मणिकर्णिका

मणिकर्णिका : शुरुआत धीमी लेकिन बॉक्सऑफिस पर मचा सकती है धमाल

समीक्षा बड़े बजट की फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' शुक्रवार, 25 जनवरी को रिलीज़ हो चुकी है. यह 2019 की पहली फिल्म है, जो करीब 125 करोड़ के बजट में बनी है. ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी’ दर्शकों से पहले दिन दर्शकों अलग-अलग प्रतिक्रिया मिल रही है. पहले ही इस फिल्म की इतनी पब्लिसिटी हो चुकी है कि सबकी नजर इस फिल्म के पहले दिन के कलेक्शन पर सभी की नजरें हैं. मणिकर्णिका शुक्रवार को देश के लगभग 3,000 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है, जबकि विदेशों में 700 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. इस फिल्म के पहले दिन का कलेक्शन 8 करोड़ का है. माना जा रहा है कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है. फिल्म में लीड रोल में कंगना रनौत हैं. साथ ही उन्होंने इसके निर्देशन में भी काफी दखल रखा है. फिल्म के अन्य कलाकार भी एक से बढ़कर एक हैं. उनमें डैनी डैंग्जोपा, कुलभूषण खरबंदा और जीशान आयूब जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. कमजोर निर्देशन फिल्म की सबसे बड़ी कमी है. दर्शक फिल्म की कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाते. पूरी फिल्म आपको ओवर ड्रामेटिक और इमोशनल लगती है. कई सीन्स बड़े ही दोहराते भी लगते हैं. पूरी फिल्म में कमजोर निर्देशन और बचकानी बातें देखने को मिलती है. इतना ही नहीं अंग्रेजों के बोलने का एक्सेंट और तरीका बड़ा ही अजीब है. फिर भी यह फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' का रिकॉर्ड जरूर तोड़ सकती है. फिल्म कुछ दृश्य काफी इम्प्रेस भी करते हैं. जैसे रानी लक्ष्मी बाई के बेटे और पति के निधन वाले सीन हों या अंग्रेजों के सामने उनका सिर नहीं झुकाना या तलवारबाजी के शानदार दृश्य. लेकिन लड़ाई के दृश्य बहुत ही कमजोर हैं. एक दृश्य में रानी लक्ष्मी बाई गांव में जाकर जमकर डांस करती हैं, यह दृश्य हैरान कर देने वाला है. "बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी." सुभद्रा कुमारी चौहान की यह कविता दर्शकों की नसों में खून की तरह दौड़ती रही है. ऐसे में यह फिल्म सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या रानी लक्ष्मी बाई के किरदार के साथ इन्साफ हुआ है ? फिल्म में कंगना रनौत रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में पूरी तरह से जमती नजर नहीं आतीं. कई जगह उनका अभिनय शानदार है, लेकिन कई बार उनके एक्सप्रेशंस लाऊड हो जाते हैं. उनकी आवाज भी रानी लक्ष्मी बाई के दमदार किरदार से मैच नहीं हो पाती. कंगना की पतली आवाज और नाजुक शरीर झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के किरदार के अनुरूप नहीं लगता है. कई जगह कंगना योद्धा के रूप में नाजुक लगती हैं. लेकिन कई जगह अपने एक्शन से उन्होंने किरदार में जान डाली है. साथ ही कंगना की तलवारबाजी का दृश्य बढ़िया है. यह फिल्म कंगना के करियर की सबसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म हो सकती थी. लेकिन कमजोर निर्देशन के कारण फिल्म वह मुकाम हासिल करने से यह चूकती नजर आती है. ऐसी बड़े बजट की फिल्म बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्मों की तरह सुपर डुपर हिट हो सकती थी, अगर...
डॉ. विंकी रूघवानी

डॉ. विंकी रूघवानी “नागपुर हीरोज” अवार्ड से सम्मानित

नागपुर : शहर के जाने-माने बालरोग विशेषज्ञ डॉ. विंकी रूघवानी को उनके सेवाकार्यों के लिए अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने "नागपुर हीरोज" के प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया है. गत 20 वर्षों से थैलीसीमिया एवं सिकलसेल मरीजों के हित में सेवाकार्य करनेवाले डॉ. विंकी रूघवानी थैलीसीमिया एवं सिकलसेल केंद्र के संचालक भी हैं. इस केंद्र का उदघाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने किया था. सेंटर में आनेवाले मरीजों की निःशुल्क चिकित्सा के साथ ब्लड ट्रांसफ्यूजन की भी व्यवस्था है. यह महत्वपूर्ण अवार्ड प्राप्त होने पर डॉ. विंकी रूघवानी ने सभी का आभार मानते हुए कहा कि पुरस्कार मिलने के बाद मेरी जवाबदारी और बढ़ गई है, और भविष्य में इससे भी अधिक सेवाकार्य करने का मेरा हमेशा प्रयास रहेगा. डॉ. विंकी रूघवानी की उपलब्धि पर थैलीसीमिया सोसायटी ऑफ सेंट्रल डॉ. विंकी रूघवानी "नागपुर हीरोज" अवार्ड से सम्मानितडॉ. विंकी रूघवानी "नागपुर हीरोज" अवार्ड से सम्मानितडॉ. विंकी रूघवानी "नागपुर हीरोज" अवार्ड से सम्मानित के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी व अनेक सामाजिक संस्थाओं एवं गणमान्य व्यक्तियों ने उनका अभिनंदन किया है.
राहुल गांधी

कांग्रेस में आई प्रियंका : कितना असरकारक होगा राहुल का यह कदम!

विश्लेषण- राहुल गांधी आखिरकार अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस पार्टी में पदाधिकारी की हैसियत से लाने में सफल हो गए हैं. पार्टी के अच्छे भविष्य के लिए कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते जो भी हो सकता है, राहुल कदम उठा रहे हैं. पिछले उपचुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को उत्तरप्रदेश में मिली शिकस्त के साथ ही देश तीन बड़े राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिली और तीनों राज्यों में सत्तारूढ़ हुई. इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष को संयुक्त विपक्ष द्वारा अपेक्षित महत्त्व नहीं दिया जाना पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया था. ऐसे में यह जरूरी हो गया कि वह अपने साथ उन लोगों को जोड़े, जिनका व्यक्तित्व और पब्लिक अपील अधिक दमदार है. अमिताभ से निकटता, शत्रु से आशा...! पार्टी में प्रियंका की इंट्री सुनिश्चित कर राहुल गांधी ने कांग्रेसियों में उत्साह का संचार किया है. कांग्रेसी प्रियंका में स्व. इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं. यही हाल मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का भी है. उधर चर्चा है कि भाजपा से रुष्ट बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को भी पार्टी में लाने के प्रयास उन्होंने शुरू कर दिए हैं. इसके साथ ही पुराने पारिवारिक मित्र रहे बॉलीवुड के महानायक बन चुके अमिताभ बच्चन से भी संबंध सुधार कर राहुल ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया है. अमिताभ बच्चन ने उत्तर प्रदेश के 1,000 से अधिक किसानों के कर्ज की रकम अपनी जेब से भर कर उन्हें कर्ज मुक्त कराया है. उनका यह कदम राज्य में उनकी छवि को और हृदयग्राही बनाया है. जवाब में कांग्रेस की ओर से पिछले वर्ष फरवरी में आभार प्रदर्शन के पोस्टर में "आ अब लौट चलें" और "बने चाहे दुशमन जमाना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा..." जैसे गीतों के मुखड़े लगा कर संबंधों में आई खटास दूर करने का संकेत दे दिया था. भाजपा के साथ ही सपा-बसपा के लिए धर्मसंकट सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश केंद्र की सत्ता का प्रवेश द्वार है. इस राज्य में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी अपने गठबंधन में स्थान नहीं देकर कांग्रेस के लिए विचित्र स्थिति पैदा कर दी थी. इस पर जब कांग्रेस अध्यक्ष ने जब कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी तो पार्टीजनों को भी आश्चर्य हुआ था और विरोधियों ने चुटकी भी लेनी शुरू कर दी थी. ऐसे में कांग्रेसजनों की पहली पसंद रही अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव का पद सौंप कर और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया तब स्थितियां बदलती नजर आने लगीं. इसके साथ ही राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही सपा-बसपा के लिए धर्मसंकट पैदा कर दिया है. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष को सपा-बसपा गठंधन से हाथ मिलाने की पेशकश कर नहले पर दहला मारने का अवसर भी मिल गया है. लेकिन कांग्रेस के लिए चुनौतियां इतनी बड़ी हैं कि अकेले राहुल गांधी या सोनिया गांधी के बूते उन्हें पार पाना संभव तो बिलकुल ही नहीं माना जा सकता है. कांग्रेस ने पूरे देश में अपनी साख गंवाई है. पिछ्ले 2014 के लोकसभा चुनावों में वह मात्र...
पेंशन

ईपीएफओ का न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए करने की मांग

5 हजार रुपए महंगाई भत्ता भी शामिल करे सरकार : पेंशनर्स संघर्ष समिति नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस- 95 (EPS-95) योजना के पेंशनधारकों ने आगामी 1 फरवरी को केंद्र की भाजपा सरकार का अं‍तरिम बजट आने से पहले इस योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपए करने और इसे महंगाई भत्ते से जोड़ने की मांग की है. मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराएं अखिल भारतीय ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा है कि ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए. 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार 2 साल का अतिरिक्त लाभ (वेटेज) दिया जाए और ईपीएस की सदस्यता में बढ़ोतरी की जाए. समिति की विज्ञप्ति में राउत ने कहा है कि केंद्र के पास इस योजना के तहत 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक कोष जमा है. सरकार इस राशि पर ब्याज कमा रही है, जबकि पेंशनरों को उनका वाजिब हक नहीं दिया जा रहा है. अपनी मांगों के समर्थन में ईपीएस-95 के बुज़ुर्ग पेंशनर्स ने केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के दिल्ली और बरेली स्थित आवास के सामने धरना प्रदर्शन भी किया. राउत ने कहा कि श्रम मंत्री गंगवार ने पिछले साल हमारी मांगों को पूरा करने का ठोस आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना वादा नहीं निभाया है. कोशियारी समिति की सिफारिशें लागू करें उन्होंने कहा कि करीब 60 लाख पेंशनर्स में से 40 लाख को 1500 रुपए महीने से भी कम पेंशन मिल रही है, जबकि कोशियारी समितिकोशियारी समितिईपीएफओ का न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए करने की मांगईपीएफओ का न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए करने की मांगईपीएफओ का न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए करने की मांगईपीएफओ का न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपए करने की मांग की सिफारिशों के अनुसार इसे कम से कम 7,500 रुपए मासिक किया जाना चाहिए और उस पर 5,000 रुपए महंगाई भत्ता होना चाहिए.
ट्राई

ट्राई के एप्लिकेशन से चुनें अपने मनपसंद टीवी चैनल

"जो चैनल चुनो, बस उसके पैसे दो", 1 फरवरी से पहले हो जाएं तैयार नई दिल्ली : टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने टीवी चैनल दर्शकों के लिए विभिन्न चैनलों के चयन को आसान बना दिया है. इसके लिए ट्राई ने DTH and Cable TV के दर्शकों की सुविधा के लिए एक वेब एप्लिकेशन लांच किया है. इसके माध्यम से दर्शक अपने चैनल पैक्स स्वयं तैयार कर टैक्स सहित उसकी कीमतों का अंदाजा लगा सकेंगे. ट्राई ने यह पहल 1 फरवरी से लागू होने वाले चैनलों के नए टैरिफ प्लान के लागू होने से पहले दर्शकों की उलझन को दूर करने के लिए शुरू किया है. टीवी दर्शक को ऐप्लिकेशन पर अपनी पसंद के सभी पेड चैनल, फ्री-टू-एयर चैनल्स, एसडी चैनल्स, एचडी चैनल्स और अनिवार्य चैनल्स सेलेक्ट करना होता है. इसके बाद ऐप यह दर्शकों को उनके टीवी बिल के बारे में बताएगा. इसके अलावा ऐप्लिकेशन यह भी बताएगा कि वे अपना टीवी बिल कैसे कम कर सकते हैं. चैनलों का सेलेक्शन शॉपिंग कार्ट की तरह https://vidarbhaapla.com/https://vidarbhaapla.com/https://vidarbhaapla.com/ ट्राई की इस एप्लिकेशन की टेक्निकलिटी बिल्कुल आसान है. इसमें अपनी पसंद के चैनल ठीक उसी प्रकार से जोड़ जा सकेंगे जैसे शॉपिंग कार्ट पर ग्राहक अपनी पसंद के सामान ऐड करते हैं. सभी चैनलों को एक बार ऐड कर लेने के बाद अंतिम कीमत दिखाया जाएगा. इस वेब ऐप्लिकेशन का URL https://channel.trai.gov.in/ है. चयनित चैनल को फारवर्ड भी कर सकेंगे, प्रिंट भी निकाल सकेंगे ट्राई के इस ऐप्लिकेशन पर अपनी पसंद के चैनल्स चुन लेने के बाद बिल डिस्प्ले होता है. बिल और सभी चैनल की सूची दर्शक अपने सर्विस प्रोवाइडर को ई-मेल अथवा वॉट्सऐप के माध्यम से भेज सकते हैं. इसका प्रिंट भी निकाल कर इस प्रिंट को अपने सर्विस प्रोवाइडर्स को देकर बस उन्हें ही दिखाने के लिए कहा जा सकता है. इससे आपके लिए अपनी पसंद के चैनल्स देखने में आसानी हो जाएगी. ट्राई का नया ऐप्लिकेशन ट्राई ने यह ऐप्लिकेशन पेड और फ्री चैनलों के चयन के लिए जारी किया है. वास्तव में नए चैनल्स को सब्सक्राइब करने के लिए देर्शक को अपने सर्विस प्रोवाइडर्स से ही संपर्क करना होगा.
महासचिव

लोकसभा-2019 : कांग्रेस ने अपनी ‘बड़ी ताकत’ प्रियंका को आखिर उतारा चुनावी समर में

पूर्वी यूपी की कमान सौंपी पार्टी महासचिव के रूप में, पश्चिमी यूपी संभालेंगे ज्योतिरादित्य नई दिल्ली : देश में सत्ता की कमान पर अपना सिक्का चलाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी सबसे बड़ी ताकत झोंक दी है. एक बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की भी औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल कर लिया गया है. उनको पार्टी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार देते हुए महासचिव बनाया है. कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान में कहा है कि वह फरवरी से कामकाज शुरू करेंगी. प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की बड़ी ताकत- प्रियंका उत्तर प्रदेश में जब सपा और बसपा ने गठबंधन से कांग्रेस को अलग कर दिया था तब राहुल गांधी ने कहा था की कांग्रेस उ.प्र. में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी. और पार्टी ने अपनी बड़ी ताकत प्रियंका को पेश कर दिया है. उन्हें कांग्रेस ने पहली बार आधिकारिक रूप से कोई जिम्‍मेदारी सौंपी है. अभी तक वह गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीटों पर ही अपनी मां और भाई के लिए ही कांग्रेस का प्रचार करती रही थीं. भाजपा-नमो के साथ ही सपा-बसपा गठबंधन के लिए भी बड़ी चुनौती कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा, ''प्रियंका जी को जो जिम्‍मेदारी दी गई है, वह बेहद अहम है. इसका प्रभाव केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्‍य क्षेत्रों में भी होगा.'' सूत्रों के अनुसार प्रियंका की यह इंट्री भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही सपा-बसपा गठबंधन के लिए भी बड़ी चुनौती खड़ी करेगी. इससे पहले प्रियंका गांधी हमेशा सक्रिय राजनीति में आने की बात को टालती रहीं. ज्‍योतिरादित्‍य को भी मिली पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान कांग्रेस ने इसके साथ ही ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाया गया है. कांग्रेस ने पहली बार एक राज्‍य में दो महासचिव बनाए हैं. इससे पहले यूपी में कांग्रेस के महासचिव गुलाब नबी आजाद थे. उन्हें तत्‍काल प्रभाव से हरियाणा का प्रभारी नियुक्‍त किया गया है. इसके अलावा ही के.सी. वेणुगोपाल को कांग्रेस का जनरल सेक्रेट्री (संगठन) बनाया गया है. वह इसके साथ कर्नाटक के जनरल सेक्रेट्री बने रहेंगे.
शिवसेना

‘ठाकरे’ : बाला साहब की शख्सियत भुनाने की कोशिश

सिनेमा घरों में 25 जनवरी को दे सकती है 'रिकॉर्डतोड़' दस्तक मुंबई : चुनावी वर्ष का आगाज बॉलीवुड ने दो राजनीतिक शख्सियतों की दो अलग-अलग बायोपिक से की है. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की जीवन के राजनीतिक महत्व के दिनों को प्रदर्शित किया गया है. डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल की संजय बारू की बायोग्राफी पर आधारित फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर' पिछले 11 जनवरी से देश भर में सुर्खियां बटोर रहा है. शिवसेना संस्थापक और महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले बाला साहब ठाकरे की जीवन गाथा पर आधारित बायोपिक 'ठाकरे' अगले सप्ताह 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली है. इससे महाराष्ट्र में निश्चय ही शिवसेना को आगामी लोकसभा चुनावों में अपने राजनीतिक हित साधने का भी अवसर मिल सकता है. इस बायोपिक का इन्तजार पूरे महाराष्ट्र में दर्शक कर रहे हैं. निर्माताओं को भरोसा है कि कम से कम महाराष्ट्र में 'ठाकरे' बॉक्स ऑफिस के रिकार्ड जरूर तोड़ डालेगा. बाला साहब के सार्वजनिक जीवन के 46 साल लगभग 46 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कभी न तो कोई चुनाव लड़ा और न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया. यहां तक कि उन्हें विधिवत रूप से कभी शिवसेना का अध्यक्ष भी नहीं चुना गया था. लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति और खासकर इसकी राजधानी मुंबई में उनका खासा प्रभाव था. उनका राजनीतिक सफर भी बड़ा अनोखा था. वो एक पेशेवर कार्टूनिस्ट थे और शहर के एक अखबार 'फ्री प्रेस जर्नल' में कार्टूनिस्ट के रूप में काम करते थे. बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी. बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना की स्थापना की और 'मराठी मानुस' का मुद्दा उठाया. उस समय नौकरियों का अभाव था और बाल ठाकरे का मानना था कि मुंबई में दक्षिण भारतीय लोग मराठियों की नौकरियां छीन रहे हैं. उन्होंने मराठी बोलने वाले स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में पैठ बनाई और शिवसेना को महाराष्ट्र राज्य की सत्ता तक पहुंचाया. ठाकरे की भूमिका में हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी उनकी जीवन यात्रा के इन्हीं वर्षों के अनेक पलों को निर्देशक अभिजीत पांसे ने रुपहले पर्दे पर उतारा है. फिल्म 'ठाकरे' हिंदी के साथ मराठी में भी प्रदर्शित किया जा रहा है. फिल्म में ठाकरे की भूमिका अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने और उनकी पत्नी की भूमिका अमृता राव ने निभाई है. फिल्म अपने प्रोमो से ही सुर्खियों में है. अगर सिर्फ लुक्स की बात की जाए तो नवाजुद्दीन सिद्दीकी बाल ठाकरे के किरदार में बिलकुल फिट नजर आ रहे हैं. हवा में हाथ लहराते हुए नमस्कार करने से लेकर शॉल ओढ़ने तक. जानकारों के मुताबिक फिल्म के ट्रेलर में बाल ठाकरे के जीवन से जुड़े कुछ राजनीतिक पहलुओं की झलक है. फिल्म के ट्रेलर के जरिए इतिहास के कुछ ही पन्नों को पलटा ही गया है. फिल्म के बारे में अभी से जानकारों में एक दृश्य को लेकर फुसफुसाहट भी चल निकली है. आहात हैं दक्षिण भारतीय 'ठाकरे' के ट्रेलर में बाल ठाकरे के किरदार में नवाज़ुद्दीन...
इंटरलॉकिंग

बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच ट्रेनों का परिचालन शेड्यूल प्रभावित होगा

चंपा स्टेशन पर इंटरलॉकिंग कार्य के कारण 23 जनवरी से 31 मार्च तक डाउन लाइन में ब्लॉक लागू बिलासपुर (छतीसगढ़) : बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच चंपा स्टेशन पर इंटरलॉकिंग कार्य के कारण 23 जनवरी से 31 मार्च तक डाउन लाइन में ब्लॉक लिए जाने से टाटानगर होकर चलने वाली कई ट्रेनों का परिचालन शेड्यूल प्रभावित होने वाला है. इसके तहत 23 जनवरी से 27 मार्च तक प्रत्येक बुधवार को 15.30 बजे से 21.30 बजे तक, 19 जनवरी से 30 मार्च 2019 तक प्रत्येक शनिवार को 05.00 बजे से 15.00 बजे तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के अनुसार इस दौरान मुंबई-हावड़ा मार्ग पर चलने वाली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस, गीतांजली, कुर्ला-हावड़ा और आजाद हिंद एक्सप्रेस का परिचालन री-शेड्यूल किया गया है. वहीं, यात्रियों की सुविधाओं के लिए 30 मार्च तक हर शनिवार को दुर्ग से छूटने वाली दुर्ग-राजेंद्र नगर साउथ बिहार एक्सप्रेस को बिलासपुर और झारसुगुड़ा के बीच पैसेंजर बनाकर चलाया जाएगा. 30 को हावड़ा से चलेगी दुरंतो : बिलासपुर डिवीजन के चंपा स्टेशन पर इंटरलॉकिंग कार्य के कारण कुछ ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है. पूर्व में इन ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत 12262 हावड़ा- मुंबई सीएसटी दुरंतो एक्सप्रेस 30 जनवरी की सुबह 11.20 बजे हावड़ा से रवाना होगी. ट्रेन का निर्धारित समय सुबह 8.20 बजे है. 30 जनवरी को संतरागाछी से 12768 संतरागाछी-हजूर साहिब नांदेड़ एक्सप्रेस को भी चलाने का निर्णय लिया गया है, जबकि 25 जनवरी को हावड़ा से खुलने वाली 12870 हावड़ा-मुंबई सीएसटी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है. हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस झारसुगुड़ा-रायगढ़ के बीच 22 जनवरी से 2 फरवरी तक पैसेंजर बनकर चलेगी. बीच रास्ते में नियंत्रित की जाएंगी ये ट्रेनें 22 जनवरी से 26 मार्च तक प्रत्येक मंगलवार को 12101 मुंबई-हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को बिलासपुर के पहले 2.20 मिनट, 12129 पुणे-हावड़ा आजाद हिंद एक्सप्रेस को बिलासपुर के पहले 2.05 मिनट नियंत्रित किया जाएगा. वहीं, 12860 हावड़ा-मुंबई गीतांजलि एक्सप्रेस को 20, 24, 27 और 31 जनवरी को झारसुगुड़ा के पहले 2.45 मिनट नियंत्रित किया जाएगा. 22894 हावड़ा-साईं नगर शिरडी एक्सप्रेस 24 और 31 जनवरी को झारसुगुड़ा के पहले 2.20 मिनट नियंत्रित किया जाएगा. 22512 कामाख्या-कुर्ला एक्सप्रेस को 19 और 26 जनवरी को झारसुगुड़ा के पहले 2.20 घंटे नियंत्रित किया जाएगा. पैसेंजर बनकर चलेगी ये ट्रेन : -19 जनवरी से 30 मार्च तक प्रत्येक शनिवार को 13287 दुर्ग-राजेंद्रनगर साउथ बिहार एक्सप्रेस बिलासपुर और झारसुगुड़ा के बीच पैसेंजर बनकर चलेगी. - 58111 टाटानगर-इतवारी58111 टाटानगर-इतवारी58111 टाटानगर-इतवारी24 जनवरी को निर्धारित मार्ग पर चलेगी पुरुषोत्तम : पुरी-नयी दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 24 जनवरी को अप-डाउन में निर्धारित मार्ग पर चलेगी. पूर्व में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के मार्ग में बदलाव का आदेश जारी किया गया था. अब नये आदेश के तहत पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 24 जनवरी को अप-डाउन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय, गया, गोमो, बोकारो स्टील सिटी, पुरुलिया, चांडिल और टाटानगर होकर चलेगी. रद्द होने वाली ट्रेनें 1. 29 मार्च तक प्रत्येक शुक्रवार को इतवारी से छुटने वाली 58112 इतवारी-टाटानगर पैसेंजर इतवारी-झारसुगुड़ा के बीच रद्द रहेगी. 2. 30 मार्च तक प्रत्येक शनिवार को टाटानगर से छुटने वाली 58111 टाटानगर-इतवारी पैसेंजर झारसुगुडा-इतवारी के बीच रद्द रहेगी. 3. 22, 25, 29 जनवरी और एक फरवरी को टाटानगर से छुटने...
अमिताभ बच्चन

कैसे बिताए थे अमिताभ ने वे सात दिन!

6 दिन बिना मुंह धोए लगातार शूटिंग की मुंबई : कोई सुपरस्टार यूं ही नहीं बन जाता. अपने काम के प्रति निष्ठा और समर्पण ही किसी शख्स को इस ऊंचाई तक पहुंचाता है. अमिताभ बच्चन आज के दौर के सबसे बड़े और सर्वाधिक चमकदार एवं सम्मानित सितारे हैं. बॉलीवुड में जब उन्होंने कदम रखा था, तब ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्मों का ज़माना था. अमिताभ बच्चन की पहली फ़िल्म "सात हिन्दुस्तानी" की शूटिंग गोवा में चल रही थी और मेकअप आर्टिस्ट पंढरी जुकर इस फ़िल्म के सभी कलाकारों का मेकअप कर रहे थे. अमिताभ के चेहरे पर उन्होंने दाढ़ी लगाई और अचानक उन्हें किसी जरूरी काम से 7 दिन के लिए अपने घर मुंबई जाना पड़ गया. बॉलीवुड में 60 सालों तक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम करने वाले 87 वर्षीय पंढरी जुकर बताते हैं, "तब मैंने अमिताभ को पूछा था कि अब तुम क्या करोगे, क्योंकि मैं तो गोवा में नहीं हूं. तब अमिताभ ने कहा था कि मैं इस मेकअप को संभाल कर रखूंगा." पूरे 6 दिन अमिताभ चेहरे के नीचे पानी डालकर नहाते थे और अपने उसी लुक के साथ उन्होंने 6 दिन बिना मुंह धोए लगातार शूटिंग की. वो कैसे सोता होगा? कैसे खाना खाता होगा... पंढरी जुकर बताते हैं, "मैं जब 6 दिन बाद उनसे मिला तो वो दाढ़ी उनके चेहरे पर सही सलामात थी. वो कैसे सोता होगा? कैसे खाना खाता होगा, ये सब सोच कर मैं बहुत हैरान हुआ था. तब मैंने उसको कहा था कि तुम बहुत आगे तक जाओगे. तुम्हारा काम के लिए ये प्रेम तुम्हें एक दिन सुपरस्टार बनाएगा." अपनी पहली ही फिल्म से अपने काम के प्रति निष्ठा और समर्पण का परिचय देने वाले आज के सुपरस्टार, महानायक, बिग बी आदि नामों से सम्मानित हैं. अमिताभ बच्चन के बारे में सर्वविदित है कि उन्होंने अपनी अदाकारी को बुलंदियों तक पहुंचाने कभी कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया. उनके संघर्ष के दिनों के अनेक किस्से हैं. उनमें से यह एक किस्सा सुप्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट पंढरी जुकर के हवाले से 'बीबीसी हिंदी' ने पेश किया है. चिकने, आकर्षक और गोरे मुखड़े वाले नायक, खलनायकों के दौर मेंनायक, खलनायकों के दौर मेंनायक, खलनायकों के दौर में एक सामान्य चेहरे और दुबली-पतली लम्बी कद-काठी वाले अमिताभ के लिए फिल्म इंडस्ट्री के तत्कालीन दौर में अपने लिए जगह बनाना आसान नहीं था. लेकिन हर एक छोटे बड़े किरदार पर पूरी शिद्दत से मेहनत करने की उनकी आदत उन्हें ऐसी ऊंची पर पहुंचा गई हैं, जिसकी कल्पना भी शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी.
विमानसेवा

नागपुर-शिरडी विमान सेवा शुरू करवाएं

शिरडी संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे का किया सत्कार नागपुर : शिरडी साईंबाबा संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे का यहां साईं भक्तों ने सत्कार किया. वे रविवार को सपत्नीक नागपुर आए थे. साई बाबा मंदिर, वर्धा रोड के सदस्य समाजसेवी साई भक्त प्रताप मोटवानी, साईंभक्त व्यापारी नेता दीपेन भाई अग्रवाल, साईंभक्त जगदीश बियानी और अन्य गणमान्य लोगों ने श्री हावरे का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. शिरडी में भक्तों को बेहतरीन सुविधाओं के लिए अभिनन्दन प्रताप मोटवानी ने शिरडी साईंबाबा मंदिर में भक्तों को बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए उनका अभिनंदन करते हुए निवेदन किया कि प्रतिदिन नागपुर-शिरडी-नागपुर विमानसेवा शुरू करवाई जाए. इसके लिए संस्थान की ओर से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह करने का भी निवेदन उन्होंने किया. मोटवानी ने कहा कि शिरडी के लिए मुम्बई, भोपाल, हैदराबाद और अन्य कई शहरों से विमान सेवा शुरू हो गई है. उप राजधानी से शिरडी जाने वाले भक्तों के लिए भी विमान सेवा शुरू होने से उन्हें बेहद सुविधा होगी. संस्थान की ओर से विभिन्न स्टेशनों से बस सेवा का सुझाव मोटवानी ने उन्हें बताया कि उप राजधानी सहित विदर्भ से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शिरडी दर्शनाथ जाते हैं. मनमाड, कोपर गांव से श्रद्धालुओं को बस, टैक्सी में शिरडी जाना पड़ता है. उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान की तरफ से प्रति दिन सबेरे मनमाड, नासिक, कोपर गांव, अहमदनगर और साईं नगर स्टेशन से अल्प शुल्क लेकर इन स्टेशनों से बसों द्वारा भक्तों को शिरडी तक पहुचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए और शाम को पुनः वापसी हेतु बसों से भक्तों को स्टेशनों तक पहुचाने की सेवा की जा सकती है. शिरडी साईं संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे ने सुझाव पूरे करने का आश्वासन दिया और मोटवानी, अग्रवाल को शिरडी मंदिर आने का आमंत्रण दिया. उन्होंने अपना सत्कार कनै के लिए सभी साईं भक्तों का आभार माना.