मोदी सरकार

आम लोगों से लेकर छोटे कारोबारियों को लुभाने में जुटी मोदी सरकार

बिजनेस
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लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हर वर्ग को खुश करने का दांव

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव अब निकट है. कुछ महीनों का समय बचा है. चुनाव के नजदीक आते ही मोदी सरकार की ओर से हर वह दांव आजमाए जा रहे हैं, जिसके जरिए हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाया जा सके.
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विदेशी समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में जनरल कैटेगरी में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया गया. इसी तरह 40 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी फ्री कर छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई. अब छोटे कारोबारियों को मुफ्त में एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस की सुविधा भी मिल सकती है. यह इंश्‍योरेंस 5 से 10 लाख रुपए तक का हो सकता है.
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क्‍यों लिया जा सकता है फैसला
रॉयटर्स के मुताबिक 2016 में पीएम मोदी की नोटबंदी के फैसले से सबसे अधिक छोटे कारोबारी प्रभावित हुए. इसके अलावा 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद भी छोटे कारोबारियों को कोई बड़ी राहत नहीं मिली बल्कि कंपोजिशन स्कीम बढ़ने की वजह से उनकी परेशानी ही बढ़ी. ऐसे में इस वर्ग के लोगों में मोदी सरकार को लेकर नाराजगी रही है. यही वजह है कि बीते कुछ समय से सरकार की ओर से कारोबारियों को लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

जीएसटी में छूट की सीमा को बढ़ाई
हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में छूट की सीमा को बढ़ाकर सालाना 20 लाख से 40 लाख रुपए कर दिया है. यानी 40 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारी अब जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे. इसके अलावा काउंसिल की बैठक में कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी गई. यानि जिन कंपनियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक है, वह अब इस स्कीम का फायदा उठा सकेंगी.

दरअसल, शुरुआती दौर में GST टैक्‍स सिस्‍टम की दिक्‍कतों से राहत देने के लिए सरकार ने छोटे कारोबारियों को कंपोजिशन स्कीम अपनाने का विकल्प दिया. इसके तहत छोटे कारोबारियों को हर महीने रिटर्न फाइल नहीं करना होता है.रसीदों को अपलोड करने का झंझट नहीं होता है. इसके अलावा टैक्स का एक निश्चित रेट, एकमुश्त टैक्स भरना होता है.

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