेर, जालना, औरंगाबाद, रायगढ़, पुणे, बारामती, अहमदनगर, माढा, सांगली, सातारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, हातकणंगले. चौथा चरण मतदान की तारीख - 29 अप्रैल कुल लो.स. निर्वाचन क्षेत्र - 17 नंदुरबार, धुले, दिंडोरी, नासिक, पालघर, भिवंडी, कल्याण, ठाणे, उत्तर मुंबई, उत्तर पश्चिम मुंबई, उत्तर पूर्व मुंबई, उत्तर मध्य मुंबई, दक्षिण मध्य मुंबई, दक्षिण मुंबई, मावल, शिरूर, शिर्डी. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे- साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों के लिए हुए आम चुनाव में सबसे ज्यादा 23 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. जबकि शिवसेना ने कुल 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कुल चार सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने कुल दो सीटों पर विजय हासिल की थी. अन्य एक सीट स्वाभिमान पक्ष नाम स्थानीय दल ने जीता था. महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों के लिएमहाराष्ट्र
देश

बात की बात प्रधानमंत्री जी से : देश की जनता मुदित है आपके शौर्य...

प्रधानमंत्री जी, 2018 का उत्तरार्द्ध भले ही आपका तंगमय रहा हो, 2019 का यह अंतिम दौर फिर सुनहरा हो चला है. बधाई स्वीकार करें..! पिछले साल के अंत-अंत में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जी ने राफेल-राफेल और चोर-चोर का शोर मचा कर आप के ग्राफ को झुकाने का भरसक प्रयास किया, अन्य विपक्षी भी सुर में सुर मिला रहे थे. न्यूज चैनलों को भी वे कोई स्पेश नहीं दे रहे थे. उनके आरोपों को भी बेचारे चैनल वाले दर्शकों को दिखाने-बताने को मजबूर हो गए थे. यह दौर भी आया. इसके बाद नए वर्ष पर कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी वाड्रा का हौवा खड़ा करने की कोशिश कर आपके खेमें में खलबली मचा दी थी, शुक्र है कि उनका यह ब्रह्मास्त्र भी अब निष्तेज होता नजर आ रहा है. पुलवामा में आतंकवादियों ने हमारे 40 सीआरपीएफ जवानों को शहीद करने का दुस्साहस कर पाकिस्तान की शामत बुला ली और इसके साथ ही आपका शौर्य एक बार फिर देश को तब मुग्ध कर गया, जब वायुसेना के हमारे जांबाजों ने घर में घुस कर पाकिस्तानी आतंकवादियों के शिविरों को निशाना बनाया और उन्हें तहस-नहस कर दिया. इतना ही नहीं हमारे विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तानी वायुसेना के अमेरिकी शक्तिशाली बम वर्षक एफ-16 को मार गिराया. लेकिन जब उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो कर आजाद कश्मीर के इलाके में जा गिरा और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया तो उन्हें छुड़ाकर तुरंत सुरक्षित वतन वापस लाने में आपके वैश्विक आभा के दर्शन पूरे देश ने किया. इधर, अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि के मामले में सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता प्रस्ताव पर अधिकतर पक्षों की सहमति ने इस कठिन मसले से आपकी परेशानी काफी काम करने में मदद की है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में राफेल से संबंधित दस्तावेज पेश करने की बारी आई तो बुधवार को अटर्नी जनरल वेणुगोपाल ने यह कैसे कह दिया कि उसकी फाइल ही रक्षा मंत्रालय से चोरी चली गई है? इतना ही नहीं, 'द हिंदू' पर चोरी का इल्जाम मढ़ कर उन्होंने यह भी कह डाला कि गोपनीय दस्तावेज चोरी के मामले में उन पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है. लेकिन दूसरे ही दिन गुरुवार को उन्होंने सूचित किया कि फाइल गुम नहीं हुई, मिल गई है. रक्षा मंत्री ने भी यही बात कही. अब ऐसे में एक बार फिर अपने ही लोगों ने विपक्ष को आप पर हमलावर होने का अवसर दे डाला. चिदंबरम तंज कस रहे हैं, "चोर फाइल चुरा कर उसका फोटोकॉपी निकाल लिया और फाइल लौटा दिया." राहुल ने तंज कस दिया, "घर से ही फाइल चोरी हो गई और चौकीदार सोता रह गया." एक ओर आप फटे को सीलते जा रहे हैं, दूसरी ओर आपके ही लोग तंबू उघाड़ने में लगे हुए हैं. राह को कठिन बनाने वाले जब अपने ही लोग हों तो रास्ता तय करना बाधाएं पार करने जैसा हो जाता है. इधर, विपक्ष है कि सर्जिकल एयर स्ट्राइक पर सबूत पर सबूत मांग कर समझ रहा है कि वह पीएम पर ही सर्जिकल स्ट्राइक कर रहा है, लेकिन आपकी वक्तृत्व शैली भी कुछ कम नहीं है, इस सवाल पर...
पाकिस्तान

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि तोड़ो, तिब्बत पर चीनी अधिपत्य की मान्यता खत्म...

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51 का उलंघन कर तिब्बत पर चीन द्वारा आधिपत्य को नेहरु सरकार ने दी थी स्वीकृति देश की सांस्कृतिक विरासत, सामरिक हित, संयुक्त राष्ट्रसंघ के मान्य सिध्दान्त की चढ़ा दी गई थी बलि आलेख : जयराम तिवारी सत्ता के लिए तुष्टिकरण के तो कई उदाहरण मिल जाएंगे, लेकिन अपनी संप्रभुता को गिरवी रखने के उदाहरण भारत के अलावा पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेंगे. कोको द्वीप म्‍यांमार को उपहार में देना, संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता ठुकराना, पंचशील समझौता, अपनी जमीन को बंजर बताना, सिंधु जल समझौता ऐसे ही कुछेक उदाहरण हैं. आजादी के तुरंत बाद के डेढ़ दशक भारतीय शासनकर्ताओं ने अपनी अदूरदर्शिता और कमजोर विदेश नीति के कारण देश के हितों के साथ ऐसे खिलवाड़ किए कि वह आज तक देश के लिए "राष्ट्रीय शर्म" बने हुए हैं. इनमें पाकिस्तान के साथ अमेरिका के दवाब में किया गया "सिंधु जल संधि" और दूसरा तिब्बत पर अवैध और अन्यायपूर्ण चीनी कब्जे को मान्यता देना था. यह मान्यता हमने तत्कालीन शासकों ने तब दी थी, जब हम चीन द्वारा धोखे से हमारे ऊपर हमला कर कर हमें पराजित कर चुका था. तत्कालीन भारत की नेहरू सरकार ने चीन द्वारा पीठ में छुरा घोंपने के बावजूद, हमें नीचा दिखाने के बावजूद अपनी सांस्कृतिक विरासत और सामरिक हित के विरुद्ध तिब्बत पर चीनी आधिपत्य को मान्यता दे दी. सिंधु जल समझौता, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी को भारत और पाकिस्‍तान के बीच बांटने से जुड़ा है. समझौते के अनुसार सिधु, रावी, व्‍यास, चेनाब, सतलुज और झेलम नदियों को पूर्वी और पश्‍चिमी भाग में बांटा गया है. पूर्वी नदियों (सतलुज, व्‍यास और रावी) पर भारत का अधिकार है, जबकि पश्‍चिमी नदियों (सिंधु, चेनाब और झेलम) पर पाकिस्‍तान का अधिकार माना गया. समझौते के तहत भारत अपनी छह नदियों का करीब 80 फीसदी पानी पाकिस्‍तान को देता है. भारत के हिस्‍से आता है केवल 19.48 फीसदी पानी. समझौते में यह प्रावधान भी है कि भारत बिजली व जल परिवहन के लिए पश्‍चिमी नदियों के पानी का इस्‍तेमाल कर सकता है. इसके बावजूद पाकिस्‍तान भारत की सिंचाई और बिजली परियोजनाओं पर आपत्‍ति जताता रहा है. हालांकि उसे हर बार मुंह की खानी पड़ती है. लेकिन अंतराष्ट्रीय जगत में अब ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे अन्यायपूर्ण पुरानी संधियों को तोड़ने को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत स्वीकार्य माना जाने लगा है. अमेरिका द्वारा हाल ही में इरान के साथ पुरानी संधि को तोड़ने को भी अंतर्राष्ट्रीय कानून/जगत में मान्य किया गया है. पाकिस्तान के साथ 1960 का सिंधु जल समझौता एवं "चीन-भारत के बीच अवस्थित बफर सार्वभौम राज्य तिब्बत" पर चीन ने सैनिक कार्रवाई द्वारा अन्यपूर्ण आधिपत्य स्थापित किया था. जिसे भारत की नेहरु सरकार द्वारा 1960 की दशक में स्वीकृति दे दी गई थी, इन दोनों को अब हम तोड़ सकते हैं. 1. सिंधु जल संधि : सिंधु सहित पंजाब की 6 नदियों के पानी का न्यूनतम 50% पर प्रत्येक दृष्टिकोण से भारत का न्यायपूर्ण अधिकार बनता है. 1960 के दशक में विश्व में शीतयुध्द के समय 'गतिशील तटस्थ' भारत को डलेसियन नीति के कारण अमेरिका शक के दृष्टि से देखता था. विश्व बैंक सदा अमेरिकी...
जॉर्ज फर्नांडिस

पूर्व रक्षा मंत्री, प्रखर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का निधन

नई दिल्ली : देश के पूर्व रक्षामंत्री और प्रखर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का आज निधन हो गया. वे 88 साल के थे. फर्नांडिस ने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में आज सुबह आखिरी सांस ली. वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वे अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे. फर्नांडिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है- 'जॉर्ज साहब ने भारत के राजनीतिक नेतृत्व का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व किया. वे स्पष्टवादी और निडर, बेबाक और दूरदर्शी थे, उन्होंने हमारे देश के लिए अहम योगदान दिया है. वह गरीबों और हाशिए पर रहे लोगों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी आवाजों में से एक थे. उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ.' विदेश में रह रहे उनके पुत्र के नई दिल्ली पहुंचने पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था. वे अटल सरकार में अक्टूबर 2001 से मई 2004 तक रक्षामंत्री रहे. आखिरी बार वह अगस्त 2009 से जुलाई 2010 तक राज्यसभा के सांसद रहे थे. फर्नांडीस सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली. अपने मंत्रित्व कार्यकाल में उन्होंने कोका कोला और अन्य विदेशी मल्टीनेशनल्स को अलविदा किया था. फर्नांडिस साहब एनडीए के संस्थापक संयोजक थे. वे 1970 में समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता थे. समता पार्टी बनाने से पहले जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती थी. 1930 में जन्में जॉर्ज ने रोमन कैथोलिक पादरी की ट्रेनिंग ली थी, तभी वे यूनियन पॉलिटिक्स की तरफ मुड़ गए. 1967 में उन्होंने मुंबई से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को हराकर संसद पहुंचे थे. उन्होंने 1974 में देशभर में रेलवे हड़ताल भी करवाई थी. 1975 में इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में डाल दिया गया था. 1977 में उन्होंने जेल से ही चुनाव लड़ा था और बिहार के मुजफ्फरपुर से भारी मतों से जीत हासिल की. जॉर्ज फर्नांडीज आपातकाल के हीरो बन गए थे, जब 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनाया गया. पूर्व रक्षा मंत्री, प्रखर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का निधनपूर्व रक्षा मंत्री, प्रखर समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का निधन
आयुष्मान

आयुष्मान भारत योजना : 30 रुपए में गोल्डन कार्ड, मुफ्त इलाज और 5 लाख...

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 100 दिनों में 6.85 लाख मरीज हुए लाभान्वित नई दिल्ली : पिछले वर्ष आम बजट में केंद्र सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना 'आयुष्मान भारत योजना' की घोषणा की थी. इस स्वास्थ्य योजना के तहत मुफ्त इलाज और 5 लाख रुपए के बीमा का प्रावधान है. लेकिन लोगों को अभी तक यह जानकारी नहीं है कि इस योजना के तहत इसका फायदा कैसे उठाया जा सकता है? जबकि 'भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)' से पिछले 100 दिनों में 6.85 लाख मरीज इसका लाभ ले चुके हैं. कैसे और कितने पैसों में बनेगा गोल्डन कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पहले एक गोल्डन कार्ड की जरूरत होती है. कार्ड बनाने के लिए सरकार जगह-जगह शिविर लगवा रही है. इस कार्ड के माध्यम से पूरा इलाज मुफ्त में होगा. गोल्डन कार्ड के लिए आधिकारिक वेबसाइट-mera.pmjay.gov.in पर लॉग इन करना होगा और HHD कोड चुनना होगा, जिसे कॉमन सर्विस सेंटर में आयुष्मान मित्र को देना होगा. आयुष्मान मित्र सीएससी में बाकी प्रक्रिया पूरी करेंगे. गोल्डन कार्ड के लिए आवेदकों को सिर्फ 30 रुपए का भुगतान करना होगा. गोल्डन कार्ड बनवाने के किए पहले एक सॉफ्टवेयर के जरिए इस बात की पुष्टि की जाएगी कि आप योजना के लिए पात्र हैं या नहीं. इसके लिए आपसे आधार कार्ड या आपकी पहचान का दूसरा कार्ड मांगा जाएगा. इसके बाद बीमारी के हिसाब से हॉस्पिटल पैकेज का चयन होगा. इसके बाद जांच और इलाज शुरू होगा. इससे जुड़े दस्तावेज अस्पताल इकट्ठे करेगा. इलाज होने पर डिस्चार्ज समरी जारी होगी. इसके बाद अस्पताल को पेमेंट हो जाएगा. आयुष्मान भारत योजना का हेल्पलाइन नंबर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का हेल्पलाइन नंबर 1800 111 565 और 14555 है. इस पर मरीज आयुष्मान भारत योजना की जानकारी प्राप्त कर सकता है. यह नंबर 24 घंटे चालू रहता है. आप इन नंबरों पर इस बात का पता कर सकते हैं कि आप आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी हैं या नहीं. कैसे उठा सकते हैं आयुष्मान भारत योजना का लाभ इलाज के लिए इस योजना में रजिस्टर्ड हॉस्पिटल में आयुष्मान मित्र (आरोग्य मित्र) लोगों की सहायता के लिए उपलब्ध होते हैं. पीएमजेएवाई के अंतर्गत 'गोल्डन कार्ड' गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा. इस योजना का लक्ष्य 10.74 करोड़ लाभार्थी परिवारों के 50 करोड़ से अधिक लोगों को वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना है.
सत्कार

महानगर पालिका टैक्स में बढ़ोतरी नहीं करने पर कुकरेजा का सत्कार

नागपुर : नागपुर महानगर पालिका द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए किसी प्रकार के टैक्स में बढ़ोत्तरी नहीं करने पर नागपुर मनपा की स्थाई समिति के सभापति विकी भाई कुकरेजा का सिन्धु युवा शक्ति, जरीफटका कीओर से सत्कार किया गया. कुकरेजा का सत्कार विगत 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के दौरान दयानन्द पार्क में किया गया. कार्यक्रम में कुकरेजा प्रमुख अतिथि और नागपुर सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष के रूप में उपास्थि थे. विशेष अतिथि के रूप में नागपुर शहर भाजपा उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी, नगरसेवक महेंद्र धनविजय, नगरसेविका प्रमिला मथरानी कार्यक्रम में शामिल थे. झंडावंदन, राष्ट्रगीत गायन, महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर कुकरेजा ने सभी को 70वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी. मनपा में किसी भी प्रकार का कर नहीं लगा कर बेहद सराहनीय कार्य के लिए इस अवसर पर प्रताप मोटवानी ने विकीभाई का अभिनंदन किया. सिन्धु युवा शक्ति के महासचिव राजेश धनवानी ने विकी कुकरेजा औऱ प्रताप मोटवानी का शाल श्रीफल बुके देकर स्वागत किया. कुकरेजा ने संस्था के कोषाध्यक्ष भरत पारवानी का सत्कार किया. कार्यक्रम में सहयोग देने वालो में जिया शेख, हीरो मोटवानी, मनोज माखीजा, कमलेश आहूजा, दिलीप धनवानी, राजेश खत्री, विजय जेसवानी, योगेश बकशानी, किशोर वासवानी ,गिरीश नोतानी, सन्नी धनवानी और किशोर धनवानी शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन जगदीश वंजानी ने और आभार प्रदर्शन महासचिव राजेश धनवानी ने किया.
राहुल

प्रियंका, राहुल, वरुण और मेनका पर सियासी तुक्के

अमिताभ, सलमान, करीना और शत्रुघ्न सिन्हा पर भी चर्चे नई दिल्ली : चुनावी माहौल में कांग्रेस के खेमे से निकले कुछ तुक्के फिलहाल जोर-शोर से सियासी गलियारे में तैर रहे हैं. पहला तो यह कि राहुल गांधी इस बार अमेठी से ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. दूसरा यह कि प्रियंका गांधी वाड्रा केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान ही नहीं संभालेंगी, बल्कि वे रायबरेली के साथ वाराणसी से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरुद्ध भी चुनाव लड़ेंगी. यह भी संकेत देने की कोशिश की जा रही है कि वरुण के साथ मानेका गांधी को भी कांग्रेस में लाने की कोशिशें जारी हैं. अमेठी के साथ नांदेड़ से भी लड़ेंगे राहुल...! राहुल गांधी इस बार अमेठी के साथ-साथ किसी और सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस खबर के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और नांदेड़ के सांसद अशोक चव्हाण ने अ.भा. कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपनी नांदेड़ सीट को अधिक सुरक्षित बता कर वहां से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना जताई है. उनके मुताबिक, राहुल गांधी इस बार महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट से भी दावेदारी करते नजर आ सकते हैं. पीएम मोदी को चुनौती देंगी प्रियंका...? दूसरी ओर पार्टी में ही चल निकली हवा से यह चर्चा फ़ैलाने लगी है कि महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अगली चाल क्या होगी? क्या सचमुच पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी सीट से वे पीएम मोदी को चुनौती देने वाली हैं ? क्या वो सिर्फ पार्टी के प्रचार प्रसार का जिम्मा संभालेंगी? मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से चुनाव लड़कर आसानी से लोकसभा जाएंगी या फिर वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी को सीधी टक्कर देंगी? वाराणसी में कांग्रेस के चेहरा समझे जाने वाले और पिछले चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने प्रियंका गांधी को वाराणसी से चुनाव लड़ाने की मांग कर प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की खबर को हवा दे दी है. वरुण के साथ मानेका गांधी भी चर्चा में प्रियंका गांधी के चचेरे भाई, स्व. संजय गांधी और केंद्रीय मंत्री मानेका गांधी के पुत्र भाजपा नेता वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की भी चर्चा जोरों पर है. भाजपा के असंतुष्ट युवा नेता वरुण गांधी पिछले कुछ समय में केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर आलोचक रहे हैं. कई मौकों पर उन्‍होंने सरकार पर अपरोक्ष हमला बोला, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व से खफा हैं. इस बीच ऐसी अटकलों ने भी खूब जोड़ पकड़ा कि वह भाजपा को छोड़ वे अपनी मां मानेका गांधी के साथ कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. चर्चा सलमान, करीना और शत्रुघ्न सिन्हा की भी पिछले दिनों फ़िल्मी हस्तियों में सलमान खान को इंदौर से और करीना कपूर सैफ अली खान को भोपाल से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ाई जाने की खबरें भी सुर्खियां बन चुकी हैं. बिहार के पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के असंतुष्ट भाजपा सांसद अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को भी कांग्रेस में आने के लिए राजी करने की चर्चा जारी हैं. इतना ही नहीं, यहां तक कहा...
मोदी सरकार

आम लोगों से लेकर छोटे कारोबारियों को लुभाने में जुटी मोदी सरकार

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हर वर्ग को खुश करने का दांव नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव अब निकट है. कुछ महीनों का समय बचा है. चुनाव के नजदीक आते ही मोदी सरकार की ओर से हर वह दांव आजमाए जा रहे हैं, जिसके जरिए हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाया जा सके. विदेशी समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में जनरल कैटेगरी में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया गया. इसी तरह 40 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी फ्री कर छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई. अब छोटे कारोबारियों को मुफ्त में एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस की सुविधा भी मिल सकती है. यह इंश्‍योरेंस 5 से 10 लाख रुपए तक का हो सकता है. क्‍यों लिया जा सकता है फैसला रॉयटर्स के मुताबिक 2016 में पीएम मोदी की नोटबंदी के फैसले से सबसे अधिक छोटे कारोबारी प्रभावित हुए. इसके अलावा 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद भी छोटे कारोबारियों को कोई बड़ी राहत नहीं मिली बल्कि कंपोजिशन स्कीम बढ़ने की वजह से उनकी परेशानी ही बढ़ी. ऐसे में इस वर्ग के लोगों में मोदी सरकार को लेकर नाराजगी रही है. यही वजह है कि बीते कुछ समय से सरकार की ओर से कारोबारियों को लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जीएसटी में छूट की सीमा को बढ़ाई हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में छूट की सीमा को बढ़ाकर सालाना 20 लाख से 40 लाख रुपए कर दिया है. यानी 40 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारी अब जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. इसके अलावा काउंसिल की बैठक में कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी गई. यानि जिन कंपनियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक है, वह अब इस स्कीम का फायदा उठा सकेंगी. दरअसल, शुरुआती दौर में GST टैक्‍स सिस्‍टम की दिक्‍कतों से राहत देने के लिए सरकार ने छोटे कारोबारियों को कंपोजिशन स्कीम अपनाने का विकल्प दिया. इसके तहत छोटे कारोबारियों को हर महीने रिटर्न फाइल नहीं करना होता है.रसीदों को अपलोड करने का झंझट नहीं होता है. इसके अलावा टैक्स का एक निश्चित रेट, एकमुश्त टैक्स भरना होता है.
WCL

कोल इंडिया क्रिकेट टूर्नामेंट में WCL बनी चैम्पियन

नागपुर : कोल इंडिया अन्तर कम्पनी क्रिकेट टूर्नामेंट का ख़िताब WCL (वेकोलि) ने जीत लिया. फाइनल में सिंगरेनी कॉलरिज कंपनी लिमिटेड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए वेकोलि की टीम को 123 रनों का लक्ष्य दिया, जिसे वेकोलि की टीम ने 17 ओवर्स में 3 विकटों पर 126 रनों के साथ जीत दर्ज की. मैन ऑफ़ द मैच वेकोलि के इमरान शेख, मैन ऑफ़ सीरिज वेकोलि के संजर आलम, बेस्ट बैट्समेन एमसीएल के करतार सिंह और बेस्ट बोलर का ख़िताब संतोष रेड्डी एससीसीएल को दिया गया. समापन समारोह एवं पारितोषिक वितरण पिछले दिन वसंत नगर स्थित ग्राउंड पर वेकोलि एवं एमसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. इस अवसर पर नागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक डी.एम. गोखले, नेशनल खिलाड़ी सुब्रत बनर्जी, संचालन समिति, कल्याण मंडल एवं वेकोलि स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के सदस्यगण प्रमुखता से उपस्थित थे. टूर्नामेंट में कोल इंडिया लिमिटेड की सभी अनुषंगी कम्पनियों एवं सिंगरेनी कॉलरिज कंपनी लिमिटेड की टीमों ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक (कार्मिक) श्रीमती अर्चना सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक श्री आर. जी. गेडाम ने किया. कार्यक्रम में खेल प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. 22 जनवरी को शुरू हुआ था टूर्नामेंट कोल इंडिया अन्तर कम्पनी क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ पिछले 22 जनवरी को यहां वेकोलि के निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार ने किया. उन्होंने खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं दीं. वेकोलि की मेज़बानी में आयोजित इस टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में नागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक डी.एम. गोखले, महाप्रबंधक (संचालन) एस.के. शर्मा, महाप्रबंधक (कार्मिक) इक़बाल सिंह, महाप्रबंधक (कल्याण)एस.एस. वेमुलकोंडा, क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक आर.जी. गेडाम, कल्याण मंडल सदस्य बृजेश सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक) ए.के. सिंह तथा वेकोलि स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के सचिव जोवेल चांदेकर प्रमुखता से उपस्थित थे.