मौसम खराब था और तकनीकी खामी थी, 9 वर्षों से ग्राउंडेड था विमान
मुंबई : घाटकोपर के रिहायसी इलाके में कल गुरुवार को हुए विमान हादसे के बारे में एक सनसनीखेज कारण सामने आया है. मौसम खराब होने और विमान में तकनीकी खामी होने के बावजूद यू वाई एविएशन कंपनी ने पायलट मारिया जुबेर और को-पायलट प्रदीप राजपूत को परीक्षण उड़ान के लिए बाध्य किया था. यह आरोप मारिया जुबेर के पति अधि. प्रभात कथूरिया और राजपूत के परिजनों ने लगाया है.
पायलटों के परिजनों ने लगाया एविएशन कंपनी पर आरोप
कथुरिया ने कहा कि मारिया परीक्षण उड़ान के लिए तैयार नहीं थी. को-पायलट प्रदीप राजपूत ने भी कंपनी प्रबंधन को बताया था कि विमान की तकनीकी खामियां दूर करना बाकी है. दोनों ने खराब मौसम का भी हवाला दिया था. लेकिन एविएशन कंपनी ने उनकी एक नहीं सुनी. जिसका परिणाम इस विमान हादसे के रूप में सामने आया, जिसमें मारिया और राजपूत सहित 5 लोगों की जान गंवानी पड़ी.
दिवंगत पायलट मारिया के पति ने बताया कि मारिया को एक हजार घंटे से अधिक के उड़ान का अनुभव था. उनका एक 15 वर्ष का बेटा भी है. दिल्ली निवासी राजपूत के परिजनों के अनुसार राजपूत भी अनुभवी पायलट थे और दीर्घ काल से विमानन कंपनी में सेवा कर चुके थे.
कथुरिया के अनुसार यू वाई कंपनी से सुबह 8 बजे फोन कर मारिया को विमान के परीक्षण उड़ान के लिए बुलाया गया. था. मारिया ने खराब मौसम का हवाला देकर परीक्षण नहीं करने की सलाह दी थी. लेकिन फिर भी उन्हें बुलाया गया.
टीवी से पता चल पाया कि मारिया का विमान घाटकोपर में क्रैश हो चुका है
कथुरिया ने बताया कि विमान के परीक्षण में अमूमन 2 घंटे का समय लगता है. दोपहर एक बजे जब उन्होंने मारिया को फोन कर जानना चाहा कि वह कहां है, यो कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने एविएशन कंपनी को फोन लगाया तो वहां से भी कोई उत्तार नहीं मिलाने पर उन्हें थोड़ी चिंता हुई. तभी जब उन्होंने टीवी पर समाचार देखा तो उन्हें पता चल पाया कि मारिया का विमान घाटकोपर में क्रैश हो चुका है और मारिया और राजपूत को राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया है.
बताया जाता है कि 23 साल पुराना यह एयरक्राफ्ट करीब नौ साल तक ग्राउंडेड रहने के बाद अपनी पहली उड़ान पर था. माना जा रहा है कि हादसे की वजह तकनीकी खामी ही रही होगी.