पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे वितरित किए झंकार महिला मंडल ने

विश्व पर्यावरण दिवस पर पोस्टर, पम्पलेट, डस्टबीन, थैलियां बांटीं नागपुर : "विश्व पर्यावरण दिवस" के अवसर पर आज मंगलवार, 5 जून को झंकार महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती अनिता मिश्र, उपाध्यक्ष श्रीमती अंजना झा, श्रीमती प्रगति लभाने ने वेकोलि के संकल्प को पूरे करने की दिशा में पर्यावरण के संरक्षण के लिए पौधे वितरित कर सभी वेकोलि कर्मियों के परिजनों और स्थानीय निवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. इस अवसर पर झंकार महिला मंडल की सचिव श्रीमती संगीता दास एवं सदस्य सर्व श्रीमती वंदना गुप्ता,मौसमी सरकार, मीना आजमी, लिपिका श्रीवास्तव, नीरा हिरवानी, रेखा प्रशांत विशेष रूप से उपस्थित थीं. झंकार महिला मंडल ने स्थानीय निवासियों को इस अवसर पर बायो डिग्रेडेबल डस्टबीन, गीला कचरा, सूखा कचरा के लिए थैली प्रदान की और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वेकोलि के पोस्टर और पम्पलेट भी वितरित किए. श्रीमती मिश्र ने सभी को प्लास्टिक के कचरे से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से अवगत कराते हुए उनसे प्लास्टिक का उपयोग कम करने और पलास्टिक के कचरे से निपटने का सन्देश दिया.

वेकोलि का संकल्प- “करेंगे संग, प्लास्टिक प्रदूषण से जंग”

कर्मियों ने ली पर्यावरण संरक्षण की शपथ, साइकिल यात्री हुए सम्मानित नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) में आज मंगलवार, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र ने कर्मियों को पर्यावरण संवर्द्धन-संरक्षण की शपथ दिलाई. इस वर्ष की थीम है - "करेंगे संग, प्लास्टिक प्रदूषण से जंग" (बीट प्लास्टिक पॉल्युशन). इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार, निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी, निदेशक (योजना व परियोजना) टी.एन. झा तथा सीवीओ अशोक पी. लभाने एवं विभागाध्यक्ष प्रमुखता से उपस्थित थे. अवसर विशेष के लिए प्राप्त कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष के संदेश का वाचन महाप्रबंधक (पर्यावरण) कौशिक चक्रवर्ती ने किया. समारोह में कम्पनी मुख्यालय से उमरेड क्षेत्र तक दो दिवसीय साइकिल यात्रा करने वाले वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल) जयंत मिश्रा, प्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) टी.एच. मोहन राव, एम. भूपति एवं अशोक भुजाड़े (दोनों कार्यालय अधीक्षक) तथा प्रसन्ना बारर्लिंगे को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्रबंधक (जनसंपर्क) एस.पी. सिंह ने किया. समारोह में सभी कर्मियों को जैविक खाद और कपड़े की थैली प्रदान की गई. इसके पूर्व कर्मियों को पर्यावरण संरक्षण के बैज लगाए गए.

अयोध्या के 500 वर्ष पुराने मंदिर में हुआ ‘इफ्तार और नाम्माज’

धार्मिक सौहार्द और सद्भाव वाले आयोजन में किसी नेता या वीआईपी को नहीं डाली गई घास नई दिल्ली : अयोध्या में सोमवार की शाम धार्मिक एकता और सद्भाव का सुखद दर्शन हुआ. रमजान के अवसर पर रामजन्मभूमि के निकट यहां सरयू कुंज परिसर के एक 500 वर्ष पुराने मंदिर में इफ्तार और नमाज का आयोजन किया गया था. उल्लेखनीय यह है कि इस इफ्तार में किसी राजनीतिक व्यक्ति को अथवा किसी वीआईपी को घास नहीं डाला गया था. इसमें केवल स्थानीय सामान्य लोग ही निमंत्रित किए गए थे. मीडिया ने नहीं दी खबर को तव्वजो इस धार्मिक सौहार्द और सद्भाव वाली महत्वपूर्ण खबर को केवल कुछ ही अखबारों में ख़ास जगह मिली. इस इफ्तार में किसी नेता या वीआईपी को नहीं बुलाया गया था, संभवतः इसीलिए किसी न्यूज चैनल अथवा अधिसंख्य अखबारों ने इस महत्व की पहल को तव्वजो देना मुनासिब नहीं समझा. कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं : महंत सरयू कुंज के महंत जुगल किशोर शरण शास्त्री ने कहा कि 'इफ्तार पार्टी के आयोजन के पीछे हमारा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था, हमने यह सपष्ट कर दिया है. अयोध्या से विश्व तक शान्ति का सन्देश पहुंचे, यह अधिक जरूरी है. दोनों समाज के बीच पैदा हुई दूरी कम करने की जरूरत उन्होंने कहाकि दोनों समाज के बीच पैदा हुई दूरी कम करने की जरूरत है. इफ्तार के आयोजन दोनों समाज के लोगों को निकट आने का अवसर मिलता है. महंत ने कहा कि हमने इसी उद्देश्य से शान्ति का संदेश देने का निर्णय किया. मंदिर में पढ़ा गया नमाज भी इस मंदिर में राम, सीता और ब्रह्मा की मूर्ति है. इफ्तार मंदिर परिस र में ही मुस्लिम बंधुओं ने नमाज भी आता की. उसके बाद प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी से लाए जे लड्डू के प्रसाद भी उनके बीच वितरित किए गए. इससे पूर्व जातियता विरोधी सभा का भी आयोजन किया गया. इस आयोजन में दोनों समुदाय के कॉलेज के विद्यार्थी और शिक्षक भी शामिल हुए. अंत में सभी ने जातीय तनाव ख़त्म करने की शपथ भी ली. हमने कभी भी असुरक्षित महसूस नहीं किया अयोध्या में : शायर मुजम्मिल अयोध्या निवासी उर्दू शायर मुजम्मिल भी इस इफ्तार में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा, "अयोध्या में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हमने कभी भी असुरक्षित महसूस नहीं किया. इसके लिए हम अपने हिन्दू भाइयों को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कभी हमें अपनी हिफाजत के लिए फिक्रमंद नहीं होने दिया."

महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं के नतीजे 10 जून तक संभव

परीक्षाएं 1 मार्च से 24 मार्च तक हुईं थीं, करीब 17 लाख विद्यार्थी हुए थे शामिल पुणे : महाराष्ट्र बोर्ड (एमएसबीएसएचएसई) जून के दूसरे सप्ताह में 10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर सकता है. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र बोर्ड एसएससी (10वीं कक्षा) के नजीते 10 जून तक जारी किए जा सकते हैं. हालांकि अभी तक रिजल्ट जारी किए जाने की तारीख का ऐलान नहीं किया गया. रिजल्ट जारी किए जाने के बाद परीक्षार्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट mahresult.nic.in पर अपना रिजल्ट चेक सकेंगे महाराष्ट्र बोर्ड में 10वीं परीक्षा 2018 के लिए करीब 17 लाख विद्यार्थियों ने महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं की परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. परीक्षाएं 1 मार्च से 24 मार्च तक आयोजित हुए थीं. पिछले साल 10वीं में 88.74 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे. लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा था। 91.46% लड़कियां पास हुई थीं और 86.51% लड़के. इससे पहले 30 मई को महाराष्ट्र बोर्ड ने 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए थे. 88.41% स्टूडेंट्स पास हुए. महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं परिणाम में गावड़े अमोल दिलीप ने 650 में से 642 अंक लाकर टॉप किया. गावड़े अमित किसान को 650 में से 639 नंबर मिल हैं. उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की है. तीसरे नंबर पर चव्हाण धनाश्री, साहू रितिका, आदित्य सुरेंद्र कुमार आए हैं. तीनों को 650 में 637 अंक मिले हैं.

अमरावती-बडनेरा में तीन दिनों का भारी जल संकट, अपरवर्धा का पाइप लाईन फूटा

बडनेरा-माहुली जहांगीर के बीच सीमेंट पाइप पर सड़क निर्माण कंपनी के भारी वाहनों के दवाब बना कारण हेमंत गरोले अमरावती : भीषण गर्मी के बीच अमरावती और बडनेरा निवासियों को आज से तीन दिनों तक भारी जल संकट का सामना करना पड़ेगा. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने रविवार, 4 जून को सूचना जारी कर लोगों को आगाह किया है कि अमरावती और बडनेरा में 4, 5 और 6 जून को जलापूर्ति बंद रहेगी. उल्लेखनीय है कि शहर में पिछले कुछ दिनों से एक दिन बीच कर जलापूर्ति की का रही थी. नांदगांव से माहुली जहांगीर के बीच अपरवर्धा का पाइप लाईन फूटा शहर में यह जल संकट नांदगांव से माहुली जहांगीर के बीच प्राधिकरण के अपरवर्धा प्रकल्प से अमरावती की ओर जाने वाले 1500 मिमी का पीएससी (सीमेंट) जलापूर्ति पाइप लाईन के फूट जाने के कारण पैदा हुई है. यहां एच.जी. इंफ्रास्ट्रक्चर ठेका कंपनी द्वारा सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है. सड़क निर्माण कार्य के दौरान कल पानी के इस पाइप लाईन को नुकसान पहुंचा है. इससे लाखों लीटर पानी बर्बाद हो गया. चार घंटे तक 25 फुट ऊंचा पानी का फौव्वारा, खेतों की फसलें डूबीं फूटे पाइप से करीब चार घंटे तक लगभग 25 फुट ऊंचा पानी का फौव्वारा निकलता रहा और सड़क पर नदी की तरह पानी बहता रहा. आसपास के गांववासियों में इस घटना से दहशत फ़ैल गई. खेतों में तीन-चार फुट पानी भर जाने से उनकी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. आशंका जताई जा रही है कि सड़क निर्माण कंपनी की भारी-भरकम वाहनों का जमीन के ऊपर से दवाब पड़ने के कारण जमीन के तीन मीटर नीचे का यह सीमेंट पाइप फूटा है. मरम्मत शुरू, 6 जून की शाम तक सामान्य हो पाएगी जलापूर्ति जीवन प्राधिकरण को घटना का पता चलने पर अपरवर्धा प्रकल्प से इस पाइप लाईन का पानी सप्लाई रोका गया. उसके बाद अब फूटे पाइप को सुधारने का काम प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है. प्राधिकरण के उप विभागीय अभियंता ने बताया कि मरम्मत के बाद दोनों शहरों और आस-पास के गांवों में जलापूर्ति 6 जून की शाम तक सामान्य हो पाएगी. उन्होंने बताया कि फूटा हुआ पाइप लाइन जम्में से तीन मीटर नीचे है. इस सीमेंट के पाइप की जगह अब लोहे के पाइप लगाने पड़ेंगे. इस कार्य के लिए दर्जनों मजदूर, 17 वेल्डर, पोकलैंड, क्रेन, वेल्डिंग मशीन, जेनरेटर आदि की व्यवस्था की गई है.

इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करेगी मारुति वैगनआर मॉडल पर

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी 2020 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की पहली इलेक्ट्रिक कार वैगनआर मॉडल पर आधारित हो सकती है. इसे मारुति टोयोटा के साथ पार्टनरशिप के तहत तैयार करेगी. ज्ञातव्य है कि भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक कारों पर काफी जोर दे रही है. देश में इलेक्ट्रिक कारों के भविष्य को देखते हुए मारुति ने यह फैसला लिया है. वह अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार को भारत में अगले दो साल में लॉन्च कर देगी. अभी मारुति भारत में पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड और सीएनजी मॉडल्स बेचती है.

रत्नागिरी बीच में मुंबई के 5 लोगों की डूबने से मौत

आरे-वारे बीच पर हादसा, पिकनिक मनाने गया था बोरीवली का एक परिवार मुंबई : रत्नागिरी के आरे-वारे बीच पर पिकनिक मनाने गए एक बोरीवली के एक परिवार के पांच सदस्यों की डूबने से मौत हो गई. नहाते वक्त वहां अचानक समुद्र के पानी का स्तर बढ़ गया, जिसमें सभी लोग डूबने लगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में एक को छोड़कर बाकी सभी डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई. डूबने वालों में तीन महिला और दो पुरुष शामिल हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने के भी आसार हैं. सिर्फ एक वृद्ध महिला को बचाया जा सका मिली जानकारी के अनुसार मुंबई के बोरीवली में रहने वाला डिसूजा परिवार गर्मी की छुट्टी मनाने महाराष्ट्र के रत्नागिरी गया था. डिसूजा परिवार के छह सदस्य रत्नागिरी के आरेवारे बीच पर नहा रहे थे. इनमे रेंचर डिसूजा (19), मैथ्यू डिसूजा (18), केनेथ डिसूजा (54), मोनिका डिसूजा (44), रीटा डिसूजा (70) और सनोमी डिसूजा (22) शामिल थे. नहाते समय अचानक समुद्र में पानी का स्तर बढ़ गया, जिससे सभी लोग डूबने लगे. जब ये लोग डूब रहे थे तो स्थानीय तैराकों ने रीटा को बचा लिया, लेकिन अन्य लोग पानी में डूब गए. चेतावनी की अनसुनी स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पानी के अंदर जाने पर इन सभी को चेतावनी भी दी थी, लेकिन वे नहीं माने और पानी के अंदर तक नहाने के लिए चले गए। सभी 5 शव बरामद सूचना पाकर मौके पर रत्नागिरी ग्रामीण पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हादसे का शिकार हुए लोगों को खोजने का काम शुरू किया और घंटे भर बाद ही पांच शव को खोज निकाला गया.

‘एचएमटी’ चावल के जनक दादाजी खोब्रागड़े का निधन, गृहग्राम नांदेड़ में आज अंतिम संस्कार

अपनी डेढ़ एकड़ खेत में ही घोर गरीबी के बावजूद चावल की 9 किस्मों का किया था ईजाद नागपुर : एचएमटी चावल के जनक 'कृषिभूषण' दादाजी रामाजी खोब्रागड़े का गढ़चिरोली के सर्च अस्पताल में रविवार, 3 जून की शाम 7.30 बजे निधन हो गया. 80 वर्षीय खोब्रागड़े लम्बे समय से पक्षाघात से पीड़ित थे. आज उनका पार्थिव गढ़चिरोली से नागभीड़ तहसील स्थित उनके गृहग्राम नांदेड़ ले जाया गया. अंतिम दर्शन के लिए नांदेड़ पहुंचे भारी संख्या में लोग उनके पुत्र मित्रजीत खोब्रागड़े ने फोन पर 'विदर्भ आपला' संवाददाता को बताया कि गांव में आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. नांदेड़ से लिये जानकारी के अनुसार दादाजी के निधन की खबर मिलते ही आस-पास के गांवों और विभिन्न जिलों से भारी संख्या में लोग एवं शासकीय अधिकारी उनके अंतिम दर्शन के लिए नांदेड़ पहुंच रहे हैं. चावल की 9 किस्मों का ईजाद किया उनके द्वारा ईजाद किए गए चावल की 9 किस्मों में एचएमटी, नांदेड़ चेन्नूर, डीआरके (दादाजी रामाजी खोब्रागड़े), विजय नांदेड़, नांदेड़-92, जय श्रीराम, दीपकरत्न नांदेड़, नांदेड़ हिरा नं.1 और काटे एचएमटी शामिल हैं. इनमें किसानों के लिए सबसे आधी लाभकारी किस्म को उनका नाम "डीआरके" दिया गया है. 'नॉन बासमती' किस्म में उनके द्वारा विकसित 'जय श्रीराम' उत्तम श्रेणी का चावल माना जाता है. संघर्ष, उपलब्धियां और कीर्ति अल्पभूधारक किसान दादाजी खोब्रागड़े ने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन पर ही धान की अधिक उपज देने वाली 9 किस्मों की खोज कर डाली थी. पूरे देश में एचएमटी के नाम से अपनी पहचान बना चुकी चावल को विकसित करने में सफल खोब्रागड़े जी ने एक के बाद एक चावल की कुल नौ किस्मों का ईजाद कर डाला. उनकी इन्हीं उपलब्धियों के कारण देश, विदेश में अनेक 12 पुसकारों के साथ अपने राज्य महाराष्ट्र में 'कृषिभूषण' का शासकीय पुरस्कार मिला और सरकार की ओर से 10 एकड़ जमीन के साथ 1 लाख रुपए का पुरस्कार भी मिला. अहमदाबामें 2005 को उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों सम्मानित किया गया और 50 हजार रुपए, स्मृति चिह्न और प्रशस्तिपत्र दिए गए. बाद में महाराष्ट्र शासन ने उनका 25 हजार रुपए नकद और 50 ग्राम सोने का पदक भी प्रदान किया. इन सब साथ 2010 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका 'फोर्ब्ज' के पन्नों पर भी अपना स्थान बना लिया. 'फोर्ब्ज' की सूची में आने वाले दादा पहले किसान थे. पाठ्यपुस्तक में दादाजी बालभारती के कक्षा 6ठवीं की मराठी पाठ्यपुस्तक में दादाजी खोब्रागड़े की ऐसी बड़ी उपलब्धियों को कुछ वर्ष पूर्व ही शामिल किया गया है. इसमें खोब्रागड़े के संघर्ष पूर्ण इस खोज की जानकारी दी गई है. अपने खेत में एचएमटी प्रजाति के धान विकसित करने के बाद दादाजी को अन्य किसानों तक इस किस्म को लोकप्रिय बनाने में काफी संघर्ष करना पड़ा था. चावल की यह किस्म जब स्थानीय बाजारों के व्यापारियों और ग्राहकों में पसंद किया जाने लगा तब पंजाबराव कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विभाग का ध्यान इस ओर गया. लेकिन इसे विकसित करने का श्रेय उन्हें न देकर कृषि विश्वविद्यालय ने उसे अपना नाम 'पीकीवी-एचएमटी' दे डाला. इसके बाद उन्हें विश्वविद्यालय संघर्ष करना पड़ा. बाद विजयी हुए और...

गौरी लंकेश हत्याकांड में महाराष्ट्र के दो गिरफ्तार

एक है पुणे के चिंचवड़ का दूसरा सिंधुदुर्ग का, दोनों ही सनातन संस्था से जुड़े हैं पुणे : बंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में महाराष्ट्र के दो लोगों को कर्नाटक एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. इनमें एक चिंचवड़ का अमोल अरविंद काले (38 ) और दूसरा सिंधुदुर्ग का अमित डेगवेकर है. ये दोनों पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में शामिल समझे जा रहे हैं. ये दोनों ही महाराष्ट्र की सनातन संस्था से संबंधित हैं. अरविंद काले चिंचवड़ के माणिक कॉलोनी में रहता है. वह पिछले 21 मई को अपने मित्रों के साथ गोवा से कर्नाटक आ रहा था, तभी उसकी गिरफ्तारी की गई. बाद में कर्नाटक पुलिस ने चिंचवड़ स्थित उसके घर की तलाशी ली. उसकी डायरी में गौरी लंकेश के नाम का उल्लेख किया गया था. चिंचवड़ में वह अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ रहता है. वह इंजीनियरिंग कंपनियों में सप्लाई का व्यवसाय करता है. अमित डेगवेकर सिंधुदुर्ग जिले के कलणे गांव का रहने वाला है. वहां वह अपने पिता और दो छोट भाइयों के साथ रहता था. कुछ वर्षों से वहफोंडा-गोवा में स्थाई रूप से रह रहा है. 2009 में मडगाव-गोवा के बन विस्फोट प्रकरण में उसकी संलिप्तता की जांच हुई थी. उस प्रकरण में अन्य लोगों के साथ वह भी संदिग्धों में शामिल था. दोनों से एसआईटी द्वारा पूछताछ जारी है.

धान की नई प्रजाति ‘पार्वतीसुत-27’ बनी किसानों की पसंद

चंद्रपुर के किसान सुधाकर पोशेट्टीवार ने किया विकसित, "आत्मा" कर रहा प्रोत्साहित नागपुर : चंद्रपुर के प्रगतिशील किसान सुधाकर पोशेट्टीवार द्वारा विकसित धान की एक नई प्रजाति "पार्वतीसुत-27" को नागपुर जिले में व्यापक समर्थन मिल रहा है. जिले के 200 एकड़ खेतों में इसकी रोपनी की गई है. पिछले वर्ष प्रायोगिक तौर पर 170 एकड़ खेती में इसकी रोपनी की गई थी. 20 हेक्टेयर खेती में इसकी फसल से 1,360 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है. प्रति हेक्टेयर 20 क्विंटल इसकी फसल आई. चावल के दाने छोटे, किन्तु सुगन्धित हैं 'आत्मा' की परियोजना निदेशक डॉ. नलिनी भोयर ने बताया कि 125 दिनों में "पार्वतीसुत-27" प्रजाति का यह धान तैयार हो जाता है. कम दिनों में उत्पादन देने वाले इस प्रजाति के धान के चावल के दाने छोटे हैं, किन्तु सुगन्धित हैं. किसानों ने इसे बहुत पसंद किया है. उन्होंने बताया कि हाल ही में यहां नागपुर में आयोजित 'धान्य (अनाज) महोत्सव' में इसका चावल 70 रुपए प्रति किलो की दर से बिका. किसानों को मिला इसके गुणधर्म और गुणवत्ता का अंदाजा डॉ. भोयर ने बताया कि आत्मा की ओर से धान की इस प्रजाति के बीज नागपुर जिले के मौदा, उमरेड, कुही, रामटेक, पारशिवनी आदि तहसीलों के किसानों को रोपनी के लिए उपलब्ध कराया गया है. पहली रोपनी के बाद ही किसानों को इसके गुणधर्म और गुणवत्ता का अंदाजा मिल गया है. डॉ. भोयर ने विश्वास व्यक्त किया की आने वाले दिनों में अधिक से अधिक चावल उत्पादक क्षेत्र के किसान इसके बीजों का उपयोग कर अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगे.