डिजिटल लॉकर करेगा काम आसान, नई व्यवस्था शुरू कर रही सरकार
नई दिल्ली : ड्राइविंग के दौरान अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस की मूल कॉपी रखने की जरूरत नहीं होगी. यह तीनों चीजें अब डिजिटल फॉर्मेट में रखी जा सकती हैं. केंद्र सरकार जल्द ही मोटर व्हीकल कानून में बदलाव कर यह नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है. केंद्रीय सड़क और यातायात मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कानून का मसौदा जारी कर लोगों से राय मांगी जा रही है.
डिजिटल डीएल, आरसी के लिए डिजिटल लॉकर बनाएं
हालांकि महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में पहले से ही ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी अलग-अलग डेबिट या क्रेडिट कार्ड की शक्ल में वर्षों पहले से डिजिटल कर दिए गए हैं. फिर भी वाहन संबंधी सभी कागजात एक जगह रखने के लिए डिजिटल लॉकर बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. डिजिटल डीएल या आरसी बनने के लिए सरकार की क्लाउड बेस्ड ‘डिजिलॉकर’ में अपने वाहन के कागजात को स्टोर करने होंगे और जैसे ही चैकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस डीएल या आरसी मांगे तो तुंरत अपने स्मार्ट फोन पर डिजिटल लॉकर में स्टोर ड्राइविंग लाइसेंस दिखा सकते हैं. इन डिजिटल डीएल या आरसी का इस्तेमाल एड्रेस प्रूफ या पहचान के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
कैसे खोलें डिजिटल लॉकर अकाउंट
डिजिटल लॉकर अकाउंट खोलना बहुत ही आसान है. इसके लिए इस लिंक पर https://digilocker.gov.in/?ref=tpst-msn क्लिक कर अकाउंट खोला जा सकता है, अथवा गूगल प्ले स्टोर से भी डिजिटल लॉकर के मोबाइल ऐप डाउनलोड किया जा सकता है. गूगल प्ले स्टोर का लिंक है https://play.google.com/store/apps/details?id=com.digilocker.android?ref=tpst-msn इसके बाद साइन अप का ऑप्शन है, जहां क्लिक करके आपसे आपको अपना मोबाइल नंबर डालना पड़ेगा. मोबाइल नंबर पर आए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के बाद आगे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी. जिन्हें भरने के बाद अकाउंट खुल जाएगा. इस डिजिटल लॉकर में आप अपने जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सुरक्षित रख सकते हैं.
टैक्सी-कैब चालकों के लिए भी है बहुत फायदेमंद
निजी वाहन मालिकों को तो इसका फायदा मिलेगा ही, लेकिन टैक्सी-कैब चालकों को इसका अधिक फायदा होगा, क्योंकि चैकिंग के दौरान उन्हें कई तरह के डॉक्यूमेंट दिखाने होते हैं. डिजिटल लॉकर में होने के कारण ये डॉक्यूमेंट एक क्लिक के साथ ही खुल जाएंगे और टैक्सी चालकों का काफी समय बचेगा.