जन-जीवन को आसान बनाने के लिए सरकारी नियमों में बदलाव की तैयारी

सरकार ने देश के लोगों से मांगे 30 जनवरी तक सुझाव नई दिल्ली : आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए सरकार ने सरकारी नियमों में बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसका उद्देश्य नागरिक और सरकारी इंटरफेस के बीच दैनिक दिनचर्या के मामले में, जितना संभव हो उतना निर्बाध हो और यथासंभव नागरिकों के अनुकूल बनाना. सरकार ने पहले भी लोगों की कठिनाइयां बढ़ाने वाले अनेक नियमों में सुधार किए भी हैं. उदाहरण के लिए, पहले के नियमों पर विचार करें तो परीक्षा से पहले एक दस्तावेज को मान्य करने के लिए राजपत्रित अधिकारियों के सत्यापन की मांग होती थी. वह नियम अब इतिहास है. नागरिकों पर भरोसा का जनादेश था और यही वजह है कि आत्म-प्रमाणन अब नया नियम बन गया है. गैर-राजपत्रित समूह डी, सी और बी सरकारी नौकरियों के अब साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया है. कुल मिलाकर एक झटके में 'सिफारिशों' के पूरे उद्योग को बंद कर दिया गया है और केवल योग्यता आदर्श बन गई है. ऐसे ही पुरानी व बीमार कल्पना वाली नियमों व प्रथाएं, जो लोगों के सामान्य दिन-प्रतिदिन के अनुभव को बाधित करती हैं, उन्हें दिन-प्रति दिन शासकीय मामलों में प्रक्रियाओं और सिस्टम को सरलीकृत किया जा सकता है या उसे दूर किया जा सकता है, ऐसे नियम और कानून जो उपयोगी सामाजिक उद्देश्यों की सेवा नहीं करते, बल्कि केवल अनावश्यक लाल टेप और नौकरशाही का निर्माण करते हैं, उनको अब जाने की जरूरत है. 30 जनवरी तक सुझाव आमंत्रित नागरिकों, पत्रकारों, छात्रों, शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सांसदों, अकादमिक विशेषज्ञों, नौकरशाहों, सोशल मीडिया प्रभावकारियों और अन्य सभी इच्छुक लोगों से वर्तमान अन्य अनावश्यक नियमों में बदलाव पर उनके विचारों को जानने के लिए आगामी 30 जनवरी तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं.

मुंबई में परिवहन के लिए एकीकृत टिकट प्रणाली स्मार्टकार्ड शीघ्र

मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी की योजना मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सभी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में इस्तेमाल करने के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) एक एकीकृत टिकटिंग सिस्टम (आईटीएस) स्मार्टकार्ड पेश करने रहा है. वर्तमान में मुंबई में 14 अलग-अलग पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर- जैसे उपनगरीय रेलवे, बेस्ट, मेट्रो, मोनोरेल, एनएमएमटी- व अन्य हैं और प्रत्येक का अपना स्वयं का टिकट सिस्टम है. यात्रियों को प्रत्येक ऑपरेटर के लिए अलग से टिकट खरीदना पड़ता है, टिकट खरीदने के लिए लंबी कतार में खड़ा होता है, स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करता है और रिफंड मिलता है. प्रस्तावित प्रणाली में टिकट की कतारों को कम करने, ग्राहकों के लिए टिकट खरीदने और सभी तरीकों से उपयोग करने के साथ-साथ एक सामान्य सुविधा मोबाइल एप के माध्यम से परिवहन सेवाओं के साथ जुड़ा रहना आसान बनाने के लिए यह स्मार्ट कार्ड पेश किया जा रहा है. इसके ब्रांड में निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियां शामिल होंगी : 1. मुंबई आईटीएस कार्ड : यह मुंबई में आईटी का ब्रांड नाम होगा. भारत के कई शहरों की तरह स्मार्टकार्ड ब्रांडेड होगा- उदाहरण के लिए कोच्चि में कोच्चि 1, अहमदाबाद में जन्मार्ग कार्ड, नागपुर में महा कार्ड की तरह एमएमआरडीए ने अपने ब्रांड की पहचान करने का प्रयास किया है, जो मुंबई की एकीकृत परिवहन और टिकट का प्रतीक बन जाएगा. 2. मुंबई आईटीएस सिस्टम के लिए लोगो : ये लोगो मुंबई परिवहन सेवाओं के प्रतीक के रूप में काम करेगा और स्मार्ट कार्ड के डिजाइन को सामान्य गतिशीलता सुविधाओं के लिए नए स्मार्टकार्ड को प्रिंट करने के लिए अपनाया जाएगा. समग्र स्मार्टकार्ड के लिए ऊपर समेकित डिजाइन स्पर्द्धा : इस स्मार्टकार्ड के लोगो का डिजाइन जिसमें मुंबई की भावना और उसके परिवहन को प्रतिबिंबित करने वाले लोगो तैयार कराया जा रहा है. इसके लिए स्पर्द्धा का आयोजन किया जा रहा है. चयनित लोगो और डिजाइन का उपयोग सभी अख़बार, होर्डिंग और टेलीविजन विज्ञापनों के तौर पर विपणन और प्रचार गतिविधियों के लिए मुंबई में व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा. इस प्रकार, एमएमआरडीए ने सभी नागरिकों को प्रमुख एकीकृत टिकटिंग योजना के लिए ब्रांड नाम, लोगो और स्मार्ट कार्ड डिजाइन बनाने में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. विजेताओं का चयन विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल द्वारा किया जाएगा, जिसमें प्रमुख परिवहन ऑपरेटरों के अधिकारियों और प्रतिष्ठित डिजाइन संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा ‘लोगो और टैगलाइन’ स्पर्द्धा का आयोजन

नई दिल्ली : खाद्यान अधिनियम को अब अखिल भारतीय स्तर पर लागू कर केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों व संघ शासित प्रदेशों को खाद्यान आवंटित किया जा रहा है. इसलिए, खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण पहल के राष्ट्रीय चरित्र को बनाए रखने व आम लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से सरकार की भूमिका को उजागर करने वाले एक आकर्षक 'लोगो व टैगलाइन' तैयार कराने की सरकार की योजना है. इसके लिए मंत्रालय सरकार प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहा है. प्रतियोगिता में प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 18 जनवरी तक राखी गई थी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) का उद्देश्य मानव जीवन चक्र के दृष्टिकोण में भोजन और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है, इस अधिनियम के तहत लोगों को उचित मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराने और लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने के लिए अवसर प्रदान करना है.

नागपुर से ब्रिटेन गए 50 युवक लापता, 10 दम्पत्ति हिरासत में

अधिसंख्य युवक सिंधी एवं सिख समाज के, कुछ मुस्लिम युवक भी गायब नागपुर : दो वर्ष पूर्व ब्रिटेन गए नागपुर के 50 युवकों के लापता हो जाने का सनसनीखेज समाचार सामने आया है. इनमें अधिसंख्य युवक सिंधी एवं सिख समाज के हैं. लापता युवकों में कुछ मुस्लिम युवक भी हैं. अब इस मामले की जांच में पुलिस की गुप्तचर एजेंसियां सक्रीय हो गई हैं. भेजने वाले 10 दम्पत्ति हिरासत में इस सम्बन्ध में नागपुर पुलिस की अपराध शाखा ने नागपुर के पांचपावली क्षेत्र के 10 दम्पत्तियों को हिरासत में लिया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने ने ही भारी रकम लेकर सभी युवकों को 2007 से 2017 के बीच नागपुर से ब्रिटेन भेजने में महत्त्व की भूमिका निभाई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार अपराध शाखा के तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त सोमनाथ वाघचौरे द्वारा पिछले दिनों की गई गोपनीय जांच के क्रम में यह तथ्य सामने आया. वाघचौरे का तबादला हो जाने के बाद इसकी जांच अपराध शाखा ही कर रही है. वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी वापस नहीं लौटे प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ नागपुर के 50 युवकों ने 10 दम्पत्तियों के माध्यम से वीजा और पासपोर्ट निकाला था. नौकरी के नाम पर और रिश्तेदारों से मुलाक़ात करने के नाम पर ये सभी नागपुर से इंग्लैण्ड गए थे. अक्टूबर 2017 में इन युवकों के वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी ये वापस नहीं लौटे और न अपने नागपुर के अपने अभिभावकों से संपर्क ही किया. अभिभावकों ने खोज शुरू की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया. मुंबई स्थित ब्रिटिश उपउच्चायुक्त कार्यालय से भी छानबीन करने का आग्रह किया इसके बाद नागपुर पुलिस ने मुंबई स्थित ब्रिटिश उपउच्चायुक्त कार्यालय से भी संपर्क कर उससे इन लापता युवकों के बारे में छानबीन करने का आग्रह किया. पुलिस आयुक्त डॉ. के.व्यंकटेशम ने अपराध शाखा के तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त सोमनाथ वाघचौरे को मामले की जांच का आदेश दिया था. इंग्लैण्ड प्रशासन ने भी वहां उनके पते पर छानबीन की और उनके मुलाकातियों से पूछताछ की. लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया.

बढ़ने वाली हैं बाइक्स, स्कूटर्स की कीमतें

सीबीएस और एबीएस सिस्टम अनिवार्य होंगे टू व्हीलर्स में अप्रैल से नई दिल्ली : आगामी अप्रैल 2018 से देश में टू व्हीलर वाहनों के महंगे हो जाने के आसार हैं. क्योंकि सरकार टू व्हीलर्स में सीबीएस यानी 'कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम' अनिवार्य करने जा रही है. यह नियम 125सीसी से कम इंजन वाली बाइक्स पर लागू होगा. इसके साथ ही 125सीसी इंजन से अधिक वाली बाइक्स में एबीएस देना भी अनिवार्य हो जाएगा. ऐसे में हीरो मोटोकॉर्प, होंडा, यामाहा, बजाज, सुजुकी, रॉयल एनफील्ड सरीखी टू व्हीलर निर्माता कंपनियां मोटरसाइकल्स और स्कूटर्स की कीमतों में अप्रैल 2018 से इलाफा कर सकती हैं. ये नियम 31 मार्च 2018 के बाद लॉन्च होने वाले टू व्हीलर्स पर लागू होंगे. यही कारण है कि भारत में ज्यादातर स्कूटर्स और मोटरसाइकल्स में एबीएस दिया जाने लगा है. इन फीचर्स के अनिवार्य होने के साथ ही वाहन की कीमत में बढ़ोत्तरी होना भी जरूरी है. ये हैं महंगे होने के कारण एबीएस के मोटरसाइकल में जुड़ने से कीमत 10 हजार से 20 हजार रुपए तक बढ़ जाती है. सीबीएस इसके मुकाबले काफी हद तक सस्ता है. इसके लगने से कीमत में 1,000 रुपए से 2,000 रुपए तक की बढ़ोत्तरी होती है. सीबीएस : होंडा के ऐक्टिवा रेंज स्कूटर्स में सीबीएस यानी 'कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम' पहले से ही दिया जाता है. सिंगल ब्रेक लीवर प्रेस करने पर सीबीएस फ्रंट और रियर ब्रेक्स को ऐक्टिवेट कर देता है. इससे ब्रेक और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है और वाहन के फिसलने की आशंका भी कम होती है. एबीएस : यानी 'ऐंटी लॉकिंग ब्रेकिंग सिस्टम'. इसमें ब्रेक्स लॉक हो जाते हैं. यह सिस्टम बरसात के मौसम में काफी कारगर साबित होता है. चिकनी सड़क पर एबीएस गाड़ी को तेज स्पीड में ब्रेक लगाने पर भी फिसलने से बचाने में सहायक होता है.

ई- स्कूटर ‘प्रेज’ : कीजिए 1 रुपए में 10 किमी की सैर

फुल चार्ज करने पर यह एक बार में 175 से 200 किमी की दूरी तय करने में सक्षम नई दिल्ली : देश में इलेक्ट्रिक वाहन अब ग्राहकों ध्यान तेजी से खींचने लगे हैं. चार पहिया के बाद दोपहिया वाहनों का चलन भी महानगरों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. दोपहिया ई- स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओकिनावा ने ई- स्कूटर का नया और बेहतर वर्सन 'प्रेज' को दिसंबर 2017 में लांच किया था. इससे पूर्व कंपनी ने 'रिज' पेश किया था. 'प्रेज' को ग्राहकों का बेहतर प्रतिसाद मिला है. कंपनी के अनुसार 'प्रेज' को एक किमी चलाने का खर्च मात्र 10 पैसे आएगा. यानी आप अगर इससे 10 किमी की यात्रा करते हैं तो मात्र 1 रुपए इसका खर्च आएगा. अमूमन पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर से इतनी ही दूरी तय करने पर करीब 15 रुपए का खर्च आता है. इससे देखा जाए तो यह स्कूटर काफी किफायती है. 'प्रेज' ओकिनावा कंपनी का हाईस्पीड स्कूटर है. इस स्कूटर की बुकिंग 2,000 रुपए में हो रही है. इसकी दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 59,889 रुपए है. इसका ऑनरोड कीमत करीब 66,000 रुपए है. स्कूटर को 19 दिसंबर को दिल्ली में लांच किया गया था. जानिए 'प्रेज' के फीचर्स के बारे में - - फीचर्स के मामले में ओकिनावा के 'प्रेज' में 1000 वॉट की मोटर दमदार है. यह मोटर 3.35 बीएचपी की पावर पैदा करती है. - स्टाइलिश लुक वाले स्कूटर में सुरक्षा का खासा ध्यान रखा गया है. इसके दोनों पहियों में डिस्क ब्रेक लगे हैं. - कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज करने पर यह एक बार में 175 से 200 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है. - कंपनी के अनुसार इसे सड़क पर आप 75 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा सकते हैं. - एलईडी टेललाइट और इंडीकेटर इसके लुक को बेहतरीन बनाते हैं. - इसके अलावा इसमें साइड-स्टैंड सेंसर, कीलेस एंट्री, फाइंड माय स्कूटर फंक्शन और एंटी थेफ्ट मैकेनिज्म जैसे फीचर्स शामिल हैं. - फुल चार्ज होने में इसे 2 घंटे का समय लगता है. प्रेज में ओकिनावा ने डिटेचबल बैटरी लगाई है. - बैटरी को आप कहीं भी ले जाकर चार्ज कर सकते हैं. अगर तीसरी मंजिल पर भी रहते हैं तो इसकी बैटरी को अपने घर पर ले जाकर सुरक्षित तरीके से चार्ज कर सकते हैं. कुल मिलाकर 'ई-स्कूटर बाजार' को ओकिनावा का यह स्कूटर मजबूती देने वाला है.

नागपुर में ‘सिम्बॉयसिस’ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के भवन की आधारशिला रखी गड़करी ने

नागपुर : विख्यात उच्च शिक्षण संस्था ‘सिम्बॉयसिस’ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के भवन की आधारशिला नागपुर के वाठोड़ा स्थित 75 एकड़ भूभाग में रविवार को केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजराणी मंत्री नितिन गड़करी ने रखी. इस अवसर पर गड़करी ने कहा कि ‘सिम्बॉयसिस’ जैसी शिक्षण संस्था के नागपुर में आरंभ होने से विदर्भ के विद्यार्थियों को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त हो सकेगी. राज्य में पुणे को ही 'शैक्षणिक हब' माना जाता है, लेकिन अब ‘सिम्बॉयसिस’ जैसी शिक्षण संस्था के भी नागपुर में आ जाने से नागपुर को भी 'शैक्षणिक हब' का दर्जा प्राप्त हो जाएगा. कार्यक्रम में पूर्व सांसद विजय दर्डा, राज्य के उर्जा मंत्री व जिले के पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले , विधायक कृष्णा खोपड़े महापौर नंदा जिचकार, संभागीय आयुक्त अनूप कुमार, ‘सिम्बॉयसिस’ अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एस.बी. मुजुमदार, प्र-कुलपति डॉ.विद्या येरवडेकर, कुलगुरु डॉ.रजनी गुप्ते, हफिज कॉन्ट्रॅक्टर आदि उपस्थित थे.
कोयला और

कोयला और खान राज्यमंत्री ने किया बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ

नागपुर : कोयला और खान राज्यमंत्री हरिभाई पार्थिभाई चौधरी ने अपने नागपुर दौरे के क्रम में वेस्टर्न कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के नागपुर क्षेत्र के पाटनसावंगी खान में जल शुद्धिकरण संयंत्र के बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ किया. इस अवसर पर वेकोलि के सीएमडी (अध्यक्ष-सह- प्रबंध निदेशक) राजीव रंजन मिश्र, निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार एवं निदेशक तकनीकी (योजना एवं परियोजना) टी.एन. झा उपस्थित थे. निःशुल्क शुद्ध पेय जल इस जल शुद्धिकरण संयंत्र से आस-पास के गांवों के लोगों को निःशुल्क शुद्ध पेय जल उपलब्ध करवाया जाएगा. उक्त पैक्ड बोतलों का जल वेकोलि के आंतरिक उपयोग में लाया जाएगा. कोयला और खान राज्य मंत्री ने वेकोलि के सावनेर स्थित इको पार्क का दौरा भी किया. उन्होंने वेकोलि और देश की इस अनूठी पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इस पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) के लिए बहुत ही कारगर बताया. केंद्रीय कोयला और खान राज्यमंत्री ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कार्य-निष्पादन की समीक्षा भी की. उन्होंने कम्पनी के उत्पादन, कोयला-प्रेषण, कामगारों की सुरक्षा, नई खदानों से कोयले उत्पादन, पावर प्लांट्स को कोयला–आपूर्ति भविष्य में वेकोलि की विस्तार योजना तथा अन्य कल्याणकारी गतिविधियों की जानकारी ली एवं समीक्षा की. उन्होंने टीम वेकोलि के कार्य निष्पादन की सराहना की और भविष्य में और सुधार लाने पर बल दिया. समीक्षा बैठक समीक्षा बैठक में वेकोलि के सीएमडी राजीव रंजन मिश्र, निदेशक तकनीकी (संचालन), बी.के. मिश्रा, निदेशक (कार्मिक), डॉ. संजय कुमार, निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी एवं निदेशक (तकनीकी, योजना व परियोजना) टी.एन. झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी ए.पी. लभाने एवं वरिष्ठ अधिकारी गण प्रमुखता से उपस्थित थे. केंद्रीय कोयला और खान राज्यमंत्री ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कार्य-निष्पादन की समीक्षा भी की. उन्होंने कम्पनी के उत्पादन, कोयला-प्रेषण, कामगारों की सुरक्षा, नई खदानों से कोयले उत्पादन, पावर प्लांट्स को कोयला–आपूर्ति भविष्य में वेकोलि की विस्तार योजना तथा अन्य कल्याणकारी गतिविधियों की जानकारी ली एवं समीक्षा की. उन्होंने टीम वेकोलि के कार्य निष्पादन की सराहना की और भविष्य में और सुधार लाने पर बल दिया.

अमरावती के समाजसेवी चिकित्सक डॉ. अबरार मुंबई में सम्मानित

अमरावती : ह्यूमन राईट काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से अमरावती समाजसेवी चिकित्सक डॉ. सय्यद अबरार को उनके 25 सालों से किए जा रहे अनथक समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया. गत 11 जनवरी की शाम को मुम्बई के मीरा रोड स्थित मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में इंडियन पीस एम्बेसडर आचार्य डॉ.लोकेश मुनी के हाथों उनका सम्मान हुआ. इस अवसर पर आचार्य डॉ.लोकेश मुनी ने चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ.अबरार की "मानवसेवा" की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहाकि आज ऐसे समाजसेवी डॉक्टर्स की हमारे देश को सख्त जरूरत है. जहां हर तरफ डॉक्टरी के पेशे को बदनाम किया जा रहा है, ऐसे वक़्त में डॉ.अबरार ने सभी डॉक्टर्स और समाज के सामने एक मिसाल कायम की है. उन्होंने कहाकि डॉक्टर "Symbol of Peace" होता है, जिसे डॉ.अबरार ने साबित किया है. ह्यूमन राईट काउंसिल संस्था पिछले पांच सालों से देश में रोज होने वाले अन्याय, अत्याचार, फासीवाद, भ्रष्टाचार, बाल मजदूरी, दहेज, स्त्री भ्रूण हत्या, वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले ज़ुल्म, औरतों पर होने वाले ज़ुल्म, मानव अधिकारों का हनन, नागरिक अधिकारों का हनन, मूलभूत अधिकारों का हनन आदि मुद्दों के विरोध में लोगों को जागरूक कर रही है और पीड़ितों को कानूनी और समाजिक मदद प्रदान कर रही है. काउंसिल नागरिकों को अपने सामाजिक कर्तव्य के प्रति एक एहसास जगाता है, ताकि लोग देश में होने वाली हर गलत हरकत पर आवाज उठाएं. कार्यक्रम के मंच पर हाजी शेख (राष्ट्रिय अध्यक्ष), कमर आरिफ, सुनील परदेसी, इस्माइल मुल्ला, राजेन्द्र वालिया, इफ़्तेख़ार खान, वैभव सूर्यवन्श, श्रीमती आरती परदेसी मौजूद थे. कार्यक्रम में सहभागी होने के लिए देश के 24 राज़्यों से ह्यूमन राईट काउंसिल के पदाधिकारी आए हुए थे. इस अवसर पर काउंसिल के अमरावती जिला उपाध्यक्ष इरफ़ान अथर अली, सजिद अली, जिला अधयक्ष आदि भी अमरावती जिले की ओर से उपस्थित थे.

नागपुर में दूसरा ऑरेंज सिटी अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन 1 फरवरी से

नागपुर : नागपुर में आगामी 1 फरवरी से 4 फरवरी तक दूसरा ऑरेंज सिटी अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन नागपुर महानगरपालिका, ऑरेंज सिटी कल्चरल फाऊंडेशन और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में महाराष्ट्र शासन, महाराष्ट्र पर्यटन विभाग, सप्तक और विदर्भ साहित्य संघ के सहयोग से होगा. यह जानकारी यहां महापौर नंदा जिचकार, ऑरेंज सिटी फिल्म फेस्टीवल आयोजन समिति के सचिव डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव पूरण मेश्राम ने एक पत्रपरिषद में दी. 31 अप्रदर्शित फिल्में और 29 वृत्तचित्रों का होगा प्रदर्शन डॉ. मेश्राम ने बताया कि ऑरेंज सिटी अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में देश-विदेश की 31 अप्रदर्शित फिल्में दिखाई जाएंगी. इनमें से कुछ भारतीय फिल्मों के साथ पांच मराठी फिल्म भी शामिल हैं. इस दौरान चर्चित 29 वृत्तचित्र (फीचर फिल्म) भी प्रदर्शित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि फिल्म महोत्सव में अनेक फिल्मों के निदेशक, अभिनेता एवं कलाकार भी उपस्थित रहेंगे. जिनसे स्थानीय दर्शकों को उनकी फिल्मों के संबंध में सीधे संवाद करने का भी अवसर मिलेगा. इनमें अदूर गोपालकृष्णन्‌ और प्रख्यात कलाकार रोहिणी हट्टंगड़ी, निर्देशक जब्बार पटेल आदि प्रमुख आकर्षण होंगे. पत्रपरिषद में महापालिका के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. आर.जे.ड. सिद्दिकी, उपायुक्त रवींद्र देवतले, विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव हिरेखण, धर्मेश धवनकर, सप्तक के उदय गुप्ते, रवींद्र डोंगरे, अजेय गंपावार आदि उपस्थित थे.