प्लास्टो टैंक के कामगारों ने शुरू किया ‘वीरूगिरी आंदोलन’

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वर्धमान नगर की पानी टंकी पर चढ़ कर शुक्रवार की सुबह से वीरूगिरी आंदोलन करते प्लास्टो टैंक के कामगार.

वर्धमान नगर की पानी टंकी पर चढ़कर नारों के साथ सूना रहे अपने शोषण की दास्तान

विपेन्द्र कुमार सिंह
नागपुर :
देश की सुप्रसिद्ध वाटर टैंक और पाइप निर्माता कंपनी- आरसी प्लास्टो टैंक्स एन्ड पाइप्स प्रा. लि. के सैकड़ों कामगारों ने आज शुक्रवार से आंदोलन शुरू कर दिया है. प्रातः 4 बजे वे अपने बैनर के साथ वर्धमान नगर की पानी की टंकी पर जा चढ़े और टंकी से तथा नीचे भी नारेबाजी शुरू कर दी.

पुलिस ने किया हस्तक्षेप
बाद में पुलिस भी पानी टंकी पर पहुंची और आंदोलनकारी कामगारों से बातचीत कर उन्हें टंकी से नीचे उतारा. पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी बात संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी. इसके बाद भी कामगार वहां जमे रहे और उन्होंने आगे की रणनीति पर विचार किया.

नहीं किया जा रहा श्रम कानूनों के प्रावधानों का पालन
कामगारों ने मांग की है कि वेतन और मजदूरी में बढ़ोत्तरी के साथ ही श्रम कानूनों के प्रावधानों के तहत नियमित वेतन वृद्धि और अन्य भत्ते दिए जाएं. उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों से कंपनी में कार्यरत होने के बावजूद हमें वेतन वृद्धि से वंचित रखा जा रहा है. उनका यह भी आरोप है कि कंपनी कामगारों से संबंधित श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही, मजदूरों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम करवा रही हैऔर कैंटीन, स्टाफ रूम, बाथरूम, स्वच्छ पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी उन्हें वंचित रखा जा रहा है.

नारेबाजी करते प्लास्टो के कामगार.

कामगारों को निकाल देने की धमकी
प्लास्टो कंपनी के 100 से अधिक कामगारों ने अपनी मांगों की ओर श्रम विभाग और कंपनी के प्रबंधन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के उद्देश्य से आज वीरूगिरी का यह मार्ग अपनाया है. उन्होंने बताया जब-जब मांग उठाने की कोशिश हमने की है, हमें कंपनी से निकाल देने का भी भय दिखाया जाता है.
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आपस में मंत्रणा करते प्लास्टो के आंदोलनकारी कामगार.

कामगार कोर्ट में है मामला
उन्होंने बताया कि 2015 में वेतन बढ़ोतरी का करार कंपनी ने किया था, उसे आज तक लागू नहीं किया गया है. मामला कामगार कोर्ट में चल रहा है, लेकिन वहां भी केवल तारीख पर तारीख ही मिल रही है. उन्होंने कहा कि लगातार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानी एवं शोषण झेलते हुए अब हमने आंदोलन का यह मार्ग अपनाया है. हमारा उद्देश्य सरकार, जनप्रतिनिधियों, श्रम विभाग और कोर्ट तक अपनी आवाज पहुंचाना है.

प्लास्टो के अधिकारी बचते रहे बात करने से
इस संबंध में जब कंपनी के किसी अधिकारी से बात करने की ‘विदर्भ आपला’ ने कोशिश की तो एक अधिकारी पवन ठाकुर ने रोहित उपाध्ये का मोबाइल नंबर दिया. उपाध्ये से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने भीड़ में होने का हवाले दे कर थोड़ी देर में रिप्लाई करने की बात कही. लेकिन बाद में बार-बार प्रयास करने पर भी उनसे बात नहीं हो सकी.

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