अंतरिम चीफ बनाते ही नागेश्वर राव ने तीसरे नं. को भी भेजा छुट्टी पर, 13 का सुबह ही कर दिया तबादला
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई की बिगड़ती छवि को बचाने के लिए आखिरकार पीएमओ ने कड़े फैसले लिए और सीबीआई निदेशक समेत तीन बड़े अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया. और 1984 बैच के ओड़िसा काडर के आईपीएस नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्त कर दिया है. पीएमओ ने ये फैसला केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की सिफारिश के आधार पर किया.
वर्मा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, सीवीसी के कदम को गैरकानूनी बताया
इधर सीबीआई के छुट्टी पर बजे गए निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने याचिका दायर कर कोर्ट से कहा कि ‘रातोंरात उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करने का केन्द्र का निर्णय जांच एजेन्सी की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने जैसा है जिसकी उच्च अधिकारियों के खिलाफ जांच हो सकता है। कि सरकार की अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो.’ आलोक वर्मा ने कोर्ट में कहा कि केन्द्र और केन्द्रीय सतर्कता आयोग का कदम पूरी तरह से गैरकानूनी है और ऐसे हस्तक्षेप से इस प्रमुख जांच संस्था की स्वतंत्रता तथा स्वायत्तता का क्षरण होता है.
केबिनेट की ब्रीफिंग के दौरान पूरी कार्रवाई की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “सीबीआई की इंटिग्रिटी बनी रहे ये जरूरी है. हम ये भी सहन नहीं कर सकते कि देश के बाहर जिन पर आरोप लगते है वो सीबीआई पर सवाल उठा पाए.”
दोनों बड़ों ने लगा दिया सीबीआई की प्रतिष्ठा पर बट्टा
ज्ञातव्य है कि सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और संयुक्त निदेशक राकेश अस्थाना की आपसी लड़ाई ने देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित जांच एजेंसी पर बट्टा लगा दिया. एक दूसरे के खिलाफ घूसखोरी के आरोपों और एफआईआर ने सरकार के भी कान खड़े कर दिए. आखिरकार पीएमओ ने रविवार की शाम सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को बुलाकर पूरे विवाद पर रिपोर्ट ली. इसके साथ ही सरकार ने सीबीआई की साख को बचाने के लिए बड़ी कार्रवाई अंतर्गत मंगलवार की शाम से लेकर पूरी रात सीबीआई में अब तक के सबसे बड़े सफाई अभियान की शुरुआत कर दी.
ऐसे हुई कार्रवाई की शुरुआत
हुआ यूं कि मंगलवार की देर रात केंद्रीय सर्तकता आयुक्त ने एक अहम बैठक बुलाई. बैठक में स्वयं केंद्रीय सर्तकता आयुक्त (सीवीसी) और सीवीसी के सभी अफसर मौजूद थे. बैठक में सीबीआई में चल रही उठा पटक को लेकर बातचीत शुरू हुई. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना एक दूसरे पर जो इल्जाम लगा रहे थे, उनकी फेहरिस्त सबके सामने थी. सबसे बड़ा मामला था जांच को निष्पक्ष कराने का.
तय हुआ कि दोनों को हटाकर निष्पक्ष जांच कराई जाए
लिहाजा, इस लंबी बैठक के बाद तय हुआ कि दोनों विवादित अधिकारियों को एजेंसी से दूर किया जाए. लिहाजा, रात के 11 बजे आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज देने का फैसला लिया गया. ताकि मामले की जांच सही और निष्पक्ष तरीके से की जा सके. साथ ही दोनों अधिकारियों के दफ्तर और दस्तावेज सील किए जाना तय हुआ.
नागेश्वर राव की नियुक्ति के फैसले की जानकारी दी गई पीएमओ को
बैठक जारी थी. रात के 11 बजकर 30 मिनट पर सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति किए जाना तय हो गया. वक्त बीतता जा रहा था. रात गहराती जा रही थी. सीवीसी के अधिकारी अब सभी अहम बातों पर एकमत हो चुके थे. लिहाजा, देर तक चली बैठक खत्म हुई. फौरन इस फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को दी गई.
सीबीआई दफ्तर का खास हिस्सा सीज
फिर एक्शन की बारी थी. इस दौरान नागेश्वर राव को चार्ज लेने के लिए बुलावा भेज दिया गया था. इससे पहले कि नागेश्वर वहां पहुंचते, रात के एक बजे अचानक दिल्ली पुलिस की टीम ने सीबीआई दफ्तर के एक खास हिस्से को सीज कर दिया.
चार्ज लेते ही पूरी तैयारी के साथ जुट गए नागेश्वर राव
रात के 1 बजकर 15 मिनट पर नागेश्वर राव, सीबीआई के दफ्तर पहुंच गए और 1 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने चार्ज ले लिया. नागेश्वर राव सीधे सीबीआई दफ्तर के 11वें फ्लोर पर पहुंचे, और उनके निर्देशन में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तरों की तलाशी ली गई. इसके बाद रात के 2 बजे दोनों के दफ्तरों को सील कर दिया गया. 11वें फ्लोर को सील करने के बाद नागेश्वर ने 10वें फ्लोर पर मौजूद सभी दफ्तरों की चाबी भी अपने पास मंगवा कर रख ली. नागेश्वर राव पूरे एक्शन में नजर आ रहे थे.
सुबह 6 बजे ही 13 अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी
इससे पहले कि एजेंसी के कारिंदे और कुछ समझ पाते बुधवार की सुबह 6 बजे नागेश्वर राव ने इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट मंगाई. ऐसा लग रहा था कि नागेश्वर पूरी तैयारी के साथ आए थे. सुबह के 9 बजे उन्होंने इस केस से जुड़े सभी 13 अधिकारियों के तबादले कर दिए. फिर राकेश अस्थाना से जुड़े मामले को उन्होंने फास्ट ट्रैक में भेज दिया. सुबह होते होते सीबीआई की पूरी टीम ही बदल गई.
12 बजे अस्थाना की जांच के लिए टीम का किया गठन
नागेश्वर दफ्तर में जमे रहे. बुधवार की सुबह तक सब कुछ बदल चुका था. सुबह 11 बजे डीएसपी बस्सी को पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया. उनके साथ अस्थाना से जुड़े अधिकारी मनीष सिन्हा को भी हटा दिया गया. दोपहर के 12 बजे अस्थाना के मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों वाली नई टीम बनाई गई.
आरोपी डीएसपी देवेंद्र से 3 बजे पूछताछ शुरू, शर्मा को दे दी छुट्टी
इसके बाद 3 बजे इस मामले में आरोपी डीएसपी देवेंद्र से पूछताछ शुरू की गई. इससे पहले 1 बजे 10वें, 11वें फ्लोर को दोबारा खोल दिया गया. इसके साथ ही शाम होते होते एजेंसी में नंबर 3 की हैसियत रखने वाले अधिकारी ए.के. शर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया गया.