अमिताभ बच्चन

कैसे बिताए थे अमिताभ ने वे सात दिन!

6 दिन बिना मुंह धोए लगातार शूटिंग की मुंबई : कोई सुपरस्टार यूं ही नहीं बन जाता. अपने काम के प्रति निष्ठा और समर्पण ही किसी शख्स को इस ऊंचाई तक पहुंचाता है. अमिताभ बच्चन आज के दौर के सबसे बड़े और सर्वाधिक चमकदार एवं सम्मानित सितारे हैं. बॉलीवुड में जब उन्होंने कदम रखा था, तब ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्मों का ज़माना था. अमिताभ बच्चन की पहली फ़िल्म "सात हिन्दुस्तानी" की शूटिंग गोवा में चल रही थी और मेकअप आर्टिस्ट पंढरी जुकर इस फ़िल्म के सभी कलाकारों का मेकअप कर रहे थे. अमिताभ के चेहरे पर उन्होंने दाढ़ी लगाई और अचानक उन्हें किसी जरूरी काम से 7 दिन के लिए अपने घर मुंबई जाना पड़ गया. बॉलीवुड में 60 सालों तक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम करने वाले 87 वर्षीय पंढरी जुकर बताते हैं, "तब मैंने अमिताभ को पूछा था कि अब तुम क्या करोगे, क्योंकि मैं तो गोवा में नहीं हूं. तब अमिताभ ने कहा था कि मैं इस मेकअप को संभाल कर रखूंगा." पूरे 6 दिन अमिताभ चेहरे के नीचे पानी डालकर नहाते थे और अपने उसी लुक के साथ उन्होंने 6 दिन बिना मुंह धोए लगातार शूटिंग की. वो कैसे सोता होगा? कैसे खाना खाता होगा... पंढरी जुकर बताते हैं, "मैं जब 6 दिन बाद उनसे मिला तो वो दाढ़ी उनके चेहरे पर सही सलामात थी. वो कैसे सोता होगा? कैसे खाना खाता होगा, ये सब सोच कर मैं बहुत हैरान हुआ था. तब मैंने उसको कहा था कि तुम बहुत आगे तक जाओगे. तुम्हारा काम के लिए ये प्रेम तुम्हें एक दिन सुपरस्टार बनाएगा." अपनी पहली ही फिल्म से अपने काम के प्रति निष्ठा और समर्पण का परिचय देने वाले आज के सुपरस्टार, महानायक, बिग बी आदि नामों से सम्मानित हैं. अमिताभ बच्चन के बारे में सर्वविदित है कि उन्होंने अपनी अदाकारी को बुलंदियों तक पहुंचाने कभी कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया. उनके संघर्ष के दिनों के अनेक किस्से हैं. उनमें से यह एक किस्सा सुप्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट पंढरी जुकर के हवाले से 'बीबीसी हिंदी' ने पेश किया है. चिकने, आकर्षक और गोरे मुखड़े वाले नायक, खलनायकों के दौर मेंनायक, खलनायकों के दौर मेंनायक, खलनायकों के दौर में एक सामान्य चेहरे और दुबली-पतली लम्बी कद-काठी वाले अमिताभ के लिए फिल्म इंडस्ट्री के तत्कालीन दौर में अपने लिए जगह बनाना आसान नहीं था. लेकिन हर एक छोटे बड़े किरदार पर पूरी शिद्दत से मेहनत करने की उनकी आदत उन्हें ऐसी ऊंची पर पहुंचा गई हैं, जिसकी कल्पना भी शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी.
विमानसेवा

नागपुर-शिरडी विमान सेवा शुरू करवाएं

शिरडी संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे का किया सत्कार नागपुर : शिरडी साईंबाबा संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे का यहां साईं भक्तों ने सत्कार किया. वे रविवार को सपत्नीक नागपुर आए थे. साई बाबा मंदिर, वर्धा रोड के सदस्य समाजसेवी साई भक्त प्रताप मोटवानी, साईंभक्त व्यापारी नेता दीपेन भाई अग्रवाल, साईंभक्त जगदीश बियानी और अन्य गणमान्य लोगों ने श्री हावरे का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. शिरडी में भक्तों को बेहतरीन सुविधाओं के लिए अभिनन्दन प्रताप मोटवानी ने शिरडी साईंबाबा मंदिर में भक्तों को बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए उनका अभिनंदन करते हुए निवेदन किया कि प्रतिदिन नागपुर-शिरडी-नागपुर विमानसेवा शुरू करवाई जाए. इसके लिए संस्थान की ओर से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह करने का भी निवेदन उन्होंने किया. मोटवानी ने कहा कि शिरडी के लिए मुम्बई, भोपाल, हैदराबाद और अन्य कई शहरों से विमान सेवा शुरू हो गई है. उप राजधानी से शिरडी जाने वाले भक्तों के लिए भी विमान सेवा शुरू होने से उन्हें बेहद सुविधा होगी. संस्थान की ओर से विभिन्न स्टेशनों से बस सेवा का सुझाव मोटवानी ने उन्हें बताया कि उप राजधानी सहित विदर्भ से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शिरडी दर्शनाथ जाते हैं. मनमाड, कोपर गांव से श्रद्धालुओं को बस, टैक्सी में शिरडी जाना पड़ता है. उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान की तरफ से प्रति दिन सबेरे मनमाड, नासिक, कोपर गांव, अहमदनगर और साईं नगर स्टेशन से अल्प शुल्क लेकर इन स्टेशनों से बसों द्वारा भक्तों को शिरडी तक पहुचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए और शाम को पुनः वापसी हेतु बसों से भक्तों को स्टेशनों तक पहुचाने की सेवा की जा सकती है. शिरडी साईं संस्थान के अध्यक्ष सुरेश हावरे ने सुझाव पूरे करने का आश्वासन दिया और मोटवानी, अग्रवाल को शिरडी मंदिर आने का आमंत्रण दिया. उन्होंने अपना सत्कार कनै के लिए सभी साईं भक्तों का आभार माना.
लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव-2019 : घोषणा मार्च में करेगा चुनाव आयोग

समय और चरण तय करने की प्रक्रिया शुरू, चार राज्यों के विस चुनाव भी साथ में संभव नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा चुनाव आयोग आगामी मार्च के पहले सप्ताह में कर सकता है. सूत्रों ने आज शुक्रवार को यह संकेत देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराने की संभावना है. 3 जून को समाप्त हो रहा कार्यकाल उल्लेखनीय है कि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल आगामी 3 जून को समाप्त हो रहा है. इसे ध्यान में रख आयोग ने चुनाव किस महीने में और कितने चरण में कराए जाने हैं, यह तय करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है. आयोग ने 2004 में लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की 29 फरवरी को चार चरण में, 2009 में 2 मार्च को पांच चरण में और 2014 में 5 मार्च को नौ चरण में कराने की घोषणा की थी. पिछले तीनों लोकसभा चुनाव अप्रैल से मई के दूसरे सप्ताह में संपन्न करा लिए गए थे. चार राज्यों के विस चुनाव भी साथ में होना संभव सूत्रों के अनुसार आम चुनाव का समय और चरण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सूत्रों ने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी संपन्न कराए जा सकते हैं. सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल आगामी मई तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आगामी जून में पूरा हो रहा है. चुनाव के चरण सुरक्षा बलों की उपलब्धता और अन्य जरूरतों पर निर्भर करता है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव सुरक्षा इंतजामों पर निर्भर इस बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा भी पिछले साल नवंबर में भंग किए जाने के कारण नई विधानसभा के गठन की छह महीने की निर्धारित अवधि इस साल मई में पूरी होने से पहले चुनाव आयोग के लिए राज्य में चुनाव कराना जरूरी है. जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का फैसला हालांकि राज्य में सुरक्षा इंतजामों की पुष्टि पर ही निर्भर है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा का छह साल का निर्धारित कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक था, लेकिन बहुमत वाली सरकार के गठन की संभावनाएं समाप्त होने के आधार पर इसे नवंबर 2018 में ही भंग कर दिया गया.
ऑनलाइन शॉपिंग

ऑनलाइन शॉपिंग में ऑफर्स, कैशबैक 1 फरवरी से बन जाएंगे सपना

नहीं मिलेंगे एक्सक्लूसिव डील, ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों में हो रहा बदलाव नई दिल्ली : देश में ऑनलाइन शॉपिंग के मजों से अब लोगों को कर दिया जाएगा वंचित. अब तक ऑनलाइन खरीदारी पर जो ऑफर्स, एक्सक्लूसिव डील और कैशबैक आदि मिल रहे हैं, आने वाले दिनों में वे सपना बन जाएंगे. क्योंकि अब सरकार नियमों में बदलाव कर रही है, जो आगामी 1 फरवरी से लागू हो जाने की संभावना है. सरकार ने नए नियम लागू करने से पहले वेंडरों, ई-कॉमर्स कंपनियों को एक महीने से ज्यादा का वक्त दिया है. अपने बिजनेस मॉडल बदल रही हैं कंपनियां केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में फेर-बदल कर दिया है. इसके साथ ही किए जा रहे नियमों में बदलाव से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर उन कंपनियों के सामान नहीं बेच सकेंगी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है. नए नियमों के बाद ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने बिजनेस मॉडल बदलने पड़ रहे हैं. CAIT लगातार कर रहा था विरोध खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) लगातार ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध कर रहा था. इसके साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अनेक नियमों की अवहेलना करने की शिकायतें भी मिल रही थीं. जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. आइए जानते हैं नए नियम क्या हैं और ये कैसे प्रभावित करेंगे? फ्लिपकार्ट और अमेजन समेत कई कंपनिया कई सामानों की डिलीवरी पर ग्राहकों से कोई पैसा नहीं लेती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. अब कंपनिया अपनी लॉजिस्टिक कंपनी के जरिए फ्री डिलीवरी नहीं कर सकेंगी. इसके बाद ग्राहकों को सामान्य समय में ही डिलीवरी मिल पाएगी. भारी-भरकम छूट पर लगेगी रोक अभी तक कई ब्रांड सिर्फ एक ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होते हैं. नए नियमों के अनुसार कोई भी वेंडर अपने स्टॉक का 25 फीसदी से ज्यादा सामान एक ही प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेगा. इसलिए अब कोई ब्रांड किसी प्लेटफॉर्म पर एक्सक्लूसिव उपलब्ध नहीं हो सकेगा. साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियां किसी भी उत्पाद पर भारी-भरकम छूट नहीं दे पाएंगी. इससे उत्पादों पर मिलने वाली भारी छूट पर भी रोक लगेगी, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा. खुदरा व्यापारियों के लिए फायदा नए नियमों में तुरंत डिलीवरी पर रोक लग सकती है. इसे अनुचित और भेदभावपूर्ण बताया गया है. इसका असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जिन्होंने जल्दी डिलीवरी के लिए अमेजन प्राइम और फ्लिपकार्ट अश्योरड जैसी सुविधाओं के लिए भुगतान किया है. अगर कंपनी की किसी ब्रांड में भागीदारी है तो इनके प्लेटफॉर्म पर उस ब्रांड का सामान नहीं बिकेगा. इन नियमों को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं खुदरा व्यापारियों को इससे लाभ मिलेगा. व्यापारियों ने किया फैसले का स्वागत ई-कॉमर्स कंपनियों के आने के बाद से खुदरा व्यापारी लगातार इनका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से उनके व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है. उनकी शिकायतों के बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है. व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. साथ ही CAIT ने...
कैंसर

…और 100 रुपए की थेरेपी में कैंसर छू-मंतर!

कलपक्कम स्थित इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ एटोमिक रिसर्च के शोधार्थियों का दावा हिसार, : बस, महज 100 रुपए में एक बार की थेरेपी और बिना किसी नुकसान के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो जाएगी हमेशा के लिए गायब. यह दावा है तमिलनाडु के कलपक्कम स्थित इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ एटोमिक रिसर्च (IGCAR) के शोधार्थियों का. मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया तकनीक का होगा इस्तेमाल यहां गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में भाभा परमाणु केंद्र की ओर से आयोजित 63वें डीएई सॉलिड स्टेट फिजिक्स सिम्पोजियम में भाग लेने पहुंचे शोधार्थी बीबी लाहिरी और उनके सुपरवाइजर डाॅ. जॉन फिलिप ने बताया कि कैंसर के इलाज को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए अब मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया तकनीक का इस्तेमाल होगा. यह तकनीक वर्तमान रेडिएशन थेरेपी की बजाय कई गुणा सस्ती होगी. महज 100 रुपए में एक बार की थेरेपी करवाई जा सकेगी. उन्होंने दावा किया कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी काे हराने की दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है. अब कैंसर रोगियों को बहुत सस्‍ता इलाज मिल सकेगा. अब देश के विभिन्न हिस्सों में महामारी का रूप ले चुकी कैंसर के इलाज को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए अब मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इससे रेडिएशन थेरेपी जैसा नुकसान भी नहीं होगा. IGCAR के शोधार्थियों ने की है इस तकनीक की खोज शोधार्थी बीबी लाहिरी और उनके सुपरवाइजर डाॅ. जॉन फिलिप ने बताया कि इस तकनीक से न केवल कैंसर सैल्स को सीधे खत्म किया जा सकेगा, बल्कि आसपास के सैल्स भी सुरक्षित रहेंगे. वे यहां 63वें डीएई सॉलिड स्टेट फिजिक्स सिम्पोजियम में भाग लेने पहुंचे थे. कैंसर सेल पर ऐसे काम करेगी तकनीक बी.बी. लाहिरी के अनुसार इस तकनीक में पानी में कुछ नैनो पार्टिकल को चीनी की तरह घोल दिया जाता है. इसके बाद इसका इंजेक्शन सीधे कैंसर प्रभावित जगह पर दिया जाता है. इसके बाद रेडियो फ्रिक्वेंसी एसी मैग्नेटिक फ्लुअड द्वारा 126 किलोहार्टज की फिक्वेंसी के माध्यम से कैंसर सेल पर हीट छोड़ी जाती है. यह हीट उस सैल को खत्म कर देती है, जिसमें फ्लुअड का इंजेक्शन लगाया गया था. इस तकनीक से शरीर के किसी अन्य अंग को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा. रेडिएशन थेरेपी और मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया में अंतर - रेडियएशन थेरेपी के तहत एक बार थेरेपी करवाने पर तीन से 25 हजार तक खर्च होते हैं, जबकि मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया से एक बार की थेरेपी में केवल 100 रुपए लगेंगे. - रेडिएशन थेरेपी हमारे डीएनए को डेमेज करती है, जबकि मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया से ऐसा नहीं होगा. - रेडिएशन थेरेपी से कैंसर ग्रस्त सैल के साथ आसपास के स्वस्थ सैल भी खत्म हो जाते हैं, जबकि मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया तकनीक से केवल कैंसरग्रस्त सैल खत्म होगा. - अब तक मरीज को रेडिएशन थेरेपी कई दिनों तक करवानी पड़ती है, जिससे इलाज में देरी होती है, जबकि मैग्नेटिक फ्लुअड हाइपर थर्मिया के तहत जरूरत अनुसार थेरेपी ली जा सकेगी. - रेडिएशन थेरेपी का गर्भवती और कमजोर लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जब कि नई तकनीक से इन लोगों को कोई खतरा नहीं होगा.
अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री अपांग ने भाजपा त्यागी

2014 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस से भाजपा में हुए थे शामिल इटानगर : अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने भाजपा त्याग दिया है. चार साल पहले ही वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे. पूर्वोत्तर के इस राज्य के 22 साल तक मुख्यमंत्री रहे अपांग ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दो पन्नों का इस्तीफा भेजा. पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह को लिखे त्‍यागपत्र में उन्‍होंने कहा, "मुझे यह देखकर निराशा हुई कि मौजूदा दौर की भाजपा दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों का अनुसरण नहीं कर रही है. पार्टी अब केवल सत्‍ता पाने का प्‍लेटफॉर्म बनकर रह गई है." उन्होंने पत्र में लिखा, "मैं यह देखकर निराश हूं कि वर्तमान भाजपा अब राज धर्म के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है, पार्टी का नेतृत्व ऐसा है, जो लोकतांत्रिक फैसलों के विकेंद्रीकरण से नफरत करता है." कलिखो पुल की खुदकुशी की जांच नहीं कराने पर नाराजगी अपांग ने कहा कि भाजपा ने 2014 में कलिखो पुल को अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर गलत चाल अपनाई और उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बावजूद भाजपा सरकार फिर से बनाई गई. कड़े शब्दों में लिखे पत्र में कहा गया, "पुल की खुदकुशी पर न तो उचित जांच की गई और भाजपा के किसी मौजदूा नेता ने पूर्वोत्तर में भाजपा की कई और सरकारें बनाने में नैतिकता की बात नहीं सोची." उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले मुख्यमंत्री के रूप में पेमा खांडू के नाम की घोषणा न तो नियम है और न ही कार्यकर्ता आधारित पार्टी की परंपरा है. अपांग ने कहा, "इसलिए मैं चाहता हूं कि शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज धर्म का पालन करना सीखना चाहिए." 69 वर्षीय अपांग ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गये थे। अपांग के फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष टकम संजय ने कहा कि इससे भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया। अपांग तृणमूल की रैली में भाग लेंगे भाजपा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग तृणमूल कांग्रेस की 19 जनवरी को होने वाली रैली में हिस्सा ले सकते हैं. तृणमूल के एक सूत्र ने बुधवार को बताया, "गेगांग अपांग 19 जनवरी की रैली में हिस्सा लेंगे. उन्होंने इसकी पुष्टि की है."
मंदिर में चोरी

पूर्व पुलिस आयुक्त के घर चोरी

बंगले के मंदिरों से सोने की मूर्तियां, आभूषण, चांदी के सामान गायब नागपुर : पूर्व पुलिस आयुक्त प्रबीर कुमार चक्रवर्ती के बंगले की ऊपरी मंजिल के मंदिर में चोरी की घटना ने नागपुर पुलिस की नींद उड़ा दी है. चोरी की वारदात पिछले रविवार को तब सामने आई, जब सुबह पुजारी मंदिर में पूजा करने पहुंचे. पुजारी ने उजागर की चोरी की वारदात चक्रवर्ती का बंगला स्थानीय झेंडा चौक परिसर में है. बंगले की तीसरी और चौथी मंजिल पर दो मंदिर हैं. पुजारी रोज सुबह मंदिर में पूजा कराने आते हैं. रविवार की सुबह जब वे पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दोनों मंदिरों से सोने की गणपति की मूर्ति और अन्य कीमती सामन गायब हैं. उन्होंने नौकरों से पूछ-ताछ की. जब उन्होंने इस बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं होने की बात बताई तो पुजारी ने चक्रवर्ती को जानकारी दी. सीताबर्डी थाने में रपट दर्ज चक्रवर्ती मंदिरों का निरीक्षण करने पहुंचे तब उन्होंने पाया कि सोने की मूर्तियां सहित सोने के आभूषण, चांदी की पेटी और चांदी की पादुका गायब है. उन्होंने अपने स्तर पर पहले छान-बीन की. कोई सुराग नहीं मिलाने पर उन्होंने सीताबर्डी थाने में रपट दर्ज कराई. इसके बाद सीताबर्डी पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जांच आरंभ कर दी है. पुराने पूर्व नौकर पर संदेह प्राथमिक पूछ-ताछ में कुछ दिन पहले ही काम छोड़ चुके एक नौकर के हाल ही में घर पर आने की बात सामने आई. संदेह है कि उसी ने चोरी को अंजाम दिया होगा. वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. सीताबर्डी पुलिस ने उस नौकर का पता लगाने के लिए एक जांच दल पश्चिम बंगाल रवाना किया है. उस नौकर के स्थानीय संपर्कों की भी छान-बीन की जा रही है.
भीषण टक्कर

बस-ट्रक की भिड़ंत में 6 मृत, 9 जख्मी

नाराज स्थानीय लोगों ने अन्य ट्रकों में लगाई आग गढ़चिरोली : जिले के एटापल्ली के निकट ट्रक और बस के बीच सीधी भीषण टक्कर में एक विद्यार्थी सहित 6 लोगों की मृत्यु हो जाने और 9 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है. सभी घायलों को एक स्थानीय अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया है. दुर्घटना के बाद नाराज स्थानीय लोगों की भीड़ ने कुछ अन्य ट्रकों में आग लगा दी. एटापल्ली से पांच किलोमीटर दूर गुरुपल्ली गांव के निकट बुधवार की सुबह यह भीषण दुर्घटना हुई. यात्रियों से भरी अहेरी डिपो की एसटी बस क्रमांक एमएच-40/एक्यू-6034 को तेज गति से सामने से आ रहे ट्रक ने सीधी टक्कर मार दी. इस भीषण दुर्घटना में मौके पर ही 6 लोगों की मौत हो गई. यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस और ट्रक दोनों के ही कैबिन चूर हो गए. मृतकों में एटापल्ली ग्रामीण अस्पताल की नर्स मंजू करपे (48), अहेरी कोर्ट के लिपिक श्यामला प्रभाकर डोंगरे (47), अहेरी वन विभाग के कर्मचारी प्रकाश पत्रुजी अंबादे (48) और 10वीं कक्षा का विद्यार्थी अमोल गावंडे भी शामिल है. भीड़ ने लगा दी कुछ अन्य ट्रकों में आग एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सुबह की बस होने के कारण बस में स्कूली विद्यार्थियों की संख्या अधिक थी. बस को टक्कर मारने वाला ट्रक किसी लौह खनन कंपनी का था. दुर्घटना से नाराज लोगों ने मार्ग के अन्य दो-तीन ट्रकों में भी आग लगा दी.
बिहार

नीति आयोग के विकास-मानकों पर खरा साबित हो रहा बिहार

विकास के छह मानकों पर देश के 112 जिलों की रैंकिंग में बिहार के जिलों का प्रदर्शन प्रशंसनीय पटना : बिहार में अब विकास कार्यों का असर दिखाई देने लगा है. नीति आयोग की देश के 112 जिलों की कराई गई रैंकिंग में राज्य का औरंगाबाद जिला ओवरऑल चौथे स्थान पर है, जबकि जमुई नौवें पायदान पर है. इसके साथ ही जमुई जिला तेजी से विकास के लक्ष्य प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच जिलों में शामिल है. सीतामढ़ी कृषि व जल संसाधन के विकास में देश में अव्वल आयोग ने छह मानकों पर रैंकिंग कराई है, जिनमें सीतामढ़ी कृषि व जल संसाधन के विकास में देश के 112 जिलों में अव्वल आया है. आयोग ने जिन छह मानकों के आधार पर विशेष महत्वाकांक्षी जिला प्रोग्राम का सर्वे कराया है, उनमें स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संचयन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी संरचनाओं का विकास शामिल है. जनवरी, 2018 में आयोग ने विकास के मानकों को आधार मानकर सर्वेक्षण कराया गया था. नीति आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट जारी की है. स्वास्थ्य व पोषण के लिए 30%, शिक्षा में विकास पर 30%, कृषि एवं जल संचयन पर 20%, वित्तीय समावेशन पर 5%, कौशल विकास पर 5% और बुनियादी संरचना के विकास पर 10% अंक निर्धारित किए गए थे. स्वास्थ्य व पोषण विषय में अंक निर्धारण के लिए छह वर्ष से कम उम्र वर्ग के अविकसित बच्चों के विकास व छह से 23 माह के बच्चों में स्तनपान व पर्याप्त भोजन को शामिल किया गया था. इसी तरह से शिक्षा विषय में कक्षा तीन, पांच व आठवीं की कक्षाओं में विद्यार्थियों के गणित के औसत प्रदर्शन और बालिका शिक्षा को शामिल किया गया था. सर्वे में यह पाया गया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) की तुलना में बिहार के बेगूसराय, कटिहार और सीतामढ़ी जिलों ने अविकसित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया है. हर माह के 20 तारीख को डाटा अपडेट किया जाता था. इस तरह से सभी छह पैमानों पर आयोग द्वारा डेल्टा रैंकिंग तैयार की गई. इसमें ओवरऑल प्रदर्शन के मामले में तमिलनाडु का विरुधुनगर पहले स्थान, जबकि बिहार का औरंगाबाद जिला चौथे स्थान पर रहा. जून और अक्तूबर में छह मानकों पर तेजी से सुधार करनेवाले जिलों में बिहार का सीतामढ़ी जिला टॉप पर रहा. ओवरऑल : औरंगाबाद जिला ओवरऑल चौथे स्थान पर और जमुई नौवें स्थान पर, कृषि व जल संचयन में सीतामढ़ी देश में अव्वल 1. बिहार के बेगूसराय, कटिहार व सीतामढ़ी जिलों ने छह वर्ष तक के बच्चों के विकास पर रखा सर्वाधिक फोकस स्वास्थ्य क्षेत्र में रैंकिंग : अररिया (16), नवादा (20), खगड़िया (21), जमुई (22), मुजफ्फरपुर (29), औरंगाबाद (32), पूर्णिया (40), शेखपुरा (51), बांका (54), गया (65), बेगूसराय (74), सीतामढ़ी (78), कटिहार (95), शिक्षा क्षेत्र में रैंकिंग : औरंगाबाद (06), जमुई (15), बांका (43), बेगूसराय (65), गया (69), नवादा (72), पूर्णिया (75), खगड़िया (81), कटिहार (93), शेखपुरा (96), सीतामढ़ी (101), मुजफ्फरपुर (103), अररिया (104) कृषि एवं जल संचयन : सीतामढ़ी (01), मुजफ्फरपुर (07), औरंगाबाद (11), बांका...
ट्राई

टीवी चैनल चुनने के लिए ट्राई ने 31 जनवरी तक की तिथि बढ़ाई

नए टैरिफ सिस्टम में टीवी चैनल ग्राहकों को किसी किस्म की राहत नहीं नई दिल्ली : केबल और डीटूएच टीवी में नया टैरिफ सिस्टम लागू करने के टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) के आदेश में तब्दिली आई है. ट्राई ने सभी मल्टि सर्विस ऑपरेटर्स और लोकल केबल ऑपरेटर्स को पहले 29 दिसंबर से नया टैरिफ सिस्टम लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन अब ट्राई ने कहा है कि ग्राहक 31 जनवरी तक अपनी पसंद के चैनल चुन सकते हैं. हालांकि ट्राई ने नया टैरिफ सिस्टम लागू करने में किसी प्रकार की राहत नहीं दी है. इधर केबल ऑपरेटरों ने गुरुवार, 27 दिसंबर और शुक्रवार 28 दिसंबर को रात्रि 7 बजे से 10 बजे तक टीवी प्रसारण बंद कर "ब्लैकआउट" नए टैरिफ सिस्टम का विरोध किया है. ग्राहकों पर इस नए टैरिफ सिस्टम से अतिरिक्त मासिक बोझ बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है. फिलहाल केबल ऑपरेटर छोटे शहरों में 200 से 250 रुपए प्रति माह में लगभग सभी टीवी चैनल अपने ग्राहकों को दिखा रहे हैं. ट्राई के सचिव एस के गुप्ता ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि आज (गुरुवार) को ब्रॉडकास्टर्स, डीटीएच ऑपरेटरों और एमएसओ (मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों) के अनुरोध पर नया टैरिफ सिस्टम लागू करने की तिथि बढ़ा दी है. ताकि ग्राहकों को कुछ और समय मिल जाए और वे अपने हिसाब से चैनल चुन सकें, जिससे आगे उन्हें परेशानी न हो.' उन्होंने कहा कि इस नए सिस्टम के तहत उपभोक्ताओं को चैनल चुनने की आजादी होगी और वे उन्हीं चैनलों के लिए भुगतान करेंगे, जिन्हें वे देखना चाहते हैं. ट्राई के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड के जरिए टीवी स्क्रीन पर हर चैनल की अधिकतम कीमत लिखी होगी. कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर ब्रॉडकास्टर की ओर से तय कीमत से अधिक नहीं ले सकता है. नेटवर्क कपैसिटी फीस के रूप में ग्राहकों को हर महीने 100 चैनलों के लिए अधिकतम 130 रुपए देना होगा. यदि ग्राहक 100 से अधिक चैनल देखते हैं तो (हालांकि ऐसे ग्राहकों की संख्या महज 10-15 फीसदी है) अगले 25 चैनलों के लिए 20 रुपए अतिरक्त देने होंगे. इसके अलावा ग्राहक जो पे चैनल्स चुनेंगे उनकी तय कीमतें जुड़ जाएंगी. ट्राई की ओर से चैनलों की प्राइस रेंज 1 से 19 रुपए के बीच तय है.