वचन की याद दिलाएंगे प्रधानमंत्री को पेंशनर 

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file photo

केंद्र सरकार को वचन पूर्ति याद दिलाने का NAC का देशव्यापी उपवास कार्यक्रम 1 जून को

EPS पेंशनर्स के अनेक संगठन संशोधित पेंशन के लिए लम्बे समय से संघर्षरत है. इनमें से एक National Agitation Committee (NAC) भी काफी सक्रिय है. NAC के बैनर तले महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में वयोवृद्ध पेंशनर्स पिछले 875 दिनों से क्रमिक अनशन कर रहे हैं. पिछले माह 6 अप्रैल को विरोध दिवस के अंतर्गत देश के सभी EPFO कार्यालयों पर प्रधानमंत्री और अध्यक्ष सीबीटी के नाम ज्ञापन/निवेदन सौंपा गया. अब NAC ने प्रधानमंत्री को वचन की याद दिलाने के लिए ‘वचन पूर्ति स्मरण दिवस’ आगामी 1 जून को मनाने का कार्यक्रम बनाया है.
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प्रधानमंत्री को वचन की याद दिलाने के लिए वचन पूर्ति स्मरण दिवस के अंतर्गत पिछले वर्षों से आर्थिक बदहाली/कोविड-19 के कारण प्रतिमाह हजारों की संख्या में प्राण गवां रहे वयोवृद्ध पेंशनर्स की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के साथ ही उन्हें पेंशनर्स की मांग पूरी करने का 4 अप्रैल 2020 को दिए गए वचन की याद दिलाई जाएगी. इसके लिए NAC ने देश भर के पेंशनर्स से 1 जून को अपने-अपने घरों में ही रह कर उपवास करने और अपने इस उपवास करने के कारण की जानकारी अपने-अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों (सांसदों) के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय को भी एक-एक पोस्टकार्ड पोस्ट कर अथवा फोन या ईमेल से सूचित करने की अपील की है.

विदर्भ आपला NAC के इस कार्यक्रम की जानकारी देश के सभी संघर्ष से जुड़े विभिन्न EPS पेंशनर्स संगठन और व्यक्तिगत रूप से सभी पेंशनर्स तक पहुंचाने के उद्देश्य से दे रहा है. ताकि EPS पेंशनर्स के प्रति क्रूरता की हद तक रवैया अपना चुकी केंद्र सरकार तक उनकी आवाज पहुंच सके. प्रस्तुत है NAC की वह अपील, जो इस संगठन ने सभी पेंशनर्स और देश भर में संघर्षरत अन्य संगठनों से की गई है-

पेंशनर्स बंधु/संघर्षरत संस्थाएं,
आपको विदित ही है कि हमारी मांगों को सरकार द्वारा पिछले अधिवेशन/बजट सत्र में मंजूर करने के संकेत हमें मिल रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी के बहाने व EPFO के अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण इसमें रुकावट आई है. ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है.

हम पेंशनर्स की आवाज को सत्य तत्थ्यों के साथ सरकार तक तथा संबंधितों तक पहुंचाने का कार्य आपने दिनांक 06.04.2021 से विरोध दिवस के माध्यम से देश के सभी ईपीएफओ कार्यालयों पर मा. प्रधानमंत्री जी/मा.अध्यक्ष सीबीटी के नाम  निवेदन देकर संपन्न किया है.

आप सभी को विदित ही है कि हमारे संगठन की सभी टीमें अपने-अपने मोर्चे पर प्रभावशाली रीति से काम रही हैं व NAC के मुख्यालय, बुलढाणा महाराष्ट्र में क्रमिक अनशन का आज 875वां दिन है.

आप सभीको यह भी विदित है कि कोरोना की महामारी तो पिछले वर्ष से आई, लेकिन हमारे पेंशनर्स के साथ तो “इपीएस 95 पेंशन महामारी” पिछले कई सालों से शुरू है, जिसमें “प्रति माह लगभग 5000 की संख्या की दर से हमारे पेंशनर्स भाई-बहन संसार से बिदा” होते जा रहे थे और “अब कोरोना महामारी के कारण मृत्युदर और अधिक बढ़ गई है.”

“सभी सदस्यों में EPFO के प्रति रोष व पेंशनर्स भाई-बहनों की बढ़ती हुई मृत्युदर को देखते हुए, किसी भी हालत में आने वाले मानसून अधिवेशन में या उसके पहले हमने हमारी चार प्रमुख मांगों को पूर्ण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.”

लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी सदस्य व सभी संगठन नेताओं से निवेदन है कि स्वयं को व अपने परिजनों को सुरक्षित रखते हुए कृपया निम्नलिखत बिंदुओं और “NAC के इस आंदोलन कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दीजिए.” इसके अंतर्गत-

1. सोशल मीडिया /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से (व्हाट्सएप, ट्विटर, ई मेल, एसएमएस, फोन से संपर्क आदि) अपनी आवाज को प्रभावशाली ढंग से मा.प्रधानमंत्री, मा.वित्त मंत्री, मा.श्रम मंत्री, अपने अपने क्षेत्र के सांसद व सीबीटी सदस्यों तक अपनी आवाज पहुंचाने का कार्यक्रम.

2. पिछले महासंपर्क अभियान के अनुसार जिन नेताओं को जो जवाबदारी दी गई थी उसी के अनुसार इस अभियान को संसद के मान्सून सत्र के शुरू होने के पहले तक अपने अपने क्षेत्र के मुख्य  समन्वयक/प्रांतीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पूर्ण किया जाए.

3. दिनांक 31.05.2021 तक सभी राज्यों के तहसील स्तर के संगठन का गठन करना.

4. जो पेंशनर्स सदस्य हमें छोड़कर संसार से बिदा हो गए, उनकी स्मृति में व मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 04.03.2020 को पेंशनर्स की मांगों को पूर्ण करने हेतु दिए गए वचन पूर्ति की याद एक बार फिर से दिलाने के लिए दिनांक 01.06.2021 को सभी EPS 95 द्वारा अपने अपने घर से देश व्यापी उपवास कार्यक्रम संपन्न करें और इसकी जानकारी अपने सांसदों और प्रधानमंत्री जी तक पहुंचाएं.

कृपया याद रहे कि आप सभी उन सदस्यों के प्रतिनिधि हैं, जो हमारे संगठन के ग्राउंड स्तर के कार्यकर्ता भाई-बहन हैं व जिनके पास तो साधारण फोन भी नहीं हैं, इस कोरोना महामारी के चलते हम उनसे प्रत्यक्ष संपर्क भी नहीं कर सकते हैं.

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