46.22 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर वेकोलि ने बनाया कीर्तिमान

नागपुर संभाग बिजनेस
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1. लगातार चौथे साल भी उत्पादन, डिस्पैच का तोड़ा रिकार्ड
2. 2018-19 के लिए 52.5 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित
3. 48.76 मि. टन कोयला डिस्पैच किया, 58.7 मि. टन कोयला-डिस्पैच का लक्ष्य

नागपुर : कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कम्पनी, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 46.22 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. वेकोलि द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी ने इसके साथ-साथ कोयला प्रेषण (डिस्पैच) और ओवर बर्डन रिमूवल में चौथे वर्ष भी नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

वर्ष 2018-19 में वेकोलि 50 मिलियन टन से आगे 52.5 मिलियन टन कोयला-उत्पादन करने की ओर अग्रसर है. इस वर्ष 58.7 मिलियन टन कोयला-डिस्पैच का लक्ष्य भी कम्पनी हासिल करेगी.

चार वर्ष पुराने अपने ही रिकार्ड को तोड़ा
वेकोलि ने बताया है कि 2017-18 के दौरान अब तक का सर्वाधिक 46.22 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर कंपनी ने वर्ष 2009-10 में 45.7 मिलियन टन के अपने ही रिकार्ड को पार कर लिया है. यह लगातार चौथा साल है, जब वेकोलि ने कोयला-उत्पादन में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी की है, जबकि 2009-10 से 2013-14 में कम्पनी ने लगातार पांच वर्ष ऋणात्मक वृद्धि दर्ज़ की थी. कंपनी ने अपने विकास और विस्तार तथा निगमित सामाजिक दायित्व (कार्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) के क्षेत्र में भी सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं.

तीन वर्षों में 19 नई परियोजनाएं प्रारम्भ की
वेकोलि की विज्ञप्ति में बताया गया है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 19 परियोजनाएं प्रारम्भ करने से उत्पादन में यह वृद्धि लगातार चारों वर्ष बरकरार रह सकी तथा इन नई परियोजनाओं से 2017-18 में 27 मिलियन टन से अधिक कोयला-उत्पादन संभव हो सका. भविष्य में भी उत्पादन का यही स्तर कायम रखने के लिए वेकोलि ने वर्तमान खदानों की क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिससे वर्ष 2018-19 में 6.5 मिलियन टन कोयला-उत्पादन बढ़ सकेगा.

48.76 मिलियन टन कोयला प्रेषण (डिस्पैच) किया
इसी तरह, कम्पनी ने 2017-18 में अब तक का सर्वाधिक 48.76 मिलियन टन कोयला प्रेषण (डिस्पैच) कर नई उपलब्धि हासिल की, जो 2009-10 के दौरान 45.509 मिलियन टन था. आलोच्य वर्ष में वेकोलि 23.5 % ऑफ़ टेक के साथ कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कम्पनियों में अव्वल रही है। इतना ही नहीं, कम्पनी ने 9204 रेक कोयला डिस्पैच किया, जो गत वर्ष के मुकाबले 28.84 % अधिक है. 31 मार्च, 2018 को कंपनी ने एक दिन में सर्वाधिक 3.41 लाख टन कोयला उत्पादन तथा एक दिन में सर्वाधिक 1.82 लाख टन कोयला प्रेषण का रिकार्ड दर्ज किया.

फिलहाल वेकोलि के पास है 11.60 मिलियन टन का कोयला-भंडार
1 अप्रैल, 2018 को कंपनी के पास 11.60 मिलियन टन कोयला-भंडार है, जोकि उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने में सहायक सिद्ध होगा. वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु वेकोलि पूंजीगत व्यय के लक्ष्य 1050 करोड़ रुपए से अधिक व्यय करने में सफल रही है, जो कम्पनी के विकास में सहायक होगा. 2017-18 में 185.29 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन रिमूवल के साथ कम्पनी ने उपलब्धि प्राप्त की, जो गत वर्ष से करीब 12 प्र.श. अधिक है.

महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के साथ ओडीशा में भी कोयला उत्पादन
पिछले चार वर्षों में लगातार वृद्धि दर्ज़ करते हुए, वर्ष 2017-18 में, ओडीशा में चार कोयला ब्लॉक प्राप्त करने के बाद वेकोलि अब 100 मिलियन टन के प्रतिष्ठित क्लब में प्रवेश के लिए आशान्वित है. ओडीशा में कंपनी को घोघरपल्ली, डीप साइड ऑफ़ घोघरपल्ली, रम्पिया तथा डीप साइड ऑफ़ रम्पिया ब्लाक खनन-उत्पादन के लिए आबंटित हुए हैं. इन चार ब्लॉक्स में से दो बड़े ओपन कास्ट माईन में, प्रत्येक से 25 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर 50 मिलियन टन प्राप्त करने की योजना है. इस अधिग्रहण से वेकोलि, कोल इंडिया की पहली ऐसी कम्पनी बन गई है, जिसका कार्य-क्षेत्र तीन राज्यों; महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और ओडीशा में भी है.

निगमित सामाजिक दायित्व निभाने में भी अग्रणी है वेकोलि

1. पाटन सावंगी में बड़े आर.ओ. प्लांट से ग्रामीणों को “कोल नीर”
इसका जिक्र यहाँ प्रासंगिक होगा कि कोयला-उत्पादन और प्रेषण की अपनी प्रमुख गतिविधियों को बखूबी अंजाम देते हुए, वर्ष 2017-18 के दौरान अग्रणी वेकोलि ने निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. खदानों से निकले पानी का ग्रामीणों के लिए उपयोग, नागपुर के पास पाटन सावंगी में बड़े आर. ओ. प्लांट की स्थापना की गई है. यहां से स्थानीय ग्रामीण आबादी को “कोल नीर” उपलब्ध करवाया जाएगा. 2018-19 में छह और आर. ओ. प्लांट्स लगवाने की योजना है, जिससे सम्पूर्ण ग्रामीण आबादी को एकदम न्यूनतम लागत पर शुद्द्ध पेयजल प्राप्त हो सके। कम्पनी 2018-19 में कम्पनी का लक्ष्य “कोल नीर” को व्यावसायिक स्तर पर भी लॉन्च करने का है।

2. बिजली उत्पादन के लिए खापरखेड़ा थर्मल को भानेगांव खदान से पानी

बड़ी मात्रा में, खदान के पानी की उपलब्धता के आलोक में, वेकोलि ने महाजेनको के साथ खापरखेड़ा ताप विद्युत् गृह के लिए भानेगांव खदान से प्रतिदिन 6.48 मिलियन गैलन पानी आपूर्ति के सहमति-पत्र पर महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री की प्रमुख उपस्थिति में, हस्ताक्षर किया है. इससे न केवल महाजेनको के संयंत्र को निकटतम स्रोत से पानी मिलेगा, बल्कि महाजेनको द्वारा पहले उपयोग किया जा रहा पानी अब नागपुर शहर को मिल सकेगा.

3. खदानों का पानी वीआईडीसी को सिंचाई के लिए देने की तैयारी
कंपनी विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के साथ भी सिंचाई के लिए नागपुर क्षेत्र की खदान से प्रतिदिन 17.47 मिलियन गैलन पानी प्रदान करने सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करने को तैयार है. चंद्रपुर तथा यवतमाल जिले में भी खदान के पानी का सिंचाई और पेयजल हेतु उपयोग कुछ अन्य परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं.

4. एनआईटी को खदान से निकली रेत उपलब्ध करा रही है
विदित हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ती आवास योजना के लिए 2017-18 के दौरान, वेकोलि द्वारा न्यूनतम लागत पर नागपुर सुधार प्रन्यास (एनआईटी) को खदान से निकली रेत उपलब्ध कराई जा रही है. कंपनी ने मुम्बई-नागपुर सुपर एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को ओवर बर्डन की मिट्टी एवं रेत प्रदान किया है.

5. रेत के व्यावसायिक कारोबार की तैयारी
वर्ष 2018-19 में वेकोलि बहुत ही न्यूनतम दर पर, रेत के व्यावसायिक कारोबार की तैयारी कर चुकी है. निर्माण-उद्योग में इस्तेमाल हेतु ओवर बर्डन से निकले पत्थर के टुकड़े तथा ईंट भी कंपनी उपलब्ध करवा रही है. ओवर बर्डन से रेत निकाल कर उसके व्यावसायिक उपयोग हेतु, नागपुर के पास गोंड़ेगांव में बड़ा रेत संयंत्र लगाने की योजना को शीघ्र ही मूर्त रूप दिया जाएगा.

6. सैनिटरी पैड प्रदान करने की योजना “प्रोजक्ट पंख”
नागपुर तथा इसके आस-पास की छात्राओं को सैनिटरी पैड प्रदान करने की योजना “प्रोजक्ट पंख” को मिली सफलता के बाद इसका और विस्तार किया जाएगा. 50 लाख रुपए की लागत से 100 शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाई जाएगी.

7. ईको माईन टूरिज्म का 1.36 लाख पर्यटकों ने आनन्द उठाया
कम्पनी की बहुचर्चित ईको माईन टूरिज्म को भी अभूतपूर्व सफलता मिल रही है. नागपुर के पास सावनेर में अब तक देश-विदेश के करीब 1.36 लाख पर्यटकों ने सपरिवार इसका आनन्द उठाया है. वेकोलि ने यवतमाल जिले के वणी नार्थ क्षेत्र में भी एक और ईको माईन टूरिज्म प्रारम्भ किया है.

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