जन-जीवन को आसान बनाने के लिए सरकारी नियमों में बदलाव की तैयारी

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सरकार ने देश के लोगों से मांगे 30 जनवरी तक सुझाव

नई दिल्ली : आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए सरकार ने सरकारी नियमों में बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसका उद्देश्य नागरिक और सरकारी इंटरफेस के बीच दैनिक दिनचर्या के मामले में, जितना संभव हो उतना निर्बाध हो और यथासंभव नागरिकों के अनुकूल बनाना.

सरकार ने पहले भी लोगों की कठिनाइयां बढ़ाने वाले अनेक नियमों में सुधार किए भी हैं. उदाहरण के लिए, पहले के नियमों पर विचार करें तो परीक्षा से पहले एक दस्तावेज को मान्य करने के लिए राजपत्रित अधिकारियों के सत्यापन की मांग होती थी. वह नियम अब इतिहास है. नागरिकों पर भरोसा का जनादेश था और यही वजह है कि आत्म-प्रमाणन अब नया नियम बन गया है. गैर-राजपत्रित समूह डी, सी और बी सरकारी नौकरियों के अब साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया है. कुल मिलाकर एक झटके में ‘सिफारिशों’ के पूरे उद्योग को बंद कर दिया गया है और केवल योग्यता आदर्श बन गई है.

ऐसे ही पुरानी व बीमार कल्पना वाली नियमों व प्रथाएं, जो लोगों के सामान्य दिन-प्रतिदिन के अनुभव को बाधित करती हैं, उन्हें दिन-प्रति दिन शासकीय मामलों में प्रक्रियाओं और सिस्टम को सरलीकृत किया जा सकता है या उसे दूर किया जा सकता है, ऐसे नियम और कानून जो उपयोगी सामाजिक उद्देश्यों की सेवा नहीं करते, बल्कि केवल अनावश्यक लाल टेप और नौकरशाही का निर्माण करते हैं, उनको अब जाने की जरूरत है.

30 जनवरी तक सुझाव आमंत्रित

नागरिकों, पत्रकारों, छात्रों, शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सांसदों, अकादमिक विशेषज्ञों, नौकरशाहों, सोशल मीडिया प्रभावकारियों और अन्य सभी इच्छुक लोगों से वर्तमान अन्य अनावश्यक नियमों में बदलाव पर उनके विचारों को जानने के लिए आगामी 30 जनवरी तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं.

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