महीने में 25 से 30 हजार कमाने का बढ़िया अवसर

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आम युवा को बेहद ही कम खर्च में 25 से 30 हजार रुपए तक की मासिक आय करने का उपाय कर दिया है. रोजगार की तलाश कर रहे युवकों को बहुत बढ़िया अवसर दिया है सरकार ने.

आगामी एक साल में देशभर में सरकार की और 2,000 जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना है. फिलहाल देश में पहले से ही 3,000 ऐसे सेंटर चल रहे हैं, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है. सरकार ने इसके लिए आवेदन फीस और प्रॉसेसिंग फीस को भी खत्म कर दिया है. साथ ही योजना के तहत सरकारी दवाओं की दुकान खोलने के लिए पहले से ही 2.5 लाख रुपए की सहायता सरकार की ओर से की जा रही है, ताकि आम लोगों तक सस्ती दवाएं आसानी से पहुंच सकें. इस योजना के साथ जुड़कर बेरोजगार युवा 25-30 हजार मासिक आय कर सकते हैं।

2.5 लाख रुपए की मिलेगी मदद
स्टोर शुरू करने पर 1 लाख रुपए की दवाएं पहले खरीदनी होगी. बाद में सरकार यह 1 लाख रुपए वापस कर देगी. दुकान में रैक, डेस्क आदि बनवाने के लिए भी सरकार 1 लाख रुपए तक की सहायता करेगी. इस खर्च को भी सरकार 6 महीने के अंदर वापस कर देगी. जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए कंप्यूटर आदि के सेटअप पर 50 हजार रुपए तक के किए गए खर्च की राशि भी सरकार लौटा देगी.

आवेदन के लिए जरूरी बातें
स्टोर खोलने के लिए रिटेल ड्रग सेल करने का लाइसेंस जन औषधि स्टोर के नाम से होना जरूरी है. आवेदन करने के लिए आधार कार्ड एवं पैन कार्ड की जरूरत होगी. वहीं, संस्थान, एनजीओ, हॉस्पिटल, चैरिटेबल संस्था को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पंजीयन प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. जो व्यक्ति या एजेंसी स्टोर खोलना चाहता है, वह https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर आवेदन फार्म डाउनलोड कर सकता है. आवेदन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के जनरल मैनेजर (ए एंड एफ) को भेजना होगा. जनऔषधि की वेबसाइट पर और भी जानकारी ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया का एड्रेस उपलब्ध है.

जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए नियम
जनऔषधि स्टोर खोलने के लिए सरकार ने 3 कैटेगरी बनाई है।
1. पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकता है.
2. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को स्टोर खोलने का मौका मिलेगा.
3. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसी होगी.
साथ ही दुकान खोलने के लिए 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी जरूरी है.

सरकार करेगी 2.5 लाख रुपए की हेल्प
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए कुल खर्च 2.5 लाख रुपए तक आएगा. इसमें स्टोर खोलने वालों को सरकार की ओर से 650 से ज्यादा दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. सरकार की योजना है कि केंद्र खोलने वालों को 2.5 लाख रुपए सरकारी सहायता दी जाएगी. अर्थात यह स्टोर बिना निवेश के शुरू होगा.

इस प्रकार होगी 20 से 30 हजार की मासिक आय
स्टोर के जरिए महीने में जितनी दवाएं बिकेंगी, उन दवाओं का 20 फीसदी कमिशन के रूप में मिलेगा. इस ट्रेड मार्जिन के अलावा सरकार मासिक विक्रय पर 10 फीसदी इंसेंटिव देगी, जो विक्रेता के बैंक खाते में आ जाएगा. इस तरह से दुकानदार को ट्रेड मार्जिन के अलावा इंसेटिव के रूप में डबल मुनाफा होगा. अर्थात वह यदि एक महीने में 1 लाख रुपए तक की दवा बेचता है तो विक्रेता को महीने में 25 से 30 हजार रुपए तक आय हो जाएगी.

कैसे मिलेगा इंसेटिव
इंसेटिव हर महीने होने वाली दवाओं की सेल पर 10 फीसदी रखा गया है. हालांकि, इसकी अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए रखी गई है. अगर रिटेलर 1 लाख रुपए से ज्यादा की दवा बेचता है तो भी उसे उस महीने 10 हजार रुपए ही इंसेटिव मिलेगा. यह इंसेटिव तबतक मिलता रहेगा, जबतक 2.5 लाख रुपए की लिमिट पूरी नहीं हो जाती है.

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