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NDCC Bank घोटाला : मंत्री सुनील केदार की मुश्किलें बढ़ीं

अपराध नागपुर
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छंटने को है 18 वर्षों की धूल, 149 करोड़ रुपए के घोटाले के गवाहों का क्रॉस एक्जामिनेशन अंतिम चरण में

नागपुर : महाराष्ट्र के पशु संवर्द्धन एवं युवा कल्याण मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें दबाए नहीं दब रहीं. केदार नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी (NDCC) बैंक में सन 2002 में हुए 149 करोड़ रुपए के घोटाले के वे मुख्य आरोपी हैं. बैंक के अध्यक्ष रहे 59 वर्षीय केदार पर आरोप है कि उन्होंने अपने कुछ सहयोगियों की मदद से NDCC बैंक के कोष की 149 करोड़ रुपए की रकम का घोटाला कर बैंक को इतनी बड़ी रकम का नुकसान पहुंचाया. जो गरीब किसानों और निवेशकों का था.

गवाहों का क्रॉस एक्जामिनेशन 24 को  
मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के आदेश पर गुरुवार, 24 सितंबर को इस मामले के गवाहों का क्रॉस एक्जामिनेशन होगा. उल्लेखनीय है कि पिछले 18 वर्षों से लंबित इस मामले में अपने पूर्व के आदेशों का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट नाराजगी जाहिर की. निचली अदालत में इसकी ट्रायल एक इंच भी आगे नहीं बढ़ रही थी. मामले की सुनवाई अब नागपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) की अदालत में हो रही है.

अप्रैल 2002 को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज हुई थी  
वर्ष 2002 में सामने आए इस NDCC बैंक घोटाले की विशेष लेखा परीक्षक विश्वनाथ असवर ने बैंक का ऑडिट कर 29 अप्रैल 2002 को गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद NDCC बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुनील केदार, महाप्रबंधक अशोक चौधरी और अन्य के विरुद्ध भादंवि की दफा 406, 409, 468, 112-ब और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोपियों से नुकसान की वसूली के आदेश जारी किए गए थे.

न्यायिक दांव-पेंच, दवाब और राजनीति के कारण इस प्रकरण में वर्षों कोई प्रगति नहीं हो पा रही थी. हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट से सुनील केदार को राज्य सरकार के जांच के आदेश में मिले स्थगन के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया था. बाद में हाईकोर्ट के कड़े रुख के कारण अब गवाहों के क्रॉस एक्जामिनेशन तक यह मुकदमा पहुंच रहा है. समझा जाता है कि इसके साथ ही अब यह मामला अपने अंतिम चरण में है.

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