चंद्रपुर-वर्धा-गढ़चिरोली वि.प. चुनाव में भाजपा पकड़ मजबूत करने में सफल

राज्य के अन्य पांच चुनाव क्षेत्रों भी मतदान कल सोमवार को, मतगणना होगी 24 को अश्विन शाह पुलगांव (वर्धा) : चंद्रपुर-गढ़चिरोली-वर्धा विधान परिषद सीट के लिए मतदान का समय अब निकट आ गया है. कल सोमवार को सुबह 7 बजे से इन तीनों जिलों के स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए अपने विधायक का चयन करेंगे. इसके लिए अब मतदान के लिए कुछ ही घंटे बचे हैं. इसके बाद उम्मीदवारों के भाग्य मतपेटियों में बंद हो जाएंगे. इस स्थानीय प्राधिकारी चुनाव क्षेत्र के लिए चंद्रपुर जिले के 8 उपविभागीय कार्यालय में, वर्धा जिले के 3 और गढ़चिरोली जिले के 6 उपविभागीय कार्यालयों में मतदान होंगे. मतगणना 24 मई को होगी. मुकाबले में हैं भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार इस सीट से राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने प्रदेश महामंत्री और आरआरएस के समर्पित कार्यकर्ता डॉ. रामदास आंबटकर को अपना प्रत्याशी बनाया है. जवाब में कांग्रेस ने वर्धा जिले के बुजुर्ग नेता और पूर्व नगराध्यक्ष इन्द्र कुमार सराफ को मुकाबले में उतार दिया है. तीसरे निर्दलीय उम्मीदवार सौरभ तिमांडे हैं, जो एनसीपी से बगावत कर चुनाव में खड़े हो गए हैं. एक अन्य निर्दलीय जगदीश टावरी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर किनारे हो गए हैं. इस तरह मैदान में भले ही तीन उम्मीदवार हैं, लेकिन मुकाबले की स्थति भाजपा के आंबटकर और सराफ के बीच ही है. अंतिम क्षणों में "विदर्भ आपला" का सर्वेक्षण मतदान के मात्र एक दिन पूर्व "विदर्भ आपला" ने तीनों जिलों में दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों (भाजपा और कांग्रेस) की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश की है. भाजपा के लिए यह सीट वाकओवर जैसी मानी जा रही थी. लेकिन कांग्रेस सराफ अपना उम्मीदवार बना कर भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर दी थीं. माना जा रहा था और कांग्रेस का दावा है कि उसने 1062 मतदाताओं वाले इस चुनाव क्षेत्र में 400 से अधिक सीटें पक्की कर ली हैं. शिवसेना और बसपा का समर्थन भी कांग्रेस को ही मिलाने की उम्मीद जताई जा रही है. भाजपा को 750 मत प्राप्त होने का विशवास लेकिन ऐसी परिस्थितियों के बीच भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की बनी इस सीट के लिए तीनों जिलों के भाजपा विधायकों, मंत्रियों और सांसदों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा भाजपा प्रत्याशी की स्थिति सुदृढ़ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वर्धा जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव बकाने का दावा है कि उनकी पार्टी ने के साथ क्षेत्र के 700 से 750 मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हो गया है. डैमेज कंट्रोल करने में भाजपा सफल विधान परिषद के लिए नामांकन के पश्चात पिछले दिनों नागपुर में आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी द्वारा कार्यकर्ताओं को खरी-खरी सुना देने से कई नगरसेवकों में असंतोष को कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रकुमार सराफ द्वारा भुनाने में नाकामयाब रहने से भाजपा को होने वाला नुकसान टल गया. भाजपा चुनाव प्रभारी वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और सांसदों एवं विधायकों ने डैमेज कंट्रोल करने सफलता पा ली है. गढ़चिरोली में विरोधी पक्ष भी भाजपा साथ गढ़चिरोली में शिवसेना की विद्यार्थी सेना के साथ ही अन्य संगठनों समर्थन प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने जिले के अनेक विरोधी मतदाताओं को भी अपने समर्थन में...

विश्व की शांति के पहले मन की शांति परम आवश्यक

अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समता परिषद के सम्मेलन में आचार्य लोकेश मुनि जी का प्रतिपादन नागपुर : अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समता परिषद के अंतर्गत "सामाजिक शांति और समता" विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मलेन के पहले दिन आज यहां अहिंसा विश्व भारती के आचार्य लोकेश मुनि जी ने प्रतिपादित किया कि विश्व की शांति के पहले मन की शांति परम आवश्यक है. मन शांत नहीं रहा तो व्यक्ति शांत नहीं रह सकता. गौतम बुद्ध ने विश्व को यही संदेश दिया है. उन्होंने विश्व को शांति और करुणा की मार्ग दिखलाया. जिसका अवलम्बन डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कर लोगों को उसी मार्ग पर चलने को प्रेरित किया है. महाराष्ट्र शासन के सामाजिक न्याय विभाग, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर संशोधन संस्था (बार्टी) व समता प्रतिष्ठान नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय वैशाख दिन (बौद्ध पौर्णिमा निमित्त) रेशीमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मलेन का उदघाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय और सक्षमीकरण राज्यमंत्री रामदास आठवले ने किया. दीक्षाभूमि से विश्व को शांति का सन्देश पहुंचाएं : अब्दुल फलाही इसी क्रम ने मुस्लिम समाज के विद्वान जनाब अब्दुल फलाही ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने दीक्षाभूमि पर बुद्ध की शांति, अहिंसा और करुणा के सन्देश को पुनर्जीवित किया है. उन्होंने दीक्षाभूमि से विश्व को शांति का सन्देश पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया. फलाही ने कहा कि इस्लाम धर्म भी शांति का धर्म है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व इस्लाम का नाम पर समाज में कटुता और विद्वेष फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसे तत्वों को रोकना और शांति का सन्देश आज समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना जरूरी है. बुद्ध के धम्म को समझने की आवश्यकता इस अवसर पर दुनिया भर से आए बौद्ध विद्वानों ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की समता की संकल्पना पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इस सन्दर्भ में गौतम बुद्ध के धम्म को समझने की आवश्यकता पर बल दिया. आंबेडकर की समता की संकल्पना सम्मेलन में थाइलैंड से डॉ. सिरीकोतन मनिरीन, राजकुमारी मारिया अमोर, राकुमारी सिसोवॉट, गगन मलिक के साथ महाबोधी सोसायटी , श्रीलंका के अध्यक्ष बानागल उपत्तीस्स नायक थेरो, बांग्लादेश के भंते बानाश्री महाथेरा संघनायक आदि ने समता की संकल्पना पर अपने विचार प्रस्तुत किए. इसके बाद थाईलैंड और कंबोडिया के कलाकारों ने अपने देश की कला का प्रदर्शन कर विश्वशांति का सन्देश दिया. कल रविवार के कार्यक्रम में 10.30 बजे केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी उपस्थित रहेंगे. कल का कार्यक्रम सुबह 7 बजे से शुरू होकर देर शाम को समाप्त होगा.

दलहन में किसानों को हो रहा भारी नुकसान

चने की सट्टेबाजी बंद कराने व तुअर, मूंग, उड़द के आयात भी रोकने की मांग नागपुर : दलहनों की गिरती कीमतों से चिंतित थोक अनाज बाजार ने सरकार से मांग की है कि चने को तुरंत वायदा बाजार से मुक्त कराया जाए और तुअर, मूंग एवं उड़द का आयात भी तत्काल रोका जाए. फेडरेशन ऑफ़ एसोसिएशन ऑफ ट्रेड, पुणे के उपाध्यक्ष एवं दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप ए. मोटवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खाद्यान्न मंत्री रामविलास पासवान एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को ट्विट कर मांग की है कि किसानों को यदि फसलों के उचित मूल्य दिलाने हैं तो चने का वायदा तुरंत खत्म कराएं. साथ ही तुअर, मूंग और उड़द की आयात पर भी तत्काल रोक लगाएं. अन्यथा किसानों को भारी नुकसान होगा. मोटवानी ने बताया है कि फिलहाल मंडियों में चना 3500 की दर से बिक रहा है और आयातित चने का भाव 3450 से 3475 रुपए है. जबकि चने का समर्थन मूल्य 4450 रुपए है. अर्थात खुले बाजार में चना 1000 रुपए कम के भाव से बिक रहा है. इसका कारण चने की सट्टेबाजी है. सटोरियों ने वास्तविकता में बाजार नहीं कर सट्टेबाजी द्वारा चने का भाव गिरा दिया है. मोटवानी ने बताया है कि पिछले वर्ष 20 जुलाई को चने को फिर से वायदा (डिब्बा) म्मार्केट में शामिल किया गया था. उसके बाद चने का भाव निरंतर 5000 रुपए से गिरता चला गया है. उन्होंने कहा है कि इस वर्ष चने का उत्पादन 111 लाख टन हुआ है. यदि किसानों को समर्थन मूल्य 4450 रुपए के भाव भी नहीं मिले तो वे भारी नुकसान में रहेंगे. इसलिए सरकार किसानों के हित में चने को वायदा बाजार से तुरंत मुक्त कराए. इसी तरह मोटवानी ने बताया है कि पिछले 1 अप्रैल से सरकार ने 3 लाख टन तुअर और 3 लाख टन मूंग-उड़द के आयात की अनुमति देकर इन फसलों की हालत भी पस्त कर दी है. उन्होंने बताया कि तुअर का समर्थम मूल्य 5450 रुपए है और खुले बाजार में यह 4200 के भाव से बिक रहा है. अर्थात 1200 रुपए कण कीमत में किसान तुअर बेचने को मजबूर है. उन्होंने बताया कि मूंग और उड़द की भी यही स्थिति है. ऐसी स्थिति में सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से दलहन की खरीद शुरू करनी चाहिए. निर्यात को प्रोत्साहन देने के बजाय दलहन का आयात करने से किसानों को भारी नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस स्थिति में मोटवानी ने चने की सट्टेबाजी बंद कराने और तुअर, मूंग और उड़द के आयात भी तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है.

पत्थर से सिर कुचल कर युवक की हत्या

उमरेड रोड के गारगोटी नाले के पास शव बरामद नागपुर : हुडकेश्वर थाना क्षेत्र में आज शनिवार, 19 मई को सुबह उमरेड रोड के नरसाला के गारगोटी परिसर के नाले के पास एक युवक का शव मिलने से परिसर में सनसनी फैल गई. युवक की हत्या पत्थर से सिर कुचलकर की गई है. सुबह तड़के नाले के पास शव दिखाई देने से नागरिकों ने पुलिस कण्ट्रोल को तुरंत सूचना दी. हुडकेश्वर पुलिस घटनस्थल पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया. पता चला कि मृतक का नाम विशाल दिलीप मानकर है. मृतक तुलजाई नगर का रहनेवाला था. इस बारे में अभी तक पुलिस को आरोपियों का कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है. हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक माने ने बताया कि आज सुबह फोन पर जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि हत्या रात में ही किए जाने का अनुमान है. पत्थर से कुचलने के कारण शव की पहचान करने में पहले थोड़ी परेशानी हुई. मृतक कैटरिंग में वेटर का काम करता था. मृतक से संबंधित लोगों से पूछताछ जारी है. फिलहाल आरोपियों का पता नहीं चल पाया है.

रेलवे स्‍टेशनों पर सुव‍िधा के लिए यात्र‍ियों को हल्की करनी होगी जेब

एयरपोर्ट जैसी सुविधाों के नाम पर कम से कम 10 रुपए वसूले जा सकते हैं नई दिल्ली : देश के 400 स्टेशनों के विकास के तहत रेलवे यात्रियों से "यूजर डेवलपमेंट फी" के नाम पर भारतीय रेल अब यात्रियों से ही पैसे वसूलने की योजना बना रहा है. रेलवे की योजना है कि स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी मिलने वाली सुविधाएं दी जाए, इसके लिए रेलवे यात्रियों से 10 रुपये प्रति यात्रा वसूले जा सकते हैं. एसी व चेयर कार की 500 रुपए से अधिक की टिकटों पर लगेगी फीस हालांकि इस योजना का प्रारूप अभी आरंभिक स्टेज में ही है, एक खबर के मुताबिक यह चार्ज केवल एयर कंडीशन और चेयर कार में सफर करने वाले यात्रियों से लिया जाएगा. साथ ही यह चार्ज सिर्फ उन्ही टिकटों पर लिया जाएगा, जहां इनकी कीमत 500 रुपए से ज्यादा होगी. अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि रेलवे की योजना है कि यात्रियों से 5 और 10 रुपए की छोटी रकम ली जाए, यह रकम एसी और चेयर कार की उन टिकटों पर लिया जाएगा, जिसकी कीमत 500 से ज्यादा होगी. स्वचालित सीढ़ियों, सौंदर्यीकरण का खर्च निकालेंगे उन्होंने कहा कि स्टेशनों में स्वचालित सीढ़ियां लगाई जा रही है, इनका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, इसे मैंटेन करने के लिए आखिर रेलवे को कहीं न कहीं से अतरिक्त पैसे चाहिए होंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर रेलवे को अभी अंतिम फैसला लेना है. 400 स्टेशनों का होगा विकास उल्लेखनीय है कि रेलवे जल्द ही देश के 400 स्टेशनों का विकास करने जा रहा है. 1 लाख करोड़ रुपए की इस योजना को पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशीप (पीपीपी) के तहत रेलवे ने इंडियन रेलवे स्टेशन डेवेलपमेंट कार्पोरेशन (आईआरएसडीसी) को यह कार्य सौंपा है.

गोवर्धनदास हवेली मार्केट संकुल में भीषण आग, चार प्रतिष्ठान भस्म

11 अग्निशमन वाहनों की मदद व दो घंटों की मशक्क्त से आग पर काबू पाई अमरावती : आज शुक्रवार को दिनदहाड़े रायली प्लॉट स्थित सतिधाम मंदिर से लगे गोवर्धनदास हवेली मार्केट की कामाक्षी लाइटिंग की दूकान में शॉर्ट सर्किट से अचानक लगी आग में कुल चार व्यवसायिक प्रतिष्ठान जल कर राख हो गए. इस अग्निकांड में लाखों रुपए के नुक्सान का अनुमान है. गोवर्धनदास हवेली भी पूरी हो गई धुआं-धुआं आग ने पड़ोस की सोना फैशन की दूकान, एक गोदाम और एक ज्वेलरी शॉप को भी अपने आगोश में समा लिया. आग इतनी भीषण थी कि गोवर्धनदास हवेली भी पूरी धुआं-धुआं हो गई. 11 वाहनों की सहायता से अग्निशमन विभाग ने दो घंटे तक के ऑपरेशन से इस भीषण आग पर काबू पाई. इस घटना से परिसर से भगदड़ भी मच गई थी. दूकान खुलते ही धुएं के गुब्बार व आग की लपटें निकलने लगीं गोवर्धनदास हवेली व्यवसायिक संकुल में राजेश मिश्रा की कामाक्षी लाइटिंग नामक दूकान है. बाजू में उनकी पत्नी की सोना फैशन कपडे की और एक आर्टिफिशियल ज्वेलरी दूकान है. आज पूर्वाह्न लगभग 11 बजे जब सोना फैशन की दूकान जैसे ही खोली गई अंदर से धुएं का गुबार बाहर निकलना शुरू हो गया. कोइ कुछ समझ पाता, अंदर से आग की लपटें भी बाहर आने लगीं. पड़ोस के दुकानदार भी घबरा गए. उन्होंने तुरंत महापालिका के अग्निशमन विभाग को सूचित किया. दो घंटों की मशक्क्त के बाद आग पर काबू पाई सूचना मिलते ही अग्निशमन अधीक्षक भरत सिंह चव्हाण और ट्रान्सपोर्ट उपकेंद्र प्रमुख सैयद अनवर पानी टैंकर लेकर रायली प्लॉट पहुंच गए. परन्तु तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुका था. परिसर में दर्शकों की भारी भीड़ के कारण घटनास्थल तक अग्निशामक वाहनों को पहुंचने में विलंब भी हुआ. 11 अग्निशमन वाहनों की मदद से दो घंटों की मशक्क्त के बाद अग्निशमन जवानों ने आग पर काबू पाई. अग्निशमन दस्ते की कड़ी मेहनत, एक जवान जख्मी हुआ भीषण आग पर काबू पाने में अग्निशमन विभाग के अधीक्षक भरत सिंह चव्हाण, सै. अनवर, मोहन तंबोले, मच्छींदर यादव, आकाश लोणारे, राजेन्द्र लोणारे, इमरान खान, नसीब खां पठान, प्रेमनाथ सोनकांबले, शिवा आड़े, कपले, बाटे, शेंडे आदि ने कड़ी मेहनत की. आग बुझाने के क्रम में एक फायरमन प्रेमानंद सोनकांबले का हाथ जल गया. भीषण आग की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. सुनील देशमुख भी वहां पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.

प्लास्टो टैंक के कामगारों ने शुरू किया ‘वीरूगिरी आंदोलन’

वर्धमान नगर की पानी टंकी पर चढ़कर नारों के साथ सूना रहे अपने शोषण की दास्तान विपेन्द्र कुमार सिंह नागपुर : देश की सुप्रसिद्ध वाटर टैंक और पाइप निर्माता कंपनी- आरसी प्लास्टो टैंक्स एन्ड पाइप्स प्रा. लि. के सैकड़ों कामगारों ने आज शुक्रवार से आंदोलन शुरू कर दिया है. प्रातः 4 बजे वे अपने बैनर के साथ वर्धमान नगर की पानी की टंकी पर जा चढ़े और टंकी से तथा नीचे भी नारेबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने किया हस्तक्षेप बाद में पुलिस भी पानी टंकी पर पहुंची और आंदोलनकारी कामगारों से बातचीत कर उन्हें टंकी से नीचे उतारा. पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी बात संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी. इसके बाद भी कामगार वहां जमे रहे और उन्होंने आगे की रणनीति पर विचार किया. https://youtu.be/muNdYE5449Q नहीं किया जा रहा श्रम कानूनों के प्रावधानों का पालन कामगारों ने मांग की है कि वेतन और मजदूरी में बढ़ोत्तरी के साथ ही श्रम कानूनों के प्रावधानों के तहत नियमित वेतन वृद्धि और अन्य भत्ते दिए जाएं. उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों से कंपनी में कार्यरत होने के बावजूद हमें वेतन वृद्धि से वंचित रखा जा रहा है. उनका यह भी आरोप है कि कंपनी कामगारों से संबंधित श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही, मजदूरों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम करवा रही हैऔर कैंटीन, स्टाफ रूम, बाथरूम, स्वच्छ पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी उन्हें वंचित रखा जा रहा है. कामगारों को निकाल देने की धमकी प्लास्टो कंपनी के 100 से अधिक कामगारों ने अपनी मांगों की ओर श्रम विभाग और कंपनी के प्रबंधन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के उद्देश्य से आज वीरूगिरी का यह मार्ग अपनाया है. उन्होंने बताया जब-जब मांग उठाने की कोशिश हमने की है, हमें कंपनी से निकाल देने का भी भय दिखाया जाता है. कामगार कोर्ट में है मामला उन्होंने बताया कि 2015 में वेतन बढ़ोतरी का करार कंपनी ने किया था, उसे आज तक लागू नहीं किया गया है. मामला कामगार कोर्ट में चल रहा है, लेकिन वहां भी केवल तारीख पर तारीख ही मिल रही है. उन्होंने कहा कि लगातार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानी एवं शोषण झेलते हुए अब हमने आंदोलन का यह मार्ग अपनाया है. हमारा उद्देश्य सरकार, जनप्रतिनिधियों, श्रम विभाग और कोर्ट तक अपनी आवाज पहुंचाना है. प्लास्टो के अधिकारी बचते रहे बात करने से इस संबंध में जब कंपनी के किसी अधिकारी से बात करने की 'विदर्भ आपला' ने कोशिश की तो एक अधिकारी पवन ठाकुर ने रोहित उपाध्ये का मोबाइल नंबर दिया. उपाध्ये से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने भीड़ में होने का हवाले दे कर थोड़ी देर में रिप्लाई करने की बात कही. लेकिन बाद में बार-बार प्रयास करने पर भी उनसे बात नहीं हो सकी.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश : कर्नाटक वि.स. में कल शाम 4 बजे बहुमत साबित...

विधानसभा में कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग हो, कांग्रेस-जेडी(एस) विधायकों को सुरक्षा दे सरकार नई दिल्ली : कर्नाटक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया. कल यानि शनिवार, 19 मई को शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करना होगा. हालांकि भाजपा की ओर से कुछ समय और मांगा गया, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए इन्‍कार कर दिया. ज्ञातव्य है कि कांग्रेस और जेडी(एस) ने अपनी याचिका में राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिये जाने को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे शुरू हुई सुनवाई के दौरान भाजपा की तरफ से वरिष्‍ठ वकील मुकुल रोहतगी ने येदियुरप्‍पा की चिट्ठियां सुप्रीम कोर्ट को सौंपी और कहा कि भाजपा के पास बहुमत है. राज्‍यपाल ने किस आधार पर भाजपा को न्‍योता दिया इधर सुनवाई के दौरान ही जस्टिस ए.के. सीकरी ने रोहतगी से कहा कि 'भाजपा ने तो सिर्फ बहुमत की बात की है, जबकि कांगेस जेडीएस ने तो पूर्ण बहुमत की चिट्ठी दी थी.' उन्‍होंने पूछा कि राज्‍यपाल ने किस आधार पर भाजपा को न्‍योता दिया? विधानसभा में कल 19 को ही फ्लोर टेस्‍ट कराने का कोर्ट का आदेश शीर्ष न्यायालय ने कहा, 'जनादेश सबसे महत्‍वपूर्ण है. सरकार बनाना नंबर का खेल है. राज्‍यपाल तय करेंगे कि नंबर किसके पास है.' इसके साथ ही न्यायमूर्ति एके सीकरी की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने येदियुरप्पा सरकार को कल शनिवार, 19 मई को ही विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट कराने का आदेश दिया. शक्ति परीक्षण कराने, कांग्रेस-जेडीएस विधायकों की सुरक्षा का आदेश कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने जजों के सामने कहा कि कांग्रेस शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए. शीर्ष न्यायालय ने भाजपा को आदेश जारी करते हुए कहा कि वे वीडियो रिकार्डिंग और कांग्रेस-जेडी(एस) के विधायकों की सुरक्षा का इंतजाम करें.

उम्मीद कम है कि येदियुरप्पा को सीधे पद से हटाने का आदेश दे सुप्रीम...

पर सवाल यह है कि राज्यपाल ने उन्हें किस आधार पर सरकार बनाने का न्योता दिया नई दिल्ली : शुक्रवार, 18 मई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को देखते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को कांग्रेस भले ही एक दिन का मुख्यमंत्री बता रही हो, लेकिन मौजूदा नजीरों को देखते हुए यह नामुमकिन ही लगता है कि सुप्रीम कोर्ट येद्दयुरप्पा को सीधे पद से हटाने का आदेश जारी कर दे. कोर्ट ने अब तक फ्लोर टेस्ट को ही दी है तरजीह बहुमत के विवाद में आज तक कभी भी सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को सीधे पद से हटाने का आदेश नहीं दिया है. कोर्ट ने ऐसे विवाद में हमेशा फ्लोर टेस्ट (सदन में बहुमत पर मतदान) को ही तरजीह दी है. फिर चाहें वो गोवा का मामला रहा हो या उत्तराखंड अथवा झारखंड का. लेकिन यहां एक संवैधानिक मसला भी है कि आखिर राज्यपाल ने उन्हें किस आधार पर सरकार बनाने का न्योता दिया? सब कुछ कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर सुप्रीम कोर्ट से शपथग्रहण पर रोक से मना करने के बाद येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली है, लेकिन उनकी राह आसान नहीं है. आदेश में साफ है कि यह कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा. कोर्ट ने येदियुरप्पा की ओर से राज्यपाल को सरकार बनाने के दावे की दी गई 15 और 16 मई के पत्र तलब किए हैं ताकि पता चल सके कि राज्यपाल ने किस आधार पर उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया है. राज्य में सरकार गठित हो चुकी है. येदियुरप्पा मुख्यमंत्री हैं और उन्हें राज्यपाल ने संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. सवाल उठता है कि ऐसे में क्या सुप्रीम कोर्ट आदेश के जरिये सीधे सरकार बर्खास्त कर सकता है? इस पर विधि विशेषज्ञों के विचार अलग-अलग हैं- सदन में ही साबित किया जाता है बहुमत : कश्यप संविधानविद सुभाष कश्यप का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ यह देखेगा कि फैसला लेते समय राज्यपाल के सामने पूरी जानकारी और दस्तावेज रखे गए थे अथवा नहीं. संविधान के मुताबिक बहुमत सिर्फ सदन में ही साबित किया जाता है. कोर्ट इस पर सवाल नहीं कर सकता. असीमित शक्तियां हैं सुप्रीम कोर्ट के पास लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत न्यायाधीश कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के पास असीमित शक्तियां हैं और वह कोई भी आदेश दे सकता है. यहां येद्दयुरप्पा के बहुमत साबित करने का सवाल नहीं है, बल्कि सवाल यह है कि राज्यपाल ने उन्हें किस आधार पर सरकार बनाने का न्योता दिया. राज्यपाल को बहुमत का भरोसा होना चाहिए. अन्यथा 50 सीट पाने वाले को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा.

चंद्रपुर-वर्धा-गढ़चिरोली वि.प. सीट के चुनाव में भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

सुरक्षित सीट को कुछ अपने कारण और कुछ कांग्रेस की हिस्सेदारी ने बना दिया असुरक्षित अश्विन शाह पुलगांव (वर्धा) : चंद्रपुर-वर्धा-गढ़चिरोली विधान परिषद मतदाता क्षेत्र के लिए मतदान अब मात्र तीन दिनों बाद 21 मई को होने वाले हैं. 1063 मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में मतदान की तिथि करीब आते ही तीनों जिलों में चुनावी हलचल तेज हो गई है. लेकिन इधर चुनाव क्षेत्र के सर्वाधिक मजबूत पक्ष एवं राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में विशेष घबराहट देखी जाने लगी है. गड़करी और फड़णवीस के लिए प्रतिष्ठा की सीट विदर्भ की एकमात्र सीट होने के कारण इस मतदाता क्षेत्र का चुनाव केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के लिए प्रतिष्ठा का बन गया है. चिंता बात यह है कि भाजपा के समर्पित समझे जाने वाले मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष के स्वर उभरते नजर आने लगे हैं. भाजपा के वोटरों में नाराजगी तीनों जिलों के भाजपा के मतदाताओं में ऐसी नाराजगी और उदासीनता को भांप कर भाजपा परेशान यही. केंद्रीय गृहमंत्री हंसराज अहीर, आदिवासी राज्यमंत्री अंबरीश राजे आत्राम, सांसद रामदास तड़स, सांसद अशोक नेते सहित सभी पार्टी विधायकों के साथ ही चुनाव के प्रभारी राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की चिंता बढ़ा दी है. नाराजगी दूर करने अज्ञात स्थलों पर पहुंचा रही है भाजपा चर्चा है कि मतदान से पूर्व तीनों जिलों के अपने सभी 503 मतदाताओं को सुरक्षित स्थानों में एकत्र कर उनकी नाराजगी दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं. इन सभी नगरसेवकों, जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समिति सभापतियों को अज्ञात स्थल पर पहुंचाया जा रहा है. भाजपा नेताओं को आशंका है कि उनके ये मतदाता कहीं नाराजगी में कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर दिया अथवा उदासीन हो मतदान में शामिल ही नहीं हुए तो इस विधान परिषद की यह सीट बचानी मुश्किल हो जाएगी. भांगड़िया की जगह आंबटकर को लाने से भी असंतोष वैसे पहले से ही अचानक पूर्व के भाजपा विधायक मितेश भांगड़िया की जगह रा.स्व.संघ के स्वयंसेवक व भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. रामदास आंबटकर को उम्मीदवार बना देने से क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में असंतोष है. हालांकि डॉ. आंबटकर वर्धा जिले के ही हैं, लेकिन पहले से तीनों जिलों में सक्रिय रहे और वर्धा के नगराध्यक्ष रहे इंद्रकुमार सराफ को उम्मीदवारी देकर कांग्रेस ने भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. शिवसेना के मतदाता जा सकते हैं कांग्रेस के साथ तीनों जिलों में कांग्रेस के मतदाताओं की संख्या 278 बताई जाती है. साथ ही शिवसेना के कुल 54 मतदाता हैं और शिवसेना के वर्धा जिला प्रमुख सराफ के पुत्र राजेश सराफ हैं. शिवसेना ने कोई उम्मीदवार भी संभवतः सराफ के कारण ही नहीं उतारा है. ऐसे में शिवसेना के मतदाताओं के मत कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में ही जाने वाले हैं. क्योंकि वैसे भी भाजपा और सेना के बीच खटास बढ़ी हुई है. कांग्रेस ने सुरक्षित कर लिए हैं 400 से 450 वोट बताया जाता है कि कांग्रेस ने इंद्रकुमार सराफ के रूप में एक सशक्त उम्मीदवार उतार कर अपने पक्ष में करीब 400 से 450 मतदाता सुरक्षित कर लिया है. बहुजन समाज पार्टी के 25 मतदाता भी सराफ के साथ आ गए हैं. लगभग...