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खिचड़ी घोटाले ने उद्धव सेना पर फिर बरपाया कहर

लोकसभा चुनाव के ऐन पहले प्रहार, मुंबई उत्तर पश्चिम सीट विवाद बना कारण मुंबई : कांग्रेस से निष्कासित पूर्व सांसद संजय निरुपम ने खिचड़ी घोटाले के जिन्न को निकाल कर शिवसेना (यूबीटी) और उसके नेता संजय राउत पर कहर बरपाने की कोशिश की है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने उन्हीं अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर पश्चिम सीट के लिए लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया है, खिचड़ी घोटाले में शामिल लोगों में शामिल होने का आरोप झेल रहे हैं. निरुपम ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर खिचड़ी घोटाला मामले में बड़ा खुलासा किया है. निरुपम ने कहा कि संजय राउत के भाई संदीप राउत के अकाउंट में अगस्त 2020 में 5 लाख रिश्वत आया था और.संजय राउत के दोस्त सुजीत पाटणकर के बैंक अकाउंट में कई बार पैसा आया था. 33 रुपए में 300 ग्राम खिचड़ी देने का कॉन्ट्रैक्ट सह्याद्री रिफ्रेशमेंट को मिला था. आगे इस कंपनी ने एक दूसरी कंपनी को 16 रुपए में 100 ग्राम खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. निरुपम का आरोप है कि राउत और अमोल कीर्तिकर ने गरीबों का 200 ग्राम खिचड़ी कोविड के दौरान चुराया. निरुपम ने बताया-कैसे हुआ खिचड़ी घोटाला संजय निरुपम ने बताया कि उत्तर पश्चिम मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को खिचड़ी चोरी मामले में ईडी ने बुलाया है, उसे तो गिरफ्तार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खिचड़ी चोरी मामले में अकेला अमोल कीर्तिकर ही नहीं है..जब मैंने इस मामले की जांच की तो पता चला और भी लोग शामिल हैं. मुझे पता चला कि शिवसेना यूबीटी के संजय राउत खिचड़ी घोटाले के सूत्रधार हैं. कोविड काल मे 6 करोड़ 37 लाख का खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट बीएमसी ने सह्याद्री रिफ्रेशमेंट कंपनी को दिया था, जिसका खुलासा हो गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 मार्च को उन्हें उद्धव सेना के उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के बमुश्किल एक घंटे बाद मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. एजेंसी ने 29 मार्च को उन्हें एक और समन जारी किया. मुंबई उत्तर-पश्चिम से कांग्रेस के टिकट के इच्छुक निरुपम अपने सहयोगी उद्धव सेना को इस सीट पर दावा करने देने से पार्टी से नाराज थे. यही अंततः उन्हें कांग्रेस से बाहर निकलने का कारण बना. निरुपम ने कीर्तिकर और संजय राउत पर कथित तौर पर खिचड़ी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. अपनी ओर से, कीर्तिकर ने ईडी पर मामले में उन्हें निशाना बनाने के लिए राजनीतिक आदेश पर काम करने का आरोप लगाया है. क्या है करोड़ों रुपए का खिचड़ी घोटाला एफआईआर में कहा गया है कि सामुदायिक रसोई पर चर्चा के लिए 9 अप्रैल, 2020 को बीएमसी के भायखला कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी. तय हुआ कि जो 5000 या इससे ज्यादा खाने के पैकेट तैयार कर सकेगा, उसे ठेका दिया जाएगा. तय हुआ कि इसका ठेका किसी धर्मार्थ संगठन या सामुदायिक रसोई वाले एनजीओ...
गुढ़ी पड़वा

गुढ़ी पड़वा :  ब्रह्मा ने इसी दिन किया था ब्रह्मांड का निर्माण

महाराष्ट्र में गुढ़ी पाड़वा एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है. इसको 'संवत्सर पड़वो' के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र में यह दिन नए साल या फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. देश भर में मराठी और कोंकणी चैत्र माह के पहले दिन गुड़ी पड़वा को बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं. सरल शब्दों में कहें तो मराठी नववर्ष का नाम दो शब्दों - 'गुड़ी ' और 'पड़वा ' से मिला है. यहां गुड़ी का अर्थ है भगवान ब्रह्मा का ध्वज और पड़वा का अर्थ है चंद्रमा के चरण का पहला दिन.  शुभ मुहुर्त : गुढ़ी पड़वा की प्रतिपदा 08 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे से शुरू होगी और प्रतिपदा 09 अप्रैल 2024 को शाम 08:30 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि, अर्थात सूर्योदय के हिसाब से गुड़ी पड़वा का पर्व 9 अप्रैल को ही मनाया जाएगा.  हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने गुढ़ी पड़वा के दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया था और दिन, महीने और साल की शुरुआत की थी.  कुछ लोग इसे वह दिन भी मानते हैं जब राजा शालिवाहन ने अपनी जीत का जश्न मनाया था और लोगों ने उनके पैठण लौटने पर झंडा फहराया था. मूलतः गुड़ी को बुराई पर जय का प्रतीक कहा जाता है.  कैसे मनाते हैं गुड़ी पड़वा? गुढ़ी पड़वा पर, दिन की शुरुआत तेल स्नान से होती है और कुछ अनोखी प्रार्थनाओं के साथ समाप्त होती है. श्रद्धालु नीम की पत्तियों का सेवन गुड़ या अन्य चीजों के साथ भी करते हैं. भक्त तेल से स्नान करने के बाद अपने घरों को रंगोली और वसंत-थीम वाली सजावट से सजाते हैं. इसके बाद, कुछ पारंपरिक प्रथाएं की जाती हैं,जैसे भगवान ब्रह्मा की पूजा के लिए एक शुभ पूजा और भगवान विष्णु और उनके अवतारों की प्रार्थना और हवन किया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र की महिलाएं अपने घरों में सुंदर "गुड़ी " बना कर और उनकी पूजा करती हैं. गुड़ी मूलतः एक ध्वज होता है, जो चांदी या तांबे के उलटे बर्तन से बनाया होता है, इसे पीले कपड़े से सजाया जाता है और बांस के डंडे के ऊपर स्थापित किया जाता है. श्रद्धालुओं का मानना है गुड़ी सौभाग्य प्रदान करती है और परिवार को सभी नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है. पूजा पूरी होने के बाद प्रसाद के रूप में चने की दाल, शहद और जीरा बांटा जाता है.  
प्रकाश

प्रकाश आंबेडकर ने छोड़ी INDIA, कांग्रेस भी ठाकरे सेना से नाराज

महाविकास अघाड़ी के अंदर ठाकरे सेना के रवैये और सीट शेयरिंग विवाद को लेकर शरद पवार भी परेशान *विदर्भ आपला-मुंबई : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों को लेकर महाविकास अघाड़ी के अंदर सीट शेयरिंग का मुद्दा उलझता जा रहा है.  चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी दल और INDIA गठबंधन को प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी ने अलविदा कह दिया. कांग्रेस भी ठाकरे सेना के रवैये से नाराज और परेशान है. सांगली और मुंबई सेट को लेकर कांग्रेस और ठाकरे सेना के बीच ठन गई है. ठाकरे सेना ने इन दोनों सीटों पर बिना कांग्रेस से बातचीत के अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. महाविकास आघाड़ी में अभिभावक की भूमिका में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी परेशान हैं. उनकी कोई नहीं सुन रहा. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना के नेताओं के बीच जुबानी जंग से शरद पवार भी परेशान बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक बुधवार को एनसीपी के पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में शरद पवार ने इस मुद्दे पर भी चर्चा की. बैठक में शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस और शिवसेना(UBT) को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए. बिना एक-दूसरे से बातचीत किए इस तरह से सीटों का ऐलान नहीं करना चाहिए था. इधर गठबंधन तोड़ने के बाद अब प्रकाश आंबेडकर ने ट्वीट के जरिए शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत पर हमला बोला है. उन्होंने संजय राउत पर पीठ में छुरा घोपने का भी आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने ट्वीट में संजय राउत से कई सवाल भी पूछे हैं. प्रकाश आंबेडकर का ट्वीट - <blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">संजय, कितना झूठ बोलोगे!? <br><br>अगर आपके और हमारे विचार एक हैं तो हमें बुलाते क्यों नहीं हैं मीटिंग में? <br><br>6 मार्च की फोर सीजन्स होटल मैं हुई बैठक के बाद आपने हमारे किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित क्यों नहीं किया?<br><br>आज भी आप वंचित को आमंत्रित किए बिना क्यों बैठक कर रहे है?<br><br>आपने तो सहयोगी… <a href="https://t.co/EMbHh6VFME">pic.twitter.com/EMbHh6VFME</a></p>&mdash; Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) <a href="https://twitter.com/Prksh_Ambedkar/status/1773271049079030211?ref_src=twsrc%5Etfw">March 28, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी पहले महाविकास अघाड़ी दल और INDIA गठबंधन के साथ गठबंधन में थी. मगर महाविकास अघाड़ी दल के साथ सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने के बाद प्रकाश आबेंडकर ने गठबंधन से दूरी बना ली और लोकसभा के 9 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने ट्वीट की शुरुआत- 'संजय, कितना झूठ बोलोगे?' से किया. इसके बाद उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'अगर आपके और हमारे विचार एक हैं तो हमें मीटिंग में क्यों नहीं बुलाते हैं? 6 मार्च की फोर सीजन्स होटल में हुई बैठक के बाद आपने हमारे किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित क्यों नहीं किया? आज भी आप वंचित को आमंत्रित किए बिना बैठक क्यों कर रहे हैं?' संजय राउत पर लगाया गंभीर आरोप प्रकाश आंबेडकर ने अपने...
जंग

जंग का ऐलान मोदी से, भिड़ेंगे लेफ्ट से राहुल जी

पुश्तैनी सीटें और जंग का मैदान छोड़ दूसरी बार फिर भागे दक्षिण की ओर  *कल्याण कुमार सिन्हा- विश्लेषण :  इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी गठबंधन में कितना प्रमुख है, इस बात पर लगातार भ्रामक स्थिति बनी हुई है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले में अब कांग्रेस कहां जा खड़ी हुई है, यह देख, आम मतदाता के लिए अचंभित होने की बारी आ गई है. पार्टी के मुखिया राहुल गांधी जंग का ऐलान करते रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से. लेकिन अखाड़ा छोड़ वे फिर भाग खड़े हुए दक्षिण की ओर. चले थे नरेंद्र मोदी को पछाड़ने, लेकिन भिड़ने चले हैं अब वामदल से. उधर कांग्रेस की राजमाता श्रीमती सोनिया गांधी भी ऐन लोकसभा चुनाव से पूर्व लोकसभा चुनाव से पीछा छुड़ा कर राजस्थान के रास्ते राज्यसभा में जा बैठीं. दूसरी बार वायनाड भागे  कांग्रेस लगातार 2014 से राहुल गांधी को भाजपा और नरेंद्र मोदी के मुकाबले अपने मजबूत चेहरे के रूप में, अपना सिपहसालार बना उन्हें सामने रखती आ रही है. लेकिन, 2014 में अपनी परंपरागत सीट अमेठी खो बैठने के बाद राहुल, मानो आत्मविश्वास ही खो चुके हैं.  2019 में वे केरल के वायनाड भाग खड़े हुए. इस बार फिर अपने खानदानी अमेठी या रायबरेली छोड़, खबर है कि वायनाड से अगले 3 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. सोचने की बात है कि जब सिपहसालार ही मैदान छोड़ कहीं और ठिकाना बनाने की तैयारी कर रहा हो तो जंग के मैदान में उसकी फौज किस हौसले से अपने ताकतवर प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला कर पाएगी? जंग चाहे कैसा भी हो, सिपहसालार के हौसले पर ही जंग की सूरत बनती या बिगड़ती है. राहुल गांधी विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर रहे. मोदी के खिलाफ उनकी आक्रामकता अन्य विपक्षी दलों को भी लुभाता रहा. लेकिन तमाम कसरतों के बाद आज उनकी रणछोड़ वाली भूमिका उनके समर्थकों को दिग्भ्रमित कर रही है. हिंदी भाषी बेल्ट ही रहा है केंद्र की सत्ता के जंग का मैदान गौर करने वाली बात है कि आजादी के बाद से ही देश की सत्ता के लिए जंग का मैदान देश का हिंदी भाषी बेल्ट रहा है. यही देख 2014 में जब नरेंद्र मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री का चेहरा बने तो गुजरात छोड़, उन्होंने हिंदी भाषी बेल्ट को ही अपने जंग का मैदान बना लिया. अब तीसरी बार उन्हें फिर भाजपा ने वाराणसी से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. वह भी अपने पहले लिस्ट में उसने पहला नाम नरेंद्र मोदी का ही रखा. अर्थात, चुनावी जंग में अपने सिपहसालार को आगे रख कर न केवल 'अबकी बार चार सौ पार' के नरेंद्र मोदी के दावे पर अपनी मुहर भी लगा दी, बल्कि कांग्रेस समेत 28 मजबूत दलों के इंडिया गठबंधन को दहलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कांग्रेस की पहली लिस्ट में 17वें नंबर पर आया नाम   दूसरी ओर, कांग्रेस ने जब अपने उम्मीदवारों की पहली...
MVA

MVA में आंबेडकर के कारण फंसा सीट शेयरिंग का पेंच

प्रकाश आंबेडकर ने अब तक एमवीए में एंट्री की नहीं दिखाई है हरी झंडी मुंबई : महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीट शेयरिंग का पेंच अब तक फंसा हुआ है. वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने अब तक एमवीए में एंट्री की अपनी हरी झंडी नहीं दिखाई है. बता दें कि MVA में कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और शरद पवार की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसे दल हैं. सीट शेयरिंग का पेंच सुलझाने के लिए अब प्रकाश अंबेडकर को साथ लाने के लिए शरद पवार ने नई तरकीब निकाली है. सूत्रों के अनुसार MVA के साथ आने पर VBA को 5 से 6 सीट देने पर विचार हो सकता है. गुरुवार को हुई MVA की बैठक में जिस फॉर्म्युले पर लगभग सहमति बनी  है, वह है शिवसेना(UBT)- 20 सीट, कांग्रेस- 18 सीट और एनसीपी(SP)- 10 सीट. हालांकि, VBA के साथ आने पर ठाकरे सेना और कांग्रेस अपने कोटे से सीट देंगे. वहीं, राजू शेट्टी और महादेव जानकर को शरद पवार अपनी NCP कोटे से सीट देंगे. हार्ड बारगेनर हैं प्रकाश आंबेडकर प्रकाश आंबेडकर बहुत हार्ड बारगेनर रहे हैं. उनकी वजह से ही सीट बंटवारे का मुद्दा इतना लंबा खिंच गया है. माना जा रहा है कि आंबेडकर की पत्नी अंजली मायदेव अपने बेटे सुजात आंबेडकर को राजनीति में स्थापित करना चाहती हैं. अंजली को लग रहा है कि MVA के साथ की वजह से VBA के उम्मीदवार जीत सकते हैं. महाराष्ट्र में पांच चरणों में होंगे चुनाव? चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए बताया है कि महाराष्ट्र में पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे  और पांचवें चरण में इलेक्शन होगा. इन पांच चरणों के चुनाव 19 अप्रैल से 20 मई तक होंगे. इसमें पहले चरण में 19 अप्रैल को 5 सीट पर, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 8 सीटों पर, तीसरे चरण में 7 मई को 11 सीटों पर, चौथे चरण में 13 मई को 11 सीटों पर और पांचवें चरण में 20 मई को 13 सीटों पर चुनाव चुनाव होगा.
सीएम केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ED अधिकारियों की करवा रहे थे जासूसी 

150 पन्नों की दो ED अधिकारियों की रिपोर्ट मिली घर से, एक और गढ्ढा अपने लिए खोद लिया है दिल्ली के सीएम ने  नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी मुश्किलें खुद बढ़ा ली हैं. सुविज्ञ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम केजरीवाल के घर से बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों को 150 पन्नों का एक दस्तावेज मिला है. इस दस्तावेज़ में ED के दो वरिष्ठ अधिकारियों की डेढ़ सौ पन्ने की डिटेल रिपोर्ट है. ये दोनों अधिकारी ज्‍वाइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी हैं.  आपराधिक कृत्य..! प्रश्न है कि इतने सीनियर अधिकारियों के बारे में 150 पन्नों की जानकारी सीएम केजरीवाल ने क्यों इकट्ठी की? क्या यह अवैध तरीके से जासूसी का मामला नहीं बनता? क्या दिल्ली के सीएम द्वारा आपराधिक कृत्य नहीं है? सूत्रों ने बताया कि  केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जासूसी का मामला दर्ज करने पर भी विचार कर रही है.  केजरीवाल ने ED अधिकारियों ये के बारे में जानकारी जुटाई... सूत्रों के अनुसार ED का मानना है कि सीएम केजरीवाल शराब घोटाले की जांच कर रहे अधिकारी एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज और स्पेशल डायरेक्टर सत्यव्रत पर नजर रख रहे थे. केजरीवाल अपने घर से कपिल राज और सत्यव्रत का डोजियर बना रहे थे, इस रिपोर्ट में दर्ज है कि दोनों अधिकारी क्या-क्या करते हैं, कौन-कौन कौन से केस हैं, दोनों की कितनी प्रॉपर्टी है. इन सबका पूरा ब्योरा केजरीवाल ने बनाया हुआ था. ईडी ने सभी दस्तावेज सीज कर लिए हैं. इस मामले को लेकर ED और नजर आ रही है. अलग से जासूसी का मुकदमा...? अरविंद केजरीवाल के रिमांड नोट में भी इस दस्तावेज का जिक्र किया जा रहा है, साथ ही इस दस्तावेज के बरामद होने के बाद ED इस पर भी विचार कर रही है कि उसके दो बड़े अधिकारियों की जासूसी करने के मामले में केजरीवाल के खिलाफ अलग से कोई मुकदमा दर्ज किया जाए? जेल नहीं भेजा, पहली रात ईडी हेडक्वार्टर में गुजरी शराब घोटाला मामले में दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार, 21 मार्च की शाम दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान ED ने उनके घर की तलाशी भी ली. सूत्रों ने बताया कि तलाशी में इस रिपोर्ट के अलावा अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जो उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं. गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल नहीं भेजा गया. केजरीवाल की पहली रात ईडी हेडक्वार्टर में गुजरी.
कोयला खनन

कोयला खनन उद्योग के पेंशनर्स सरकार की क्रूर नीति से खफा

फेडरेशन ऑफ कोल इंडस्ट्री रिटायर्ड एम्प्लॉईज एसोसिएशन (FCIREA), की वार्षिक आम सभा में उभरा आक्रोश  नागपुर : देश के कोयला खनन उद्योग CIL से जुड़े पूर्व अधिकारी एवं कर्मचारियों का आक्रोश केंद्र सरकार की पेंशन नीति और चिकित्सा सुविधाओं में गड़बड़ी को लेकर यहां सामने आया.  यह नाराजगी “फेडरेशन ऑफ कोल इंडस्ट्री रिटायर्ड एम्प्लॉईस एसोसिएशन (FCIREA)” की “वार्षिक आम सभा- 2024” में रविवार,17 मार्च 2024 को देखने को मिला.   CMPFO की नीतियां भी EPFO की तरह क्रूरतापूर्ण     कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तरह कोयला खनन उद्योग के सेवानिवृत्तों के पेंशन की व्यवस्था केंद्र सरकार के श्रम एवं नियोजन मंत्रालय के अधीन कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) करता है. सरकार और CMPFO देश के कोयला खनन उद्योग के सेवानिवृतों के साथ भी पेंशन मामले में EPFO की तरह ही क्रूर नीतियां अपना रखा है. CMPFO ने पिछले 8 मार्च 2024 को कोयला खनन सेवा निवृतों का न्यूनतम पेंशन Rs.350/- से बढ़ाकर Rs. 1000/- करने की "क्रूरतापूर्ण कृपा" दर्शायी है.   आम सभा में सभी वक्ताओं ने, सेवानिवृत्त गैर अधिकारी और अधिकारी वर्ग के कोयला कर्मियों को मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं (CPRMS), विधवा पेंशन में हो रहे विलंब, कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) के पेंशन पे आर्डर (PPO) और न्यूनतम पेंशन को Rs.350/- से बढ़ाकर 1000/- करने वाले, प्रकाशित GSR no – 165 (e )/दिनांक 8 मार्च 2024 पर विस्तृत चर्चा की तथा सरकार, कोल माइंस भविष्य निधि (CMPF) एवं कोर्ट की कार्यपद्धति के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया. इसमें सुधार के लिए भारत सरकार, कोल इंडिया लिमिटेड तथा श्रम मंत्रालय पर और दबाव बनाने का संकल्प लिया गया. साथ ही अदालत में चल रहे पेंशन के मामले के शीघ्र निपटारे के लिए और कोशिश करने का तथा पेंशन प्राप्त करने वाले सात लाख भूतपूर्व कोयला कर्मियों के हित में उद्योग में कार्यरत केंद्रीय श्रम संगठन, अधिकार संगठन एवं राजनीतिक प्रतिनिधियों से सहयोग लेने का एवं आंदोलन को और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया गया.  अध्यक्षीय संबोधन आर.बी. उपाध्याय ने किया. कोयला पेंशनरों की दयनीय स्थिति व असहनीय पीड़ा के निवारण के लिए पूर्व विधायक एवं RKKMS नेता एस.क्यू.जमा ने भी अपने विचार और सुझाव देकर उपस्थित सेवा निवृतों का मार्गदर्शन किया, ताकि कोयला कर्मियों को सम्मानजनक पेंशन मिल सके एवं सभी के सहयोग से  कोयला परिवार में प्रेम, संयम एवं सहकार की भावना जागृत हो सके. के.के. शरण चुने गए नए महासचिव सर्वसम्मति से के.के. शरण को ‘फेडरेशन ऑफ़ कोल इंडस्ट्री रिटायर्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन’ का महासचिव चुना गया. संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी एस.के. पुरी और पी.के. वाजपेयी को दी गई तथा सह कोषाध्यक्ष का जिम्मा एम.के. गोयल को दिया गया. कार्यकारिणी सदस्य के रूप में प्रदीप कोकास, बाबा खान और श्रीमती मंजिरी जोशी को एवं क्षेत्रीय प्रभारी के रूप में प्रकाश गोजे, यूसुफ खान, नरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, हीरामन चौरे एवं सी.एच. रमैय्या को शामिल किया गया. कोयला खनन उद्योग के पेंशनर्स के...
तृणमूल

तृणमूल ने कर दिया कांग्रेस के साथ खेला

बंगाल की सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ममता ने कर दिया ऐलान, इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ आखिर खेला कर ही डाला. उसने कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर से टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को पार्टी का उम्मीदवार बनाना के साथ प्रदेश की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. बहरामपुर सीट का प्रतिनिधित्व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पांच बार कर चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने 42 रविवार, 10 मार्च को लोकसभा सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. पठान की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ उन्होंने बताया कि आसनसोल से टीएमसी की लोकसभा सीट के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा होंगे. जबकि कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है. बशीरहाट लोकसभा सीट से टीएमसी ने मौजूदा सांसद नुसरत जहां की जगह अपने पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतारा है. टीएमसी ने लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णा नगर सीट से लगातार दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक बंगाल के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन चौधरी बहरामपुर सीट से फिर से चुनाव लड़ने की मांग कर सकते हैं. उन्होंने बहरामपुर का पांच बार संसद में प्रतिनिधित्व किया है. पश्चिम बंगाल में आज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इससे यह साफ हो गया कि बंगाल में टीएमसी का गैर-भाजपा दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और तृणमूल कम से कम कहने के लिए तो एक साथ हैं, लेकिन इन दोनों दलों ने बंगाल में सीट-बंटवारे की रणनीति पर अमल करने के लिए समझौता नहीं किया है. माना जाता है कि तृणमूल ने कांग्रेस को बहरामपुर और एक अन्य सीट की पेशकश तो की थी, लेकिन फिर उसने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया. कहा जाता है कि सबसे पुरानी पार्टी ने उस पर अधिक सीटें देने के लिए दबाव डाला था. सूची की घोषणा तृणमूल कांग्रेस की रैली में ममता ने की तृणमूल कांग्रेस की कोलकाता में आयोजित रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पार्टी राज्य की सभी 42 सीटों पर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी. ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही असम, मेघालय में भी चुनाव लड़ेगी. वहीं यूपी में भी एक सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव से बातचीत चल रही है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल के साथ कांग्रेस के सम्मानजनक सीट-बंटवारे का भरोसा टूटता नजर आ रहा है. समझौता टीएमसी के एक तरफा ऐलान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि उसने बार-बार पश्चिम बंगाल...
चुनाव आयुक्त

चुनाव आयुक्त गोयल ने ऐन लोकसभा चुनाव से पूर्व दिया इस्तीफा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तुरंत पदमुक्त भी कर लिया नई दिल्ली : चुनाव आयुक्त (EC) अरुण गोयल ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. गोयल का इस्तीफा ऐसे वक्त आया है कि जबकि कुछ ही हफ्तों में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है. अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे क्या वजह है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं सामने आई है. उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जबकि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा हुआ है. हालांकि अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने वाले थे गोयल अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं. गोयल पंजाब-कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था. जानकारी के मुताबिक उनका कार्यकाल 2027 तक था. फरवरी में रिटायर हुए हैं चुनाव आयुक्त अनूप पांडे 2024 लोकसभा से पहले EC अनूप पांडे भी रिटायर हो चुके हैं. पांडे का रिटायरमेंट 15 फरवरी को हुआ था। इसके बाद से तीन सदस्यीय भारतीय चुनाव आयोग में एक पद खाली था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद आयोग में अब केवल CEC राजीव कुमार ही रह गए हैं. लोकसभा चुनाव के अतिरिक्त चुनाव आयोग को आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी कराने हैं. चुनाव आयोग की टीम सभी राज्यों का दौरा करके चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने में जुटी है. अनुमान है कि देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हो सकता है. गौरतलब है कि अरुण गोयल के इस कदम के बाद अब चुनाव आयोग में 2 रिक्तियां हो गई हैं. चुनाव आयोग में कमिश्नर के अब दो पद खाली हो गए हैं. अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को EC का पदभार ग्रहण किया था. 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल पहले सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में काम कर चुके हैं. आज शनिवार को जारी गजट अधिसूचना में कहा गया कि CECऔर अन्य EC (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की धारा 11 के खंड (1) के अनुसरण में, राष्ट्रपति को 09 मार्च, 2024 से प्रभावी श्री अरुण गोयल, चुनाव आयुक्त द्वारा दिए गए इस्तीफे को स्वीकार करते हुए खुशी हो रही है. गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. हालांकि, उन्हें 60 वर्ष का होने के बाद 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था. गोयल को नवंबर 20022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. वह CEC राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा बने. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में की गई थी, जब गुजरात में एक...
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पवार को बड़ा झटका, पोते की 50 करोड़ की चीनी मिल कुर्क 

 महा. राज्य सहकारी बैंक घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में हुई बड़ी कार्रवाई  औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को राकांपा (सपा) सुप्रीमो शरद पवार के पोते रोहित पवार की कंपनी के स्वामित्व वाली चीनी मिल की 50.20 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है. लोकसभा चुनाव 2024 के ऐन पूर्व महाराष्ट्र राकांपा (शरद पवार) और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.  रोहित की चीनी मिल पर यह कार्रवाई कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में संघीय एजेंसी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है. ईडी ने यहां बताया कि औरंगाबाद जिले के कन्नड़ गांव में स्थित कन्नड़ सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड (कन्नड़ एसएसके) की कुल 161.30 एकड़ भूमि, संयंत्र, मशीनरी और भवन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है. <blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">ED, Mumbai has attached 161.30 acres of land, plant &amp; machinery and building structures of a sugar unit at Kannad, Aurangabad presently in possession of M/s Baramati Agro Ltd. worth Rs. 50.20 Crore under PMLA in a case related to illegal sale of Sugar factories by Maharashtra…</p>&mdash; ED (@dir_ed<ahref="https://twitter.com/dir_ed/status/1766059490204336500?ref_src=twsrc%5Etfw">March 8, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> कन्नड़ एसएसके का स्वामित्व बारामती एग्रो  लिमिटेड के पास है, जो रोहित पवार की कंपनी है. रोहित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट के विधायक भी हैं. महाराष्ट्र की कर्जत-जामखेड विधानसभा सीट से 38 वर्षीय विधायक से ईडी ने जनवरी में बारामती एग्रो, कन्नड़ एसएसके और कुछ अन्य के परिसरों की तलाशी के बाद और पहले भी पूछताछ की है. 11 घंटे तक हुई थी पूछताछ रोहित जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में 11 घंटे से अधिक समय तक रहे और रात तकरीबन 10 बजे वहां से निकले. ईडी के समन पर रोहित पवार ने कार्यालय में पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था.