वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की मुहिम जल्द पूरी करेगा चुनाव आयोग

देश
Share this article

अब तक 33 करोड़ मतदाता पहचान पत्र जोड़े जा चुके हैं आधार से, सुप्रीम कोर्ट ने किया रास्ता साफ

नई दिल्ली : आधार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध करार देने के बाद इसे वोटर आईडी से जोड़ने की प्रक्रिया अब जल्द लागू करने की ओर भारत निर्वाचन आयोग शुरू कर सकता है. इसके लिए आयोग के सचिवालय को कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने का निर्देश मिल गया है. इस आशय का संकेत आज यहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने समाचार एजेंसियों के साथ चर्चा में दिया है.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधता और चुनावी राजनीति को अपराधमुक्त करने संबंधी अपने दो फैसलों के माध्यम से निर्वाचन आयोग के लिए मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार से जोड़ने और अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के उपाय तेज करने का रास्ता साफ कर दिया है.

रावत ने बताया, “यह परियोजना, अदालत में आधार का मामला विचाराधीन होने के कारण रोकनी पड़ी थी. अब फैसले के अध्ययन के बाद अदालत के आदेश के अनुरूप इसे फिर से शुरु किया जा सकेगा.”

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने का भी होगा उपाय
अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के संबंध में रावत ने कहा कि आयोग इस फैसले का भी अध्ययन कर इसे यथाशीघ्र लागू करने के उपाय करेगा. ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उम्मीदवारों को उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं तक पहुंचाने को कहा है.

आधार से वोटर आईडी जोड़ने का काम रोकना पड़ा था अगस्त 2015 में
आधार से मतदाता पहचान पत्र को स्वैच्छिक तौर पर जोड़ने की योजना के बारे में रावत ने बताया कि आयोग अदालत के फैसले के अनुरूप इस योजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिये फरवरी 2015 में आधार से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की योजना शुरू करने के बाद अगस्त 2015 में आधार की वैधता से जुडा मामला सर्वोच्च अदालत में पहुंचने के कारण इस योजना को रोके जाने तक लगभग 33 करोड़ मतदाता पहचान पत्र आधार से जोड़े जा चुके हैं.

इसे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने के सवाल पर उन्होंने कहा, “योजना को शुरू करने भर की देर है. काम को यथाशीघ्र पूरा करने की कोशिश होगी. देखते हैं कि पूरा होने में कितना समय लगता है.”

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव से दूर रखने के अदालत के फैसले को लागू करने में आयोग की भूमिका के सवाल पर रावत ने कहा कि फैसले के अध्ययन के बाद यह तय किया जाएगा कि उम्मीदवारों के लिए निर्धारित आवेदन और इससे जुड़ी प्रश्नावली में कितना बदलाव करना होगा.

अगले साल 5 राज्यों के चुनाव में लागू करने की होगी कोशिश
परिवर्तित व्यवस्था को इस साल पांच राज्यों के संभावित विधानसभा चुनाव से पहले लागू करने के सवाल पर रावत ने कहा, “आयोग की हमेशा कोशिश होती है कि न्यायालय के फैसले को संभावित निकटवर्ती चुनाव में लागू कर दिया जाए. फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि आयोग इस दिशा में त्वरित प्रयास करेगा. जिससे इन्हें यथाशीघ्र लागू किया जा सके.”

Leave a Reply