कर्नाटक : बागी हुए 14 विधायक, खतरे में कांग्रेस-जेडीएस सरकार

सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल कर्नाटक में 17 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं. विधानसभा का सत्र 12 जुलाई को शुरू हो रहा है. इस संकट के मद्देनजर कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल आज शाम को ही बेंगलुरु पहुंच गए हैं. वहीं विदेश दौरे पर गए कर्नाटक कांग्रेस प्रेसिडेंट दिनेश गुंडू राव भी बेंगलुरु लौट रहे हैं. साथ ही निजी ट्रिप पर अमेरिका गए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी बेंगलुरु लौट रहे हैं....

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नई दिल्‍ली/बेंगलुरु : कर्नाटक में ली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 14 विधायकों के बागी हो जाने से एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार संकट से घिर गई है. दोनों पार्ट‍ियों के करीब 14 विधायकों ने इस्‍तीफा सौंप दिया है. हालांकि उनका इस्‍तीफा अभी स्‍पीकर ने स्‍वीकार नहीं किया है. लेकिन दोनों ओर से आरोप प्रत्‍यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस के विधायक सिद्धारमैया को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं, तो जेडीएस के विधायक आरोप लगा रहे हैं कि ये गठबंधन जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है. अब बगावत पर उतरे ये विधायक बेंगलुर से गोवा जा रहे हैं.

कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक मुंबई पहुंचे
इस्‍तीफा सौंपने वाले ज्‍यादातर विधायक बेंगलुरु के हिंदुस्‍तान एरोनोटिक्‍स लिमि‍टेड (HAL) एयरपोर्ट पर पहुंचे. यहां से ये विधायक स्‍पेशल फ्लाइट से मुंबई के लि‍ए रवाना हुए. रात्रि‍ 8 बजे के आसपास कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक मुंबई पहुंच गए. वहीं कांग्रेस के तीन विधायक रामलि‍ंगा रेड्डी, एसटी सोमशेखर और मुनिरत्‍ना अभी बेंगलुरु में ही हैं.

भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया कांग्रेस ने
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. सुरजेवाला ने कहा कि चुनी गई सरकार बीजेपी को हजम नहीं हो रही. इसके सात ही उन्होंने कहा कि देश में आया राम गया राम यानि ख़रीद फ़रोख़्त की राजनीति शुरू हो गई है.

कांग्रेस के सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई. बैठक में बैठक में मोतीलाल वोरा, मुकुल वासनिक, दीपेंद्र हुड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, जितेंद्र सिंह और आनंद शर्मा शामिल हुए.

गठबंधन के 11 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया. जब विधायक अपना इस्तीफा देने के लिए वहां गए तो विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार अपने कार्यालय में नहीं थे. उन्होंने बताया कि रविवार को छुट्टी और सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने की वजह से मंगलवार को इस्तीफे पर विचार किया जाएगा.

राज्यपाल से मिले
इस्तीफा सौंपने के बाद विधायक राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने राजभवन पहुंचे. इस बीच अंतिम प्रयास के तौर पर, कांग्रेस के संकट मोचक और मंत्री डी.के. शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने भाजपा द्वारा सरकार को अस्थिर करने की आशंका जताई थी.

224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल स्पीकर के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जद एस-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2) है. इसमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उनके इस्तीफे स्पीकर द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं. सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं. सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत है.

बागी जेडी(एस) नेता विश्वनाथ बोले- अब तक 14 विधायकों का इस्तीफा
बागी जेडी(एस) नेता विश्वनाथ ने कहा है कि गठबंधन सरकार ने शिक्षा को तबाह कर दिया है, इसलिए आज हमने स्वेच्छा से सरकार के गलत कामकाज को लेकर इस्तीफा दिया है. आप ऑपरेशन कमल के बारे में कहानियां गढ़ रहे हैं. ऑपरेशन कमल के हम प्रभाव में नहीं हैं. विश्वनाथ का दावा है कि अब तक 14 विधायकों ने सरकार के कामकाज से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है.

स्पीकर कार्यालय में दिखे बागी विधायक
जिन विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में देखा गया, उनमें कांग्रेस के रमेश जारकीहोली (गोकक), प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), शिवराम हेब्बार (येलापुर), महेश कुमाथल्ली (अथानी), बी.सी. पाटिल (हिरेकेरुर), बिराति बासवराज (केआर पुरम), एस.टी. सोमा शेखर (यशवंतपुर) और रामलिंग रेड्डी (बीटीएम लेआउट) शामिल हैं. जद (एस) के विधायक ए.एच. विश्वनाथ (हुंसुर) हैं, नारायण गौड़ा (केआर पेट) और गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं. ए.एच. विश्वनाथ ने हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था.

मुंबई पहुंचे 10 बागी
कांग्रेस-जेडीएस से इस्तीफा दे चुके 10 बागी विधायक HAL एयरपोर्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर कर वे चार्टेड प्लेन से मुंबई पहुंचे. वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता केसी वेणुगोपाल इस सियासी संकट के बीच बेंगलुरु पहुंच गए हैं.

विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हुआ तो…
यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा, क्योंकि गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 104 हो जाएगी. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं. कांग्रेस और जद (एस) के 14 विधायकों के अपना इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचने और बाद में राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद गठबंधन सरकार की स्थिरता का संकट गहरा गया है.

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