करोड़ों का सिंचाई घोटाला : अजित पवार की मुश्किलें बढ़ीं

नागपुर : राज्य के करोड़ों रुपए के सिंचाई घोटाले के आरोपी पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के नेता अजित पवार की अड़चनें और अधिक बढ़ गई हैं. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की आदेश पर घोटाले की विस्तृत जांच करने और मामले को अदालत में शीघ्र पेश करने के लिए भ्रष्टाचार प्रतिबंधक ब्यूरो के नागपुर और अमरावती परिक्षेत्र के लिए अलग-अलग विशेष जांच दलों (एसआईटी) का गठन करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से अजित पवार, बाजोरिया कन्स्ट्रक्शन कंपनी के संचालक पूर्व विधायक संदीप बाजोरिया सहित अन्य आरोपियों को जबरदस्त झटका पहुंचा है. नागपुर और अमरावती के अलग-अलग मामलों के लिए दोनों परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक (एसीबी) एसआईटी के प्रमुख होंगे. उनका सहयोग तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करेंगे और प्रत्येक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के नेतृत्व में तीन पुलिस उपअधीक्षक, आठ पुलिस निरीक्षक और अन्य आवश्यक पुलिस कर्मचारियों का दल सहयोग करेगा. मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश कर जानकारी दी राज्य के मुख्य सचिव सुमित मलिक ने मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में शपथ पत्र प्रस्तुत कर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है. सिंचाई घोटाले की जांच अदालत द्वारा निर्धारित कालावधि में पूर्ण करने की जिम्मेदारी राज्य शासन की है. इसके लिए न्यायालय ने पिछले 14 मार्च को सरकार को देते हुए आगे की जांच की तैयारी की जानकारी देने का आदेश दिया था. अन्य मुद्दों पर 18 अप्रैल को सुनवाई न्यायालय ने बुधवार को सरकार का शपथ पत्र रेकॉर्ड पर लेकर अन्य मुद्दों पर 18 अप्रैल को सुनवाई की तिथि निश्चित कर दी है. इस मामले में न्यायालय में जनहित याचिका प्रलंबित है. याचिकाकर्ता की ओर से अधि.श्रीधर पुरोहित और अधि.फिरदोस मिर्जा, अजित पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ढाकेफालकर, बाजोरिया कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध धर्माधिकारी और सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद जायस्वाल और अधि.सुमंत देवपुजारी पैरवी कर रहे हैं.

काले हिरन शिकार मामले का फैसला सुनने जोधपुर पहुंचे सलमान, सैफ समेत सभी आरोपी

मुंबई : मशहूर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के साथ नीलम, तब्बू और सैफ अली खान जोधपुर पहुंच गए हैं. सलमान के साथ उनकी बहन अर्पिता और बॉडीकार्ड शेरा भी है. 18 साल पुराने काले हिरन शिकार मामले में जोधपुर ग्रामीण जिला अदालत बुधवार, 5 अप्रैल को अंतिम फैसला सुनाने वाली है. बहुचर्चित कांकाणी हिरन शिकार मामला सूरज बड़जात्या की फिल्म "हम साथ-साथ हैं" की शूटिंग के दौरान 1 और 2 अक्टूबर 1998 को जोधपुर के कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार करने के आरोप में सलमान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और जोधपुर निवासी दुष्यंत सिंह आरोपी रहे हैं. काला हिरन को मारने के सभी आरोपी सितारे इस केस में जोधपुर की ग्रामीण अदालत के लिए रवाना हो चुके हैं. इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है और अब फैसले की तारीख भी आ चुकी है. सलमान इसके बाद भी मुंबई के 'हिट एंड रन' केस में फंसे हैं. ज्ञातव्य है कि जोधपुर का बिश्नोई समाज काले हिरण को पूजता है और उन्होंने ही इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी. उसके बाद वन विभाग और पुलिस दोनों ने इस मामले का संज्ञान लिया था. उस समय कुल 3 मामले दर्ज किए गए थे. इस मामले में सलमान खान को 1998 में पहली बार गिरफ्तार भी किया गया था. सलमान खान को 5 दिन जेल में रहना पड़ा था और उसके बाद उनकी जमानत हुई थी.

आतंकियों की नई लिस्ट : संयुक्त राष्ट्र ने जारी किया दाऊद, हाफिज सहित पाकिस्तान...

वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवादियों और चरमपंथियों की ताजा सूची में पाकिस्तान से ही 139 नाम शामिल हैं. इस सूची में भारत का मोस्ट वांडेट गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन लश्कर- ए- तैयबा का भी नाम शामिल है. पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, सूची में शीर्ष पर ओसामा बिन-लादेन के उत्तराधिकारी ऐमन अल- जवाहिरी का नाम है. इस सूची में उन सभी को चिह्नित किया गया है जो पाकिस्तान में निवास कर चुके हैं, वहां से अपनी गतिविधियां चलाई हैं या फिर अपनी गतिविधियां चलाने के लिए पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल करने वाले संगठनों से जुड़े रहे हैं. इसमें लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद एक ऐसे आतंकी के रूप में शामिल है, जो इंटरपोल का वांछित है और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है. लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई में कई जगहों पर आतंकवादी हमले किए थे, जिसमें 6 अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे. खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की इस सूची में भारतीय नागरिक दाऊद इब्राहीम कासकर का नाम भी शामिल है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अनुसार, दाऊद के पास कई पासपोर्ट हैं जो रावलपिंडी और कराची से जारी हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि कराची के नूराबाद में दाऊद का एक बड़ा बंगला है. वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है.

महीने में 25 से 30 हजार कमाने का बढ़िया अवसर

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आम युवा को बेहद ही कम खर्च में 25 से 30 हजार रुपए तक की मासिक आय करने का उपाय कर दिया है. रोजगार की तलाश कर रहे युवकों को बहुत बढ़िया अवसर दिया है सरकार ने. आगामी एक साल में देशभर में सरकार की और 2,000 जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना है. फिलहाल देश में पहले से ही 3,000 ऐसे सेंटर चल रहे हैं, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है. सरकार ने इसके लिए आवेदन फीस और प्रॉसेसिंग फीस को भी खत्म कर दिया है. साथ ही योजना के तहत सरकारी दवाओं की दुकान खोलने के लिए पहले से ही 2.5 लाख रुपए की सहायता सरकार की ओर से की जा रही है, ताकि आम लोगों तक सस्ती दवाएं आसानी से पहुंच सकें. इस योजना के साथ जुड़कर बेरोजगार युवा 25-30 हजार मासिक आय कर सकते हैं। 2.5 लाख रुपए की मिलेगी मदद स्टोर शुरू करने पर 1 लाख रुपए की दवाएं पहले खरीदनी होगी. बाद में सरकार यह 1 लाख रुपए वापस कर देगी. दुकान में रैक, डेस्क आदि बनवाने के लिए भी सरकार 1 लाख रुपए तक की सहायता करेगी. इस खर्च को भी सरकार 6 महीने के अंदर वापस कर देगी. जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए कंप्यूटर आदि के सेटअप पर 50 हजार रुपए तक के किए गए खर्च की राशि भी सरकार लौटा देगी. आवेदन के लिए जरूरी बातें स्टोर खोलने के लिए रिटेल ड्रग सेल करने का लाइसेंस जन औषधि स्टोर के नाम से होना जरूरी है. आवेदन करने के लिए आधार कार्ड एवं पैन कार्ड की जरूरत होगी. वहीं, संस्थान, एनजीओ, हॉस्पिटल, चैरिटेबल संस्था को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पंजीयन प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. जो व्यक्ति या एजेंसी स्टोर खोलना चाहता है, वह https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर आवेदन फार्म डाउनलोड कर सकता है. आवेदन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के जनरल मैनेजर (ए एंड एफ) को भेजना होगा. जनऔषधि की वेबसाइट पर और भी जानकारी ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया का एड्रेस उपलब्ध है. जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए नियम जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए सरकार ने 3 कैटेगरी बनाई है। 1. पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकता है. 2. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को स्टोर खोलने का मौका मिलेगा. 3. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसी होगी. साथ ही दुकान खोलने के लिए 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी जरूरी है. सरकार करेगी 2.5 लाख रुपए की हेल्प प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए कुल खर्च 2.5 लाख रुपए तक आएगा. इसमें स्टोर खोलने वालों को सरकार की ओर से 650 से ज्यादा दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. सरकार की योजना है कि केंद्र खोलने वालों को 2.5 लाख रुपए सरकारी सहायता दी जाएगी. अर्थात यह स्टोर बिना निवेश के शुरू होगा. इस प्रकार होगी 20 से 30 हजार की मासिक आय स्टोर के जरिए महीने में जितनी दवाएं बिकेंगी, उन दवाओं का 20 फीसदी कमिशन के रूप में मिलेगा. इस ट्रेड मार्जिन के अलावा सरकार मासिक...

एलपीजी सिलेंडरों की कीमत घटी

नई दिल्ली : एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में कमी करने की घोषणा कर तेल कंपनियों ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. हालांकि सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत में मामूली मात्र 1.74 रुपए की ही कमी की गई है. जबकि गैर सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 35.50 रुपए की कटौती की गई है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने यह कदम उठाया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) ने एक बयान में कहा है कि एक अप्रैल से 14.2 किलो गैस वाले गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 653.50 रुपए होगी. पहले इसकी कीमत 689 रुपए थी. इस सिलेंडर की कीमत कोलकाता में 676, मुंबई में 625 और चेन्नई में 663.50 रुपए होगी. सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 491.35 रुपए होगी. पहले इसकी कीमत 493 रुपए थी. हर साल उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं. कंपनियों ने हवाई ईंधन यानी एटीएफ की कीमत 231 रुपए घटाकर 61,450 रुपए प्रति किलोलीटर कर दी है.

फेक न्यूज पर गाइडलाइन देने की जिम्मेदारी प्रेंस काउंसिल की

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मंसूबे पर फेरा पानी नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के फेक न्यूज पर लगाम लगाने के मंसूबे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पानी फेर दिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए गाइडलाइन जारी करने का फैसला प्रेंस काउंसिल ऑफ इंडिया को करना चाहिए. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए जारी नए गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन विपक्ष ने इसे तानाशाही भरा कदम बताते हुए कड़ी आलोचना की थी. नई गाइडलाइन में कहा गया था कि पहली बार फेक न्यूज के प्रकाशन अथवा प्रसारण की पुष्टि होने पर मान्यता प्राप्त पत्रकार की मान्यता छह माह के लिए निलंबित की जाएगा. वहीं, दूसरी बार ऐसा होने पर यह कार्रवाई एक साल के लिए होगी. लेकिन तीसरी गलती पर मान्यता हमेशा के लिए रद्द कर दी जाएगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपनी गाइडनाइन के मुताबिक यह भी कहा था कि यदि प्रिंट मीडिया में किसी भी तरह की फेक न्यूज की शिकायत मिलती है तो उसे प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) और मामला यदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का हुआ तो न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को भेजा जाएगा. ये दोनों संस्थाएं यह तय करेंगी कि न्यूज फेक है या नहीं. सरकार के इस फैसले के विरोध में न सिर्फ विपक्षी पार्टियां, बल्कि देश के कई पत्रकारों ने इसे अनुचित बताया था और सरकार से इसपर पुनर्विचार करने के लिए कहा था.

‘वीरा’ : किन्नर समुदाय का दर्द बयां करने वाली लघु फिल्म

'औरंगाबाद फिल्म फेस्टिवल' में स्वयं वीरा यादव ने सुनाई अपनी पीड़ा औरंगाबाद (बिहार) : 'औरंगाबाद फिल्म फेस्टिवल' में बिहार, उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की प्रदर्शित लघु, फीचर, डाक्युमेन्ट्री व मोबाइल फिल्मों में ‘वीरा' किन्नर समुदाय की हजारों सालों से चली आ रही भारतीय समाज में दुर्दशा पर तीखे सवाल के रूप में मौजूद थी. इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म की पात्र वीरा यादव ने समारोह में उपस्थित होकर अपने जीवन-संघर्ष का अत्यंत मार्मिक बयान किया. बिहार की एमए (समाजशास्त्र, पटना विश्वविद्यालय) की इस पहली किन्नर विद्यार्थिनी ने बताया कि कैसे वह प्रताड़ना के साथ परिवार से अलग की गईं और किन्नर समुदाय का हिस्सा बनने के बाद नाच-गाकर बधाई देने और रेल डिब्बों में भीक्षाटन करने का कार्य किया. भीख के बाजार में बधाई देने की चीज बना दी गई मैं वीरा यादव ने अपने भीतर के दशकों से दबे दर्द को सार्वजनिक तौर पर इन मार्मिक शब्दों में बयान किया, "मैं आंख में काजल और होठ पर लिपिस्टिक इसलिए लगाती हूं कि सामने वाला मेरा दर्द न देख सके. कॉलेज से निकलती हूं तो लोग भद्दी, पीड़ादायक टिप्पणियां करते हैं, इसलिए मैं कान में इयरफोन लगाकर लेती हूं, ताकि मैं उन टिप्पणियों को सुन न सकूं. या नहीं भी सुन रही होती हूं तब भी इयरफोन लगाए रहती हूं, ताकि मैं टिप्पणी नहीं सुन पाऊं." वीरा ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि किन्नर समुदाय को सहानुभूति नहीं, प्यार भरा साथ चाहिए. सोचिए कि अपने ही घर ने मुझे ठुकरा दिया, एक तरह से मेरी बलि चढ़ा दी. मुझे दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया गया और मैं बधाई देने की चीज के रूप में भींख के बाजार का हिस्सा बना दी गई. देश में जीने का सबको समान अवसर होने के बावजूद समाज के ताने मिलते हैं और इस व्यवस्था में जीने के लिए कानूनी संघर्ष करना पड़ता है.' अब बड़ा बाजार व अवसर दोनों उपलब्ध उद्घाटन सत्र की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित-पुरस्कृत डाक्युमेंट्री फिल्म ‘द रिर्टन आफ जगदीशचंद्र बसुÓ से हुई और अंतिम दिन बिहार की किन्नर वीरा यादव पर बनी डाक्युमेंट्री फिल्म से समारोह का समापन हुआ। प्रथम सत्र में भोजपुरी फिल्मों के वरिष्ठ लेखक-निर्देशक चंद्रभूषण मणि और वरिष्ठ नाटककार-कलाकार कृष्ण किसलय (सोनमाटी संपादक) ने कहा कि भारतीय फिल्म जगत अब नई सदी में नए अवतार में है। इस क्षेत्र को करियर के रूप में अपनाने वालों के लिए बड़ा बाजार व अवसर दोनों उपलब्ध हैं, जिसमें सफल होने के लिए कला-तकनीक व अभिव्यक्ति की अन्य विधाओं की तरह कल्पनाशील मेधा, सघन श्रम व निरंरतता-मौलिकता की जरूरत है। अपनी फिल्म के गीत की पंक्तियां सुनाईं अपने संबोधन में चर्चित भोजपुरी लोकगायिका व अभिनेत्री राधाकृष्ण रस्तोगी ने अपनी फिल्म के गीत की पंक्तियां सुनाईं. सिनेमा-रंगमंच से जुड़े रंगकर्मिर्यों-लेखकों-निर्देशकों सीपी सन्यासी, प्रदीप रौशन,केके लाल, शाहजादा शाही, प्रियदर्शी किशोर श्रीवास्तव, सुरेन्द्रकृष्ण रस्तोगी, धीरज अजनबी आदि ने भी अपनी बातें रखीं. खूबियों-खामियों पर सवाल-जबाव का सिलसिला फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हर फिल्म की खूबियों-खामियों पर सवाल-जबाव का सिलसिला क्रमानुसार चला, जिसमें फिल्म के निर्माताओं-निर्देशकों ने निर्णायक मंडल और दर्शकों द्वारा किए गए सवालों का जवाब दिया. प्रदर्शित फिल्मों पर विभिन्न...

46.22 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर वेकोलि ने बनाया कीर्तिमान

1. लगातार चौथे साल भी उत्पादन, डिस्पैच का तोड़ा रिकार्ड 2. 2018-19 के लिए 52.5 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित 3. 48.76 मि. टन कोयला डिस्पैच किया, 58.7 मि. टन कोयला-डिस्पैच का लक्ष्य नागपुर : कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कम्पनी, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 46.22 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. वेकोलि द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी ने इसके साथ-साथ कोयला प्रेषण (डिस्पैच) और ओवर बर्डन रिमूवल में चौथे वर्ष भी नया कीर्तिमान स्थापित किया है. वर्ष 2018-19 में वेकोलि 50 मिलियन टन से आगे 52.5 मिलियन टन कोयला-उत्पादन करने की ओर अग्रसर है. इस वर्ष 58.7 मिलियन टन कोयला-डिस्पैच का लक्ष्य भी कम्पनी हासिल करेगी. चार वर्ष पुराने अपने ही रिकार्ड को तोड़ा वेकोलि ने बताया है कि 2017-18 के दौरान अब तक का सर्वाधिक 46.22 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर कंपनी ने वर्ष 2009-10 में 45.7 मिलियन टन के अपने ही रिकार्ड को पार कर लिया है. यह लगातार चौथा साल है, जब वेकोलि ने कोयला-उत्पादन में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी की है, जबकि 2009-10 से 2013-14 में कम्पनी ने लगातार पांच वर्ष ऋणात्मक वृद्धि दर्ज़ की थी. कंपनी ने अपने विकास और विस्तार तथा निगमित सामाजिक दायित्व (कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) के क्षेत्र में भी सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं. तीन वर्षों में 19 नई परियोजनाएं प्रारम्भ की वेकोलि की विज्ञप्ति में बताया गया है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 19 परियोजनाएं प्रारम्भ करने से उत्पादन में यह वृद्धि लगातार चारों वर्ष बरकरार रह सकी तथा इन नई परियोजनाओं से 2017-18 में 27 मिलियन टन से अधिक कोयला-उत्पादन संभव हो सका. भविष्य में भी उत्पादन का यही स्तर कायम रखने के लिए वेकोलि ने वर्तमान खदानों की क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिससे वर्ष 2018-19 में 6.5 मिलियन टन कोयला-उत्पादन बढ़ सकेगा. 48.76 मिलियन टन कोयला प्रेषण (डिस्पैच) किया इसी तरह, कम्पनी ने 2017-18 में अब तक का सर्वाधिक 48.76 मिलियन टन कोयला प्रेषण (डिस्पैच) कर नई उपलब्धि हासिल की, जो 2009-10 के दौरान 45.509 मिलियन टन था. आलोच्य वर्ष में वेकोलि 23.5 % ऑफ़ टेक के साथ कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कम्पनियों में अव्वल रही है। इतना ही नहीं, कम्पनी ने 9204 रेक कोयला डिस्पैच किया, जो गत वर्ष के मुकाबले 28.84 % अधिक है. 31 मार्च, 2018 को कंपनी ने एक दिन में सर्वाधिक 3.41 लाख टन कोयला उत्पादन तथा एक दिन में सर्वाधिक 1.82 लाख टन कोयला प्रेषण का रिकार्ड दर्ज किया. फिलहाल वेकोलि के पास है 11.60 मिलियन टन का कोयला-भंडार 1 अप्रैल, 2018 को कंपनी के पास 11.60 मिलियन टन कोयला-भंडार है, जोकि उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने में सहायक सिद्ध होगा. वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु वेकोलि पूंजीगत व्यय के लक्ष्य 1050 करोड़ रुपए से अधिक व्यय करने में सफल रही है, जो कम्पनी के विकास में सहायक होगा. 2017-18 में 185.29 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन रिमूवल के साथ कम्पनी ने उपलब्धि प्राप्त की, जो गत वर्ष से करीब 12 प्र.श. अधिक है. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के साथ ओडीशा में भी कोयला...

मुंबई के केईएम अस्पताल को डॉ. आनंदीबाई जोशी का दें नाम

153वीं जयंती पर मनसे ने फिर से मुंबई महापालिका के समक्ष रखी यह मांग मुंबई : मुंबई स्थित केईएम अस्पताल को डॉ. आनंदीबाई जोशी का नाम देने की मांग महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मुंबई महापालिका के समक्ष फिर दुहराई है. मनसे ने केईएम अस्पताल का नाम 'डॉ. आनंदीबाई जोशी अस्पताल' करने का प्रस्ताव किया था. आज डॉ. आनंदीबाई जोशी की 153वीं जयंती पर मनसे ने फिर से मुंबई महापालिका के समक्ष यह मांग रखी है. ट्विट कर नानसे मुंबई महापालिका से दुहराई मांग मनसे ने अपने अधिकृत ट्विट हैंडल पर यह मांग पोस्ट की है. ट्विट में मुंबई महापालिका और महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर को टैग किया गया है. उसने ट्विट कर कहा है- ''केईएम रुग्णालयाचं नाव 'डॉ. आनंदीबाई जोशी रुग्णालय' करण्यात यावं, या मागणीचं निवेदन मनसेनं दिलं होतं. आज आनंदीबाई जोशी यांच्या जयंतीनिमित्त या मागणीची महापालिकेला आठवण करून देत आहोत'', ("केईएम अस्पताल का नाम 'डॉ. आनंदीबाई जोशी रुग्णालय' करने की मांग करते हुए मनसे ने निवेदन दिया था. आज आनंदीबाई जोशी की जयंती पर हम यह मांग महापालिका के समक्ष पुनः कर रहे हैं.'') प्रथम महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी का डूडल पेश कर गूगल ने किया सम्मान इस बीच डॉ. आनंदीबाई जोशी की जयंती पर गूगल ने डूडल के माध्यम से रेखाचित्र साकार कर उन्हें आदरांजलि दी है. आनंदीबाई जोशी देश की पहली महिला डॉक्टर थीं. उनका जन्म जन्म 31 मार्च 1865 को कल्याण में हुआ था. नौ वर्ष की आयु में हुआ था उनका विवाह नौ वर्ष की आयु में उनका विवाह गोपाल राव जोशी से हुआ था. जो उनसे उम्र में 20 वर्ष बड़े थे. काम उम्र की होने की कारण उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा था. लेकिन पति गोपालराव उन्हें शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहन देते रहे. अमेरिका में पूरी की थी मेडिकल की शिक्षा अमेरिका के पेनसिलवेनिया के महिला चिकित्सा महाविद्यालय में आनंदीबाई ने मेडिकल की शिक्षा पूरी की. उसके बाद ड्रेक्जल विश्वविद्यालय महाविद्यालय उन्होंने आगे की शिक्षा पूरी की. शिक्षा पूरी करने के बाद वे महिलाओं के लिए चिकित्सा महाविद्यालय आरंभ करने का सपना लेकर स्वदेश लौटीं.

पटना के धोबी नहीं धोएंगे बिहार के मंत्रियों, बड़े अधिकारियों और विधायकों के कपड़े

सीमा सिन्हा पटना : पटना जिला धोबी संघ ने बिहार के मंत्रियों, बड़े अधिकारियों और विधायकों के 1 अप्रैल से नहीं धोने का फैसला लिया है. धोबी संघ का यह फैसला उनकी नए धोबी घाटों का निर्माण, पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, रेलवे और सरकारी प्रतिष्ठानों में कपड़ा सफाई का काम, बच्चों की समुचित पढ़ाई की व्यवस्था किए जाने की मांगों को लेकर है, जिनकी राज्य के जनप्रतिनिधि लगातार उपेक्षा करते आए हैं. धोबियों में है भारी नाराजगी पटना जिला रजक समिति के महामंत्री रामबिलास प्रसाद का कहना है कि धोबियों में भारी नाराजगी है. हमें कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है. प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने से धोबी घाट नहीं बनाया जा रहा है. धोबियों के बच्चों के लिए न ही स्कूल की व्यवस्था है और न शौचालय की, साथ ही उनका कोई बीमा भी नहीं कराया गया है. उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराने पर भी हमारी बेसिक जरूरतों की उपेक्षा की जा रही है. इसलिए हमें मजबूरन यह फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार नहीं मानती है तो आगामी 16 अप्रैल को हम धरना भी देंगे. पटना जिला रजक समिति की 17 सूत्री मांगें पटना के धोबियों की प्रमुख मांगें हैं- नए धोबी घाटों का निर्माण, पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, रेलवे और सरकारी प्रतिष्ठानों में कपड़ा सफाई का काम, बच्चों की समुचित पढ़ाई की व्यवस्था करने की. धोबी संघ के आंदोलन की इस घोषणा से जनप्रतिनिधियों की नींद खुलती है या नहीं, सरकार कुछ करती है या नहीं, इस ओर रजक समिति सहित लोगों की निगाहें लगी हुई हैं.