पत संस्था

मेधावी विद्यार्थियों एवं जेष्ठ नागरिक का पत संस्था ने किया सत्कार

*विपेन्द्र कुमार सिंह, नागपुर : सहकार क्षेत्र में अग्रणी उत्तर नागपुर के वांजरी ले आऊट विनोबा भावे नगर स्थित 'सेवा श्री साई सहकारी पत संस्था' की 23वीं वार्षिक आमसभा बिनाकी नई मंगलवारी मेहंदीबाग रोड के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज स्मृति सभागृह में सम्पन्न हुई. आमसभा की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष रविंद्र सातपुते ने की तथा रिपोर्ट वाचन एवं सूत्र संचालन संस्था के उपाध्यक्ष मंगेश सातपुते ने किया. आभार संस्था व्यवस्थापक शेखर निमजे ने माना. कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णाजी खोपड़े, नागपुर महानगर पालिका परिवहन मंडल के सभापति बंटीजी कुकड़े नागपुर जिला पत संस्था फेडरेशन के अध्यक्ष राजेंद्र घाटे, नागपुर शहर तेली समाज सभा के अध्यक्ष बाबूराव वंजारी, भाजपा ओबीसी के विदर्भ अध्यक्ष सुभाष घाटे, संत तुकड़ो जी महाराज अर्बन क्रेडिट सो. के अध्यक्ष हरिभाऊ किरपाने, गांधीबाग अर्बन क्रेडिट बैंक के संचालक अरुण टिकले और युवक कांग्रेस नेता शेख शाहनवाज प्रमुख़ रूप से उपस्थित थे. विधायक कृष्णा जी खोपड़े के हाथों हर्षिता सिंह को cbsc बोर्ड में merit लिस्ट में आने के लिए सेवा श्री साई सहकारी पत संस्‍था नागपुर द्वारा सम्मानित किया गया. आमसभा के कार्यक्रम में प्रमुख अथिति ने 20 मेधावी विद्यर्थियों का नगद राशि, स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सत्कार किया गया. साथ ही जेष्ठ नागरिक, दैनिक प्रतिनिधि का सत्कार व गरीब विद्यर्थियों एवं दिवंगत सभासद के वारिस को मदद धनादेश दिया गया. कार्यक्रम में प्रमुखता से मंच पर संचालक मंडल के सुरेश कोहाड़, खोरबारा साहू, पंचराम पराते, राजेंद्र झाडे, डॉ. शिवराज देशमुख, सीताराम भेंडे, विजय चौहान, संचालिका वंदना सातपुते, देवकीबाई भोंगाड़े, मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा सातपुते, तलजोड़ समिति अध्यक्ष सोहनलाल बनपाल, सदस्य मोहन सातपुते और प्रकाश कांबले प्रमुखता से उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संस्था व्यवस्थापक शेखर निमज़े, लेखापाल रामभाऊ मेश्राम, कर्मचारी गणेश नंदनवार, योगेश सातपुते, प्रवीण कोल्हे, वासुदेव बोकडे, महेंद्र सातपुते, सिद्धार्थ रामटेके, प्रशांत पंदरे, आशा मुंढरीकर, वंदना नाकाड़े, नंदा चांदेकर, अंजली मेश्राम, आशा निमजे, सुशीलाबाई बुरडे एवं दैनिक प्रतिनिधि ने अथक प्रयास किया.
ऑफर

बिग बॉस : जायरा ने ठुकराए 1.2 करोड़ का ऑफर

जीवंत के. शरण सुर्खियों में छाई 'दंगल गर्ल' जायरा वसीम पिछले दिनों उनके 'बिग बॉस' में शामिल होने की खबरें आ रही थीं. उसने पॉपुलर शो बिग बॉस के निर्माता को बड़ा झटका दिया है. क्योंकि जायरा ने उनके ऑफर को ठुकरा दिया है. जायरा को बिग बॉस-13 के लिए अप्रोच किया गया था. इसके लिए उन्हें 1.2 करोड़ रुपए ऑफर किए गए थे, लेकिन इस शो का हिस्सा बनने से जायरा ने मना कर दिया. - बिग बॉस के नेचर को देखा जाए तो जायरा को मिले ऑफर की खबर पर यकीन किया जा सकता है, क्योंकि यह शो हमेशा ऐसे कंटेस्टेंट लेकर आता रहा है जो TRP बढ़ाने में कारगर रहे हैं. अभी हाल में ही जायरा धर्म के नाम पर बॉलीवुड छोड़ने के फैसले को लेकर सुर्खियों में रही हैं. - जायरा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने फैसले के बारे में बताया था- 'इस फील्ड में मुझे बेहद प्यार, साथ और तारीफ मिली, लेकिन यह मुझे अज्ञानता की राह पर भी ले जा रही थी. यह मुझे मेरे ईमान से दूर कर रहा है. मेरे मजहब के साथ मेरे रिश्तों को खतरा पहुंचा रहा था. मुझे अहसास हो रहा है कि भले ही मैं यहां परफेक्टली फिट होती हूं, लेकिन मैं यहां की नहीं हूं. मैं आज ऑफीशियली ऐलान करती हूं कि मैं इस फील्ड से खुद को अलग कर रही हूं.' - 18 साल की उम्र में फिल्म 'दंगल' से जायरा ने अपने करियर की शुरुआत की. उसे इस फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. जायरा ने फिल्म में पहलवान गीता फोगाट का रोल किया था, जिसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था. - जायरा वसीम ने 2017 में फिल्म 'सीक्रेट सुपरस्टार' में भी आमिर खान के साथ काम किया. इसमें जायरा को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक का अवॉर्ड मिला था. अब जल्द वह प्रियंका चोपड़ा और फरहान के साथ 'द स्काई इज़ पिंक' में नजर आएंगी. इंडस्ट्री को बाय कह चुकी जायरा की यह उनकी आखिरी फिल्म होगी. इस खबर के बाद जायरा वसीम द्वारा बॉलीवुड छोड़ने के फैसले को लेकर चल रहे विवाद को विराम भले ही न मिले, लोगों को जायरा की सोच पर अब उंगली उठाने की जुर्रत शायद नहीं करनी पड़ेगी.
बाजार

बाजार में कोहराम : सेंसेक्स 650 अंकों से टूटा, निफ्टी भी लुढ़का

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार में 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद से गिरावट का सिलसिला थम नहीं रहा. आज सोमवार, 8 जुलाई को भी कारोबार में शेयर बाजार में तेज बिकवाली देखने को मिल रही है. यह बाजार में साल की सबसे बड़ी इंट्रा-डे गिरावट है. बैंक, मेटल, आईटी, फाइनेंस और ऑटो समेत सभी सेक्टरों में गिरावट से कारोबार के दौरान सेंसेक्स 664 अंक टूटकर 38,848.54 के स्तर पर आ गया. वहीं निफ्टी भी 209.65 अंक टूटकर 11,601.50 के स्तर पर फिसल गया. बाजार में गिरावट की वजह पंजाब नेशनल बैंक में दूसरा फ्रॉड कल सामने आने से एक और सबसे बड़ा झटका बाजार को लगा है. इससे पूर्व बजट भाषण में वित्त मंत्री का बजट यह कहना कि सेबी से मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग को 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने को कहा दिया गया है, बाजार को धक्का पहुंचा रहा है. Helious Capital के समीर अरोरा का कहना है कि बजट में FPIs के लिए कोई अच्छा कदम नहीं उठाया गया है. FPIs पर टैक्स बोझ बढ़ने पर निराशा हुई है. सरचार्ज के कारण एफपीआई के लिए LTCG, STCG टैक्स बढ़ा है. AIF फंड्स में भी सरकार ने टैक्स बढ़ाया है. बजट वाले दिन भी रही थी गिरावट बजट वाले दिन यानी 5 जुलाई को बजट में बैंकों से लेकर एनबीएफसी के लिए कई उपाय किए गए, लेकिन बजट के ऐलानों से शेयर बाजार को निराशा हुई. बजट के बाद बाजार में भारी बिकवाली आ गई और सेंसेक्स और निफ्टी बड़ी गिरावट पर बंद हुए. बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 394.67 अंक की गिरावट के साथ 39513.39 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 135.60 अंक की कमजोरी के साथ 11,811.15 के स्तर पर बंद हुआ है. दूसरा फ्रॉड सामने आने के बाद पीएनबी के शेयर 10% गिरे पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड के गर्त में डूबता ही जा रहा है. अब कंपनी के साथ 3,805 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. दूसरा बड़ा घोटाला सामने आने के बाद बैंक के शेयर सोमवार को गिर गए. सोमवार को बैंक के शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट आई है.
सौरव

दादा यानी… सौरव गांगुली..! क्या था गलतियों का खामियाजा..!

*अजित के. सिन्हा दादा यानी... सौरव गांगुली..! आज उनका जन्मदिन है. 8 जुलाई 1972 में कोलकाता में पैदा होने वाले गांगुली ने अपने क्रिकेट करियर में न केवल भारतीय क्रिकेट को अनेक चैम्पियन क्रिकेटर दिए, बल्कि उसे एक नई ऊंचाई तक भी पहुंचाया. गांगुली जिसने भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया, उन्हें लोग प्यार से 'दादा' बुलाते हैं. अपनी कप्तानी में उन्होंने लॉर्ड्स में जा कर दुनिया को अपनी और अपनी टीम की ताकत का अहसास कराया था. - आज उनके जन्मदिन पर इस महान बनाते-बनते रह गए धांसू पूर्व कप्तान की उन गलतियों को उन्हीं की ज़ुबानी जानने और समझने की कोशिश की जानी चाहिए... जो उन्होंने ने अपनी आत्मकथा 'ए सेंचुरी इज नॉट एनफ' में लिखा है. गांगुली मानते हैं कि अपने करियर में उन्होंने एक गलती की. वो गलती जिसने न सिर्फ उनका करियर खराब किया, बल्कि पूरी टीम इंडिया को तहस-नहस कर दिया. आईए जानते हैं इस गलती के बारे में... - लोग कहते हैं कि गांगुली पहली नजर में आदमी को पहचान लेते थे. उस आदमी क्या खूबी है, उसमें कितना जुनून है. लेकिन 2004 में गांगुली ने एक व्यक्ति को पहचाने में गलती कर दी. जो कप्तान अपने फैसले से खेल पलट देता था, वह खुद अपने ही फैसले का शिकार हो गया. चैपल को स्वयं चुना था गांगुली ने... - 2004 में कोच जॉन राइट के जाने के बाद सौरव गांगुली के दबाव के ही चलते ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच चुना गया था. गांगुली ने अपनी आत्मकथा 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' में लिखा है, 'मुझे लगा कि ग्रेग चैपल हमें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नंबर एक तक ले जाने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति होंगे. मैंने जगमोहन डालमिया (बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष) को अपनी पसंद बता दी थी. ...कुछ लोगों ने मुझे ऐसा कदम नहीं उठाने की सलाह भी दी थी. सुनील गावस्कर भी उनमें से एक थे. उन्होंने कहा था, 'सौरव इस बारे में फिर से सोचो.' कप्तानी भी छीन ली... - लेकिन उन्होंने किसी की सलाह नहीं मानी और चैपल बतौर कोच इंडिया आए. सौरव गांगुली के अनुसार- उन्होंने न सिर्फ भारतीय टीम में फूट डाली, बल्कि उनकी कप्तानी भी छीन ली. हालात ये हुए कि टीम 2007 विश्व कप में बांग्लादेश से हारकर बाहर हो गई. गांगुली ने इसके बारे में अपनी आत्मकथा में लिखा है, 'कप्तानी छिनना एक आकस्मिक घटना थी. आप दुखी होते हैं. मेरे साथ जो हुआ, वह किसी के साथ नहीं होना चाहिए. हां, आपको ड्रॉप किया जाता है, लेकिन ऐसा व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए.' - कहा जाता है कि गांगुली ही नहीं, मोहम्मद कैफ और सचिन तेंदुलकर भी इस दौर को याद करके सहम जाते हैं. सचिन ने तो चैपल को रिंग मास्टर तक करार दिया था. एक टॉक शो के दौरान जब कैफ से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उसे याद करने से मना कर दिया था. लेकिन क्या यही सही है?... - यह तो हुई दादा यानी सौरव गांगुली की बात. लेकिन क्या उनका यह कथन सौ-फीसदी सही है... अनेक खेल समीक्षक और उनके साथ रहे क्रिकेटर ऐसा नहीं...
सपना

सपना चौधरी आखिर बन ही गई भाजपा की

*जीवंत के. शरण दिग्गज भाजपा नेताओं की उपस्थिति में सपना चौधरी अब औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बन गई हैं. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी का प्रयास रंग लाया. अपनी पार्टी को इस नायाब तोहफे से सजा दिया है तिवारी जी ने. भाजपा में आने के बाद उसे मिली प्रसिद्धी का जलवा निश्चय ही आने वाले दिनों में राज्यों के चुनावों में भाजपा को बाग-बाग कर देगी. - उल्लेखनीय यह कि इसी कवायद में पिछले दिनों कांग्रेस फेल रही. नजदीकियां तो सपना की पहले कांग्रेस से ही थीं, पिछले चुनावों के दौरान कांग्रेस ने सपना को पार्टी में शामिल कर लोकसभा के समर में उतारने की तैयारी भी कर ली थी. लेकिन इसी बीच भोजपुरी अभिनेता और गायक से भाजपा नेता और सांसद बने मनोज तिवारी ने उसे झटक लिया और दिल्ली के अपने चुनाव के दौरान रोड शो में भी साथ उतारने में सफल हो गए थे. - वैसे इस तरह की खबरें अब चौंकाती नहीं है. कारण- राजनीति को अब ऐसी ही "तितलियों और भौरों" का मोहताज बनाया जाने लगा है. पार्टी के समर्पित और पार्टी से लोगों को जोड़ने के लिए खून-पसीना बहाने वालों के अहमियत घटती जा रही है. हालांकि ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अभी भी उपेक्षा के बावजूद अपना वजूद लोगों के बीच बनाए हुए हैं. - हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की शोहरत के अभी तो चंद साल ही हुए हैं. एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार से उदित इस हसीना ने हरियाणा से बाहर 'बिग बॉस' के जरिए अपने चहेतों का जुनूनी फैन तैयार किया है. बिना सिलवर स्क्रीन के मनोरंजन की दुनिया में ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र के मध्यमवर्गीय लोगों को सपना तेजी से सम्मोहित करने लगी है. - हरियाणा के साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात में भी सपना मनोरंजन की ऐसी चासनी परोसती रही है कि हर कोई उसका दीवाना बनता जा रहा है. लोग उसके करीब जाने और उसे अपनी चाहत का एहसास दिलाने के लिए लहूलुहान होने के लिए भी तैयार हो गए हैं. महाराष्ट्र में भी सपना के ऐसे चहेतों की संख्या बढ़ती जा रही है. - जोश में होश खो देने वाले दीवानों की फौज तैयार करने वाले कलाकारों पर राजनीतिक दलों की नजर हमेशा रही है. लिहाजा सपना की शोहरत को भुनाने का पहला प्रयास कांग्रेस ने किया, लेकिन उसे मात दे कर भाजपा ने सपना को भगवा रंग में रंग दिया. - अब सपना को डांस के अलावा एक राजनीतिक प्लेटफॉर्म भी मिल गया है. यह उसके हुनर को और धार देगा. अतिरिक्त सुरक्षा कवच और पब्लिसिटी मिलने के साथ उसकी प्रतिष्ठा और संपत्ति में इजाफा होना लाजिमी है. साथ ही उसकी महत्वकांछा भी बढ़ेगी. तब पार्टी उसे कहां-कहां पहुंचाएगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा. - सपना चौधरी को नृत्य का शौक बाल्यावस्था से रहा. पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक रूप से बिखरे परिवार को सहारा देने के लिए वह मंच पर नृत्य करने लगी. आरंभ में वह बतौर लोक कलाकार मंचों पर रागिनी गाते हुए नृत्य करती थी. कुछ समय के बाद...
बागी

कर्नाटक : बागी हुए 14 विधायक, खतरे में कांग्रेस-जेडीएस सरकार

नई दिल्‍ली/बेंगलुरु : कर्नाटक में ली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 14 विधायकों के बागी हो जाने से एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार संकट से घिर गई है. दोनों पार्ट‍ियों के करीब 14 विधायकों ने इस्‍तीफा सौंप दिया है. हालांकि उनका इस्‍तीफा अभी स्‍पीकर ने स्‍वीकार नहीं किया है. लेकिन दोनों ओर से आरोप प्रत्‍यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस के विधायक सिद्धारमैया को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं, तो जेडीएस के विधायक आरोप लगा रहे हैं कि ये गठबंधन जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है. अब बगावत पर उतरे ये विधायक बेंगलुर से गोवा जा रहे हैं. कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक मुंबई पहुंचे इस्‍तीफा सौंपने वाले ज्‍यादातर विधायक बेंगलुरु के हिंदुस्‍तान एरोनोटिक्‍स लिमि‍टेड (HAL) एयरपोर्ट पर पहुंचे. यहां से ये विधायक स्‍पेशल फ्लाइट से मुंबई के लि‍ए रवाना हुए. रात्रि‍ 8 बजे के आसपास कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक मुंबई पहुंच गए. वहीं कांग्रेस के तीन विधायक रामलि‍ंगा रेड्डी, एसटी सोमशेखर और मुनिरत्‍ना अभी बेंगलुरु में ही हैं. भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया कांग्रेस ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. सुरजेवाला ने कहा कि चुनी गई सरकार बीजेपी को हजम नहीं हो रही. इसके सात ही उन्होंने कहा कि देश में आया राम गया राम यानि ख़रीद फ़रोख़्त की राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस के सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई. बैठक में बैठक में मोतीलाल वोरा, मुकुल वासनिक, दीपेंद्र हुड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, जितेंद्र सिंह और आनंद शर्मा शामिल हुए. गठबंधन के 11 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया. जब विधायक अपना इस्तीफा देने के लिए वहां गए तो विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार अपने कार्यालय में नहीं थे. उन्होंने बताया कि रविवार को छुट्टी और सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने की वजह से मंगलवार को इस्तीफे पर विचार किया जाएगा. राज्यपाल से मिले इस्तीफा सौंपने के बाद विधायक राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने राजभवन पहुंचे. इस बीच अंतिम प्रयास के तौर पर, कांग्रेस के संकट मोचक और मंत्री डी.के. शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने भाजपा द्वारा सरकार को अस्थिर करने की आशंका जताई थी. 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल स्पीकर के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जद एस-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2) है. इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उनके इस्तीफे स्पीकर द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं. सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं. सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत है. बागी जेडी(एस) नेता विश्वनाथ बोले- अब तक 14 विधायकों का इस्तीफा बागी जेडी(एस) नेता विश्वनाथ ने कहा है कि गठबंधन सरकार ने शिक्षा को तबाह कर दिया है, इसलिए आज हमने स्वेच्छा से सरकार के गलत कामकाज को लेकर इस्तीफा दिया है. आप ऑपरेशन कमल के बारे में कहानियां गढ़ रहे हैं. ऑपरेशन कमल के हम प्रभाव में नहीं...
'मी-टू'

मी-टू : आदित्य पर भारी पड़ेगा दुष्कर्म का आरोप

*जीवंत के. शरण सिने जगत में 'मी-टू' के जाल में फंसे आलोकनाथ और नाना पाटेकर जैसे नामचीन बड़ी मुश्किल से अभी हाल में ही तो निकले हैं. इंडस्ट्री में थोड़ी शांति जरूर थी, लेकिन फिर एक दूजे को शक की निगाह से देखा जा रहा है. हिंदी सिनेमा की एक बड़ी अदाकारा ने मी-टू के तहत अपने से उम्र में बीस साल बड़े आदित्य पंचोली पर बलात्कार, आर्थिक शोषण और धमकाने का आरोप लगाते हुए पिछले दिनों मुंबई के वर्सोवा थाने में एफआईआर दर्ज करवा दिया है. - मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, सामाजिक संघटनों के साथ प्रशासन और राज्य तथा केन्द्र में विभिन्न पार्टियों की सरकारों के निरंतर गहन प्रयास के बावजूद दुष्कर्म की घृणित घटनाओं पर अंकुश है कि लगता ही नहीं. जब कि हमारा देश शैक्षणिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर बहुत तेजी से विश्व में अपनी पैठ बना रहा है. - भारतीय सिनेमा की विकास यात्रा भी चौंकाने वाली है. बावजूद इसके यहां शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण की घटनाएं हैं की रुकती ही नहीं. अलबत्ता दैहिक शोषण और दुष्कर्म की अनेक घटनाएं तो यहां की चकाचौंध में दफन हो जाती है, क्योंकि वारदात करने वाले/वाली बेहद दबंग और आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं. - राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त इस हिरोइन ने नि:संदेह साहस का परिचय दिया है. हालांकि कि मामला 2004 का है. तब वह बड़े सपने लेकर एक्ट्रेस बनने मुंबई आई थी. उसी साल आदित्य से मुलाकात के बाद दुष्कर्म की पहली घटना का जिक्र है. 2006 तक अनेक बार संबंध बनाने के गंभीर आरोप के बावजूद आदित्य अदालत से अंतरिम जमानत लेने में सफल हो गए. - आदित्य कभी चर्चित कलाकार हुआ करते थे. हीरो/सहायक हीरो/विलेन के रूप में ख्यात आदित्य की पिछली फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' थी. अब इसे संयोग ही कहेंगे कि बाप की तरह बेटा सूरज पंचोली भी जेल की हवा खा चुका है. - अपने करियर की शिखर पर पहुंच चुकी इस हिरोइन के अनुसार आदित्य ने उसे ब्लैकमेल करके तकरीबन पचास लाख रुपए लिया ही है औऱ अब उसका करियर बर्बाद करने की भी धमकी दी है. वैसे आदित्य ने भी इस अदाकारा और उसकी बहन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कर दिया है. - इस मायानगरी में रोज लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनों से दूर चले आते है. इनमें से अधिकांश युवक/युवतियों का शोषण होता है. लेकिन बाहर तक बातें बहुत कम आती हैं. इनमें से कुछ युवकों के पास का धन जब खत्म हो जाता है, तो उन पर अकेली रह रही संपन्न कलाकारों की नजर पड़ती है. युवक स्वंय से बड़ी महिला की जाल में फंस जाता है. किसी भी स्ट्रगलर का खाना तो एक समय खा कर रहना संभव है, लेकिन आशियाना के लिए अर्थ का अभाव होता है. उसी का फायदा उठाकर वे शोषण का शिकार हो जाते हैं.
तेजस्‍वी

राहुल के नक्शेकदम पर तेजस्वी, किया इस्तीफे की पेशकश

*सीमा सिन्हा, पटना : कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी के नक्शेकदम पर महागठबंधन की ड्राइविंग सीट पर रहे राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्‍वी यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्‍तीफे की पेशकश कर दी है. कांग्रेस ने बिहार में भी महागठबंधन के नेताओं से भी राहुल गांधी की तरह ऐसे ही फैसले की मांग की थी. हालांकि, बिहार में कांग्रेस की तरह ही राजद विधायक दल ने तेजस्‍वी यादव के इस्तीफे की पेशकश को अस्‍वीकार कर दिया है. राजद ने पेशकश किया खारिज प्राप्त जानकारी के अनुसार तेजस्‍वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्‍तीफा देने की पेशकश के बाद राजद विधायक दल की आपात बैठक हुई, जिसमें इसे अस्‍वीकार कर दिया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर इसके बावजूद तेजस्‍वी यादव नहीं मानते हैं तो पार्टी के सभी विधायक विधानसभा से इस्‍तीफा दे देंगे. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि विधायक दल की बैठक में तेजस्‍वी यादव को इस्‍तीफा देने से मना किया गया है. उन्होंने कहा कि तेजस्‍वी उनके नेता हैं और रहेंगे. राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्‍वी को नहीं, बिहार के बदहाल हालात के लिए जिम्‍मेदार राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं को इस्‍तीफा देना चाहिए. कांग्रेस नेता ने मांगा था इस्‍तीफा ज्ञातव्य है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. इसके बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक राजेश कुमार ने कहा कि राहुल गांधी की तरह गठबंधन के अन्‍य लोग भी फैसला लें. उन्‍होंने राजद व अन्‍य सहयोगी दलों से ऐसी अपेक्षा की. राजेश कुमार ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की ओर ही था. तेजस्‍वी में लालू वाली बात नहीं : मांझी, बता दिया अनुभवहीन 'हम' पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के अनुभवहीन बताते हुए कहा कि उनमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं हैं, अभी उन्हें बहुत कुछ सीखना है. मांझी ने कहा कि तेजस्‍वी में लालू वाली बात नहीं है. लंबे समय बाद सामने आए तेजस्‍वी लोकसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति से दूर लंबे अज्ञातवास में चले गए थे. विधानमंडल के जारी मानसून सत्र के दौरान वे गुरुवार को सत्र में शामिल होने पहुंचे. तेजस्वी 35 दिनों बाद मीडिया के सामने तो आए, लेकिन ज्वलंत मुद्दों पर मुंह नही खोला. कार्यशैली से कई बड़े नेताओं में नाराजगी तेजस्वी यादव की कार्यशैली से कई बड़े नेताओं में नाराजगी है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में वे पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. उनके अचानक लापता हो जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि शायद वे वर्ल्ड कप क्रिकेट देख रहे होंगे. लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले विधायक भाई वीरेंद्र आज तेजस्‍वी के इस्‍तीफे की पेशकश को खारिज करते हैं, लेकिन उन्‍होंने पहले यहां तक कहा था कि किसी के रहने या न रहने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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मुफ्त देने के बजाय मॉल, बड़े स्टोर जुटे हैं कैरी बैग के धंधे में

नागपुर : दुकानदार अपने ग्राहकों को खरीदी गई वस्तुओं को ले जाने के लिए कैरी बैग मुफ्त प्रदान करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि ग्राहक अपने हाथों में सामान नहीं ले जा सकता. देश भर में छोटे दुकानदार, चाहे वे कपड़े बेचते हों अथवा किराना, सभी अपने ग्राहकों को सामान ले जाने के लिए कैरी बैग उपलब्ध करा रहे हैं. लेकिन नागपुर समेत अन्य शहरों में मॉल अथवा चेन रिटेल शॉप चलाने वाले कैरी बैग के लिए 5 रुपए से 15 रुपए तक की वसूली कर रहे हैं. बड़े मॉल के साथ रीटेल चेन स्टोर भी कर रहे कैरी बैग का धंधा बिग बाजार, डी मार्ट, रिलायंस फ्रेश जैसे मॉल की देखा-देखी अपना भण्डार जैसे रीटेल चेन शॉप भी कैरी बैग के लिए अपने ग्राहकों से 5 रुपए से लेकर 15 रुपए तक वसूल रहे हैं. हजार-दो हजार की उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी करने वाले ग्राहक तक से कैरी बैग के लिए यह राशि वसूली जा रही है. ग्राहकों में जागरूकता के अभाव का ये बड़े मॉल और बड़े चेन शॉप कैरी बैग का धंधा करने में जुटे हुए हैं. कैरी बैग पर करते हैं अपना विज्ञापन भी बता दें कि इन कैरी बैग पर अपने ब्रांड का विज्ञापन भी ये करते हैं और कैरी बैग की कीमत भी वसूलते हैं. स्थानीय उपभोक्ता संरक्षण संगठनों में भी कैरी बैग के चलाए जा रहे इस धंधे के प्रति कोई जागरूकता नहीं है. इन संगठनों के सक्रियता की कमी के कारण आम उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि कैरी बैग के इस धंधेबाजी की शिकायत वे कहां करें. उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ स्थित जिला कन्ज़्यूमर फोरम ने एक ग्राहक से कागज के कैरी बैग के लिए पांच रुपए लेने को लेकर जाने माने रीटेल स्टोर पर हाल हे में 13 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कस्टमर ने उस स्टोर से खरीदारी की थी और उससे कैरी बैग के लिए पांच रुपए लिए थे. लाइफस्टाइल रीटेल को भरना पड़ा जुर्माना प्रत्येक कागज के थैले के लिए पांच रुपए लेने को लाइफस्टाइल रीटेल चेन स्टोर की 'मनमानी' करार देते हुए फोरम ने कहा कि दुकानदार यह तर्क नहीं दे सकते कि प्लास्टिक की थैलियां प्रतिबंधित हैं, जिसके कारण कस्टमर्स को उनकी दुकान से खरीदारी करने पर कागज के थैले के लिए शुल्क देना ही पड़ेगा. चंडीगढ़ के रहने वाले पंकज और संगीता चंदगोठिया दंपति ने फोरम में इस बारे में शिकायत की थी. फोरम ने यह फैसला दिया. लाइफस्टाइल स्टोर से ग्राहक कानूनी सहायता खाते में 10 हजार रुपए बतौर जुर्माना जमा कराने और दोनों शिकायतकर्ताओं को उत्पीड़न व मानसिक पीड़ा के लिए 1,500-1,500 रुपए का मुआवजा व मुकदमे के खर्च के रूप में देने को कहा गया है. फोरम ने आदेश में कहा, 'विपक्षी पक्ष (लाइफस्टाइल स्टोर) ने यह भी तर्क दिया कि प्लास्टिक के थैलों पर प्रतिबंध के बाद इसने अपने ग्राहकों से उनकी खरीदारी के भुगतान पर पेपर बैग प्रदान करना शुरू कर दिया. हमें लगता है कि किसी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाने से विपक्षी पक्ष को उसके स्थान पर शुल्क लगाने...
विभूति

तारक मेहता में ‘दयाबेन’ बनेंगी विभूति शर्मा…?

मुंबई : सोनी के सब टीवी के पॉपुलर कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में दयाबेन की भूमिका निभाने वाली दिशा वकानी की जगह सीरियल 'बड़े अच्छे लगते हैं' फेम एक्ट्रेस विभूति शर्मा ले सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि इस कॉमेडी शो के निर्माताओं ने दिशा वकानी का सब्सटीच्यूट तलाश कर लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बड़े अच्छे लगते हैं, हमने ली शपथ जैसे शोज कर चुकी विभूति शर्मा ने 'दयाबेन' के लिए मॉक टेस्ट दिया है. दयाबेन के लुक को विभूति ने बहुत अच्छे से अपनाया और उसका किरदार भी विभूति ने बेहद अच्छे तरीके से प्ले किया. निर्माता उन्हें दयाबेन के लिए साइन कर सकते हैं. हालांकि, विभूति ने इन खबरों को अफवाह बताया है. इससे पहले दयाबेन की भूमिका के लिए 'पापड़ पोल' की एक्ट्रेस अमी त्रिवेदी को अप्रोच करने की खबरें थीं. लेकिन एक्ट्रेस और निर्माता दोनों ने ही इन खबरों का खंडन किया. अमी ने कहा था, 'नहीं, मुझे इस रोल के लिए अप्रोच नहीं किया गया है. अभी मुझे रोल ऑफर नहीं हुआ है. न निर्माता ने मुझसे संपर्क किया है.' मालूम हो कि दिशा वकानी सितंबर 2017 से शो में नहीं दिखी हैं. उन्होंने अपनी ओर से शो में अपनी वापसी की चर्चा पर बहुत पहले ही विराम लगा दिया था. इसके बाद निर्माता ने इस बात की पुष्टि पहले ही कर दी थी कि अब वे दिशा वकानी का और इंतजार नहीं करेंगे. 'दयाबेन' को लाने की जल्दी में नहीं हैं निर्माता हाल ही में ऐसी भी खबरें आई थीं कि फैंस को दयाबेन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल, शो के निर्माता 'दयाबेन' को लाने की जल्दी में नहीं हैं. उन्होंने अभी दयाबेन के किरदार को होल्ड पर रखा है. उन्हें दयाबेन की कास्ट के लिए कोई जल्दी नहीं हैं. दयाबेन का किरदार परफेक्शन के साथ निभा सकने वाली की तलाश जारी है. वे जल्दबाजी नहीं करना चाहते.